क्या आप दूसरी बार गर्भवती हैं और आपके पास पहले से ही एक टॉडलर है? इस समय पहले बच्चे को संभालने के लिए आपको बहुत कुछ करना पड़ सकता है पर कुछ गाइडेंस और टिप्स की मदद से आप गर्भवती होने के साथ टॉडलर को भी संभाल सकती हैं।
दूसरी गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन्स में बदलाव होने की वजह से आपको थकान, कमजोरी होगी और यह आपके लिए बहुत ज्यादा हो सकता है। इसके साथ-साथ पहले से ही एक या दो साल के बच्चे की माँ होने का मतलब है कि आपकी थकान बहुत ज्यादा बढ़ सकती है। आप जानती हैं कि टॉडलर शांत नहीं रहेगा और उसमें बहुत ज्यादा एनर्जी होगी इसलिए आपको भी कम ही आराम मिल सकेगा। आपको लगातार बच्चे के साथ खेलना पड़ सकता है, उसके पीछे दौड़ना पड़ सकता है और उसकी देखभाल भी करनी पड़ सकती है।
यदि आपके घर में पहले से ही एक बच्चा है तो गर्भावस्था के दौरान उसकी देखभाल करना कठिन है। यहाँ दिए हुए टिप्स की मदद से आप गर्भावस्था के साथ अपने पहले बच्चे को अच्छी तरह से संभाल सकेंगी और आपका यह समय बहुत इंटरेस्टिंग भी रहेगा।
पहली गर्भावस्था में सबसे बेस्ट यह था कि उस समय आप पूरा आराम करती होंगी और कभी भी खा सकती होंगी। पर गर्भावस्था के साथ जब आपके साथ पहला बच्चा भी होता है तो उसके साथ खेलना बहुत कठिन है। टॉडलर के साथ दूसरी गर्भावस्था बहुत ज्यादा चैलेंजिंग है क्योंकि माँ अपने पहले बच्चे की एनर्जी के साथ मैच करती है, उसका ध्यान रखती है और इसके साथ-साथ दूसरे बच्चे की देखभाल के लिए एक रूटीन भी बनाती है।
इसके अलावा बहुत ज्यादा केयरिंग होने की चिंता और पहले बच्चे पर पूरा ध्यान देने की वजह से आपको थकान होती है और इससे आप दुखी भी हो सकती हैं। शुक्र है कि इन सबमें आप अकेली नहीं हैं। आप गर्भवती होने के साथ-साथ अपने पहले बच्चे की देखभाल कैसे कर सकती हैं, इससे संबंधित 10 टिप्स यहाँ बताए गए हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें।
गर्भवती होना खुद में ही एक कठिन काम है विशेषकर पहली तिमाही में क्योंकि इस समय आपका शरीर बच्चे के लिए अंदर जगह बना रहा है। इस दौरान मॉर्निंग सिकनेस होती है, हॉर्मोन्स में बदलाव होते हैं और अन्य चीजों की वजह से आपके पास अपने पहले बच्चे को संभालने के लिए कम या बिलकुल भी समय नहीं रहेगा। आप सोच रही होंगी कि अन्य मांएं इन सब का सामना कैसे करती हैं। उनका क्या सीक्रेट है? क्या गर्भावस्था के दौरान पहले बच्चे की देखभाल करने का कोई अन्य रूटीन है? पहले भी बताया गया है कि इसका सबसे बड़ा सीक्रेट यही है कि इन सबमें आप अकेली नहीं है और दूसरी गर्भावस्था के दौरान तनाव को कम करने के बहुत सारे तरीके हैं, आइए जानें;
एक बार गर्भवती होने के बाद योजनाएं बनाने और डॉक्टर के पास जाने के लिए आपके पास 35 सप्ताह हैं। इस दौरान आप एक छोटी सी डायरी लें, अपने पति के साथ बैठें और योजना बनाएं। छोटे-छोटे सवाल लिखें, जैसे आप कितने दिनों की मैटरनिटी लीव लेंगी? क्या अपने टॉडलर को डे केयर में भेजेंगी? क्या बच्चा आने के बाद आप किसी की मदद लेंगी? डिलीवरी से पहले आपको हर एक चीज के बारे में जानना जरूरी है। योजना बनाने से आपकी नर्व्स शांत रहेंगी और इससे आपके महत्वपूर्ण निर्णय भी नियंत्रित रहेंगे साथ ही स्ट्रेस कम होगा।
खुद से समझना कि आप क्या कर रही हैं, यह एक अच्छी बात है इसलिए सुपर मॉम बनने का प्रयास न करें क्योंकि वो आप पहले से ही हैं। इससे आपको स्ट्रेस होगा और यह आपके लिए बहुत ज्यादा हो जाएगा। आप अपने लिए थोड़ी सी आसानी चुनें और अपनी अपेक्षाओं को कम करें। यदि थोड़ा बहुत इधर-उधर होता है तो कोई बात नहीं और इस बात का ध्यान रखें कि आप वही करें जो आपके लिए बेस्ट है। यदि आपका दिन बहुत तकलीफ भरा जाता है तो गहरी सांस लें, ठंडी हवा में जाएं और इस पर विश्वास रखें कि सब कुछ ठीक होगा।
दूसरी बार गर्भवती होने पर महिलाएं अक्सर गुस्सा बहुत करती हैं। इधर-उधर दौड़ना, काम करना, बच्चे और परिवार की देखभाल करना एक गर्भवती महिला के लिए बहुत ज्यादा हो जाता है। इस समय आपको अपने लिए समय निकालना चाहिए, मालिश करवाएं, बाल कटवाएं या मैनीक्योर व पेडीक्योर करें ताकि आप गुस्सा शांत कर सके।
यदि आप टॉडलर को संभालने के लिए अपने परिवार या रिश्तेदार की मदद ले सकती हैं तो जरूर लें। हर माँ की तरह ही आप भी सब कुछ करने का प्रयास करती हैं जिससे बेहद थकान होती है। टॉडलर को संभालने के लिए आप अपने दोस्तों की मदद मांगने से न डरें और जब तक वे बच्चे को संभालते हैं आराम कर लें। इसके अलावा यदि आपका बच्चा बड़ा है तो आप उसे डे केयर में भी भेज सकती हैं और ऐसा करने से बिलकुल भी न झिझकें। यह शुरूआत में आपको बहुत ज्यादा लगेगा पर समय के साथ ठीक लगने लगेगा।
आप नैप लेकर अपनी थकान को कम करें। गर्भावस्था के दौरान एक साल तक के बच्चे के साथ आपको बहुत ज्यादा थकान होती है। ऐसे में अपनी आँखें बंद करें, स्ट्रेस को कम करें और आराम करें क्योंकि वह सब पूरे दिन चलेगा। यदि आप थक चुकी हैं तो थोड़ी देर के लिए नैप लेने से बहुत ज्यादा आराम मिलेगा, स्ट्रेस कम होगा और उठने के बाद टॉडलर को संभालने की एनर्जी भी मिलेगी। यदि आप बहुत ज्यादा थक चुकी हैं तो अपने पति को कहें कि वो टॉडलर की देखभाल करें और 15 मिनट के लिए नैप लें। इससे जागने के बाद आपको कम इरिटेशन होगी और आपका धैर्य भी बढ़ेगा।
आपका बच्चा हर समय आपके पीछे-पीछे घूमता होगा और छोटी से छोटी चीज के लिए आपकी मदद मांगता होगा पर आप कुछ आदतें बनाने के लिए उसे प्रेरित जरूर करें और उसे खुद पर निर्भर बनना सिखाएं। उसे खुद से खेलने दें, दूसरे बच्चे के आने पर बड़े बच्चे के खेलने का समय बनाएं और उसे समय से खेलने के लिए प्रेरित करें। इस बात का ध्यान रखें कि जब वह कोई भी काम खुद से पूरा कर ले तो आप उसे खुद सारा प्यार दें और उसकी तारीफ करें।
डिलीवरी के शेड्यूल और जन्म की योजना के बारे में गायनेकोलॉजिस्ट से चर्चा करें। इस बात का ध्यान रखें कि जिस समय आप अस्पताल में हों उस समय बच्चे का ध्यान रखने के लिए रिश्तेदार, पेरेंट्स या परिवार का कोई भी सदस्य उसके पास हो। ड्यू डेट पास आने पर आप इमरजेंसी कॉन्टैक्ट अपने पास ही रखें।
यदि आप गर्भवती हैं तो अक्सर लोग आपको शांत रहने की सलाह देंगे। आप जैसा महसूस करेंगी वैसे ही बच्चे व आपकी हेल्थ पर प्रभाव होगा इसलिए इस समय रिलैक्स करना जरूरी है। यदि आप नेगेटिव सोच रही हैं तो बैठ जाएं और गहरी सांस लें। एंग्जायटी व स्ट्रेस को कम करने के लिए मेडिटेशन सबसे अच्छा तरीका है। यदि यह भी काम नहीं करता है तो आप पार्क में टहलने जाएं। गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करना, खुद की देखभाल करना और दूसरों से प्यार करना भी जरूरी है क्योंकि इस समय आपका मूड ही बच्चे का मूड होता है।
यदि आप थकी हुई हैं या आपके आस-पास टॉडलर दौड़ता व भागता रहता है तो आपके लिए पति और उसके साथ बिताए समय को भूल जाना बहुत आसान है। इस बात का ध्यान रखें कि शादी सबसे पहले आती है। आप अपने बच्चे को संभालने के लिए किसी विश्वसनीय व्यक्ति हो बुलाएं, रिश्तेदारों व पेरेंट्स की मदद लें और एक दिन के लिए डेट पर जाएं। यदि संभव हो तो आप हर सप्ताह या हर महीने ऐसा करें। यह उतना ही आसान है जैसे आप मूवी देखने जा रहे हैं, आइसक्रीम खाने जा रहे हैं या वॉक पर जा रहे हैं पर इस बात का ध्यान रखें कि आप एक दूसरे के साथ समय बिताएं। आपकी सबसे बड़ी ताकत आपके पति हैं इसलिए अपने इस सफर में उन्हें भी शामिल करें।
पहली गर्भावस्था के समय में भी आपको यह सलाह मिली होगी। दूसरी गर्भावस्था के दौरान आपको और आपके बच्चे को पहले से ज्यादा घुटन महसूस होती होगी। यह आप इधर-उधर घूम कर, टहलने के लिए जाकर और एक्टिव रहकर कम कर सकती हैं। जब आप छोटी-छोटी एक्सरसाइज जैसे योग, वॉकिंग या जॉगिंग करती हैं तो शरीर में एंडोर्फिंस रिलीज होते हैं जो आपको खुश व रिलैक्स रखते हैं। इसके बदले में आपको एनर्जी मिलती है जिसकी वजह से आप टॉडलर को भी संभाल सकती हैं।
इस बात का ध्यान रखें कि खुद पर स्ट्रिक्ट होने से आपके लिए दूसरी गर्भावस्था के साथ एक टॉडलर को संभालना कठिन हो जाएगा। आप जो कर रही हैं वो एक कठिन काम है इसलिए ज्यादा न कर पाने पर आपको बुरा मानने की जरूरत नहीं है। गर्भावस्था के साथ बहुत सारे अच्छे और बुरे दिन आते हैं। आपके हर समय अपने आज के बारे में सोचना चाहिए और मातृत्व के इस अनुभव को एन्जॉय करना चाहिए।
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