गर्भावस्था की पहली तिमाही में योगा करना

प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में योगा करना

जाहिर है अपनी गर्भावस्था की बात सुनकर आप बहुत खुश हुई होंगी। पर जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती है यह समझ आने लगता है कि गर्भावस्था उतनी आसान नहीं होती है। गर्भावस्था की पहली तिमाही बहुत ज्यादा तकलीफदेह होती है क्योंकि इस समय आप पहली बार मॉर्निंग सिकनेस, मतली और थकान महसूस करती हैं। चूंकि इस समय आपके गर्भ में बच्चे के टिश्यू और ऑर्गन बनते हैं इसलिए पहली तिमाही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। आपको पता है कि आपके अंदर एक और जीवन पल रहा है और यह एहसास आपको खुशी के साथ-साथ चिंताएं भी दे सकता है इसलिए इस दौरान आपके लिए आराम करना और जीवंत रहना बहुत जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान योगा आपकी बहुत ज्यादा मदद कर सकता है। पहली तिमाही में आप कौन से योगासन कर सकती हैं और कौन से नहीं। गर्भावस्था में योगा करने से आपको क्या फायदे होते हैं, यह सब जानने के लिए यहाँ क्लिक करें। 

क्या गर्भावस्था की पहली तिमाही में योगा करना सुरक्षित है? 

हाँ, आप गर्भावस्था की पहली तिमाही में योगा कर सकती हैं, पर इसे आप ट्रेनर की मदद से ही करें जिसे यह पता होना चाहिए कि आप गर्भावस्था की पहली तिमाही में हैं। कुछ योगासन ऐसे भी होते हैं जिनकी वजह से गर्भाशय तक ब्लड प्रवाह होने में रूकावट आ सकती है और इससे आपकी मांसपेशियों पर दर्द भी हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान इसलिए कठिन योगासन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना और ट्रेनर की मदद लेना जरूरी है। 

पहली तिमाही में योगा करने से फायदे 

गर्भावस्था की पहली तिमाही में योगा करने के निम्नलिखित फायदे इस प्रकार हैं, आइए जानें;

  • अनहेल्दी आदतों को खत्म करता है 

आपके लिए बहुत जरूरी है कि आप अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अस्वास्थ्यकर खाना न खाएं और बेहतर जीवनशैली को फॉलो करें। योगा करने से आपकी भावनाएं सकारात्मक होती हैं और यह आपको गलत आदतें छोड़ने में मदद भी करता है, जैसे ओवरईटिंग, धूम्रपान करना, एल्कोहॉल का सेवन और अनिद्रा। 

  • दर्द से आराम दिलाता है 

गर्भावस्था के दौरान सही तरीके से योगा करने से शरीर के दर्द से आराम मिलता है। यह गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में दर्द से राहत देने में भी मदद करता है और साथ ही ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से आपको तनाव-मुक्त रहने में भी मदद मिल सकती है जो आपके बच्चे के लिए भी अधिक महत्वपूर्ण है। 

  • मन और शरीर को जोड़ता है 

यदि आपके दिमाग में बहुत सारी बाते हैं और अपने प्रियजनों से जुड़ना चाहती हैं तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि योगा इसमें भी आपकी मदद कर सकता है। आपको पता होगा कि आपके अंदर एक और जीवन पल रहा है और आप उससे कैसे जुड़ सकती हैं यह जरूर जानें। ऐसा करने से आप भावनात्मक रूप से मजबूत होंगी और स्वाभाविक आनंद का अनुभव लेंगी। 

  • शरीर को एक्टिव रखने के लिए जरूरी है 

गर्भावस्था के दौरान आपके लिए सरल और हल्की एक्सरसाइज करना जरूरी है ताकि आपके जोड़ों और पेट पर दबाव न आए। आप योगा आसानी से कर सकती हैं क्योंकि इसकी मदद के साथ आप एक्सरसाइज कर सकती हैं और यह आपको शारीरिक आराम भी देता है। यह आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव हो सकता है। 

  • नींद में सुधार लाता है 

गर्भावस्था की पहली तिमाही में अक्सर महिलाओं को थकान के कारण अनिद्रा की समस्या होती है। योगा करने से नींद में सुधार आता है और इससे हॉर्मोन्स भी नियंत्रित होते हैं। इसलिए इससे नींद अच्छी होती है और यह शक्ति प्रदान करता है। 

गर्भावस्था की पहली तिमाही में योगा का रूटीन 

गर्भावस्था की पहली तिमाही में आपको अपने योगा रूटीन में निम्नलिखित बदलाव करने चाहिए, आइए जानते हैं; 

  • गर्भावस्था की पहली तिमाही में कठिन योगा न करें और अपने शरीर को जरुरत से ज्यादा न खींचें। 
  • अपने शरीर पर ध्यान दें और दर्द या तकलीफों पर नजर रखें। 
  • जब भी आपका मन करे तब आप आराम करें। 
  • बहुत ज्यादा गर्मी में योगा न करें। हमेशा ठंडे वातावरण में योगा करें। 

पहली तिमाही में आप कौन से योगासन कर सकती हैं

गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित योगासन सुरक्षित हैं, आइए जानें;

1. भुजंगासन 

Bhujangasana

भुजंगासन बहुत सरल होता है और यह शुरूआत में किया जाता है। इसे करने के लिए आपको पेट के बल लेटकर अपना सिर ऊपर की ओर करना होगा। आप इसे रोजाना सुबह खाली पेट लगभग 30  सेकंड तक कर सकती हैं और इसे करने के लिए खुद पर अधिक जोर न डालें। 

तरीका 

  • सबसे पहले आप जमीन में पेट के बल लेट जाएं। 
  • अपने पैरों को एक साथ रखें या हिप्स से थोड़ी दूरी पर रखें और इसके ऊपरी हिस्से से जमीन पर दबाव डालें। 
  • आप कोहनी को कंधों की सीध में शरीर के पास रखें। 
  • अब आप अपने कंधों को पीछे ले जाएं और प्यूबिक बोन को स्थिर करने के लिए जमीन की ओर लाएं। 
  • आप धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने सिर और चेस्ट को ऊपर की ओर लाएं। इस दौरान कंधों को आराम दें और अपने पूरे वजन को नीचे की ओर न झुकाएं। 
  • आप सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे की ओर आएं। 
  • आप इस एक्सरसाइज को सांस लेकर छोड़ते हुए 2-3 राउंड में करें। 
  • इस पोज को करते समय आप अपनी सांस को 2-3 बार रोकें और फिर ओरिजिनल पोजीशन पर आएं। 

फायदे 

यह एक्सरसाइज आपकी पीठ के निचले हिस्से के खिंचाव को कम करती है, आपके मूड में सुधार लाती है और पूरी शरीर को लचीला बनाती है। 

2. बद्ध कोणासन 

Baddha Konasana

बद्ध कोणासन को बटरफ्लाई पोज भी कहा जाता है और इसे बिलकुल इसी प्रकार से किया जाता है जैसे तितली उड़ती है। जो लोग योगा की शुरूआत करते हैं उनके लिए विन्यास योगासन होता है और इसे खाली पेट किया जाता है। 

तरीका 

  • सबसे पहले आप सीधे बैठ जाएं और अपने पैरों को बाहर की ओर स्ट्रेच करें। 
  • आप धीरे-धीरे सांस अंदर लें और घुटनों को इस प्रकार से मोड़ें कि आपकी एड़ियां पेल्विस की ओर हों। 
  • आप अपने पांव के पंजों को दोनों हाथों से हल्का सा दबाएं और धीरे-धीरे घुटनों को नीचे करें। 
  • अब आप अपनी एड़ियों को जितना संभव हो उतना एड़ियों के पास ले जाएं और पहली उंगली व अंगूठे की मदद से अपने पांव को कुछ देर तक पकड़ें रहें। 
  • इसे करते समय आपके पांव का बाहरी हिस्सा जमीन पर होना चाहिए और पेट को सीधा रखें। 
  • इस पोज को आप लगभग 5 मिनट तक बनाए रखें घुटनों को ऊपर करते हुए हल्का खींचें और फिर अपनी शुरूआती पोजीशन पर आ जाएं। 

फायदे 

यह मुद्रा थकान को कम करने, आपकी अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करने, मासिक धर्म की समस्याओं का इलाज करने और शरीर में समग्र रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करती है।

3. बितिलासन 

Bitalasana

बितिलासन को ‘काउ पोज’ के नाम से भी जाना जाता है और यहाँ बताया गया है कि आप इसे कैसे कर सकती हैं। आप इसे कैट पोज से शुरू कर सकती हैं। 

तरीका 

  • इसे करने के लिए आप घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं और हाथों को जमीन में टिकाते हुए घुटनों को हिप्स की सीध में रखें। 
  • आप अपने हाथों को सिर के दोनों तरफ कंधों की सीध में रखें। 
  • अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए हिप्स को ऊपर उठाएं और अपने चेस्ट को हल्का आगे की ओर लाने का प्रयास करें। 
  • इसके बाद आप अपने पेट के हिस्से को नीचे की ओर झुकाते हुए सिर को ऊपर उठाएं। 
  • आप थोड़ी देर के लिए इस पोजीशन में रहें, सांस छोड़ें और फिर पहले वाली पोजीशन में आ जाएं। 
  • इस एक्सरसाइज को आप 5-6 बार करें और रुक जाएं। 

फायदे 

यह आसन आपको तनाव मुक्त रखता है, आंतरिक अंगों में राहत पहुँचाता है और ब्लड प्रेशर में सुधार करता है। इस आसन को करने से पीठ का दर्द ठीक रहता है और इससे पीठ सीधी रहती है।

4. मार्जरी आसन

Marjariasana

मार्जरी आसन को ‘कैट पोज’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह एक बिल्ली के पोज में पीठ पर हल्का दबाव डालते हुए किया जाता है। यह एक अष्टांग योग आसन है जिसे लोग शुरूआत में आसानी से कर सकते हैं। आप इसे खाली पेट लगभग 15 सेकंड तक कर सकती हैं।

तरीका 

  • इसे करने के लिए आप सबसे पहले अपने दोनों घुटनों व हाथों को जमीन पर टिकाएं और अपनी कलाई को घुटनों की सीध में घुटनों के नीचे रखें। 
  • अब आप अपने हाथों को मैट पर रखते हुए आगे की ओर देखें और हिप्स के बीच जगह बनाते हुए घुटनों को थोड़ा खुला हुआ रखें। 
  • आप अपने पेट को जमीन की ओर लाते हुए सांस लें। 
  • अपनी ठोढ़ी और चेस्ट को ऊपर करते हुए छत को देखें। 
  • इस दौरान आप अपने कंधों को फैलाकर कान से दूर रखें। 
  • फिर कैट पोज में आते हुए सांस छोड़ें और पेट को सीधा कर लें। 
  • अब आप अपनी पीठ को घुमाकर छत की तरफ देखें और सांस अंदर की ओर लेते हुए काऊ पोज में वापस आ जाएं। 
  • फिर सांस छोड़ें और कैट पोज में वापस आ जाएं। 
  • आप इसे 5 से 20 बार करने के बाद थोड़ी देर आराम करें। 

फायदे 

यह आसान आपके रक्त को शुद्ध करता है, मन को फिर से जीवंत करता है, उचित रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है और गर्भवती महिलाओं के लिए एक प्रभावी तनाव-बस्टर के रूप में काम करता है।

5. विपरीत करनी

Viparita Karani

इस पोज में पैरों को ऊपर की ओर किया जाता है और यह आसन मानसिक व शारीरिक शक्ति प्रदान करता है। आप किसी की मदद से इस एक्सरसाइज को सरलता से कर सकती हैं। यदि आप गर्भवती हैं तो आप हमेशा दीवार के सहारे आराम से योगा करें। 

तरीका 

  • इस पोज को करने के लिए आप जमीन पर लेटे और ठोड़ी को चेस्ट के पास लाएं। अब आप हिप्स को ऊपर की ओर उठाते हुए कंधों को उठाएं। 
  • आप अपने दोनों हाथों से हिप्स को सपोर्ट भी दे सकती हैं। अब आप अपनी चेस्ट को ऊपर की ओर करते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को सिर की तरफ लाएं। 
  • अब इस पोजीशन में थोड़ी देर के लिए रहें और आँख बंद करके सांस लें। 
  • सांस छोड़ें और एक तरफ रोल हो जाएं। 
  • अब सांस लें और सामान्य अवस्था में आ जाएं। 

फायदे 

यह योगा सिर दर्द से मुक्ति दिलाता है, पीरियड्स में ऐंठन को कम करने में मदद करता है और पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत दिलाता है। 

6. ताड़ासन 

Tadasana

ताड़ासन को खड़े होकर एक पहाड़ की पोज में बनाकर किया जाता है। इसे हाथों का पोज बनाने से शुरू किया जाता है और इसके लिए आपको खाली पेट रहने की जरूरत नहीं है। 

तरीका 

  • सबसे पहले आप दोनों हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें और पैरों को थोड़ा दूर करके सीधे खड़ी हो जाएं। 
  • अब अपने पैरों को स्ट्रेच करते हुए एड़ियों को ऊपर उठाएं और ध्यान केंद्रित करें। 
  • आप जांघों के ऊपरी हिस्से को अंदर की तरफ करें और टेलबोन को जमीन की ओर करते हुए पेल्विस को आगे ले जाएं। 
  • इस पोजीशन में आप ऊपर देखें, सांस अंदर लें और अपने कंधे, चेस्ट और हाथों को स्ट्रेच करें। आप अपने वजन को पंजों पर रखते हुए एड़ियों को और ऊपर उठाएं और कुछ सेकंड तक इसी पोजीशन में रहने के बाद सांस छोड़ें और सीधे खड़ी हो जाएं। 

फायदे 

इसे करने के कुछ फायदे हैं, जैसे पोस्चर में सुधार करता है, सांस लेने की प्रक्रिया में स्थिरता लाता है, मानसिक शांति बढ़ाता है, पैरों के दर्द से मुक्त करता है और पांव, पैरों  व हिप्स की शक्ति बढ़ाता है व शक्ति प्रदान करता है। 

7. वीरभद्रासन

Virabhadrasana

इसे वॉरियर पोज के नाम से जाना जाता है और यह वीरभद्र वॉरियर के नाम से प्रसिद्ध है। यह योगा की शुरूआत करने वालों के लिए अच्छा है और आप इसे खाली पेट कर सकती हैं। 

तरीका 

  • इसे करने के लिए सबसे पहले आप सीधे खड़ी हो जाएं और अपने दोनों पैरों को 3.4 से 4 फीट के दूरी में आगे की ओर रखें। 
  • अपने हाथों को सीधे फैलाएं और हथेली को जमीन की ओर करते हुए कंधों को सीधा रखें और सामने की ओर देखें। 
  • अब आप अपने बाएं पैर को 90 डिग्री में रखते हुए दाहिने पैर को सीधा करें। 
  • इस पोजीशन को लगभग 30 सेकंड तक ऐसे ही रखें और फिर सीधी हो जाएं। फिर आप इसे दूसरे पैर से भी दोहराएं। 

फायदे 

यह पोज शरीर को एनर्जी देता है और साथ ही स्थिरता व संतुलन भी बढ़ाता है। यह पोज नींद में सुधार करता है, ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है और ब्लड प्रेशर को ठीक रखता है। 

पहली तिमाही में कौन से योगासन नहीं करने चाहिए 

गर्भावस्था की पहली तिमाही में आपको निम्नलिखित योगासन नहीं करने चाहिए, आइए जानते हैं;

1. सूर्य नमस्कार 

कारण: इस दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे को शरीर और एनर्जी की जरूरत होती है इसलिए आपको कोई भी ऐसी एक्सरसाइज या योगा नहीं करना चाहिए जिससे आपको थकान हो। इस समय आपको ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए। 

2. शलभासन 

कारण: इससे आपके गर्भाशय पर दबाव पड़ता है जो आपकी गर्भावस्था और बच्चे दोनों के लिए सही नहीं है। 

3. नौकासन 

कारण: यह करने से पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और तनाव आता है। 

4. हलासन 

कारण: इससे आपके निचले हिस्से पर बहुत ज्यादा तनाव आ सकता है जो आपके बच्चे के लिए हानिकारक है। 

पहली तिमाही में योगा करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ टिप्स 

गर्भावस्था की पहली तिमाही में योगा करते समय निन्मलिखित टिप्स का ध्यान रखें; 

  • यदि आप पहली बार योग कर रही हैं तो आप शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी के लिए शुरूआत में आसान आसान करें। यदि आपको थकान होती है तो आप प्रॉप्स का उपयोग कर सकती हैं। 
  • बैक बेंड (पीछे की ओर मुड़ना), फलकासन (प्लैंक पोज) न करें क्योंकि मुड़ने से आपके गर्भाशय या पेट पर दबाव पड़ सकता है। 
  • योगा करने के बाद आप थोड़ी देर आराम करें और आसान करते समय सांस लेती रहें। 
  • आप ट्रेनर की मदद से अपनी सुविधा और शारीरिक स्वास्थ्य के अनुसार इन आसान को बदल भी सकती हैं। 

गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेस-फ्री और शांत वातावरण में योगा करने के लिए इन टिप्स को जरूर ध्यान रखें। आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है खुद को शांत रखना और एन्जॉय करना। यदि आपको कभी भी असुविधा होती है तो आप बीच में ही योगा छोड़कर आराम कर सकती हैं। 

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