गर्भावस्था के दौरान सूर्य नमस्कार करना – फायदे और सावधानियां

गर्भावस्था के दौरान सूर्य नमस्कार करना

गर्भावस्था के दौरान फिट और हेल्दी रहने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप योग करें। सूर्य नमस्कार के सभी आसन योग का ही एक भाग हैं जो शारीरिक व्यायाम के लिए बहुत अच्छे हैं। यह एक्सरसाइज ब्लड सर्कुलेशन और विभिन्न जोड़ों व मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। इसलिए गर्भावस्था में भी फिट रहने का यह एक अच्छा तरीका है। इस आर्टिकल में हमने गर्भावस्था के दौरान सूर्य नमस्कार करने के फायदे और सावधानियों के बारे में चर्चा की है। यदि आप भी जानना चाहती हैं तो यह लेख पूरा पढ़ें। 

क्या गर्भावस्था में सूर्य नमस्कार करना सुरक्षित है? 

सबसे पहली चीज आती है कि क्या गर्भावस्था के दौरान महिलाएं सूर्य नमस्कार कर सकती हैं? इसका जवाब है, हाँ, गर्भावस्था में आप सूर्य नमस्कार का अभ्यास भी आराम से कर सकती हैं। सूर्य नमस्कार एक बेहतरीन एक्सरसाइज है और इससे शरीर की सभी मांसपेशियों को एक्टिव होने में मदद मिलती है। यह एक्सरसाइज सिर्फ आपके शरीर के लिए ही अच्छी नहीं है बल्कि यह आपके इमोशनल हेल्थ को भी ठीक रखने में मदद रखती है। आप गर्भावस्था की पहली तिमाही से ही सूर्य नमस्कार का अभ्यास करना शुरू कर सकती हैं। हालांकि गर्भावस्था के दौरान सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले इस बारे में एक बार डॉक्टर से चर्चा जरूर करें। 

सूर्य नमस्कार करने के फायदे 

गर्भावस्था के दौरान सूर्य नमस्कार करने के कुछ फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

1. एनर्जी मिलती है 

गर्भावस्था के दौरान आपको बहुत ज्यादा थकान और सुस्ती महसूस हो सकती है और ये सब आपके शरीर में हो रहे बदलावों की वजह से होता है। नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से शरीर में खोई हुई एनर्जी वापस आने में मदद मिलती है। 

2. शरीर को अनुकूल बनाता है  

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर व भावनाओं में बहुत सारे बदलाव होते रहते हैं। सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से शरीर को गर्भावस्था में हो रहे बदलावों के अनुकूल बनने में मदद मिलती है। 

3. मूड स्विंग्स कम होते हैं 

इस दौरान आपको दिन भर में बहुत मूड स्विंग्स होते हैं। एक पल में आप खुश होंगी तो दूसरे ही पल में आप दुखी हो जाएंगी। गर्भावस्था में ऐसा होना एक आम बात है। हालांकि सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से मूड स्विंग्स कम होने में भी मदद मिलती है। 

4. मॉर्निंग सिकनेस में सुधार होता है 

गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है और यदि आप नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास करती हैं तो आपकी यह समस्या भी कम हो सकती है। 

5. बच्चे तक ऑक्सीजन पहुँचने में मदद मिलती है 

सूर्य नमस्कार करते समय गहरी सांस ली और छोड़ी जाती है। सांस लेने की इस प्रक्रिया से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और इससे बच्चे तक ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन पहुँचने में मदद मिलती है। 

6. स्ट्रेस नियंत्रित रहता है 

गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन्स में असंतुलन होने के कारण महिला के दिमाग में कई सारे भाव उत्पन्न होते हैं और इससे गर्भवती महिला को मानसिक स्ट्रेस होता है। सूर्य नमस्कार एक प्रभावी तरीका है जिसकी मदद से गर्भावस्था से संबंधित स्ट्रेस खत्म हो सकता है। 

7. लेबर में मदद मिलती है 

गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से लेबर में भी बहुत फायदे मिलते हैं। यदि आप अपनी पूरी गर्भावस्था में नियमित रूप से इसका अभ्यास करती हैं तो लेबर के दौरान होने वाला दर्द काफी हद तक कम हो जाता है। 

8. पैरों के क्रैंप और पीठ दर्द में मदद मिलती है 

सूर्य नमस्कार करने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। गर्भावस्था के दौरान पीठ में दर्द होना और पैर में क्रैंप आना बहुत आम है। हालांकि यदि आप रोजाना नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने का अभ्यास करती हैं तो गर्भावस्था में आपकी पीठ में दर्द होने व पैरों में क्रैंप आने की संभावनाएं कम हो सकती हैं। 

9. हाइपरटेंशन को कम करने में मदद मिलती है 

हाइपरटेंशन की वजह से गर्भावस्था के दौरान गंभीर कॉम्प्लीकेशंस हो सकती हैं और नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से यह समस्या होने की संभावनाएं भी कम हो सकती हैं। 

10. गर्भावस्था में सही वजन बनाए रखने में मदद मिलती है 

गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से हेल्दी वजन को बनाए रखने में मदद मिलती है और इसलिए यह आपके वजन से संबंधित समस्याओं को खत्म करता है। गर्भावस्था में सही वजन बनाए रखने में मदद मिलती है 

11. पूर्ण स्वास्थ्य ठीक रहता है 

गर्भावस्था में यह एक्सरसाइज करने से शारीरिक और मानसिक स्तर पर मदद मिलती है और यह एक गर्भवती महिला की पूरी सेहत के लिए भी लाभदायक है। 

गर्भवती महिलाओं के लिए मॉडिफाइड सूर्य नमस्कार 

सूर्य नमस्कार में कुछ आसन किए जाते हैं। हालांकि, गर्भावस्था के बढ़ने के साथ या पेट बढ़ने की वजह से इसके कुछ आसन करने से आपको नुकसान भी हो सकता है। इसलिए यहाँ पर हमने गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष मॉडिफाइड सूर्य नमस्कार करने के तरीका बताया हुआ है जिसे आप गर्भावस्था के बाद के दिनों में भी कर सकती हैं। वह तरीका क्या है, आइए जानें;

  • सबसे पहले आप अपने दोनों पैरों को थोड़ा सा फैलाकर ताड़ासन में खड़ी हो जाएं। 
  • सांस लें, अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ फैलाते हुए उत्थित हस्तासन में आएं।  
  • सांस छोड़ें, फिर आप कमर से नीचे की ओर झुककर पैर मोड़ते हुए उत्तानासन में आएं।
  • सांस लें, अपने हाथों को पैरों की ओर ले जाएं व चेस्ट को आगे करते हुए योगा मैट के अगले हिस्से को देखें। इस प्रकार से आप अर्ध उत्तानासन में आएं।  
  • सांस छोड़ें, आप आगे की ओर देखते हुए डॉग पोजीशन में आएं। 
  • सांस लें/सांस छोड़ें, अपनी कलाई तक कंधों लाते हुए और मुड़े हुए घुटनों के साथ मॉडिफाइड प्लैंक की पोजीशन में आएं। 
  • सांस लें, अपने घुटनों से निचले हिस्से को झुकाएं और हाथों को पीछे ले जाते हुए पीठ से आर्क बनाने का प्रयास करें। 
  • सांस छोड़ें, अपने पैर की उंगलियों को अंदर की ओर लाएं और हाथों को आगे बढ़ाते हुए पेल्विक को हल्का ऊपर उठाकर डॉग पोजीशन में आएं। 
  • सांस लें, आप रीढ़ के साथ अपने घुटनों को सीधा रखें और एक हाथ को पैरों की ओर ले जाते हुए अर्ध उत्तानासन पोजीशन में आएं। 
  • सांस छोड़ें, पीठ से पूरा मुड़ते हुए हाथों को नीचे की ओर लाएं और उत्तानासन पोजीशन बना लें। 
  • सांस लें, घुटनों को थोड़ा सा मोड़ते हुए आप खुद को लिफ्ट करें और हाथ आगे की ओर फैलाएं। 
  • सांस छोड़ें, अंत में आप ताड़ासन में वापस आते हुए अपने एक हाथ को दिल के पास रखें और दूसरे हाथ को पेट पर रखें। 

यदि आपको शांति व आराम मिलता है और आप सामान्य रूप से सांस ले पा रही हैं तो आप इस मॉडिफाइड सूर्य नमस्कार को फिर से दोहरा सकती हैं। हालांकि यह सलाह दी जाती है कि यदि आपको किसी भी समय असुविधा या कोई भी समस्या महसूस होती है तो यह एक्सरसाइज करना तुरंत बंद कर दें। 

सूर्य नमस्कार करते समय कुछ सावधानियां बरतें 

गर्भावस्था के दौरान सूर्य नमस्कार करते समय निम्नलिखित कुछ बातों पर ध्यान दें, वे इस प्रकार हैं;

1. प्रोफेशनल की मदद लें 

एक गर्भवती महिला को सूर्य नमस्कार करने से बहुत सारे फायदे होते हैं पर गर्भावस्था के दौरान इसे करने का सही तरीका जानने के लिए आपको एक्सपर्ट की मदद जरूर लेनी चाहिए। यदि आप इसे सही तरीके से नहीं करती हैं तो आपको इसके फायदे नहीं मिलेंगे और साथ ही इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि भी हो सकती है। 

2. रोजाना करें 

सूर्य नमस्कार करने से आपको फायदे तभी मिल सकते हैं जब आप इसका अभ्यास नियमित करती हैं। गर्भावस्था के दौरान बिना सोचे समझे या कभी-कभार इसका अभ्यास करने से आपको कोई भी फायदा नहीं होगा। 

3. शवासन का अभ्यास करें 

सूर्य नमस्कार करने के बाद आपको अंत में शवासन भी करना चाहिए, इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। यदि आप सूर्य नमस्कार करते समय थोड़ी देर के लिए आराम करना चाहती हैं तो भी आप इस आसन को कर सकती हैं। शवासन का अभ्यास करें 

4. सभी आसन आराम से करें 

यह जरूरी है कि आप सूर्य नमस्कार के सभी आसन आराम से और सोच-समझ कर करें। यदि आपको कोई भी असुविधा या दर्द होता है तो आप इसका अभ्यास न करें या इसे करने के लिए खुद के साथ जबरदस्ती न करें। 

5. कॉम्प्लिकेशन होने पर सूर्य नमस्कार न करें 

यदि आपकी गर्भावस्था में किसी भी प्रकार की कॉम्प्लीकेशंस हैं तो यह सलाह दी जाती है कि आप डॉक्टर से चर्चा किए बिना कोई भी एक्सरसाइज न करें और अपने शरीर को तनाव न दें। किसी भी कॉम्प्लिकेशन से आपको खतरा हो सकता है और इस दौरान सूर्य नमस्कार करने से आपकी कॉम्प्लीकेशंस बढ़ सकती हैं। 

6. डॉक्टर से मिलें 

आप भले ही पूरी तरह से हेल्दी और फिट हों पर डॉक्टर की सलाह के बिना आपको सूर्य नमस्कार का अभ्यास शुरू नहीं करना चाहिए। हर गर्भावस्था अलग होती है और हो सकता है जो आपके लिए सही है, वो अन्य महिलाओं के लिए सही न हो। इसलिए डॉक्टर ही आपको सही जानकारी दे सकते हैं कि गर्भावस्था में आप सूर्य नमस्कार का अभ्यास सुरक्षित रूप से कर सकती हैं या नहीं। 

गर्भावस्था के दौरान यह योग की यह एक्सरसाइज करने के कुछ फायदे और टिप्स ऊपर बताए गए हैं। हालांकि इसके सभी आसन सही तरीके से करना बहुत जरूरी है और यह शुरू करने से पहले आप एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। 

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