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हिन्दू धर्म में नवरात्रि के त्योहार का एक विशेष स्थान है। वैसे तो नवरात्रि साल में 4 बार होती है लेकिन यहाँ हम बात कर रहे हैं हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन महीने में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि की। इसे कुछ जगहों पर शरद नवरात्रि या अश्विन नवरात्रि भी कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि हिन्दू पंचांग के अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाई जाती है।
जिस तरह हर उत्सव के पीछे कोई न कोई कथा जुड़ी हुई है उसी तरह नवरात्रि का संबंध भी माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर राक्षस का वध करने से है। शास्त्रों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के 9 दिनों तक शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा की उपासना करने से बहुत पुण्य मिलता है।
इस साल 2025 में शारदीय नवरात्रि का उत्सव 22 सितंबर से शुरू होगा। यानी इस दिन प्रतिपदा तिथि होगी और इसी दिन नवरात्रि की घटस्थापना की जाती है। घटस्थापना का अर्थ होता है घट यानी मिट्टी के कलश की स्थापना करना। इसके पीछे का उद्देश्य है ब्रह्मांड में उपस्थित शक्ति का आह्वान करके उसे सक्रिय करना। इससे घर में उपस्थित पीड़ादायक तरंगें नष्ट हो जाती हैं घर में सुख-शांति तथा समृद्धि आती है। घटस्थापना में घट में मिट्टी भरकर उसमें जौ, गेहूं या पांच अथवा सात प्रकार के धान्य बोए जाते हैं।
घटस्थापना के दिन से 9 दिनों तक नवरात्रि की पूजा होती है। हालांकि इस बार शारदीय नवरात्रि 10 दिनों की होने वाली है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रतिपदा तिथि 22 तारीख को देर रात 1 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 23 सितंबर को देर रात 2 बजकर 55 मिनट पर होगा। इस प्रकार हिन्दू पंचांग में प्रत्येक क्षण से तिथि की गणना होने के कारण एक दिन बढ़ जाएगा। इस प्रकार इस साल नवरात्रि 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाई जाने वाली है और 2 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा होगा। नवरात्रि के किस दिन कौन सी देवी की पूजा करनी है इसकी जानकारी नीचे दी गई है:
| तिथि | पूजा | 
| प्रतिपदा – 22 सितंबर | देवी शैलपुत्री | 
| द्वितीया – 23 सितंबर | देवी ब्रह्मचारिणी | 
| तृतीया – 24 सितंबर | देवी चंद्रघंटा | 
| तृतीया – 25 सितंबर | देवी चंद्रघंटा | 
| चतुर्थी – 26 सितंबर | देवी कूष्मांडा | 
| पंचमी – 27 सितंबर | देवी स्कंदमाता | 
| षष्ठी – 28 सितंबर | देवी कात्यायनी | 
| सप्तमी – 29 सितंबर | देवी कालरात्रि | 
| अष्टमी – 30 सितंबर | देवी महागौरी | 
| नवमी – 1 अक्टूबर | देवी सिद्धिदात्री | 
शारदीय नवरात्रि 2025 घटस्थापना का मुहूर्त
घटस्थापना के लिए मुहूर्त और नक्षत्र का विचार करना आवश्यक होता है। प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर को मध्यरात्रि के बाद 01:23 पर लग रही है। इसलिए 23 सितंबर सुबह तड़के ही घटस्थापना की जा सकती है। शास्त्रों के अनुसार प्रातः काल में कलश की स्थापना और देवी की पूजा करना सर्वोत्तम होता है। घटस्थापना का मुहूर्त प्रात: 06:09 से 08:06 तक है यानी कुल 1 घंटा 57 मिनट की अवधि में कलश स्थापना के लिए समय है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना करना उत्तम माना जाता है। यह सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 तक रहेगा जो कुल 49 मिनट की अवधि होगी। इसलिए आप इन दो समयों के दौरान घटस्थापना करें। महत्वपूर्ण बात यह है कि घटस्थापना मध्यान्ह से पहले हो जानी चाहिए।
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथियों का विशेष महत्व होता है। अष्टमी को महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी भी कहते हैं। वर्ष 2025 में अष्टमी तिथि 29 सितंबर को शाम 04:31 से होकर 30 सितंबर को शाम 06:06 बजे तक रहेगी इसलिए महा अष्टमी का दिन 30 सितंबर, मंगलवार होगा। इसी तरह नवमी तिथि 30 सितंबर शाम 06:06 बजे से शुरू होकर 1 अक्टूबर शाम 07:01 बजे तक रहेगी इसलिए महानवमी का दिन 1 अक्टूबर होगा। अष्टमी और नवमी दोनों तिथियों पर कन्या पूजन करने की परंपरा होती है। यह घर-परिवार के लिए बेहद शुभ और समृद्धि देने वाला होता है।
देवी माँ का आह्वान करते समय सभी बातों का पूरा ध्यान रखें और 9 दिनों तक भक्ति–भाव से उनकी उपासना करें। नीचे की लिस्ट में घटस्थापना के लिए लगने वाली आवश्यक चीजों की लिस्ट दी गई है:
यह हम सभी जानते हैं कि नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है और प्रत्येक दिन नौ अलग–अलग पहने जाते हैं। हर रंग का अपना महत्व और अर्थ होता है तो आइये जानते हैं 2024 नवरात्रि में किस दिन आप पहने कौन सा रंग।
पहला दिन : गुरुवार, 3 अक्टूबर – पीला रंग
दूसरा दिन : शुक्रवार, 4 अक्टूबर – हरा रंग . . . .. पूरा पढ़ें।
आश्विन महीने में देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक युद्ध कर के महिषासुर दैत्य का वध किया था। जिसे अमर होने का वरदान मिला था। शारदीय नवरात्रि को बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में मनाया जाता है। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
शरद ऋतु शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है।
नवरात्रि के नौवें दिन को नवमी कहा जाता है। नवरात्रि के नौवें दिन को माता सिद्धिदात्री को समर्पित किया जाता है।
अब आप 2025 के शारदीय नवरात्रि की घटस्थापना से संबंधित सभी जरूरी बातें जानते हैं। मुहूर्त का ध्यान रखकर अपने घर में देवी माँ के उत्सव की शुरुआत करें। माँ भगवती आप पर अपनी कृपा और आशीर्वाद जरूर बरसाएंगी।
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