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हम अक्सर रोज अलग-अलग तरह का भोजन करते हैं। हालांकि कई परिवारों में वर्किंग माता-पिता होने की वजह से उनके लिए पूरा खाना बना पाना संभव नहीं होता। ऐसे में वे लोग रोजाना ब्रेड आइटम्स, जिनमें पिज्जा, सैंडविच भी शामिल होते हैं, खाते हैं। पर यह जानना जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान एक महिला को वाइट ब्रेड खाना चाहिए या नहीं।
मार्केट में मौजूद सामान्य वाइट ब्रेड को अक्सर मैदे से बनाया जाता है। इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में ग्लूटेन होता है। गर्भावस्था के दौरान लगातार इस ब्रेड को खाने से आपको कब्ज की समस्या हो सकती है जिससे एक गर्भवती महिला पहले से ही ग्रसित होती है। ग्लूटेन खाने से पेट भरा-भरा सा और भारी लगता है जिस वजह से शरीर में न्यूट्रिएंट्स ठीक से एब्सॉर्ब नहीं हो पाते हैं।
वहीं दूसरी तरफ ब्राउन ब्रेड को गेहूँ के आटे से बनाया जाता है। यह वाइट ब्रेड से ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा प्रोटीन और विटामिन होते हैं जो वाइट ब्रेड में नहीं पाए जाते हैं। यह गर्भावस्था के दौरान शरीर में एनर्जी के लिए बहुत जरूरी है।
ब्रेड में अक्सर बहुत सारी चीजें मिलाई जाती हैं जिसमें कुछ मुख्य चीजें इस प्रकार हैं;
ब्राउन ब्रेड में होल वीट जर्म होते हैं। इसमें बहुत ज्यादा न्यूट्रिशन होता है, जैसे विटामिन ई, ओमेगा-3 एसिड, फोलेट इत्यादि। इससे दिल के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट मुख्य रूप से होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को इससे एनर्जी मिलती है इसलिए यह एक आवश्यक न्यूट्रिएंट है। ब्रेड में मौजूद कार्बोहाइड्रेट में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। यह डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए एक स्वास्थ्यप्रद विकल्प है।
ब्राउन ब्रेड में वीट ग्लूटेन एक मुख्य प्रोटीन है। यह ग्लूटेन मूल रूप से प्रोटीन प्रदान करता है जो एक गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
ब्रेड में फाइबर और ब्रान पर्याप्त मात्रा में होते हैं इसलिए इसे एक अच्छे खाद्य पदार्थ के रूप में जाना जाता है। इससे सिर्फ दिल ही स्वस्थ नहीं रहता है बल्कि यह शरीर में लेपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है ताकि बच्चे और माँ का स्वास्थ्य ठीक रहे।
एक गर्भवती महिला को ब्रेड में मौजूद बहुत सारी चीजों से निम्नलिखित फायदे मिल सकते है, आइए जानें;
ब्रेड बहुत आसानी से बनती है और इसमें फाइबर भी अधिक होता है। यदि आप होल वीट या ब्राउन ब्रेड और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं तो आपके पाचन तंत्र में सुधार हो सकता है और साथ ही ब्लैडर में स्टोन होने की संभावना से बचा जा सकता है।
यदि गर्भावस्था के दौरान एक महिला को सांस लेने में तकलीफ होती है या उसे यह समस्या होने की संभावना भी होती है तो आहार में होल वीट ब्रेड को शामिल करने से बहुत ज्यादा मदद मिल सकती है और इससे सांस लेने की समस्या व अस्थमा के लक्षण कम हो सकते हैं।
ब्राउन ब्रेड में विटामिन ‘बी’, राइबोफ्लेविन, नियासिन और थायमिन की मात्रा होती है। ये सभी एलिमेंट्स विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स ग्रुप के ही हैं जो शरीर के कार्यों को तेज करते हैं और मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करते हैं।
ब्रेड में कैल्शियम और विटामिन ‘सी’ की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ये न्यूट्रिएंटेंस इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं और किसी भी विकार की संभावनाओं को कम कर सकते हैं। हालांकि हर प्रकार की ब्रेड में विटामिन ‘सी’ नहीं होता है। यदि ब्रेड को बनाते समय उसमें विटामिन या एस्कॉर्बिक पाउडर मिलाया जाता है तो उस ब्रेड में विटामिन ‘सी’ मौजूद होता है।
गर्भावस्था के दौरान महिला और बच्चे के विकास के लिए कैल्शियम सबसे जरूरी होता है। ब्राउन ब्रेड में कैल्शियम की मात्रा बहुत होती है जो गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज हो सकती है। ब्राउन ब्रेड में मौजूद फाइबर की मात्रा खून में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और बनाए रखने में मदद करती है। गर्भावस्था में आप ब्राउन ब्रेड या होल वीट ब्रेड खा सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान एंग्जायटी और स्ट्रेस होने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या हो सकती है जो बच्चे व माँ के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। यह समस्या कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की वजह से होता है। गर्भावस्था में ब्राउन ब्रेड खाने से ब्लड प्रेशर का स्तर कम हो सकता है। पर किसी भी ब्रेड को खरीदने से पहले जांच लें कि उसमें नमक न मिलाया गया हो क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
ब्राउन ब्रेड में मौजूद डायटरी फाइबर दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित और सुरक्षित रखता है।
खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा ज्यादा होने से शरीर को रफेज पदार्थ मिलता है। यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में मदद करता है। ब्रेड में मौजूद फाइबर से बॉवेल मूवमेंट प्रभावित होता है और कब्ज व डायरिया ठीक हो जाते हैं।
यद्यपि ब्रेड में बहुत ज्यादा न्यूट्रिटिव वैल्यू होती है जिससे आपको कई सारे फायदे मिल सकते हैं। पर गर्भावस्था के दौरान ब्रेड खाने के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं, आइए जानें;
यदि ब्रेड आपकी डायट का एक मुख्य भाग है तो इसे कम खाएं और इसकी जगह पर आप किसी अन्य स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थ का सेवन करें। गर्भावस्था के दौरान वाइट ब्रेड की जगह यदि आप ब्राउन ब्रेड खाती हैं तो इससे आपको ज्यादा फायदा मिल सकता है और यह डायट के शेड्यूल को ठीक रखता है।
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