In this Article
- गर्भावस्था के दौरान विटामिन ‘सी’ का सेवन करना क्यों जरूरी है?
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कितना विटामिन ‘सी’ लेना चाहिए?
- विटामिन ‘सी’ की कमी होने के संकेत
- विटामिन ‘सी’ से संबंधित खाद्य पदार्थ
- विटामिन ‘सी’ से संबंधित खाद्य पदार्थ मात्रा के साथ
- क्या गर्भावस्था के दौरान विटामिन ‘सी’ के सप्लीमेंट्स लेना सुरक्षित है?
- बहुत ज्यादा विटामिन ‘सी’ लेने के साइड इफेक्ट्स
विटामिन ‘सी’ शरीर के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह इम्यून सिस्टम और कनेक्टिव टिश्यू को बनाने में मदद करता है। जो लोग पर्याप्त मात्रा में विटामिन ‘सी’ युक्त खाद्य पदार्थ नहीं खाते हैं, उनका स्वास्थ्य खराब रहता है और उनके मसूड़ों में ब्लीडिंग होती है। गर्भवती महिलाओं में हॉर्मोन्स बढ़ने की वजह से उनका इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर होता है और बच्चे के विकास के लिए उनमें कोलेजन की जरूरत होती है। विटामिन ‘सी’ की मदद से गर्भवती महिलाओं का इम्यून सिस्टम मजबूत होने में मदद मिलती है।
गर्भावस्था के दौरान विटामिन ‘सी’ का सेवन करना क्यों जरूरी है?
गर्भावस्था एक महिला के शरीर में बहुत सारे बदलाव लाती है और इन बदलावों का सामना करना व गर्भ में पल रहे बच्चे को पर्याप्त न्यूट्रिशन देना बहुत जरूरी है। इस समय बच्चे को पोषण देने के लिए आपको विभिन्न प्रकार के विटामिन और मिनरल युक्त खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। गर्भावस्था के दौरान विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना अच्छा होता है। इसे एस्कॉर्बिक विटामिन भी कहते हैं और यह पानी में जल्दी घुलनेवाला विटामिन है। यह शरीर द्वारा उत्पन्न नहीं किया जाता है इसलिए पर्याप्त मात्रा में इसका सेवन करना जरूरी है। यह विटामिन कई सारे फल व सब्जियों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है।
- विटामिन ‘सी’ इम्यून सिस्टम को बढ़ाने से लेकर कैंसर की समस्या को कम करने में भी मदद करता है।
- यह सर्दी और फ्लू की समस्या को खत्म करने के लिए भी जाना जाता है।
- यह भोजन से आयरन और अन्य मिनरल को अब्सॉर्ब करने में भी मदद करता है।
- यह विटामिन मोतियाबिंद के खतरे को कम करता है।
- यह चोट ठीक होने की प्रक्रिया में सुधार करता है।
- गर्भावस्था में विटामिन सी की भूमिका मुख्य रूप से कोलेजन बनाने में होती है जो कनेक्टिव टिश्यू का एक प्राथमिक भाग है। यह बच्चे के अंगों के हेल्दी विकास और वृद्धि में भी मदद करता है।
- विटामिन सी और गर्भावस्था एक दूसरे के अनुरूप हैं क्योंकि यह त्वचा को स्वस्थ रखने, हड्डियों के उचित विकास और इन्फेक्शन से लड़ने के लिए बहुत जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कितना विटामिन ‘सी’ लेना चाहिए?
नियमित रूप से विटामिन सी लेना बहुत जरूरी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार एक महिला को रोजाना 65-75 मिलीग्राम विटामिन ‘सी’ रोजाना लेना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हर दिन लगभग 80-85 मिलीग्राम विटामिन सी लेना चाहिए। यदि महिला बच्चे को दूध पिलाती है तो उसे लगभग 115-120 मिलीग्राम विटामिन ‘सी’ रोजाना लेना चाहिए।
विटामिन ‘सी’ की कमी होने के संकेत
विटामिन ‘सी’ की कमी के लक्षण अस्पष्ट होते हैं। पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी-युक्त खाद्य पदार्थ न खाने से शरीर की चोट धीरे-धीरे ठीक होती है या मसूड़ों में ब्लीडिंग होती है। इसके अलावा एस्कॉर्बिक एसिड की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर रहता है, जोड़ों में सूजन रहती है और आसानी से चोट लग सकती है। हालांकि बहुत दुर्लभ और गंभीर रूप से विटामिन ‘सी’ की कमी होने से स्कर्वी की समस्या हो सकती है।
विटामिन ‘सी’ से संबंधित खाद्य पदार्थ
यहाँ पर बताए हुए खाद्य पदार्थ विटामिन ‘सी’ से भरपूर हैं, आइए जानें;
1. सब्जियां
टमाटर, शिमला मिर्च (लाल, पीली और हरी), पत्ता गोभी, शकरकंद, फूल गोभी में विटामिन ‘सी’ भरपूर मात्रा में होता है।
2. फल
विटामिन ‘सी’ से भरपूर कुछ प्रकार के फल हैं, संतरे, नींबू और कीनू। बेरी, सेब, अंगूर, खुबानी, तरबूज, आड़ू, स्ट्रॉबेरी और आम में भी विटामिन ‘सी’ भरपूर होता है। इसे आप फल के रूप में या जूस बनाकर ले सकती हैं।
3. जानवरों से मिलने वाला आहार
मीट, मछली और दूध में पर्याप्त एस्कॉर्बिक एसिड होता है। गाय के दूध में लगभग प्रति 97.1817 मिलीलीटर (100 ग्राम) में 2 मिलीग्राम विटामिन ‘सी’ होता है और ब्रेस्टमिल्क में लगभग प्रति 97.1817 मिलीलीटर (100 ग्राम) दूध में 4 मिलीग्राम विटामिन सी होता है।
4. लेमन-जिंजर
नींबू में 83 मिलीग्राम और अदरक में 7.7 मिलीग्राम विटामिन ‘सी’ होता है। यदि आप पर्याप्त मात्रा में लेमन जिंजर टी पीती हैं तो आपको काफी फायदे मिल सकते हैं।
5. हरी सब्जियां
ब्रोकोली, अजमोद, केल, शलजम का साग, पालक इत्यादि में भी विटामिन ‘सी’ काफी मात्रा में होता है।
विटामिन ‘सी’ से संबंधित खाद्य पदार्थ मात्रा के साथ
खाद्य पदार्थ | मात्रा | विटामिन ‘सी’ (मिलीग्राम) |
फल और सब्जियां | ||
सब्जियां | ||
कच्ची शिमला मिर्च (लाल, पीली), कटी हुई | 183 ग्राम (1.5 कप) | 101-144 |
शिमला मिर्च (लाल, हरी), पकी हुई | 200 ग्राम (1.5 कप) | 121-132 |
शिमला मिर्च, हरी, कच्ची | 183 ग्राम (1.5 कप) | 63 |
ब्रोकोली, पकी हुई | 188 ग्राम (1.5 कप) | 54 |
पत्ता गोभी, लाल, कच्ची | 192 ग्राम (1.5 कप) | 42 |
लाल अरहर की दाल, कच्ची | 100 ग्राम ( 3/4 कप) | 25 |
अजमोद के पत्ते, कच्चे, कटे हुए | 100 ग्राम (1 कप) | 62 |
ब्रोकोली, कच्ची, कटी हुई | 106 ग्राम (1.5 cup) | 42 |
स्नो पीज, पकी हुई | 200 ग्राम (1.5 कप) | 41 |
पत्ता गोभी कटी और पकी | 230 ग्राम (1.5 कप) | 30 |
फूल गोभी, कच्ची और पकी हुई | 128 ग्राम (1.5 कप) | 27-29 |
केल, कटा और पका हुआ | 178 ग्राम (1.5 कप) | 28 |
छिलके सहित आलू, पका और मैश किया हुआ | 170 ग्राम (1-1/3 कप, 1 या) | 14-31 |
बोक चोय (चायनीज गोभी), कटा और पका हुआ | 85 ग्राम (1/2 कप) | 23 |
छिलके सहित शकरकंद, पकी हुई | 120 ग्राम (1 या, 1 कप) | 22 |
हरी धनिया, कटी हुई | 100 ग्राम (1/2 कप) | 135 |
करेला, कटा हुआ | 150 ग्राम (1.5 कप) | 22 |
शलजम का साग, कटा और पका हुआ | 200 ग्राम (1.5 कप) | 21 |
स्नो पीज, कच्ची | 175 ग्राम (1.5 कप) | 20 |
ड्रमस्टिक्स के पत्ते, कच्चे, कटे हुए | 21 ग्राम (1 कप) | 44 |
टमाटर, कच्चे, कटे हुए | 120 ग्राम (1 या, 1 कप) | 14 |
टमाटर का सॉस, कैन | 300 ग्राम (1.5 कप) | 8 to 9 |
टमाटर, स्टू किया हुआ, डिब्बाबंद | 225 ग्राम (1.5 कप) | 11 to 12 |
फल | ||
अमरूद | 1 या, 90 ग्राम (3/4 कप) | 206 |
पपीता, पका और कटा हुआ | 100 ग्राम (3/4 कप) | 57 |
कीवी | 1 या, 50 ग्राम (1/3 कप) | 84 |
संतरे | 1 या, 130 ग्राम (1 कप) | 59-83 |
लीची | 10 या, 100 ग्राम, 3/4 कप | 69 |
स्ट्रॉबेरी, कटी हुई | 180 ग्राम (1.5 कप) | 52 |
अनानास, कटा हुआ | 220 ग्राम (1.5 कप) | 42-49 |
अंगूर, हरे या काले | 100 ग्राम ( 1 कप) | 1 |
आंवला | 100 ग्राम (3/4 कप) | 600 |
खरबूजा | 225 ग्राम (1.5 कप) | 31 |
आम | 300 ग्राम (1.5 या, 2.5 कप) | 38 |
एवोकाडो, कच्चा, क्यूब्स में कटा हुआ | 100 ग्राम (3/4 कप) | 10 |
चीकू, कच्चा, कटा हुआ | 100 ग्राम (1 & 1/4 कप) | 6 |
कीनू | 1 या, 130gm (1 कप) | 24 |
बेरी, (रास्पबेरी, ब्लूबेरी या ब्लैकबेरी) | 255 ग्राम (1.5 कप) | 14-17 |
जूस | ||
जूस (संतरे, ग्रेपफ्रूट, सेब, अनानास, अंगूर), विटामिन सी मिला हुआ | 325 मिलीलीटर (1.5 कप) | 23-66 |
फल और सब्जियों का कॉकटेल | 285 मिलीलीटर (1.5 कप) | 35-73 |
अनाज | इन खाद्य पदार्थों में इसकी मात्रा बहुत थोड़ी होती है | |
दूध और इससे बने पदार्थ | इन खाद्य पदार्थों में इसकी मात्रा बहुत थोड़ी होती है | |
मीट और इसके विकल्प | इन खाद्य पदार्थों में इसकी मात्रा बहुत थोड़ी होती है |
क्या गर्भावस्था के दौरान विटामिन ‘सी’ के सप्लीमेंट्स लेना सुरक्षित है?
गर्भावस्था के दौरान रोजाना आहार में विटामिन सी का सेवन करना सुरक्षित है और इससे आपके शरीर की जरूरतें पूरी हो सकती हैं। कुछ स्टडीज के अनुसार गर्भावस्था में अत्यधिक विटामिन ‘सी’ का सेवन करने से प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा होता है। इसलिए कोई भी सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
बहुत ज्यादा विटामिन ‘सी’ लेने के साइड इफेक्ट्स
चूंकि विटामिन सी पानी में जल्दी घुल जाता है इसलिए यह शरीर में स्टोर नहीं होता है और अन्य अतिरिक्त फ्लुइड के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है। फिर भी यह सलाह दी जाती है कि इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए (2000 मिलीग्राम से ज्यादा)। गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक मात्रा में विटामिन सी का सेवन करने से निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकते हैं, आइए जानें;
- डायरिया
- किडनी में स्टोन्स
- पेट में क्रैम्प आना
- गर्भवती महिलाओं में ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा होना
गर्भवती महिलाएं अक्सर पूछती हैं कि क्या गर्भावस्था के दौरान विटामिन सी का सेवन करने से मिसकैरेज हो सकता है? यद्यपि ऐसे बहुत सारे मामले हैं जिसमें महिलाओं का मिसकैरेज भी हुआ है पर इसका कोई भी साइंटिफिक प्रमाण नहीं है कि यह विटामिन ‘सी’ की वजह से हुआ है। गर्भावस्था एक ऐसा समय है जब महिलाओं को अपने शरीर की देखभाल करने की जरूरत होती है और इस समय पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिएंट का सेवन करने से उनकी कम इम्युनिटी जैसी समस्याएं भी खत्म हो सकती हैं।
कोलेजन बनाने के लिए विटामिन ‘सी’ की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है और यह बच्चे के हेल्दी विकास के लिए भी जरूरी है। विटामिन ‘सी’ का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने आहार में विटामिन ‘सी’ युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें।
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