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बधाई हो! आप अपनी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही तक पहुंच गई हैं और आप जरूर बहुत उत्साहित महसूस कर रही होंगी! आप अपनी गर्भावस्था के आखिरी चरण में है और जल्द ही आपका नन्हा सा शिशु आपकी बाहों में होगा। आपको अपने मनचाहे व्यंजनों का आनंद ले कर इस समय को सेलिब्रेट करने का मन होता होगा, लेकिन आपको अपनी इस इच्छा को नियंत्रित करना पड़ेगा। एक स्वस्थ डिलीवरी के लिए आपको इस दौरान भी स्वस्थ आहार को जारी रखने की जरूरत होगी। पौष्टिक आहार से भरपूर भोजन आपके शिशु के स्वस्थ विकास और बढ़ोतरी को सुनिश्चित करेगा।
आपके बच्चे का विकास आपके खानपान पर निर्भर करता है। यही कारण है, कि गर्भावस्था के दौरान सातवें से नौवें महीने का खाना बहुत महत्व रखता है। अब आपको हर दिन लगभग 200 अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत होगी, जिस में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, फाइबर और मिनरल मौजूद हों। आपको अपनी प्रेगनेंसी डाइट में कौन सी चीजें शामिल करनी है, यह नीचे दिया गया है:
अगर आपके खाने में आयरन की कमी हो, तो इससे प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया हो सकता है, जिसके कारण आपको थकावट और कमजोरी महसूस हो सकती है। इससे डिलीवरी के दौरान ब्लीडिंग भी हो सकती है। इसलिए आयरन से भरपूर आहार लेना जरूरी है। अपनी आखिरी तिमाही की प्रेगनेंसी डाइट में आपको मीट, अंडे, डेयरी प्रोडक्ट, बीन्स, व्हीट ब्रान आदि को शामिल करना चाहिए।
इस दौरान आपके शरीर को लगभग 70 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है, क्योंकि यह बच्चे के शरीर के निर्माण में मदद करता है। प्रोटीन से भरपूर खाना खाने से आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल सही रहता है और डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। आप टोफू, मीट, मछली और दालें आदि खा सकती हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान डीएचए से भरपूर खाना खाने से बच्चे के दिमाग के विकास में मदद मिलती है। आपको हर दिन लगभग 200 मिलीग्राम डीएचए (डोकोसैक्सिनोइक एसिड) की जरूरत होगी और इस जरूरत को पूरा करने के लिए आप अपने खाने में दूध, अंडे और फल शामिल कर सकती हैं।
पालक और रोमेन लेट्यूस जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। आप अपनी तीसरी तिमाही के खानपान में इन्हें शामिल कर सकती हैं। फोलिक एसिड से भरपूर खाना खाने से गर्भस्थ शिशु का उचित विकास होता है और जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने का खतरा कम होता है। पालक और लेट्यूस खाने के अलावा आप अपने आहार में फोलिक एसिड और फलों को भी शामिल कर सकती हैं।
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में आपके बच्चे की हड्डियों का मजबूत होना बहुत जरूरी है और इसके लिए आपकी प्रेगनेंसी डाइट में लगभग 800 मिलीग्राम कैल्शियम जरूरी है। कैल्शियम की इस जरूरत को पूरा करने के लिए आप खाने में चीज, टोफू और दही जैसे मिल्क प्रोडक्ट्स को शामिल कर सकती हैं। सालमन मछली और नट्स भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं, लेकिन अगर आप सालमन खाने की प्लानिंग कर रही हैं, तो आपको यह खाना चाहिए या नहीं, इसके बारे में जानने के लिए पहले अपने डॉक्टर से बात करें। अगर आपके डॉक्टर इसकी अनुमति दे देते हैं तो इसे खाने से पहले अच्छी तरह से पकाना न भूलें।
आपके शरीर को मैग्नीशियम की जरूरत होगी, क्योंकि वह कैल्शियम को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है और खराब हो चुके बॉडी टिशू को रिपेयर करता है। इसलिए आपको अपने खाने में मैग्नीशियम से भरपूर भोजन जरूर शामिल करना चाहिए। 350 से 400 मिलीग्राम मैग्नीशियम के लिए आप अपने खाने में बादाम, पंपकिन सीड, बार्ले और बीन्स आदि शामिल कर सकती हैं। इन्हें खाने से आपको मांसपेशियों के क्रैम्प से भी आराम मिलेगा और प्रीटर्म लेबर का खतरा भी कम होगा।
ये विटामिन मस्क्यूलेचर और प्लेसेंटल ग्रोथ के द्वारा बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये विटामिन संतरे, केले, मोसंबी, गाजर, काबुली चने और बादाम में पाए जाते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान फलों और सब्जियों का सेवन बहुत जरूरी है, क्योंकि इनसे आपको कई प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं। फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां आपको कब्ज से राहत दिलाते हैं और डाइजेस्टिव सिस्टम को स्वस्थ रखते हैं। आप इन्हें जूस, स्मूदी या कच्चे, ताजे, फ्रोजन, डिब्बाबंद किसी भी रूप में ले सकती हैं।
नट्स प्रोटीन, थियामिन और जरूरी ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत हैं। अगर आपको दोपहर या रात का खाना खाने की इच्छा नहीं होती है, तो आप एक मुट्ठी बादाम, अखरोट या पिस्ता खा सकती हैं।
साथ ही, अगर आप आखिरी तिमाही में वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ ढूंढ रही हैं, तो आपको बार-बार खाना चाहिए और पोषण और कैलोरी से भरपूर पदार्थ खाने चाहिए, जैसे ड्राई फ्रूट्स, नट्स या पीनट बटर युक्त क्रैकर।
तीसरी तिमाही के दौरान एक अच्छा संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है। विटामिन, आयरन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर खाना इस दौरान आपको जरूर लेना चाहिए। यहां पर तीसरी तिमाही के लिए एक सैंपल डाइट प्लान दिया गया है। नोट: यह एक सैंपल मील प्लान है, इसलिए इसे फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें और जरूरी बदलाव करें:
ब्रेकफास्ट | स्नैक | लंच | स्नैक | डिनर | |
सोमवार | हनी एप्पल जूस के साथ ओट्स पॉरिज | चीकू | आलू और प्याज का पराठा, दही और धनिया-पुदीने की चटनी के साथ | आम का पना और अंकुरित मूंग की चाट | सोया और मशरूम करी और भिंडी की सब्जी के साथ खीरे और गाजर का सलाद + चपाती/चावल |
मंगलवार | ग्रिल्ड पनीर सैंडविच और चाय | अमरूद | राजमा करी + शिमला मिर्च और फूलगोभी की सब्जी और खीरे का रायता चपाती/चावल | बादाम दूध | लाल मसूर की दाल + बीन्स की सब्जी और चपाती/चावल |
बुधवार | खजूर और दूध के साथ गेहूं का दलिया | अंगूर | आलू और मटर की सब्जी + कद्दू की सब्जी + चपाती | ढोकला और छाछ | पालक का पराठा + बीटरूट का रायता |
गुरुवार | सागो उपमा मूंगफली के साथ और कॉफी | सूखे अंजीर | वेजिटेबल खिचड़ी + अनार का रायता सिंका हुआ पापड़ | नारियल पानी+ भुना हुआ मक्का | लौकी कोफ्ता करी + कमल ककड़ी की कुरकुरी सब्जी के साथ बाजरे की रोटी |
शुक्रवार | सूजी और मिक्स वेजिटेबल चीला + छाछ | आम | काली दाल + गोल कद्दू की सब्जी और बेसन की रोटी | लस्सी + भुनी मूंगफली के साथ मुरमुरा | प्याज और टमाटर के रायते के साथ पुलाव |
शनिवार | दही के साथ मेथी का पराठा | पपीता | मूंग की दाल और गाजर व मटर की सब्जी के साथ चावल/रोटी | जलजीरा+ शकरकंद की चाट | लोबिया करी+ मूली की सब्जी और रोटी |
रविवार | भुने हुए मशरूम के साथ होल व्हीट टोस्ट और बनाना मिल्क शेक | अनार | छोले+ करेले की सब्जी और चपाती/चावल | मिक्स्ड नट्स और किशमिश के साथ लेमनेड | पास्ता इन टोमेटो सॉस + स्टीम्ड ब्रोकली स्टिक्स |
यहां पर कुछ ऐसे डाइटरी टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें आपको प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही के दौरान फॉलो करना चाहिए:
तीसरी तिमाही के दौरान अपने खानपान में इन चीजों को शामिल करने से बचना चाहिए:
प्रेग्नेंट हों या न हों, अगर स्वस्थ भोजन लेना ही आपका हमेशा का मंत्र रहा है, तो आपको अपने खानपान में विशेष बदलाव करने की जरूरत नहीं है। पर अगर ऐसा नहीं है, तो आपको तीसरी तिमाही में भी खानपान से संबंधित कुछ बदलाव करने जरूरी है। अब तक आपने बहुत अच्छा किया है, तो इसे करना जारी रखें, ताकि आपका बच्चा अच्छी तरह से विकसित हो सके। हालांकि अपने भोजन में किसी भी चीज को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें और एक सुरक्षित गर्भावस्था का आनंद लें।
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