स्पर्म यानी शुक्राणुओं की संख्या, उनका स्वास्थ्य और उनकी गतिशीलता ये तीन प्रमुख फैक्टर हैं जो पुरुषों की फर्टिलिटी क्षमता की जांच करते समय देखे जाते हैं। स्पर्म का वेजाइना से होते हुए ओवरी को पार करते हुए अंडो तक पहुंचकर उनको फर्टिलाइज करना स्पर्म मोटिलिटी यानी शुक्राणु गतिशीलता की क्षमता को दर्शाता है। जब मोटिलिटी दर कम होती है, तो शुक्राणु बड़ी संख्या में मौजूद हो सकते हैं लेकिन अंडे तक पहुंचने में विफल रहते हैं। स्पर्म की गतिशीलता बढ़ाने के लिए घरेलू उपचारों का उपयोग करके आप कुछ ही समय में पुरुष फर्टिलिटी क्षमता को सामान्य स्तर पर वापस लाने में मदद कर सकती हैं।
पुरुषों में स्पर्म की गतिशीलता में सुधार करने के कुछ बेहतरीन तरीके यहां बताए गए हैं।
हर कोई जानता है कि एक अच्छी संतुलित डाइट हमारे जीवन में आने वाली आधी समस्याओं का समाधान कर सकती है। लेकिन शायद ही कभी लोग इसका पालन करते होंगे। जिस तरह कुछ ऐसी खाने की चीजें हैं जो दिल की समस्याओं या डायबिटीज का इलाज कर सकती हैं, वैसे ही स्पर्म की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए कुछ जरूरी खाद्य पदार्थ भी हैं।
इनमें से अधिकतर खाने की चीजें वे हैं जिनमें बहुत अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और प्राकृतिक रूप से व प्रोसेस्ड खाने में भी पाए जाते हैं। लिनोलेनिक एसिड उनमें से एक है जो स्पर्म मोटिलिटी में सुधार लाने के लिए काफी फायदेमंद है। जैसे कि अंडे, पालक, केला, ब्रोकोली, अनार, अखरोट, गाजर और यहां तक कि डार्क चॉकलेट भी।
प्रोसेस्ड मीट खाने से बचें क्योंकि यह सीधे स्पर्म काउंट को कम करता है।
दुनिया भर में कई डॉक्टर हैं जो स्पर्म मोटिलिटी को हो रहे नुकसान के मामलों की बढ़ती संख्या से हैरान हैं। केमिकल से जुड़ी वस्तुएं साथ-साथ प्लास्टिक से बने बर्तनों का बढ़ते उपयोग को इसका एक कारण माना गया है। यह सुनने में अजीब लग रहा है, लेकिन इसमें कुछ सच्चाई भी है क्योंकि प्लास्टिक के बर्तनों में मौजूद कुछ केमिकल और घटकों में ऐसे गुण होते हैं जो स्पर्म की गतिशीलता को कम कर सकते हैं।
ये आमतौर पर वो केमिकल हैं जो नॉन-स्टिक कुकवेयर, बीपीए, फ्लेम रिटार्डेंट, कीटनाशक, जीएमओ और नाइट्रेट्स जैसी चीजों को बनाने में उपयोग किए जाते हैं। इन सभी को जीवन से पूरी तरह से नहीं हटाया जा सकता है, लेकिन निश्चित रूप से इनके उपयोग को कम करने के तरीके हैं।
ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका सामान्य उत्पादों की तुलना में ऑर्गेनिक (जैविक) उत्पादों उपयोग करना है। शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक फलों का चयन करना बहुत ही अच्छा काम माना जाता है। इसके साथ ही खाना पकाने और गर्म करने लिए प्लास्टिक कुकवेयर के बजाय सिरेमिक या कांच के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।
आज की युवा पीढ़ी का एक बड़ा हिस्सा, अपने काम के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने का सहारा लेता है या अपने साथ कोई न कोई उपकरण जरूर रखता है। स्मार्टफोन एक ऐसी जरूरी चीज है जो कई पुरुष अपनी पैंट की जेब में अंडकोश के करीब रखना पसंद करते हैं। साथ ही कंप्यूटर, विशेष रूप से लैपटॉप को लम्बी अवधि के लिए गोद में रखकर उसका उपयोग करते हैं।
डिवाइस से निकलने वाली हीट से अधिक, उससे निकलने वाले अलग तरीके के रेडिएशन अपने आस-पास एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड बना लेते हैं, जो कि शुक्राणुओं को इनडायरेक्ट तरीके से प्रभावित करते हैं। यह तब मजबूत होता है जब उपकरण टेस्टिकल्स यानी अंडकोष के बेहद करीब होते हैं, जिससे उन्हें उन क्षेत्रों के करीब रखा जाता है।
पुरुषों को चाहिए कि वे डेस्क का उपयोग करके लैपटॉप को गोद में रखने से बचें, साथ-साथ अपने फोन को अपनी शर्ट की जेब में रखने की कोशिश करें, ताकि इससे स्पर्म मोटिलिटी को फिर से बढ़ने में मदद मिल सके।
आपका शरीर अपने तापमान को रेगुलेट करने सक्षम होता है और सभी महत्वपूर्ण अंगों को सही तापमान में रखने के लिए अपना ध्यान केंद्रित करता है। हालांकि, टेस्टिकल्स शरीर के बाहर होते हैं और आसपास का तापमान ही उनको नियंत्रित करता है।
टेस्टीज शरीर की तुलना में कुछ डिग्री ठंडे होते हैं, तब ऑप्टीमल स्पर्म प्रोडक्शन देखा जाता है। यही कारण है कि बायोलॉजी ने टेस्टिकल्स को बाहर लटकने के लिए विकसित किया है।
यदि पुरुष आमतौर पर टाइट अंडरवियर या फिटिंग पैंट का उपयोग करते हैं जो यह निचले अंगों को ऊपर की ओर धकेलता है, जिससे वे शरीर की गर्मी के संपर्क में आ सकते हैं, जिससे स्पर्म लाइफ में बाधा उत्पन्न हो सकती है। लंबे समय तक गर्म बाथटब में रहने या गर्म लैपटॉप को अपनी गोद में लंबे समय तक रखने से भी समान प्रभाव पड़ता है।
जब भी संभव हो खासकर घर पर, पुरुषों को ढीले बॉक्सर और आरामदायक ढीली पैंट पहनने की कोशिश करनी चाहिए। वे यह ध्यान रखें कि टेस्टिकल्स अधिक समय तक ठंडा रहे। गर्म पानी के बजाय ठंडे पानी से स्नान करना शुरू करें और स्पर्म की गतिशीलता में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
धूम्रपान के शरीर पर कई दुष्प्रभाव होते हैं, जिनमें से इसका सीधा प्रभाव स्पर्म की संख्या और उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।
तम्बाकू में कई कंटेंट (घटक) होते हैं जो स्पर्म प्रोडक्शन के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया करने के लिए जाने जाते हैं और हर चीज को प्रभावित करते हैं। इसके प्रभावों में न केवल शुक्राणुओं की संख्या या शुक्राणु की गतिशीलता शामिल है, बल्कि शुक्राणु का आकार भी शामिल है, जिसे ऑर्गेनिक रूप से अंडे की ओर तेजी से जाने के लिए डिजाइन किया गया है। जो पुरुष लम्बे समय से धूम्रपान कर रहे हैं, उनके स्पर्म के डीएनए भी प्रभावित होना शुरू हो जाते हैं, जो कि भ्रूण की बनावट को खराब कर सकते हैं, अगर स्पर्म सफलतापूर्वक अंडे को फर्टिलाइज करता है।
अगर आपको लगता है कि अब तो देर हो गई है, तो आगे आपके लिए अच्छी खबर भी है। स्टडीज में साबित किया गया है कि स्मोकिंग बंद करने के बाद स्पर्म हेल्थ में तेजी से सुधार होना शुरू हो जाता है और नए स्पर्म स्वस्थ और अंडे तक पहुंचने के लिए अच्छे होते हैं।
गर्भधारण के लिए अपने बिस्तर का उपयोग करना एक बात है। लेकिन बिस्तर स्पर्म के गतिशील होने और अंडे को फर्टिलाइज करने के लिए भी जरूरी है।
नींद तब आती है जब शरीर सबसे ज्यादा काम कर रहा होता है। बहुत सारी मरम्मत करने की जरूरत होती हैं, दिमाग उन सभी सूचनाओं को एक साथ रखता है जो उसने एकत्र की हैं और यहां तक कि स्पर्म प्रोडक्शन भी ऑप्टीमल होता है। स्टडीज से पता चला है कि जब पुरुषों को रात में 8 घंटे या उससे अधिक की अच्छी नींद आती है तो उनके शुक्राणुओं के अच्छे होने की संभावना अधिक होती है।
एक पुरुष के शरीर में नींद के दौरान टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन तेजी से बढ़ता है और स्पर्म प्रोडक्शन को बढ़ाता है। एक घंटे की अच्छी नींद टेस्टोस्टेरोन के स्तर को लगभग 15% तक बढ़ा सकती है, जिसका सीधा असर स्पर्म के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
इन दिनों कैजुअल ड्रिंकिंग एक आम बात हो गई है, जिसके कारण पुरुष पहले की तुलना में बहुत अधिक शराब पीने लगे हैं। लेकिन एक हफ्ते में लगातार शराब पीने से स्पर्म के विकास पर सीधा असर पड़ सकता है।
स्टडीज में पाया गया है कि हफ्ते में 5 बियर या उससे थोड़ा कम पीने से भी शुक्राणु की गतिशीलता कम हो सकती है और शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है।
पीने की कोई विशेष संख्या नहीं है जिसका पालन करना चाहिए, लेकिन पुरुष जितना कम पीते हैं, उनके शुक्राणु उतने ही बेहतर होंगे।
जिस तरह खाना और फल स्पर्म मोटिलिटी बढ़ाने के लिए विटामिन प्रदान करते हैं, उसी तरह उन्हें मजबूत बनाए रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज भी आवश्यक है। इसके पीछे भी टेस्टोस्टेरोन कारण है, जो व्यायाम के दौरान उत्पन्न होता है और पुरुष को अधिक ऊर्जावान और शक्तिशाली महसूस कराता है। सप्ताह में 5 दिन नियमित एक्सरसाइज करने से स्पर्म की संख्या बढ़ती है जिससे महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। हालांकि, बहुत अधिक तीव्र एक्सरसाइज, और आराम व रिकवरी के लिए कम समय देने से स्पर्म हेल्थ पर उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।
स्पर्म की संख्या और गतिशीलता में कमी आने से पुरुष काफी कमजोर महसूस करते हैं। लेकिन यह चिंता का कारण नहीं है क्योंकि संतुलित डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ छोटे बदलावों को अपनाकर वे स्वाभाविक रूप से शुक्राणु की गतिशीलता को बढ़ा सकते हैं। आखिर स्वस्थ पिता ही स्वस्थ बच्चे का निर्माण कर सकता है और उसके लिए उनके स्पर्म का भी स्वस्थ होना जरूरी है।
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