गर्भावस्था

कोरोनावायरस से जुड़ी जरूरी बातें जो गर्भवती महिलाओं को ध्यान में रखना चाहिए

जैसा कि हम जानते हैं कि जीवन में कभी भी कुछ भी हो सकता है, इस समय कोरोनावायरस जैसी महामारी पूरी दुनिया भर में फैली हुई है। किसी को भी कोरोनावायरस इन्फेक्शन को हो सकता है – बच्चे, बूढ़े यहाँ तक ​​कि गर्भवती महिलाओं तक, यह किसी को भी हो सकता है। गर्भावस्था का समय पहले से ही बहुत नाजुक होता है और COVID​​-19 कोरोनावायरस के समय में, अपने आप को और भी सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। यदि आप प्रेगनंट हैं या जल्द ही अपने बच्चे को जन्म देने वाली हैं, तो इस महामारी से जुड़े आपके मन में कई सारे सवाल हो सकते हैं कि यह आप और आपके बच्चे पर किस प्रकार प्रभाव डाल सकता है।

जैसा कि COVID-19 कोरोनावायरस अभी भी नया है, गर्भावस्था पर इसके प्रभाव के बारे में बहुत सीमित जानकारी ही उपलब्ध है। इस लेख में, हमने कुछ सामान्य सवालों के जवाब देने की कोशिश की है जो आपकी  गर्भावस्था के दौरान कोरोनावायरस से संबंधित हैं और आप इस दौरान खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। सबसे पहले, आइए जानते हैं कि कोरोनावायरस इन्फेक्शन कैसे फैलता है।

कोरोनावायरस क्या है और यह कैसे फैलता है?

COVID​​-19 कोरोनावायरस एक रेस्पिरेटरी डिजीज है जो एक इंसान से दूसरे इंसान के जरिए फैलता है। यह वायरस तब फैलता है जब किसी कोई संक्रमित व्यक्ति की रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट छींकने या खांसने के दौरान हवा के जरिए फैलती है। यह इन्फेक्शन तब भी फैल सकता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति किसी सरफेस या उस सामान को छूता है जो किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुआ गया हो।

गर्भावस्था के दौरान COVID-19 कोरोनावायरस इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं?

कोरोनावायरस COVID​​-19 के लक्षण सर्दी और फ्लू और अन्य कॉमन रेस्पिरेटरी संबंधी मुद्दे हैं। यह लक्षण इस वायरस के संपर्क में आने के दो दिन बाद या फिर 14 दिनों तक दिखाई दे सकते हैं, इसके अलावा यह मामला कम ज्यादा और गंभीर भी हो सकता है। इस इन्फेक्शन के लक्षण कुछ इस प्रकार नीचे दिए गए हैं:

  • खांसी
  • बुखार
  • साँस लेने में परेशानी होना
  • अन्य कोल्ड / फ्लू जैसे लक्षण

निमोनिया और हाइपोक्सिया COVID​​-19 के गंभीर लक्षण में से एक है, जो बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिल सकता है। गर्भवती महिलाओं को और उन लोगों को जिन्हें  डायबिटीज है, फेफड़ों से जुड़ी कोई बीमारी है या फिर वो कैंसर से पीड़ित हैं तो ऐसे लोगों में इसके लक्षण जल्दी दिखाई दे सकते हैं।

क्या कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को होता है?

यह वायरस बिलकुल नई तरह का है, इसलिए गर्भवती महिलाओं पर इसके प्रभाव के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है। सीडीसी पर प्रकाशित जानकारी के अनुसार, COVID-19 कोरोनावायरस गर्भवती महिलाओं में भी वही कॉमन फ्लू या साँस संबंधी समस्या पैदा करता है और अभी यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता है कि गर्भवती महिलाओं को इससे ज्यादा खतरा है या फिर इस इन्फेक्शन का खतरा अन्य महिलाओं से ज्यादा गर्भवती महिला को होता है।हालांकि, इस समय अपनी इम्युनिटी को बढ़ाए रखना और बहुत ज्यादा सावधानी बरतना ही सबसे बेहतर है।

अगर गर्भवती महिला में कोरोनावायरस पॉजिटिव निकलता है, तो मिस्कैरिज की क्या संभावना होती है?

उपलब्ध है उसके अनुसार, यह निष्कर्ष निकालना मुश्किल है कि गर्भवती महिलाओं को COVID-19 इन्फेक्शन के कारण गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, कुछ अन्य कॉम्प्लीकेशन्स जैसे कि COVID-19 से संक्रमित महिलाओं में प्रीमैच्योर बच्चे को जन्म देने जैसी बात सामने आई है। लेकिन यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है, इसके कारण गर्भावस्था के दौरान अन्य कॉम्प्लीकेशन्स भी हो सकती हैं। इसलिए यदि आप गर्भवती हैं, तो बहुत ज्यादा सोचने की और चिंता करने की जरूरत नहीं होती है – इस समय पॉजिटिव रहें। सबसे जरूरी चीज यह कि आप अपने घर पर ही रहें और एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, फिर आप और आपका बच्चा दोनों बिलकुल ठीक रहेंगे।

क्या एक गर्भवती महिला से उसके अजन्मे बच्चे में भी यह वायरस फैल सकता है?

वर्तमान में, इसका कोई सबूत नहीं है जो बताता है कि एक गर्भवती महिला जिसमें कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया है, उसके जरिए यह वायरस इन्फेक्शन बच्चे में भी जा ट्रांसमिट हो सकता है (जिसे वर्टीकल ट्रांसमिशन भी कहा जाता है)। चाइनीज स्टडी के अनुसार जो फ्रंटियर्स इन पेडियाट्रिक्स जर्नल में पब्लिश किया गया है, उसके अनुसार, यह दावा किया जाता है कि COVID-19  वायरस, संक्रमित माँ से बच्चे में ट्रांसमिट नहीं होता है। हालांकि, इस इन्फेक्शन से संक्रमित केवल चार ही गर्भवती महिलाएं थीं, जिन पर यह स्टडी की गई है। इन महिलाओं से जन्म लेने वाले बच्चों को तुरंत अलग कर दिया गया था और उनमें कोरोनावायरस से जुड़े कोई भी लक्षण विकसित होते हुए नहीं दिखाई दिए हैं। चार में से तीन बच्चों का टेस्ट नेगेटिव था जबकि चौथे बच्चे के माता-पिता ने टेस्ट कराने की अनुमति नहीं दी।

ऐसा रिपोर्ट किया गया है की लंदन में नवजात शिशु में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया है। नवजात शिशु की की माँ, जिसे निमोनिया होने की आशंका थी, उनमें भी यह वायरस पाया गया है। हालांकि, इस बात की सही जानकारी नहीं मिल पाई है कि बच्चे को जन्म से पहले यह इन्फेक्शन हुआ है या जन्म के बाद हुआ है। किसी निष्कर्ष पर आने से पहले अभी और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। एक स्वस्थ गर्भावस्था के लिए, बेहतर होगा कि आप अपने घर पर ही रहें और एक हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करें, इस प्रकार आप खुद को और अपने होने वाले बच्चे को इन्फेक्शन होने से बचा सकती हैं।

कोरोनावायरस से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए?

जैसा कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए अभी तक कोई टीका विकसित नहीं किया गया है, इसलिए गर्भवती महिलाएं इन्फेक्शन से बचने के लिए उन्ही नियमों का पालन करें जो वायरस से बचने के लिए बाकि के सभी लोगों को पालन करने के लिए कहा गया है। यदि आप गर्भवती हैं, तो इस इन्फेक्शन के होने के चांसेस को कम करने के लिए आप यहाँ बताई गई कुछ बातों पर अमल कर सकती हैं।

  1. पहले चीजें, 20 सेकंड के लिए साबुन और पानी के साथ अपने हाथों को बार बार अच्छी तरह से धोएं; टॉयलेट का उपयोग करने के बाद, अपने घर में प्रवेश करने से पहले, खाने से पहले और बाद में, खांसने या छींकने के बाद और नाक पोछने के बाद अपने हाथों को धोना जरूर याद रखें।
  2. अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर अपने पास हमेशा रखें और जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग करें।
  3. जो लोग बीमार हैं उनके पास जाने से बचें।
  4. जितना हो सके अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  5. यदि आप अपनी आंखें, नाक या मुंह को स्पर्श करती हैं, तो पहले और चौथे पॉइंट पर एक बार फिर से से नजर डालें
  6. सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करें – इस समय सबसे ज्यादा इसकी ही आवश्यकता है।
  7. छींकते या खांसते समय अपने मुंह को एक टिश्यू से ढक लें और टिश्यू को तुरंत फेक दें।
  8. यदि आपको कोरोनावायरस के कोई भी लक्षण दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

कोरोनावायरस इन्फेक्शन के साथ बच्चे को जन्म देना

COVID-19 इन्फेक्शन वाली एक महिला की डिलीवरी हो सकती है और हो सकता है कि इसके बावजूद भी बच्चे को कोई इन्फेक्शन न हो, लेकिन यह इन्फेक्शन की गंभीरता पर निर्भर करता है। जहाँ तक ​​नवजात शिशु का सवाल है, तो उसको COVID-19 इन्फेक्शन हो भी सकता है और नहीं भी। यहाँ तक ​​कि अगर बच्चे का टेस्ट पॉजिटिव है, उसके बाद भी यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका है कि बच्चे को गर्भ में संक्रमित हुआ है या जन्म के बाद, इसलिए अभी  निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

हालांकि, बच्चे को इस इन्फेक्शन के संपर्क में आने से बचाने के लिए, डॉक्टर उसे नियोनेटल यूनिट में रख देते  हैं और बच्चे को माँ से बिलकुल अलग कर दिया जाता है जा सकता है। जब तक माँ पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती, तब तक बच्चे को फॉर्मूला दूध ही दिया जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. यदि प्रेगनेंसी के दौरान मुझे कोरोनावायरस पॉजिटिव निकलता है, तो मुझे क्या करना चाहिए?

यदि आपका कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव निकलता है, तो आपको अपने गाइेकोलोजिस्ट को इसके बारे में सूचित करना चाहिए। अगर आप में इसके थोड़े भी लक्षण दिखाई देंगे तो उस मामले में, आपको अपने ही घर में बिलकुल अलग रहने के लिए कहा जाएगा। हालांकि, यदि लक्षण गंभीर हैं, तो आपको हॉस्पिटल ले जा कर वहाँ आपका इलाज किया जाएगा।

2. क्या मेरे बच्चे का भी कोरोनावायरस टेस्ट करवाया जाएगा?

हाँ, अगर आपका गर्भावस्था के दौरान कोरोनावायरस इन्फेक्शन टेस्ट पॉजिटिव आया है, या जब आपका बच्चा पैदा होता है, तो बच्चे के जन्म के समय भी यह टेस्ट किया जाएगा।

जैसा कि COVID-19 कोरोनावायरस के लिए अभी तक कोई टीका विकसित नहीं ह पाया है, इसलिए एक गर्भवती महिला इस इन्फेक्शन से खुद को बचाने के लिए अपने हाइजीन का अच्छी तरह से ध्यान रखें, इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए हेल्दी फूड खाएं, सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करें और ज्यादा चिंता न करें आदि सभी बातों का विशेष ध्यान रखना है। हम समझते हैं कि कोरोनावायरस के प्रकोप के दौरान गर्भवती होना आपको चिंतित कर सकता है, लेकिन खुद की अच्छी देखभाल करना और घर के अंदर रहना, विशेष रूप से कोरोनावायरस के प्रकोप के दौरान इस इन्फेक्शन को रोकने में आपकी मदद करेगा और ऐसा करने से आप एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे पाएंगी।

यह भी पढ़ें:सोशल डिस्टैन्सिंग क्या है और कोरोनोवायरस से बचने के लिए यह क्यों जरूरी है

समर नक़वी

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