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गर्भावस्था के दौरान, भ्रूण के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए कई परीक्षण किए जाते हैं। इस लेख में, हम आपको पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) परीक्षण और इसके महत्व के बारे में बताएंगे।
कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट क्या है?
पूर्ण रक्त गणना परीक्षण यानि सीबीसी परीक्षण, गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में किया जाता है ताकि माँ द्वारा विकसित किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को निर्धारित किया जा सके। यह परीक्षण हीमोग्लोबिन और हेमटोक्रिट के स्तर की निगरानी करता है, जो आपके शरीर में आयरन के स्तर को निर्धारित करने में मदद करता है और ये जानने में मदद करता है कि कहीं आप एनीमिया से प्रभावित तो नहीं हैं। यदि आपके रक्त में आयरन का स्तर कम है, तो आपको इसके लिए आयरन सप्लीमेंट्स दी जा सकती है। सीबीसी लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स की गिनती भी निर्धारित करता है।
क्या कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट करवाना आवश्यक है?
सीबीसी परीक्षण करवाना बहुत आवश्यक होता है, क्योंकि यह माँ बनने वाली महिलाओं में पाई जाने वाली बीमारियों या संक्रमण का निदान करने में मदद करता है। चूंकि ये परीक्षण तीन प्रकार की रक्त कोशिकाओं की गिनती करते हैं, इसलिए इसके माध्यम से माँ के स्वास्थ्य से जुड़ी एक सामान्य जानकारी भी प्राप्त किया जा सकता है।
यह रक्त परीक्षण क्या मापता है?
1. लाल रक्त कोशिकाएं (आर.बी.सी)
लाल रक्त कोशिकाएं और हीमोग्लोबिन का स्तर ये संकेत देता है कि भ्रूण को रक्त के माध्यम से कितना ऑक्सीजन मिल रहा है। कम हीमोग्लोबिन का स्तर गर्भवती महिलाओं में थकान का कारण बनता है और उनमें बिमारियों के जोखिम को भी बढ़ाता है। इस स्थिति को ठीक करने के लिए आयरन सप्लीमेंट निर्धारित किए जाते हैं।
2. श्वेत रक्त कोशिकाएं (डब्लू.बी.सी)
श्वेत रक्त कोशिकाएं मानव शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, खासकर गर्भावस्था के दौरान। डब्लू.बी.सी के पाँच प्रकार होते हैं – बेसोफिल, न्यूट्रोफिल, इस्नोफिल, लिम्फोसाइट्स और मोनोसाइट्स। ये सभी प्रतिरक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो माँ और बच्चे को किसी भी प्रकार के संक्रमण से मुक्त रखने में मदद करता है। इससे यह भी पता चलता है कि माँ को कहीं कोई रक्त संबंधी बीमारी तो नहीं है, जैसे सिकल सेल एनीमिया या ल्यूकेमिया आदि।
3. प्लेटलेट्स
प्लेटलेट्स रक्त कोशिकाओं के प्रकारों की तिकड़ी बनाते हैं और ये इन तीन प्रकारों में सबसे छोटे होते हैं। हालांकि, इसका महत्व बहुत ज्यादा है। प्लेटलेट्स के कारण ब्लड क्लॉटिंग होती है। यदि प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम होती है, तो इसका मतलब है कि ब्लड क्लॉट जल्दी नहीं होगा, जबकि संख्या अधिक होने का मतलब है कि माँ को अचानक आंतरिक ब्लड क्लॉट और रक्तस्राव होने की संभावना है।
4. हीमोग्लोबिन (एचबी / एचबीजी)
हीमोग्लोबिन आपके रक्त में मौजूद एक प्रोटीन होता है जो ऑक्सीजन को बनाए रखने में मदद करता है।
5. हेमेटोक्रिट (एचसीटी)
यह गणना करता है कि आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं कितने प्रतिशत हैं।
6. मीन कॉर्पस्कुलर वॉल्यूम (एमसीवी)
एमसीवी आपके लाल रक्त कोशिकाओं के औसत आकार को मापता है।
सीबीसी टेस्ट की तैयारी कैसे करें
यदि आपका परीक्षण केवल सीबीसी के लिए किया जा रहा है, तो आप इस परीक्षण से पहले सामान्य रूप से खा और पी सकती हैं। यदि इसका उपयोग अन्य परीक्षणों के लिए भी किया जाएगा, तो हो सकता है कि आपका डॉक्टर आपको परीक्षण से पहले कुछ न खाने–पीने के लिए कहें ।
सीबीसी टेस्ट कैसे किया जाता है
सीबीसी परीक्षण करवाने के लिए ज्यादा समय नहीं लगता है। एक नर्स द्वारा सुई की मदद से आपके हाथ से रक्त का नमूना लिया जाएगा। फिर इस सैंपल को जाँच के लिए पैथोलॉजी लैब में भेजा जाएगा। आप ब्लड सैंपल देने के बाद वापस घर जा सकती हैं।
सीबीसी टेस्ट परिणाम का क्या अर्थ है?
परीक्षण का परिणाम एक गर्भवती महिला में बीमारियों की शुरुआत का पता लगाने में मदद करते हैं।
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यदि डब्लू.बी.सी की संख्या कम है, तो आपको संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। सामान्य रेंज 4,500 से 10,000 कोशिकाएं प्रति माइक्रोलीटर होती है।
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यदि आर.बी.सी की संख्या कम है, तो आपको एनीमिया हो सकता है। पुरुषों के लिए सामान्य सीमा 4.5 मिलियन से 5.9 मिलियन कोशिकाएं प्रति माइक्रोलीटर है और महिलाओं के लिए, यह 4.1 मिलियन से 5.1 मिलियन कोशिकाएं प्रति माइक्रोलीटर होता है।
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पुरुषों के लिए हीमोग्लोबिन की सामान्य सीमा 14 से 17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होती है और महिलाओं के लिए, यह 12.3 से 15.3 ग्राम प्रति डेसीलीटर होती है।
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एचसीटी का कम स्तर आप में आयरन की कमी का संकेत हो सकता है।यदि ये उच्च होता है तो इसका मतलब है कि आप निर्जलित हो सकती हैं। पुरुषों के लिए सामान्य सीमा 41.5% से 50.4% के बीच होती है। महिलाओं के लिए ये सीमा 36.9% से 44.6% के बीच होती है।
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यदि आपका आरबीसी सामान्य से ज्यादा होता है, तो आपका एमसीवी ऊपर चला जाता है। ऐसा तब होता है, जब आप में विटामिन बी 12 या फोलेट का स्तर कम होता है। यदि आप में लाल रक्त कोशिकाएं कम पाई जाती हैं, तो आपको एनीमिया होने का खतरा बढ़ सकता है। एक सामान्य श्रेणी में एमसीवी का स्कोर 80 से 96 तक होता है।
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प्लेटलेट्स की सामान्य सीमा 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर होती है।
सीबीसी परीक्षण परिणाम का क्या अर्थ होता है?
यहाँ गर्भावस्था के पहले से तीसरे तिमाही तक सामान्य सीबीसी मान दिए गए हैं।
पहली तिमाही
इकाई |
गिनती |
|
एच.बी |
ग्राम प्रति डेसीलीटर |
11.0 – 14.3 |
आर.बी.सी |
प्रति माइक्रोलीटर |
3.52 – 4.52 |
एच.सी.टी |
प्रतिशत |
31 – 41 |
एम.सी.वी |
फेम्टोलीटर |
81 – 96 |
एम.सी.एच |
पिकोग्राम |
27 – 32 |
एम.सी.एच.सी |
ग्राम प्रति डेसीलीटर |
33 – 37 |
आर.ई.टी.आई.सी.एस |
आर.बी.सी का प्रतिशत |
0.2 – 2.0 |
पी.एल.टी |
* प्रति माइक्रोलीटर |
150 – 400 |
डब्लू.बी.सी |
* प्रति माइक्रोलीटर |
5000 – 13000 |
डिफरेंशियल ल्यूकोसाइटिक काउंट: |
ऐबसोल्युट प्रति माइक्रोलीटर |
प्रतिशत |
बी.ए.एस.ओ |
110 से कम |
0 – 1 |
ई.ओ.एस.आई.एन.ओ |
500 से कम |
1 – 6 |
एन.ई.यू.टी.आर |
1800 – 7500 |
40 – 70 |
एस.टी.ए.एफ.एफ |
0 – 5 |
|
एस.ई.जी.एम |
40 – 70 |
|
एल.वाई.एम.पी.एच |
1000 – 3500 |
20 – 45 |
एम.ओ.एन.ओ |
80 – 880 |
2 – 8 |
दूसरी तिमाही
इकाई |
गिनती |
|
एच.बी |
ग्राम प्रति डेसीलीटर |
10.0 – 13.7 |
आर.बी.सी |
प्रति माइक्रोलीटर |
3.2-4.41 |
एच.सी.टी |
प्रतिशत |
30-38 |
एम.सी.वी |
फेम्टोलीटर |
82-97 |
एम.सी.एच |
पिकोग्राम |
27-32 |
एम.सी.एच.सी |
ग्राम प्रति डेसीलीटर |
33-37 |
आर.ई.टी.आई.सी.एस |
आर.बी.सी का प्रतिशत |
0.2 -2.0 |
पी.एल.टी |
* प्रति माइक्रोलीटर |
150-400 |
डब्लू.बी.सी |
* प्रति माइक्रोलीटर |
6200-14800 |
डिफरेंशियल ल्यूकोसाइटिक काउंट: |
ऐबसोल्युट प्रति माइक्रोलीटर |
प्रतिशत |
बी.ए.एस.ओ |
110 से कम |
0-1 |
ई.ओ.एस.आई.एन.ओ |
600 से कम |
1-6 |
एन.ई.यू.टी.आर |
2000-8000 |
40-70 |
एस.टी.ए.एफ.एफ |
0-5 |
|
एस.ई.जी.एम |
40-70 |
|
एल.वाई.एम.पी.एच |
1500-4000 |
20-45 |
एम.ओ.एन.ओं |
80-880 |
2-8 |
तीसरी तिमाही
इकाई |
गिनती |
|
एच.बी |
ग्राम प्रति डेसीलीटर |
9.8 – 13.7 |
आर.बी.सी |
प्रति माइक्रोलीटर |
3.1 – 4.44 |
एच.सी.टी |
प्रतिशत |
28 – 39 |
एम.सी.वी |
फेम्टोलीटर |
91 – 99 |
एम.सी.एच |
पिकोग्राम |
27 – 32 |
एम.सी.एच.सी |
ग्राम प्रति डेसीलीटर |
33 – 37 |
आर.ई.टी.आई.सी.एस |
आर.बी.सी का प्रतिशत |
0.2 – 2.0 |
पी.एल.टी |
* प्रति माइक्रोलीटर |
150 – 450 |
डब्लू.बी.सी |
* प्रति माइक्रोलीटर |
5000 – 13000 |
डिफरेंशियल ल्यूकोसाइटिक काउंट: |
ऐबसोल्युट प्रति माइक्रोलीटर |
प्रतिशत |
बी.ए.एस.ओ |
110 से कम |
0 – 1 |
ई.ओ.एस.आई.एन.ओ |
600 से कम |
1 – 6 |
एन.ई.यू.टी.आर |
2000 – 8000 |
40 – 70 |
एस.टी.ए.एफ.एफ |
0 – 5 |
|
एस.ई.जी.एम |
40 – 70 |
|
एल.वाई.एम.पी.एच |
1500 – 4000 |
20 – 45 |
एम.ओ.एन.ओं |
80 – 880 |
2 – 8 |
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया है, माँ के समग्र स्वास्थ्य का ठीक से पता लगाने और उसके शरीर में किसी संक्रमण की उपस्थिति का पता लगाने के लिए सीबीसी परीक्षण करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस प्रकार, सीबीसी परीक्षण की मदद से माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य की रक्षा करना संभव हो जाता है।