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एक नई जिंदगी को जन्म देना कोई आसान काम नहीं है। यदि आप गर्भवती हैं, तो आपको अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को सही पोषण प्रदान करने के लिए अपने खाने पीने का खास ध्यान रखना होगा । शिशु के विकास और गर्भावस्था के दौरान आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त करना बेहद जरूरी है। दूध उन सभी आवश्यक पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है जिनकी आपको गर्भावस्था के दौरान आवश्यकता पड़ती है। इस समय आपको फल, सब्जियां, अनाज आदि के अलावा अपने आहार में रोजाना एक गिलास दूध शामिल करना चाहिए। दूध पीने के फायदे जानने के लिए लेख पढ़ना जारी रखें!
गर्भावस्था के दौरान आहार में दूध और अन्य दुग्ध उत्पादों को शामिल करने के बारे में लोगों की मिली जुली राय है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान दूध आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह आपको विभिन्न पोषक तत्व प्रदान करता है, जो आपके बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक होता है। तो, आइए जानते हैं कि आपको अपने आहार में इस पौष्टिक पेय को क्यों शामिल करना चाहिए।
जब विभिन्न प्रकार के दूध संसाधित किए जाते हैं, तो उनमें वसा और कैलोरी की मात्रा अलग-अलग होती है। गर्भावस्था के दौरान महिला का आहार और उसकी शारीरिक अवस्था यह निर्धारित करती है कि उनके लिए किस प्रकार का दूध फायदेमंद होगा। यहाँ दूध के कुछ प्रकार दिए गए हैं जिनमें से आप चुन सकती हैं:
मलाईयुक्त दूध में अतिरिक्त वसा और पोषक तत्व होते हैं जो स्किमिंग प्रक्रिया में निकल जाते हैं । एक कप मलाईयुक्त दूध में लगभग 5 ग्राम संतृप्त वसा और 149 कैलोरी मौजूद होती है। यदि आपका वजन बहुत ज्यादा नहीं हैं, तो यह विकल्प आपके लिए बहुत अच्छा है और आप बिना किसी चिंता के मलाईयुक्त दूध का आनंद ले सकती हैं।
पाश्चुरीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें दूध को स्टोर करने पर उसे खराब करने के लिए जिम्मेदार रोगाणुओं और एंजाइमों को नष्ट करने के लिए दूध को उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है। चाहे आप मलाई रहित या मलाईयुक्त दूध चुनें, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपको या आपके बच्चे को किसी भी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए उसे ठीक से पाश्चुरीकृत किया गया हो।यदि आप ठंडा दूध पीना पसंद करती हैं, तो इसे पीने से पहले पाश्चुरीकृत कर लें और फिर इसे ठंडा कर के पिएं ।
कच्चा दूध मूल रूप से बिना पाश्चुरीकृत किया हुआ होता है। इसमें संक्रामक रोगजनक, अनावश्यक एंजाइम और गाय की पस सेल्स पाई जाती हैं। यदि आपके पास एकमात्र कच्चा दूध का विकल्प है, तो सुनिश्चित करें कि इसे उबालकर ही ठंडा या गर्म इसका सेवन करें।
जब गर्भवती महिलाओं के आहार में दूध शामिल करने की बात आती है तो जाहिर है कि न तो सभी महिलाएं एक ही प्रकार के दूध का सेवन करना पसंद करती हैं और न ही सभी को एक समान पोषण की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, शाकाहारी महिलाएं गैर-डेयरी और पौधों से प्राप्त दूध पसंद करती हैं और वहीं कुछ महिलाएं केवल स्वाद के आधार पर दूध चुनती हैं। यहाँ पोषण संबंधी तथ्यों के साथ दूध के कुछ प्रकार बताए गए हैं – आप अपनी पसंद के अनुसार इसे चुन सकती हैं।
गाय का दूध बहुतायत में उपलब्ध है और बहुत से लोग इसका सेवन करते हैं। यह कच्चे, मलाई रहित, मलाईयुक्त, और विभिन्न प्रकार के स्वादों में आता है।
पोषक तत्व: गाय का दूध कैल्शियम और विटामिन ए, डी और ई से भरपूर होता है। दूध में मौजूद प्रोटीन और अमीनो एसिड माँ और भ्रूण दोनों में कोशिका निर्माण के लिए जरूरी होता है। विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण के लिए जरूरी होता है और गर्भावधि मधुमेह से बचाता है। विटामिन ए इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है और आँखों की रोशनी को बनाए रखने में भी मदद करता है। विटामिन ई में एन्टीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपकी बीमारियों से रक्षा करते हैं। एक गिलास गाय का दूध आपको लगभग 285 मिलीग्राम कैल्शियम प्रदान करता है।
हालांकि बकरी का दूध इतना लोकप्रिय विकल्प नहीं है, लेकिन यह अत्यधिक पौष्टिक होता है। इसका स्वाद थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन अगर आप अधिक मात्रा के बजाए गुणवत्ता को चुनती हैं तो इसका सेवन करना बहुत लाभदायक होता है । यह ताजा दूध, यूएचटी (अल्ट्रा हाई टेम्परेचर प्रोसेस्ड) के रूप में उपलब्ध होता है, जिसे कीटाणुओं से मुक्त करने के लिए 135 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गर्म किया जाता है।I
पोषक तत्व: बकरी के दूध में गाय के दूध की तुलना में ज्यादा प्रोटीन, विटामिन बी2 और बटरफैट ग्लोब्यूल्स होता है। बकरी के दूध में मौजूद स्वस्थ वसा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, मेटाबोलिज्म प्रक्रिया को तेज करने और बेहतर पाचन में भी सहायता करता है। दूध में पाए जाने वाले विटामिन ए को शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिया जाता है। एक गिलास बकरी के दूध में लगभग 283 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
सोया दूध बनाने के लिए, सोयाबीन को पीस कर पानी में भिगो दें। इसमें गाय के दूध के समान प्रोटीन होता है और यह विभिन्न स्वादों, फाइबर और कैल्शियम से समृद्ध अलग-अलग किस्मों में उपलब्ध होता है।
पोषक तत्व: सोया दूध आपको पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम प्रदान करता है जो माँ और बच्चे दोनों के लिए जरूरी होता है। यह स्वस्थ वसा भी प्रदान करता है जो कोलेस्ट्रॉल-मुक्त होने के साथ हृदय के लिए फायदेमंद भी होता है। सोया दूध एंटीऑक्सिडेंट से भी समृद्ध होता है, जो कैंसर से लड़ता है और इम्युनिटी को बढ़ाता है। सोया दूध का एक गिलास आपको लगभग 300 मिलीग्राम कैल्शियम प्रदान करता है।
इसे बादाम के दूध के रूप में जाना जाता है, बादाम को पीसकर इसमें पानी मिलाकर इसका दूध तैयार किया जाता है। यह उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है जिन्हें ग्लूटेन और सोया से एलर्जी है।
पोषक तत्व: बादाम का दूध फोलिक एसिड, विटामिन बी, विटामिन ई, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें कैलोरी, संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। एक गिलास बिना फोर्टिफाइड बादाम के दूध में 7.5 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है।
ओट्स का दूध भरपूर फाइबर और कम कैलोरी वाला होता है। यह कब्ज में राहत प्रदान करता है और अत्यधिक भोजन खाने की चाह को नियंत्रित करता है और रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
पोषक तत्व: ओट्स दूध विटामिन ए और बी से भरपूर होता है और इसमें पोटैशियम, फास्फोरस और मैंगनीज जैसे खनिज भी मौजूद होते हैं। इसमें बादाम और चावल के दूध (पीसे हुए चावल के साथ पानी मिलाकर दूध तैयार करना) की तुलना में अधिक, लेकिन गाय के दूध की तुलना में कम प्रोटीन होता है। इसमें कैल्शियम अच्छी मात्रा में मौजूद होता है, जो प्रति ग्लास 120 मिलीग्राम होता है।
दूध पाउडर प्राकृतिक पाश्चुरीकृत दूध से बनाया जाता है। इसमें गाय के दूध के समान ही पोषक तत्व होते हैं।
ये विभिन्न प्रकार के दूध होते हैं। ऐसा माना जाता है कि गर्भवती महिला के लिए केसर वाला दूध पीना बहुत फायदेमंद होता है। यदि आप गर्भावस्था के दौरान केसर का दूध पीना चाहती हैं, तो आप किसी भी दूध के साथ थोड़ा केसर मिलाकर इसका सेवन कर सकती हैं। केसर का दूध रक्तचाप, मूडस्विंग और पाचन क्रिया में सुधार करता है।
यदि आप गर्भावस्था के दौरान कच्चा या बिना पाश्चुरीकृत दूध पीती हैं, तो यह आपके और आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। इसीलिए हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान आपको दूध का सेवन कैसे करना चाहिए –
दूध पीना गर्भावस्था में लाभकारी है, लेकिन दूध या अन्य दुग्ध उत्पादों का सेवन करते समय कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।
दही जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन दोपहर के नाश्ते में करें। भरपूर नाश्ते के लिए एक कटोरी सीरियल के साथ दूध का सेवन करें। आप सैंडविच या सलाद के साथ कम वसा वाले चीज़ का सेवन कर सकती हैं ।
बिना पाश्चुरीकृत किया हुआ दूध और इससे बने दुग्ध उत्पादों का सेवन करने से बचें।
गर्भावस्था के दौरान बहुत अधिक दूध पीने से पेट में गैस और अपच की समस्या हो सकती है। इसलिए आपको दूध या दुग्ध उत्पादों का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन तीन कप दूध का सेवन आपमें सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकता है। लेकिन, यदि आप गाय के दूध के अलावा अन्य प्रकार का दूध पी रही हैं, तो उसके पोषक तत्वों का स्तर और गाय से मिलने वाले पोषक तत्व की मात्रा भिन्न हो सकती है।
यह एक मिथक है। दूध पीने या केसर वाला दूध पीने से आपके बच्चे के रंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता । रंग पूरी तरह से माता-पिता से विरासत में मिले वंशानुगत गुणों पर निर्भर करता है।
गर्भावस्था के दौरान दिन में एक कप से कम दूध का सेवन करने वाली गर्भवती महिलाओं के बच्चे का आकार एक कप से अधिक का सेवन करने वाली महिलाओं के बच्चों की तुलना में छोटा हो सकता है, जिन महिलाओं में दूध का सेवन न करने की वजह से कैल्शियम की कमी होती है, उन्हें गर्भावस्था के दौरान हड्डियों के क्षरण का अनुभव होता है क्योंकि भ्रूण विकास के लिए माँ से कैल्शियम को अवशोषित करता है।
भोजन के तुरंत बाद दूध न पिएं। नींद की बेहतर गुणवत्ता और रात में इष्टतम रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए सोने से पहले आप शहद के साथ गुनगुना दूध पी सकती हैं।
आप जिस भी प्रकार के दूध का सेवन करें, उसकी मात्रा सही होनी चाहिए जिससे कि आप अपने बच्चे को उसके स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व प्रदान कर सकें।
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