क्या गर्भावस्था के दौरान ट्रामाडोल लेना चाहिए?

प्रेगनेंसी में ट्रामाडोल लेना

गर्भावस्था के दौरान महिलाएं जो भी दवाएं ज्यादातर लेती हैं वह उनकी प्लेसेंटा तक जा सकती हैं और बच्चे तक भी पहुँच सकती हैं। ये कभी-कभी बच्चे के लिए फायदेमंद होती हैं पर हमेशा नहीं, कुछ दवाएं ऐसी भी हैं जो बच्चे के विकास व वृद्धि के लिए हानिकारक हो सकती हैं। यह प्रिस्क्राइब की हुई दवाओं के प्रकार और आपकी गर्भावस्था के चरण पर भी निर्भर करता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में होनेवाले बदलाव बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने से होते हैं और यह सभी जानते हैं कि इस समय हॉर्मोन्स में बदलाव होने की वजह से महिलाओं को दर्द व पीड़ा होती है। इसलिए कुछ महिलाएं दर्द को ठीक करने के लिए दवाएं लेती हैं इसके अलावा कोई अन्य विकल्प भी नहीं है। कुछ समस्याओं में दर्द से राहत के लिए ट्रामाडोल का उपयोग किया जाता है। 

ट्रामाडोल (अल्ट्राम) क्या है

गर्भावस्था के दौरान गंभीर दर्द में आराम के लिए ट्रामाडोल ली जाती है। यह एक ऐसी दवाई है जो दिमाग में मूड के संतुलन को प्रभावित करती है। यह दवा उन मरीजों को दी जाती है जिन्हें चोट लगी हो या जो सर्जरी से रिकवर करते हैं। कभी-कभी इसे रीक्रिएश्नल ड्रग के रूप में भी उपयोग किया जाता है पर इसकी खुराक आवश्यकता से अधिक तब होती है जब इसका उपयोग पेनकिलर के रूप में किया जाता है।

गर्भवती महिला को दर्द की दवाएं लेने की जरूरत क्यों होती है 

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में शारीरिक और हॉर्मोनल अनियमितता होती है जिसके परिणामस्वरूप कई लक्षण पैदा हो सकते हैं। कभी-कभी इसके लक्षण बहुत कम होते हैं और इसमें दर्द की दवा लेने की जरूरत नहीं है पर कभी-कभी इसमें बहुत ज्यादा गंभीर दर्द होता है और इसे ठीक करने की जरूरत पड़ती है। गर्भवती महिलाएं दर्द को ठीक करने के लिए दवाएं निम्नलिखित कारणों से लेती हैं, आइए जानें;

  • गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोनल बदलावों की वजह से ब्लड वेसल का डायमीटर बदलता है और इसके परिणामस्वरूप सिर में दर्द व माइग्रेन की समस्या हो सकती है। इसका प्रभाव हर किसी में अलग-अलग होता है पर आराम के लिए किसी भी प्रकार की दवाई पर्याप्त रूप से गंभीरता के लिए जानी जाती है। 
  • गर्भ में बच्चे के बढ़ने से रीढ़ पर दबाव पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप पीठ में अत्यधिक दर्द होता है। एकाधिक गर्भावस्था के मामलों में महिलाओं को यह ज्यादा महसूस होता है। 
  • जब शरीर डिलीवरी के लिए तैयार होता है तो लिगामेंट्स की स्थिरता और मजबूती बदल जाती है। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं के पेल्विक में अत्यधिक दर्द होता है जिसमें कभी-कभी दवाओं की आवश्यकता होती है।
  • गर्भावस्था के दौरान बढ़ते वजन की वजह से आपके पैरों पर अधिक दबाव पड़ता है और इससे आपकी सभी नर्व्ज और लिगामेंट्स में दर्द होता है। 

क्या गर्भावस्था में ट्रामाडोल लेना सुरक्षित है 

यद्यपि कई सारी दवाएं हैं जिनमें ओपियोड होता है और इसकी वजह से निर्भरता के कई सारे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं और ट्रामाडोल को भी इसके एडिक्शन व नियोनेटल निर्भरता के लिए जाना जाता है। अम्बिलिकल वेसल्स का डायमीटर भी दर्द की दवाओं से ही होता है और इससे बच्चे के खून के बहाव में अंतर पड़ता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को दर्द की दवा से दूर रहना चाहिए। यदि आपके पास कोई और विकल्प नहीं है तो आप इसका उपयोग कर सकती हैं। 

नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी)  की वजह से भी यह समस्या हो जाती है। यदि शरीर में खून का बहाव सीमित है तो बच्चे को पर्याप्त न्यूट्रिशन नहीं मिलेगा जिसके परिणामस्वरूप विकास भी रुक जाता है और कई मामलों में बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। 

क्या गर्भावस्था के दौरान आप ट्रामाडोल ले सकती हैं? यदि डॉक्टर ने आपको यह दवाई प्रिस्क्राइब की है तो ही आप इसे लें। वरना इससे दूर रहना ही बेहतर है क्योंकि अधिक रिसर्च न होने की वजह से इसे सुरक्षित नहीं माना जाता है। जानवरों पर हुए इसके टेस्ट के अनुसार ट्रामाडोल के कारण गर्भ में पल रहे बच्चे में थोड़ी-बहुत या गंभीर रूप से डैमेज होने की संभावना है। बच्चे के रेस्पिरेटरी में तनाव और क्षति होना एक गंभीर समस्या है इसलिए डिलीवरी के दौरान महिलाओं को ट्रामाडोल लेने की सलाह नहीं दी जाती है। यदि गर्भवती महिला ने पहले से ही अल्ट्राम ली है तो क्या होगा 

यदि गर्भवती महिला ने पहले से ही अल्ट्राम ली है तो क्या होगा 

यदि आपने ट्रामाडोल ली है तो इस बारे में डॉक्टर से जरूर बताएं ताकि यह दवाई लेने के बाद वह आपको उचित सलाह दे सकें। यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको यह दवा लेनी चाहिए तो आपको इसकी बहुत कम खुराक प्रिस्क्राइब की जा सकती है। पर ज्यादातर डॉक्टर आपको कम हानिकारक चीजें ही प्रिस्क्राइब करेंगे। यदि आप इसे लगातार ले रही हैं और अब इसे लेना बंद करना चाहती हैं तो इसे तुरंत बंद करने की सलाह नहीं दी जाती है और इसे धीरे-धीरे कम करें। इसके बजाय इस बारे में आप डॉक्टर से बात करें ताकि इसके लक्षणों या साइड इफेक्ट के बिना आपको यह ड्रग छोड़ने में मदद मिल सके। यदि आप इसे अचानक से लेना छोड़ देती हैं तो आपको इरिटेशन , एंग्जायटी या घबराहट, डायरिया, ठंड, भ्रम इत्यादि जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

गर्भावस्था के दौरान ट्रामाडोल लेने के साइड इफेक्ट्स और इससे होने वाली कॉम्प्लीकेशंस 

गर्भावस्था के दौरान ट्रामाडोल लेने के कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं और साथ ही इससे कुछ कॉम्प्लीकेशंस भी हो सकती हैं, आइए जानें; 

1. महिलाएं बहुत आसानी से इसका अत्यधिक उपयोग करना शुरू कर सकती हैं 

सेंट्रल नर्वस सिस्टम की प्रतिक्रिया अलग तरीके से होती है क्योंकि ट्रामाडोल लेने से इसके पहलू बदल जाते हैं जिस वजह से कोई भी व्यक्ति इसका अत्यधिक उपयोग करना शुरू कर सकता है।

2. माँ और बच्चे को भी इसकी आदत लग सकती है 

इस दवाई में महत्वपूर्ण और ओपियोड पदार्थ होने की वजह से यह एडिक्टिव हो जाती है जो बच्चों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है। यदि आप लगातार इस दवाई का उपयोग करती हैं तो बच्चे को इसकी आदत लगने की संभावनाएं बहुत ज्यादा है। यहाँ तक कि यह दवाई छोड़ने के बाद भी जन्म के एक महीने के बाद बच्चे में इसके लक्षण वापस दिखाई दे सकते हैं। इसकी वजह से बच्चे में जन्म से संबंधित विकार हो सकते हैं या प्रीमैच्योर डिलीवरी भी हो सकती है। इसके कुछ अन्य लक्षण भी हैं, जैसे इरिटेशन, कंपकंपी, और मांसपेशियों की अब्नॉर्मल एक्टिविटी होना। 

3. इसका कॉम्बिनेशन खतरनाक होता है 

यदि यह ड्रग किसी अन्य दवाई के साथ मिलाकर ली जाए तो इसके परिणामस्वरूप अत्यधिक कंपकंपी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। 

4. बहुत सारी समस्याएं हो सकती हैं 

यदि आप इसकी सही खुराक भी लेती हैं तो भी ट्रामाडोल से कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे पेट में दर्द, खुजली, रैशेज, जोड़ों में दर्द, डिप्रेशन, गंभीर रूप से सिर में दर्द, मतली इत्यादि। 

5. सीखने और व्यवहार से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं 

गर्भ में पल रहे बच्चे का दिमाग गर्भावस्था के अंत तक विकसित होता है। गर्भावस्था के दौरान दवाइयां लेने से बच्चे की सीखने की क्षमता और व्यवहार पर प्रभाव पड़ते हैं। 

6. ट्रामाडोल से ब्रेस्फीडिंग में भी प्रभाव पड़ता है 

अन्य कुछ दवाओं की तरह ही ट्रामाडोल भी माँ के ब्रेस्टमिल्क में मिल सकती है। यदि एक माँ अपने बच्चे को बहुत ज्यादा दूध पिला देती है तो बच्चे में भी अनिद्रा, सिडेशन यानि बेहोशी जैसा लगना, सांस लेने में कठिनाई व लिम्पनेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं और इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है। 

ट्रामाडोल लेते समय कुछ सावधानियां बरतें 

यदि कुछ कारणों से आपको यह दवाई लेनी पड़ती है तो आप इससे संबंधित कुछ सावधनियों पर ध्यान जरूर दें, आइए जानें;

  • इसे हमेशा एमएओ इन्हिबिटर्स के साथ लेने की सलाह दी जाती है। 
  • इलाज के दौरान अल्कोहल लेने से बचें। 
  • यदि महिला किसी समस्या से ग्रसित है, जैसे; ड्रग डिपेंडेंस, सेंट्रल जेनेसिस, लिवर के फंक्शन में समस्याएं और ओपियोड पदार्थों से सेंसिटिविटी तो उसे दर्द के लिए यह दवाई लेने से बचना चाहिए। 
  • नार्कोटिक विड्रॉल सिंड्रोम के ट्रीटमेंट के लिए भी इसका उपयोग न करें। 
  • एक बार से ज्यादा समय के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ज्यादा समय तक इसका उपयोग करने से ड्रग पर निर्भरता बढ़ती है। 
  • 14 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। 

अक्सर पूछे जानेवाले सवाल 

1. क्या गर्भावस्था के दौरान या डिलीवरी के बाद बच्चे को एक्स्ट्रा मॉनिटर करने की जरूरत है?

लगभग 20वें सप्ताह में ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था की देखभाल के रूप में स्कैन करवाने की सलाह दी जाती है। यहाँ पर बच्चे में जन्म से संबंधित विकारों की जांच की जाती है। यद्यपि वास्तव में ट्रामाडोल से कोई भी समस्या नहीं होती है जिससे अधिक मॉनिटर करने की जरूरत पड़े पर यदि महिला किसी विशेष समस्या की वजह से यह दवाई लेती है तो नजदीक से मॉनिटर किया जा सकता है ताकि यह देखा जा सके कि बच्चे का विकास और वृद्धि सही से हो रही है या नहीं। यदि महिलाएं अपने निजी कारणों के लिए इस दवाई का उपयोग करती हैं तो डॉक्टर उनकी जांच अधिक ध्यान से करते हैं। यदि किसी महिला ने गर्भावस्था के अंतिम दिनों में ट्रामाडोल ली है तो बच्चे का जन्म होने के बाद लक्षणों की जांच के लिए उसे कुछ दिनों तक ऑब्जर्वेशन में रखने की जरूरत होती है। 

2. यदि पिता ने पहले कभी ट्रामाडोल ली है तो क्या इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव पड़ता है? 

अब तक हमने जाना कि यदि महिला ट्रामाडोल लेती है तो बच्चे पर इसके क्या असर पड़ते हैं। यद्यपि यदि पिता यह दवाई लेते हैं तो बच्चे पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है, इस बारे में अब तक कोई भी रिसर्च नहीं हुई है। ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्पर्म के द्वारा किसी भी ड्रग से बच्चे को कोई हानि नहीं होती है। विशेषकर यदि महिला के गर्भधारण के दौरान पति यह ड्रग लेता है तो इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है, इसके बारे में अधिक स्टडी करने की जरूरत है। 

आप जो भी दवाएं लेती हैं उसका एक रिकॉर्ड बना कर रखें ताकि जरूरत पड़ने पर इस बारे में डॉक्टर को बताया जा सके। यदि आपको अपने स्वास्थ्य के लिए डॉक्टर की मदद चाहिए तो ध्यान रखें कि उन्हें पता हो कि आप गर्भवती हैं ताकि वे आपकी गर्भावस्था को ध्यान में रख कर ही दवाइयां प्रिस्क्राइब करें। 

ट्रामाडोल जैसी दवाओं को प्रिस्क्राइब भी किया जाता है पर इसमें कुछ चीजें होती हैं जिसकी वजह से कई साइड इफेक्ट्स होते हैं और गर्भावस्था को भी खतरे होते हैं  इसलिए यह दवा लेने से पहले आप इसके साइड इफेक्ट्स और फायदे जान लें और याद रखें। बच्चे पर दवाई का असर कैसा होता है यह जानना जरूरी है और आपको इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि आप अपने लिए कौन सी दवाइयां ले रही हैं। 

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