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गर्भावस्था के दौरान माँ और बच्चे का स्वस्थ रहना सबसे जरूरी होता है। किडनी यानी गुर्दों में सूजन जिसे हाइड्रोनफ्रोसिस कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो किसी के लिए भी तकलीफदेह हो सकती है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और गर्भवती महिलाओं में भी देखने को मिलती है। दरअसल हाइड्रोनेफ्रोसिस गर्भावस्था में बहुत आम है, लेकिन आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसे समय पर पहचाना और नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आप गर्भवती हैं, तो यह लेख आपको जानकारी देगा कि हाइड्रोनेफ्रोसिस आपकी गर्भावस्था को कैसे प्रभावित कर सकता है और आप इसे रोकने के लिए कौन से उपाय अपना सकती हैं।
हाइड्रोनेफ्रोसिस कोई बीमारी नहीं बल्कि एक स्थिति है। इस समस्या में एक या दोनों किडनी में सूजन आ जाती है क्योंकि उन पर दबाव पड़ता है और उनमें से पेशाब बाहर नहीं निकल पाता है। यह स्थिति गर्भाशय (यूटरस) के मूत्राशय (ब्लैडर) पर दबाव डालने की वजह से होती है। जब मूत्राशय पर दबाव पड़ता है, तो पेशाब बाहर नहीं निकल पाता और वापस गुर्दों में जाने लगता है, जिससे वे सूज जाते हैं। इस समस्या के साथ अक्सर दर्द भी होता है और यह दोनों या किसी एक गुर्दे को प्रभावित कर सकता है।
गर्भवती महिलाओं में हाइड्रोनेफ्रोसिस की समस्या अधिकतर दूसरी तिमाही में देखी जाती है, खासकर 26वें से 28वें हफ्ते के बीच। गर्भावस्था में यह समस्या आमतौर पर प्रसव के बाद अपने आप ठीक हो जाती है, ज्यादातर मामलों में 6 हफ्तों के अंदर। हालांकि, कुछ मामलों में यह अधिक समय तक बनी रह सकती है और ऐसे में डॉक्टर से इलाज कराना जरूरी होता है।
जब गर्भ में बच्चे की मौजूदगी के कारण हाइड्रोनेफ्रोसिस की स्थिति उत्पन्न होती है, तो इसे मातृ या गर्भकालीन हाइड्रोनेफ्रोसिस कहा जाता है। इस स्थिति में, गर्भावस्था के दौरान किडनी में सामान्य से अधिक फैलाव हो जाता है, जिसे रेनल कैलाइसेस का फैलाव कहते हैं। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते, पर गुर्दों में सूजन आ सकती है। इसके अलावा, गर्भावस्था में हाइड्रोनेफ्रोसिस के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिन्हें समझने के लिए नीचे जानकारी दी गई है।
गर्भावस्था में हाइड्रोनेफ्रोसिस होने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
हाइड्रोनेफ्रोसिस के ज्यादा लक्षण नहीं होते, लेकिन अगर आपको यह समस्या होती है, तो कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। अगर आप गर्भवती हैं, तो इस स्थिति के होने की संभावना अधिक होती है। यदि आप नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
हाइड्रोनेफ्रोसिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ तरीके अपनाते हैं, जो यह समझने में मदद करते हैं कि मूत्र प्रणाली में कोई समस्या तो नहीं है।
हाइड्रोनेफ्रोसिस से जुड़े कुछ जोखिम होते हैं, जिन्हें जानना जरूरी है। अगर किडनी पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, तो वे फट भी सकती है, जिसे स्पॉन्टेनियस रीनल रप्चर कहते हैं। अगर पहले से ही गुर्दों में कोई समस्या रही हो, तो उनके फटने का खतरा और बढ़ जाता है।
इस स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर सकते हैं। इसलिए, नियमित जांच करवाना जरूरी है ताकि किडनी और मूत्र प्रणाली का स्वास्थ्य सही बना रहे। डॉक्टर आपके लिए एक ऐसा इलाज का तरीका बना सकते हैं जो उन पर दबाव को कम करने में मदद करेगा।
गर्भावस्था में हाइड्रोनेफ्रोसिस का इलाज सावधानी से कई चरणों में किया जाता है।
अफसोस की बात है कि किडनी से जुड़ी ज्यादातर बीमारियों के लक्षण नहीं होते। गर्भावस्था में हाइड्रोनेफ्रोसिस से बचने के लिए, सबसे अच्छा तरीका है नियमित जांच करवाना। अपने गुर्दों की जांच समय-समय पर करवाएं, साथ ही पेशाब और खून की जांच भी कराएं ताकि संक्रमण का पता चल सके।
अपने डॉक्टर से अपनी सारी स्वास्थ्य जानकारी साझा करें, खासकर अगर पहले आपको किडनी से जुड़ी कोई समस्या रही हो। डॉक्टर से नियमित रूप से संपर्क में रहें और वे आपकी दोनों किडनी के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे, खासकर हल्के हाइड्रोनेफ्रोसिस के संकेतों को पहचानने में मदद करेंगे।
अगर गर्भावस्था में हाइड्रोनेफ्रोसिस के लक्षण दिखाई दें, जैसे कि पैरों में सूजन के साथ उल्टी, बुखार या पेशाब में खून, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपकी सही जांच करवा सकते हैं ताकि किसी भी छुपी हुई समस्या का पता चल सके।
गर्भावस्था में हाइड्रोनेफ्रोसिस आमतौर पर दाहिनी तरफ ज्यादा होता है। इसका कारण है कि ज्यादातर गर्भाशय में बच्चा बाएं की बजाय दाहिनी ओर होता है और इससे अतिरिक्त दबाव दाहिनी किडनी पर पड़ता है।
गंभीर मामलों में, हाइड्रोनेफ्रोसिस के कारण पेशाब मूत्र नलिका में जमा हो सकता है, जिससे गर्भ में एमनियोटिक द्रव का स्तर कम हो सकता है। यह बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, अगर आप कोई असामान्य लक्षण महसूस करें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
गर्भावस्था में हाइड्रोनेफ्रोसिस एक दर्दनाक स्थिति हो सकती है क्योंकि इससे किडनी पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। इसके लक्षण परेशानी पैदा कर सकते हैं। याद रखें, ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान यह समस्या होती है, इसलिए ऊपर दिए गए लक्षणों पर नजर रखें और इन्हें नजरअंदाज न करें। अगर आपको बुखार, पेशाब में खून या पेट और पीठ में तेज दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मदद लें।
References/Resources:
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