In this Article
- दूसरी तिमाही के दौरान दंपति जीवन (सेक्स लाइफ) में बदलाव
- क्या गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान संभोग करना सुरक्षित होता है?
- दूसरी तिमाही के दौरान संभोग कब नहीं करना चाहिए?
- क्या मध्य गर्भावस्था के दौरान संभोग आपको और गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुँचा सकता है?
- दूसरी तिमाही के दौरान संभोग करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मुद्राएं
- संभोग करते समय इन मुद्राओं का प्रयोग न करें
गर्भधारण की पहेलियों में से एक सवाल यह भी है कि यदि गर्भावधि के दौरान संभोग सुरक्षित है या नहीं। अगर पहली तिमाही में किसी भी समस्या के बिना आपको एक सामान्य गर्भावस्था होती है, तो संयम क्यों रखें ? दूसरी तिमाही में संभोग करना एक आनंददायक अनुभव हो सकता है, इस अवधि के दौरान संभोग करना सुरक्षित है क्योंकि इससे भ्रूण को कोई नुकसान नहीं होगा। आइए, दूसरी तिमाही के दौरान संभोग करने के बारे में कुछ सामान्य मिथकों और भ्रांतियों को दूर करें।
दूसरी तिमाही के दौरान दंपति जीवन (सेक्स लाइफ) में बदलाव
दूसरी तिमाही को “हनीमून अवधि” के रूप में जाना जाता है, पहली तिमाही के सभी लक्षण जैसे मतली, थकान आदि, लुप्त हो जाते हैं। दूसरी तिमाही आपकी पहली तिमाही में खोई हुई सारी ताक़त और सारे जोश को वापस लाती है। आप निम्न कारणों से अपने यौन जीवन में कुछ बदलाव देख सकती हैं और आपके शरीर का परिवर्तन भी इसी दौरान होता है ।
- हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव: एच.सी.जी. (ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन) हॉर्मोन का स्तर धीरे-धीरे कम हो जाता है और आपके शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का बेहतर संतुलन होता है। यह मतली और थकान के लक्षणों को काफी कम करता है। परिणामस्वरूप, आपकी संभोग करने की इच्छा बढ़ती है और आप एक बार फिर दोबारा लय में आती हैं और इस दौरान अपने शरीर में अधिक स्फूर्ति महसूस करेंगी ।
- कामेच्छा में वृद्धि : कई महिलाओं को जननांगों में रक्त के प्रवाह में वृद्धि होने के कारण कामेच्छा में वृद्धि का अनुभव होता है। योनि का चिकनापन और भगांकुर की संवेदनशीलता अधिक होती है जो दूसरी तिमाही के दौरान कामक्रिया को बहुत ही सुखद बना देती है।
तो अपने साथी के साथ इस समय का पूरा लाभ उठाएं और उस अंतरंगता का आनंद लें जो शिशु के जन्म के बाद दोबारा प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
क्या गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान संभोग करना सुरक्षित होता है?
अधिकांश दंपति अक्सर इस बात पर आश्चर्य करते हैं कि क्या दूसरी तिमाही में संभोग करना सुरक्षित होता है, यह जानते हुए कि गर्भावस्था के दौरान कुछ भी गलत हो सकता है। शुक्र है, इसका जवाब बहुत बड़ा हाँ है। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान संभोग करना पूरी तरह से ठीक और सुरक्षित होता है, इस दौरान संभोग क्रिया न तो आपके भ्रूण को नुकसान पहुँचाती है और न ही इसका आपके स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
दूसरी तिमाही के दौरान संभोग कब नहीं करना चाहिए?
जब तक पहली तिमाही के दौरान कोई कठिनाई नहीं होती है, तब तक दूसरी तिमाही के दौरान संभोग करना सुरक्षित होता है। यदि आप किसी समस्या से पीड़ित हैं, तो दूसरी तिमाही के दौरान यौन संबंध बनाने से पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना एक अच्छा विचार है। दूसरी तिमाही के दौरान अगर यह लक्षण हो, तो यौन संबंध बनाने से परहेज करें:
- अगर आपका बार-बार गर्भपात होता रहा है।
- यदि आपने भारी रक्तस्राव का अनुभव किया है, तो संभोग से अतिरिक्त रक्तस्राव की खतरा बढ़ सकता है, खासकर ऐसे मामलों में, जहाँ गर्भनाल नीचे हो।
- यदि आपके ऐमिनियॉटिक द्रव का रिसाव हुआ है तो संभोग से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
- यदि आप प्लेसेंटा प्रिविया से पीड़ित हैं, तो संभोग न करना बेहतर होगा क्योंकि यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें नाल गर्भाशय के सबसे निचले हिस्से में बढ़ती है और गर्भाशय ग्रीवा के मुँह को या तो आधा या पूरी तरह से ढक लेती है।
- यदि आपकी गर्भाशय ग्रीवा अक्षम है, यह एक ऐसी गर्भाशय ग्रीवा है जो बहुत जल्दी पतली हो जाएगी और इससे गर्भपात या समय पूर्व प्रसव का खतरा बढ़ जाता है।
- यदि यौन संबंध के बाद आप रक्तस्राव में दुर्गंध अनुभव करती हैं तो यह किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है जो गर्भाशय को प्रभावित कर रहा होता है।
- यदि आप दूसरी तिमाही में गर्भावस्था के दौरान संभोग करते समय दर्द महसूस करती हैं।
यदि आप ऊपर दी हुई किसी भी स्थिति का अनुभव करती हैं तो डॉक्टर आपको दूसरी तिमाही के दौरान यौन संबंध बनाने से परहेज़ करने की सलाह देंगे।
क्या मध्य गर्भावस्था के दौरान संभोग आपको और गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुँचा सकता है?
भ्रूण, माँ के गर्भ में सुरक्षित रहता है और वह एक सुरक्षा कवच से ढका होता है जिसे ऐमिनियॉटिक द्रव के रूप में जाना जाता है। यह भ्रूण को आघात और अन्य चोटों से बचाता है इसलिए संभोग, के दौरान शिशु को कोई दर्द, या दबाव महसूस नहीं होता है। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में संभोग के दौरान आप और गर्भ में पल रहा आपका शिशु पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं।
दूसरी तिमाही के दौरान संभोग करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मुद्राएं
दूसरी तिमाही, पूरी गर्भावस्था अवधि के दौरान अपने साथी के साथ अंतरंगता का आनंद लेने के लिए सबसे आरामदायक और सुखद चरण है। इस दौरान आपका पेट बढ़ रहा होता है, लेकिन इसके कारण संभोग क्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होती है । दूसरी तिमाही के दौरान अधिकांश संभोग मुद्राएं (सेक्स पोजीशन) सुरक्षित होती हैं । आप चाहें तो उन मुद्राओं को आज़माएं जो आरामदायक होती हैं और आपके बढ़ते पेट के अनुकूल भी होती हैं। बढ़ते पेट के साथ, मिशनरी मुद्रा कुछ लोगों के लिए आरामदायक नहीं होता है। हालांकि, ऐसा नहीं है की आप कोई अन्य मुद्राओं को आज़मा नहीं सकती हैं। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान कुछ संभोग की मुद्राएं, जिन्हें आप आज़मा सकती हैं:
- ऊपर आएं : यह संभोग की सबसे आरामदायक स्थिति होती है क्योंकि इस दौरान आपके पेट पर कोई दबाव नहीं पड़ता है और आप प्रवेश की गहराई को नियंत्रित कर सकती हैं।
- रिवर्स स्पूनिंग: यह उथले प्रवेश को सरल बनाने में मदद करता है क्योंकि आप इस अवस्था में करवट के बल होती हैं और आपका साथी आपके पीछे रहता हैं।
- पीछे से प्रवेश: सोफे पर घुटने के बल नीचे झुकें ताकी आपका पेट उसके पीछे की ओर रहे, सहारे के लिए अपनी बांह का उपयोग करें और अपने साथी को अपने पीछे से प्रवेश करने दें।
- बैठने की मुद्रा: सोफे या बिस्तर पर बैठे हुए अपने साथी की गोद में बैठने का प्रयास करें । आप खड़े होकर और नीचे बैठकर यह तय कर सकती कि आप कितना गहरा प्रवेश करना चाहती हैं।
संभोग की कौन सी मुद्रा सबसे बेहतरीन है इसके बारे में कोई निर्धारित नियम नहीं है। इसमें से अधिकांश व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। उन तकनीकों को खोजना महत्वपूर्ण है, जो आपके और आपके साथी दोनों के लिए सुरक्षित और आनंददायक हैं।
संभोग करते समय इन मुद्राओं का प्रयोग न करें
संभोग की ऐसी मुद्राओं से बचें, जिसमें पीठ के बल लेटना और पेट पर दबाव पड़ सकता है, जैसे मिशनरी मुद्रा। कम गहराई में प्रवेश करने का प्रयास करें क्योंकि दूसरी तिमाही के दौरान अत्यधिक दबाव डालना सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा अगर आपकी गर्भावस्था में किसी भी प्रकार की जटिलता है तो दूसरी तिमाही के दौरान संभोग न करें।
निष्कर्ष: लगातार बढ़ती कामेच्छा और मतली जैसी समस्याओं की कमी के साथ, दूसरी तिमाही निस्संदेह गर्भावस्था की हनीमून अवधि है। बस इस बात का ध्यान रखें कि संभोग करना अपेक्षाकृत सुरक्षित होता है, गहरा प्रवेश और चरम संभोग मुद्राओं का उपयोग बिलकुल भी न करें ।