श्री कृष्ण और पूतना वध की कहानी l The Story Of Shri Krishna And Putna Vadh In Hindi

जब मथुरा के राजा कंस को आकाशवाणी के द्वारा यह पता चला कि उसकी बहन देवकी की आठवीं संतान उसकी मृत्यु का कारण बनेगी तो कंस ने देवकी और उसके पति वसुदेव को जेल में डाल दिया और एक-एक करके उनके 7 पुत्रों की जन्म होते ही हत्या कर दी। लेकिन चमत्कारिक रूप से उनका आठवां पुत्र यानी श्री कृष्ण जन्म के बाद गोकुल में बाबा नंद और मैया यशोदा के घर पहुँच गया था। जब कंस को इसका पता चला तो उसने कृष्ण को मारने के लिए कई राक्षस, असुर और दैत्य भेजे। पूतना ऐसी ही एक राक्षसी थी जो श्री कृष्ण को मारने आई थी। लेकिन नन्हे से बालक कृष्ण ने अपनी लीला दिखाकर पूतना का ही वध कर दिया।

कहानी के पात्र (Characters Of The Story)

भगवान श्री कृष्ण के बचपन की इस कहानी के मुख्य पात्र हैं –

  • भगवान श्री कृष्ण
  • पूतना राक्षसी

श्री कृष्ण और पूतना वध की कहानी (Shri Krishna And Putna Vadh Story In Hindi)

श्री कृष्ण के जन्म और उनके गोकुल में होने की खबर मिलने के बाद कंस हर जगह ढूंढ-ढूंढकर नवजात शिशुओं की हत्या करवाने लगा ताकि अगर किसी ने कृष्ण को छुपाकर रखा हो तो भी वह बचे नहीं। कंस ने अपनी मुंहबोली बहन राक्षसी पूतना को इसका जिम्मा सौंपा। पूतना एक विशाल शरीर की ताकतवर राक्षसी थी और अपना रूप बदलने में भी माहिर थी। पूतना ने श्री कृष्ण को मारने के लिए एक युक्ति अपनाई। उसने अपने स्तनों पर विष लगाया और कृष्ण को दूध पिलाने के बहाने एक सुंदर स्त्री का रूप धर लिया।

पूतना रूप बदलकर गोकुल में सीधे बाबा नंद और मैया यशोदा के घर में गई। पूतना ने अपने मनोहर रूप से यशोदा और बलराम की माता रोहिणी को मोहित कर लिया। वे दोनों उसे कुछ न बोल सकीं। उन्हें लगा कि जैसे सभी उनके लल्ला को देखने आते हैं वैसे ही यह सुंदर स्त्री भी आई है।

पूतना ने कृष्ण को गोद में लिया और उन्हें दूध पिलाने लगी। लेकिन कृष्ण तो भगवान थे। उन्होंने पूतना का असली रूप पहचान लिया था। वे अपने दोनों हाथों से पकड़कर स्तनपान करने लगे। बस फिर क्या था! पूतना जोर जोर से चिल्लाने लगी और बाल कृष्ण को दूर हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन कृष्ण ने उसे कसकर पकड़ रखा था। भयभीत होकर पूतना अपने असली रूप में आ गई और चिल्लाते हुए आकाश में उड़ने लगी। उसका यह रूप देखकर सारे गोकुल निवासी घबरा गए। दर्द से चिल्लाते हुए अंततः पूतना जोर से नीचे धरती पर गिर गई। नंद, यशोदा और रोहिणी दौड़कर उसके पास आए और देखा कि कृष्ण अभी भी पूतना का स्तनपान कर रहे थे। मैया यशोदा ने झट से अपने लल्ला को उठाया गले से लगा लिया। वे सब जान गए कि कृष्ण ने एक और राक्षस का वध कर दिया है।

धरती पर पड़ा पूतना का शरीर इतना विशालकाय था कि गोकुल के लोगों के मन में यह प्रश्न उठा कि उसका अंतिम संस्कार कैसे किया जाए। जब राक्षसी का अंतिम संस्कार किया गया तो उसके शरीर से चंदन की भीनी खुशबू आने लगी। इस घटना का वर्णन भागवत पुराण में किया गया है। भगवान कृष्ण को स्तनपान कराके मृत्यु प्राप्त करने वाली पूतना राक्षसी को उसके अंत के बाद मुक्ति मिल गई।

श्री कृष्ण और पूतना वध की कहानी से सीख (Moral of Shri Krishna And Putna Vadh Hindi Story)

श्री कृष्ण और पूतना वध की कहानी से यह सीख मिलती है कि दूसरों के साथ बुरी प्रवृत्ति से व्यवहार करने वाले को शिक्षा जरूर मिलती है। 

श्री कृष्ण और पूतना वध की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Shri Krishna And Putna Vadh Hindi Story)

श्री कृष्ण और पूतना वध की कथा  पौराणिक कहानियों  में श्रीकृष्ण की कहानियों के अंतर्गत आती है। भगवान कृष्ण की अनेक कहानियों की तरह यह भी हजारों सालों से घर-घर में बच्चों को सुनाई जाती रही है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. पूतना कौन थी और उसे किसने भेजा था?

पूतना एक राक्षसी थी जिसे कंस ने कृष्ण को मारने के लिए भेजा था।

2. कंस कौन था?

कंस मथुरा का क्रूर राजा था जो भगवान श्री कृष्ण की माता देवकी का भाई था।

3. कंस अपने ही भांजे को क्यों मारना चाहता था?

कंस ने आकाशवाणी सुनी थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसकी मृत्यु का कारण बनेगा इसलिए उसने देवकी और उसके पति को कल में डालकर उसके सभी पुत्रों को मारने का निर्णय ले लिया था।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारतीय संस्कृति में पौराणिक और ऐतिहासिक कहानियों का एक विशिष्ट स्थान है। ये कहानियां बच्चों को रोमांच और मनोरंजन के साथ नैतिकता की शिक्षा देती हैं। भगवान कृष्ण की कहानियां अपने आप में अनूठी हैं। अगर आप रोजाना अपने बच्चे के साथ एक तय समय पर ऐसी ही या कोई भी अन्य कहानी पढ़ने और सुनाने का सिलसिला बनाएं तो यह उसके मानसिक विकास और आपके साथ बेहतर बॉन्डिंग बनाने में काम आएगा।

यह भी पढ़ें:

श्री कृष्ण और कालिया नाग की कहानी (The Story Of Shri Krishna And Kaliya Snake In Hindi)
श्री कृष्ण और अरिष्टासुर वध की कहानी (The Story Of Shri Krishna And Arishtasura Vadh In Hindi)
श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की कहानी (The Story Of Shri Krishna And Govardhan Mountain In Hindi)

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay On Favourite Teacher In Hindi)

शिक्षक हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह केवल किताबों से ज्ञान नहीं…

8 hours ago

मेरा देश पर निबंध (Essay On My Country For Classes 1, 2 And 3 In Hindi)

मेरा देश भारत बहुत सुंदर और प्यारा है। मेरे देश का इतिहास बहुत पुराना है…

8 hours ago

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay On The Importance Of Education In Hindi)

शिक्षा यानी ज्ञान अर्जित करने और दिमाग को सोचने व तर्क लगाकर समस्याओं को हल…

1 day ago

अच्छी आदतों पर निबंध (Essay On Good Habits in Hindi)

छोटे बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत उपयोगी काम है। इससे बच्चों में सोचने…

3 days ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay For Class 1 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इससे वे अपने विचारों को…

3 days ago

मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay On My Favourite Game In Hindi)

खेल हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ मनोरंजन का साधन…

5 days ago