In this Article
- क्या गर्भावस्था के अंतिम महीनों के दौरान यौन संबंध सुरक्षित है?
- अंतिम तिमाही के दौरान यौन संबंध में बदलाव
- तीसरी तिमाही के दौरान संभोग के फायदे
- तीसरी तिमाही के दौरान संभोग से कब बचें?
- क्या तीसरी तिमाही के दौरान संभोग आपको और आपके शिशु को नुकसान पहुँचाता है?
- तीसरी तिमाही के दौरान संभोग के लिए सर्वश्रेष्ठ मुद्राएं
- किन संभोग मुद्राओं से बचें
- क्या तीसरी तिमाही में संभोग करने से प्रसव पीड़ा शुरू हो सकती है?
यौन संबंध, एक रिश्ते का सबसे खूबसूरत पहलुओं में से एक है। लेकिन कभी-कभी माँ के गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा के लिए होने वाले माता-पिता, उनके बीच के इस खूबसूरत बंधन को नज़र-अंदाज़ कर देते हैं। यहाँ माता-पिता बनने जा रहे सभी जोड़ों के लिए एक अच्छी खबर है कि अगर पूर्ण अवधि में अभी तक आपकी गर्भावस्था सुरक्षित और स्वस्थ रही है, तो कुछ आवश्यक सावधानियों के साथ गर्भावस्था के दौरान संभोग करना सुरक्षित होता है। हालांकि यह सलाह दी जाती है कि आप गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित संभोग के लिए आवश्यक सभी सावधानियों के बारे में डॉक्टर से सलाह लें।
क्या गर्भावस्था के अंतिम महीनों के दौरान यौन संबंध सुरक्षित है?
हाँ, यदि आप पूरी गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रही हैं तो अंतिम महीनों में यौन संबंध पूरी तरह सुरक्षित है। डॉक्टर द्वारा बताए गए विभिन्न आरामदायक संभोग की मुद्राओं में गर्भावस्था के अंतिम माह तक भी संभोग किया जा सकता है।
यह सलाह दी जाती है कि आप गर्भावस्था के दौरान एनल संभोग से बचें क्योंकि गर्भावस्था के दौरान बवासीर, एक आम समस्या है। एनल संभोग में गुदा से रक्तस्राव हो सकता है जो बहुत असुविधाजनक और दर्दनाक हो सकता है।
अंतिम तिमाही के दौरान यौन संबंध में बदलाव
अंतिम तिमाही के दौरान, भ्रूण के कारण आपका पेट काफी बड़ा हो जाता है। परिणामस्वरूप, आपको और आपके साथी को मुद्राओं को ठीक से करने में मुश्किल हो सकती है परिणामस्वरूप संभोग उतना रोमांचक नहीं लगता। पैरों में सूजन, पीठ में दर्द, थकावट, स्तन स्त्राव, सूजी हुई मांसपेशियाँ, योनि में सूजन और कूल्हे पर दबाव जैसे कुछ अन्य कारक हैं जो अंतिम तिमाही के दौरान यौन संबंध बनाने की उत्तेजना को कम करते हैं।
लेकिन अगर आप अभी भी यौन संबंध बनाना चाहती हैं, तो आप अपने अनुभव को आसान बनाने के लिए विभिन्न मुद्राओं का प्रयोग कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, आप दोनों अपनी पीठ के बल लेटकर, अपने साथी को पीछे से प्रवेश करने दे सकती हैं। इसमें आपकी ओर से कम गतिविधि की आवश्यकता होने के कारण यह सुरक्षित होता है। इस दौरान आप नई मुद्राओं का प्रयोग कर सकती हैं और देख सकती हैं कि कौन कौन सी मुद्राएं सहज हैं और किन मुद्राओं को टाला जा सकता है।
तीसरी तिमाही के दौरान संभोग के फायदे
- शारीरिक संबंध अंतरंगता का ही एक रूप है इसी कारण से संभोग दंपति में प्रेम बढ़ाता है।
- वीर्य में प्रोस्टाग्लैंडीन नामक एक विशेष हॉर्मोन होता है, जो संभोग के दौरान गर्भाशय ग्रीवा को नर्म बनाता है और जिससे प्रसव संकुचन होता है।
- महिलाएं, सहवास के दौरान ऑक्सीटॉसिन नामक एक ऐसे हॉर्मोन को उत्तेजित करती हैं जिससे ख़ुशी का अनुभव होता है और यह प्रसव संकुचन को बढ़ाने में मदद करता है।
- संभोग में चरम की प्राप्ति, योनि को मजबूत बनाता है और यह गर्भावस्था के लिए शरीर को तैयार करने में मदद भी करता है।
जब तक पानी की थैली नहीं फटती है, तब तक गर्भावस्था की आखिरी तिमाही में भी यौन संबंध बनाना फायदेमंद और सुरक्षित होता है।
तीसरी तिमाही के दौरान संभोग से कब बचें?
गर्भावस्था के दौरान संभोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। वह आपको गर्भावस्था की अवस्था और उससे जुड़ी ऐसी किसी भी स्थिति से अवगत कराते हैं, जिसमें आपको संभोग से दूर रहना पड़ सकता है। निम्नलिखित परिस्थितियों में डॉक्टर आपको तीसरी तिमाही में संभोग से दूर रहने की सलाह दे सकता है।
- यदि कोई प्लेसेंटा प्रिविया (नाल का नीचे स्थित होना) नामक स्थिति से पीड़ित है, तो डॉक्टर अंतिम तिमाही के दौरान संभोग से बचने की सलाह दे सकते हैं। इस हालत में, नाल शिशु के सिर के अग्रभाग में होती है और संभोग से नाल में रक्तस्राव हो सकता है जिससे शिशु को नुकसान पहुँच सकता है।
- यदि पानी की थैली समय से पहले फट जाती है तो आपके गर्भाशय ग्रीवा की रक्षा करने वाला म्यूकस अवरोधक गायब हो जाता है, इससे माँ और शिशु को बहुत सारे संक्रमण हो सकते हैं। यौन संक्रमित रोगों से बचने के लिए आपको गर्भावस्था के अंतिम चरणों में सहवास से दूर रहना चाहिए।
- यदि अतीत में आपको समय से पहले प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी, तो डॉक्टर आपको अंतिम तिमाही के दौरान संभोग से परहेज करने के लिए परामर्श दे सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभोग के दौरान उत्तेजित हॉर्मोन आपको फिर से समय से पहले प्रसव के खतरे में डाल सकते हैं।
- इसके अलावा, यदि आप प्रसव में एक से अधिक शिशु की उम्मीद कर रही हैं, तो आपको अंतिम तिमाही में संभोग न करने की सलाह दी जाएगी। आमतौर पर जुड़वां शिशु जल्दी पैदा होते हैं और संभोग की वजह से जुड़वां शिशुओं का जन्म समय से पूर्व हो सकता है।
क्या तीसरी तिमाही के दौरान संभोग आपको और आपके शिशु को नुकसान पहुँचाता है?
आप निश्चिन्त रह सकती हैं कि तीसरी तिमाही के दौरान संभोग भ्रूण को नुकसान नहीं पहुँचाता है। आपका शिशु सुरक्षित रूप से ऐमिनियॉटिक थैली में है, जो उसे किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है। गर्भाशय ग्रीवा के चारों ओर स्थित म्यूकस अवरोधक आपके शिशु को संक्रमण से बचाता है। इसलिए आपको शिशु की सुरक्षा के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
हालांकि, हो सकता है की आप विभिन्न कारणों से तीसरी तिमाही के दौरान सहवास करने के लिए असहज महसूस करें। गर्भावस्था के अंत में कई महिलाएं संभोग से परहेज करती हैं उसका एक कारण यह है कि शिशु का सिर अंतिम तिमाही के दौरान नीचे की ओर हो सकता है, इससे संभोग के दौरान शिशु को असुविधा हो सकती है या और दबाव भी पड़ सकता है।
इसके अलावा संभोग के दौरान पुरुषों और महिलाओं दोनों के द्वारा स्रावित हॉर्मोन मांसपेशियों को प्रसव पीड़ा शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इसलिए जिस किसी महिला को अतीत में समय से पूर्व प्रसव हुआ है उसे अंतिम तिमाही के दौरान संभोग से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
अंतिम तीन महीनों के दौरान कामोन्माद ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन का कारण हो सकता है। इस संकुचन के कारण आपका गर्भ और उसका भीतरी भाग सख्त हो जाता है, यह समस्या कुछ समय तक रहती है, लेकिन किसी के स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है।
तीसरी तिमाही के दौरान संभोग के लिए सर्वश्रेष्ठ मुद्राएं
जैसा कि गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में गर्भाशय बड़ा होता है, कुछ मुद्राएं असुविधाजनक और कठिन हो सकती हैं। यहाँ गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान कुछ संभोग मुद्राएं बताई गई हैं, जिन्हें आप अंतिम तिमाही के दौरान सुरक्षित और आरामदायक संभोग के लिए आज़माना चाहेंगी।
- आपके बढ़े हुए पेट के साथ, पीठ के बल लेटकर संभोग करना एक सरल और आरामदायक स्थिति है। इस स्थिति में आप एक तरफ करवट ले कर लेटती हैं, अपने आप को सी (C) आकार में मोड़ती हैं और आपका साथी आपके पीछे आकर प्रवेश करता है। इस स्थिति में, आपका साथी पीछे से आपकी योनि में प्रवेश कर सकता है, और आप दोनों की मुद्रा एक तरफ करवट लेकर लेटे हुए होती है।
- आपका अपने साथी के ऊपर होना, यह गर्भावस्था के दौरान एक बहुत ही आरामदायक स्थिति हो सकती है। आप अपनी सुविधा के अनुसार गति को नियंत्रित कर सकती हैं। बस यह सुनिश्चित करें कि आपका साथी बहुत गहराई से प्रवेश न करे।
- गर्भावस्था के अंतिम चरण के दौरान पलंग के किनारे वाली मुद्रा की भी सलाह दी जाती है। पलंग के किनारे पर लेट जाएं और अपना चेहरा ऊपर की तरफ रखते हुए अपनी टांगों को फैलाएं और अपने पैरों को फर्श पर रखें। आपका साथी प्रवेश करने के लिए खड़ा हो सकता है या झुक सकता है। बस अपने साथी को यह बताएं कि आप उसे कितना धीमा और कोमल चाहती हैं।
यदि आप प्रवेश से असहज हैं, तो आप और आपका साथी मुख मैथुन या आपसी हस्तमैथुन का विकल्प चुन सकते हैं क्योंकि यह दोनों विकल्प सुरक्षित हैं और इससे आपको कोई भी असुविधा नहीं होगी।
किन संभोग मुद्राओं से बचें
तकनीकी रूप से, गर्भावस्था के किसी भी चरण के दौरान कोई भी मुद्रा असुरक्षित नहीं है, सिवाय इसके कि आप अपनी पीठ के बल सपाट लेटी हैं। यह सुनिश्चित करें कि आप जो भी अन्य मुद्राएं चुनती हैं, आप अपने साथी को गहरा प्रवेश ना करने की सलाह दें क्योंकि यह न केवल आपको असहज कर सकता है बल्कि रक्तस्राव का कारण भी बन सकता है।
मुखमैथुन के दौरान भी आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपका साथी आपकी योनि में हवा न डालें क्योंकि इससे रक्त वाहिका अवरुद्ध हो सकती है और यह स्थिति आपके और आपके शिशु दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है।
क्या तीसरी तिमाही में संभोग करने से प्रसव पीड़ा शुरू हो सकती है?
गर्भावस्था के अंतिम समय में संभोग के परिणामस्वरूप प्रसव पीड़ा शुरू हो सकती है। यदि आपकी गर्भाशय ग्रीवा और योनि तैयार हैं तो गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में संभोग करने से प्रसव पीड़ा शुरू हो सकती है। लेकिन अगर गर्भाशय ग्रीवा तैयार नहीं है, तो संभोग उतना मदद नहीं कर सकता है, जितना आप चाहते हैं।
कृपया याद रखें, यदि आपको 42 सप्ताह के बाद भी प्रसव पीड़ा का अनुभव न हो तो चिकित्सक से परामर्श लें। इस मामले में आपकी गर्भावस्था का 42वें सप्ताह में प्रसव पीड़ा को डॉक्टर द्वारा प्रेरित किया जाना अनिवार्य है, न कि आपके साथी द्वारा।
गर्भावस्था के दौरान संभोग न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसे करने की सलाह भी दी जाती है। इससे होने वाले कई शारीरिक लाभों के अलावा, यह होने वाले माता-पिता के संबंधों को मज़बूत बनाता है, जिन्हें गर्भावस्था के कारण होने वाले परिवर्तनों को अपनाने में कठिनाई भी हो सकती है ।