गर्भावस्था

गर्भावस्था में क्रोमियम – महत्व, खुराक और फूड सोर्स

गर्भवती महिला की खुराक में हेल्दी भोजन शामिल होना जरूरी है, जो कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु की पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा कर सके। बच्चे के स्वास्थ्य और विकास के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है – क्रोमियम। लेकिन अगर क्रोमियम का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए, तो यह माँ और बच्चे के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान क्रोमियम के सेवन की उचित मात्रा और अधिक मात्रा के सेवन से होने वाले खतरों को जानने के लिए, इस लेख को जरूर पढ़ें। 

क्रोमियम क्या होता है?

क्रोमियम ट्रेस तत्व के रूप में कई प्रकार के खाने में उपस्थित होता है। शरीर में ग्लूकोज, इंसुलिन और फैट के मेटाबॉलिज्म के लिए ट्राइवेलेंट क्रोमियम आयन्स के रूप में क्रोमियम बहुत जरूरी होता है। क्रोमियम क्रोमोलिन से बनता है, जो कि शरीर में ब्लड ग्लूकोज को रेगुलेट करने के लिए इंसुलिन हॉर्मोन को सक्रिय करता है। साथ ही यह कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन को शरीर में प्रोसेस करने के लिए इंसुलिन के साथ काम करता है। इसलिए, इंसानों के लिए यह पोषक तत्व बहुत जरूरी है। 

गर्भावस्था में क्रोमियम का महत्व

गर्भावस्था के दौरान, क्रोमियम का सेवन शरीर में ब्लड ग्लूकोज के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।  अगर माँ बनने वाली महिला को डायबिटीज या जेस्टेशनल डायबिटीज है, तब यह और भी जरूरी हो जाता है। बढ़ते बच्चे के विकास के लिए भी क्रोमियम जरूरी है, क्योंकि यह बच्चे के टिशू में प्रोटीन के निर्माण में मदद करता है। इसके अलावा, लिपिड, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के ब्रेकडाउन में भी क्रोमियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान माँ और बच्चे, दोनों के अच्छे स्वास्थ्य और विकास के लिए क्रोमियम एक बहुत ही जरूरी ट्रेस न्यूट्रियेंट है। 

गर्भवती स्त्री को एक दिन में कितना क्रोमियम लेना चाहिए?

ट्राइवेलेंट क्रोमियम एक आवश्यक ट्रेस न्यूट्रिएंट है और हमारे शरीर को जरूरी मेटाबॉलिक प्रोसेस के संचालन के लिए ट्राइवेलेंट रूप में क्रोमियम के ट्रेस अमाउंट की जरूरत होती है। सभी गर्भवती महिलाओं को अपनी जरूरतों के अनुसार क्रोमियम की विभिन्न मात्राएं लेनी चाहिए। आइए देखते हैं, कि प्रेग्नेंट महिला को कितनी मात्रा में क्रोमियम लेना चाहिए। 

  • एक प्रेग्नेंट महिला को प्रतिदिन 30 माइक्रोग्राम क्रोमियम लेना चाहिए, पर यह खुराक हर गर्भवती महिला की आवश्यकता के अनुसार अलग हो सकती है।
  • 14 से 50 वर्ष की उम्र की सामान्य स्वास्थ्य की महिलाओं को लगभग 25 माइक्रोग्राम क्रोमियम हर दिन लेना चाहिए। 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर दिन 20 माइक्रोग्राम क्रोमियम लेना चाहिए।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हर दिन 45 माइक्रोग्राम क्रोमियम लेना चाहिए।
  • 0 से 6 महीने तक के नवजात शिशु के लिए 0.2 माइक्रोग्राम और 7 – 12 महीने के बच्चों को हर दिन 5.5 माइक्रोग्राम क्रोमियम की जरूरत होती है।

प्रेगनेंसी के दौरान क्रोमियम की कमी के खतरे

क्रोमियम डिफिशिएंसी का पता लगाने का कोई स्टैंडर्ड टेस्ट नहीं होता है। चूंकि क्रोमियम नियमित रूप से खाए जाने वाले कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, इसलिए इसे एक हेल्दी बैलेंस्ड डाइट के माध्यम से पाया जा सकता है।  गर्भवती महिलाएं अगर क्रोमियम से भरपूर हेल्दी खाना नहीं खाती हैं, तो उन्हें क्रोमियम डिफिशिएंसी का खतरा हो सकता है। गंभीर क्रोमियम डिफिशिएंसी केवल वैसे लोगों में देखा जाता है, जो हॉस्पिटल में भर्ती हों और नसों के द्वारा खाना उनके शरीर में पहुँचाया जा रहा हो। ऐसे मामलों में खराब ग्लूकोज टोलरेंस के कारण हाई ब्लड शुगर, वजन में कमी, कन्फ्यूजन और पेरीफेरल नर्वस सिस्टम की खराबी जैसे लक्षण देखे जाते हैं। 

क्रोमियम के फूड सोर्स

क्रोमियम कई तरह के खाने में पाया जाता है। यहां पर कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए गए हैं, जिनमें क्रोमियम होता है (माइक्रोग्राम में): 

  • 1 कप ग्रेप जूस – 8 माइक्रोग्राम
  • आधा कप ब्रोकली – 11 माइक्रोग्राम
  • 1 छोटा चम्मच सूखा लहसुन – 3 माइक्रोग्राम
  • 1 कप ऑरेंज जूस – 2 माइक्रोग्राम
  • 1 मध्यम आकार का केला -1 माइक्रोग्राम
  • 1 मध्यम आकार का सेब -1 माइक्रोग्राम
  • आधा कप ग्रीन बीन्स – 1 माइक्रोग्राम
  • 1 कप मसले हुए आलू – 3 माइक्रोग्राम
  • 28 ग्राम टर्की ब्रेस्ट – 2 माइक्रोग्राम
  • 2 स्लाइस होल व्हीट ब्रेड – 2 माइक्रोग्राम

क्या गर्भवती महिलाओं को क्रोमियम के सप्लीमेंट लेने चाहिए?

वैसे तो गर्भवती महिलाओं को सामान्य महिलाओं की तुलना में क्रोमियम डिफिशिएंसी का खतरा थोड़ा ज्यादा होता है, फिर भी गर्भावस्था के दौरान उन्हें क्रोमियम के सप्लीमेंट नहीं लेने चाहिए। इसकी जगह पर क्रोमियम के नेचुरल सोर्सेज का चुनाव किया जाना चाहिए। 

डाइटरी सप्लीमेंट में क्रोमियम की मौजूदगी क्रोमियम पिकॉलिनेट के रूप में होती है। ये ट्राइवेलेंट क्रोमियम होते हैं, जो पिकॉलिनिक एसिड के तीन मॉलिक्यूल्स से जुड़े होते हैं। खाने में पाए जाने वाले क्रोमियम की तुलना में क्रोमियम का यह रूप शरीर बेहतर तरीके से सोख पाता है। फिर भी प्रेगनेंसी के दौरान आपको अपने डॉक्टर से सलाह लिए बिना क्रोमियम पिकॉलिनेट नहीं लेना चाहिए। 

प्रेगनेंसी के दौरान क्रोमियम के ज्यादा सेवन के साइड इफेक्ट्स

गर्भावस्था के दौरान क्रोमियम के अत्यधिक सेवन से माँ और माँ के गर्भ में बच्चे, दोनों को नुकसान हो सकता है।  अधिक मात्रा में क्रोमियम लेने से होने वाले कुछ नुकसान नीचे दिए गए हैं: 

  • अर्रिदिमिया
  • बार-बार होने वाला सिरदर्द
  • किडनी और लिवर की खराबी
  • कैंसर
  • इनसोम्निया
  • अनियमित ब्लड शुगर स्तर
  • दूसरी दवाओं के साथ होने वाला रिएक्शन
  • एलर्जिक रिएक्शन

सावधानियां

प्रेगनेंसी के दौरान क्रोमियम लेने से पहले अपने ऑब्सटेट्रिशियन से परामर्श अवश्य लें, खासकर अगर आपको डायबिटीज है और आप इंसुलिन ले रही हैं तो। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अत्यधिक क्रोमियम से आपके ब्लड शुगर का लेवल असामान्य हो सकता है। 

क्रोमियम एक ट्रेस मिनरल है, जो कि गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है और सबसे बेहतर यही है, कि इसे डाइटरी सप्लीमेंट के रूप में लेने के बजाय, वैसे स्रोतों से लिया जाए, जिनमें यह प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। 

यह भी पढ़ें: 

गर्भावस्था के दौरान विटामिन सी का सेवन – महत्व और साइड इफेक्ट्स
प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन ‘ई’ लेना
प्रेगनेंसी के दौरान प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स लेना

पूजा ठाकुर

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

4 days ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

4 days ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

4 days ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

2 weeks ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

2 weeks ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago