गर्भावस्था के समय महिलाओं के मन में कई तरह की चिंताएं होती हैं। यह जानना जरूरी है कि आपके आस-पास का माहौल बच्चे के विकास पर असर डाल सकता है। हवा की गुणवत्ता, घर में इस्तेमाल होने वाले रसायन (केमिकल), खान-पान की चीजें, ये सभी बातें जरूरी होती हैं। इसीलिए इस समय आपको अपने वातावरण का खास ध्यान रखना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आप और आपका बच्चा सुरक्षित और स्वस्थ रहें।
हम रोजमर्रा के जीवन में कई हानिकारक रसायनों (केमिकल) के संपर्क में आते हैं। आमतौर पर ये रसायन हमें नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन गर्भावस्था के दौरान ये आपके बच्चे के लिए खतरनाक हो सकते हैं। गर्भावस्था के समय, छोटे-छोटे रसायन या चीजें भी बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए, आपको इनसे बचने के लिए खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कुछ ऐसे रसायनों के बारे में जिनसे गर्भावस्था के दौरान दूर रहना चाहिए।
गर्भवती होने के दौरान अगर आप किसी विषैले रसायनों के संपर्क में आती हैं, तो यह आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान आपको अधिक सावधान रहने की जरूरत पड़ती है और आपको इन खतरनाक रसायनों से दूर रहना चाहिए। नीचे कुछ हानिकारक रसायनों के बारे में बताया गया है, जिनसे आपको गर्भावस्था में दूर रहना चाहिए:
लगभग हर घर की सामान्य चीजों में लेड आसानी से पाया जाता है। लेकिन यह रसायन गर्भवती महिला के पेट में पल रहे बच्चे के लिए बेहद खतरनाक होता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इससे दूर रहना बहुत जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान यदि होने वाली माँ सीसा रसायन के संपर्क में आती है, तो यह बच्चे में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इन समस्याओं में शामिल है, बच्चे का समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन होना या कभी-कभी इससे गर्भपात भी हो सकता है। संपर्क में आने से होने वाले बच्चे की विकास गति भी धीमी हो जाती है और उसके सीखने की क्षमता को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
लेड रसायन से बचने के लिए अपने घर के पानी के पाइप में इस रसायन के होने की अच्छे से जांच करवाएं। घरों में लगने वाले तांबे या पीतल के नलों में सीसा अधिक पाया जाता है, इसलिए जितना जल्दी हो सके उन्हें बदलवा दें। अपने घर के पानी का सैंपल चेक करवाएं ताकि वह रसायन मुक्त हो और आपके लिए सुरक्षित हो। घर की पुरानी पेंट हुई दीवारों से दूर रहें, खासकर जहां का पेंट निकलने लगा हो। आप घर को पेंट कराने के लिए ऐसे पेंट इस्तेमाल का कर सकती हैं, जिसमें सीसा रसायन मौजूद न हो। घर में मौजूद पुरानी सिरेमिक चीजें, क्रिस्टल के ग्लास और मोमबत्तियों की बाती में यह रसायन पाया जाता है, इसलिए गर्भावस्था में इनसे दूर रहें।
पारा भी एक खतरनाक रसायन है जो माँ और अजन्मे बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। पारा ज्यादातर मछली के जरिए माँ के शरीर में प्रवेश करता है, क्योंकि कुछ प्रकार की मछलियों में इसकी मात्रा अधिक होती है।
गर्भावस्था के दौरान शरीर में पारा की अधिक मात्रा बच्चे के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालती है। यह सबसे पहले बच्चे के तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) के विकास को प्रभावित करता है, जिससे बच्चे का दिमाग ठीक से विकसित नहीं हो पाता। इसका प्रभाव मामूली और गंभीर दोनों ही हो सकता है। इसका बच्चे के दिमाग पर असर पड़ने की वजह से उसके बड़े होने पर उसे चलने-फिरने, बोलने और देखने में समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही, उसके ध्यान देने की क्षमता और याददाश्त पर भी असर पड़ता है।
बहुत सी मछलियों मौजूद हैं, जिनमें में पारा नहीं होता, इसलिए वे गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित होती हैं। लेकिन कुछ मछलियों में इस रसायन की अधिक मात्रा होती है, जैसे शार्क, किंग मैकरल, टाइलफिश और स्वोर्डफिश आदि। इन्हें गर्भावस्था में बिल्कुल नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें मौजूद पारा की थोड़ी सी मात्रा भी आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है। ताजा और सफेद टूना मछली में भी हल्की टूना की तुलना में अधिक पारा रसायन होता है। इसलिए कोशिश करें गर्भावस्था के दौरान मछली खाने से बचें। हालांकि, आप ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से भी बात कर सकती हैं कि गर्भावस्था के दौरान कौन सी मछली खाने में सुरक्षित है।
आर्सेनिक रसायन सीसा और पारा जितना आम नहीं और वह आसानी से घरों में नहीं पाया जाता है। लेकिन यह गर्भवती महिलाओं के लिए कई स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान यदि महिला आर्सेनिक के संपर्क में आती है, तो उसके बच्चे को जन्म के समय कई समस्याएं हो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान यदि महिला आर्सेनिक रसायन के संपर्क में आती है, तो उसका गर्भपात और पैदा होते ही बच्चे की मौत हो सकती है। यह माँ के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे बच्चे की सेहत पर भी असर पड़ता है। यदि गर्भवती माँ आर्सेनिक के संपर्क में आती है, तो उसको उच्च रक्तचाप और एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती है। अधिक मात्रा में आर्सेनिक कैंसर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियां भी पैदा करता है।
आर्सेनिक रसायन ज्यादातर पुराने लकड़ी के फर्नीचर से पाया जाता है क्योंकि इसे टिकाऊ और मजबूत बनाने के लिए क्रोमेट कॉपर आर्सेनेट रसायन का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे फर्नीचर के इस्तेमाल करने से गर्भवती महिला आर्सेनिक रसायन के संपर्क में आ सकती है। यह मिट्टी में भी पाया जाता है, खासकर कचरा डालने वाली जगह या कृषि क्षेत्रों के आस-पास। इससे बचने के लिए आप घर के पानी की जांच करवा सकती हैं कि ताकि पता चल सके कि उसमें आर्सेनिक तो नहीं है।
कीटनाशक सभी के लिए हानिकारक रसायन होता है, लेकिन इसका असर गर्भवती महिलाओं पर अधिक होता है। अगर गर्भावस्था के दौरान कीटनाशक माँ के शरीर में जाते हैं, तो यह माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान कीटनाशकों के संपर्क में आने से वही स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं, जो धूम्रपान करने से होती हैं। यह रसायन बच्चे को अधिक नुकसान पहुंचाता है, जैसे समय से पहले बच्चे का जन्म, जन्म एक समय बच्चे का वजन कम होना, गर्भपात और जन्म से जुड़ी कई स्वास्थ्य समस्याएं आदि।
कीटनाशक आमतौर पर गर्भवती महिला के शरीर में खाने के जरिए प्रवेश करते हैं। कभी-कभी कुछ खाने की चीजें उस जगह पर लोकप्रिय होती हैं जहां आप रहती हैं, इसलिए खाना खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें कीटनाशक मौजूद न हो। खाना बनाने या खाने से पहले बाहर से लाई हुई सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धो लें। घर के अंदर कीड़े-मकौड़े न आएं, इसके लिए सभी इंतजाम करके रखें। अगर आपको घर में पेस्ट कंट्रोल करवाने के जरूरत पड़े, तो उस दौरान घर को खाली कर दें। ऐसा करने से आप और आपका बच्चा सुरक्षित रहेंगे।
ऑर्गेनिक घोल कई रसायनों का समूह होता है जो आमतौर पर पेंट थिनर, वार्निश रिमूवर और डिग्रीजर में पाए जाते हैं। इनमें अल्कोहल, टोलूएन, बेंजीन, जाइलीन और ईथर शामिल हैं।
इनके संपर्क में आने से बच्चे को गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे स्पाइना बिफिडा (गर्भावस्था के दौरान बच्चे के रीढ़ की हड्डी का ठीक से विकास न होना), क्लबफुट (पैर का मुड़ना), सुनने में समस्या और अन्य जन्मजात विकृति होने का खतरा होता है। गर्भावस्था के दौरान यदि गर्भवती महिला ग्लाइकोल के संपर्क में आती है, तो गर्भपात हो सकता है। घातक सॉल्वेंट सिंड्रोम भी एक समस्या होती है, जिसमें बच्चे का जन्म के समय वजन कम होता है और सिर छोटा होता है क्योंकि दिमाग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है।
गर्भावस्था के दौरान पेंट थिनर, वार्निश रिमूवर और अन्य रसायनों से दूर रहें। इन रसायनों के हानिकारक तत्वों को सांस के जरिए लेने से बचें। इनसे बचने के लिए रसायनों के संपर्क में आने से पूरी तरह बचें और बेहतर हवा वाली जगहों पर रहने का प्रयास करें।
ऐसे कई सारे रसायन होते हैं जिनसे गर्भावस्था के दौरान आपको बचना चाहिए यहां आपको 5 खतरनाक रसायनों के बारे में बताया गया जिनसे आपको बचना चाहिए ताकि आप और आपका बच्चा पूरी तरह सुरक्षित रहें। यदि आप इन रसायनों के संपर्क में आती हैं तो बिना देर किए अपने डॉक्टर से बात करें, ताकि वे आपको बेहतर सुझाव दे सकें।
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