शिशु

भगवान कृष्ण के रूप में पोशाक पहनाने के खास 8 टिप्स – आपके नन्हे के लिए

कान्हा जी’ का जन्म अर्थात ‘कृष्ण जन्माष्टमी‘, यह त्यौहार पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।कहीं श्री कृष्ण का स्वागत ढोल, नगाड़े व कीर्तन से किया जाता है तो कहीं दहीहांडी प्रतियोगिता रखी जाती है। इस दिन हर क्षेत्र में लोग अपने अपने तरीके से यह उत्सव मनाते हैं । भगवान कृष्ण सर्वशक्तिमान हैं और इनकी अनेक लीलाओं ने हम सबका मन मोहित किया है, एक ओर श्री कृष्ण, भगवान विष्णु अवतार में पूजनीय हैं तो दूसरी ओर इनके बचपन की आकर्षक पोशाक, अनूठी वेशभूषा व नटखट शैतानियों के कारण ये बालगोपाल के रूप में भी सबके प्रिय हैं।

कहा जाता है यशोदा मैया अपने लाडले कान्हा को अद्भुत पोशाक में तैयार करती थीं और इस अद्भुत पोशाक में मोर का मुकुट और बांसुरी के साथ नंदलाला की वेशभूषा पूरे गाँव भर में अत्यंत आकर्षक होती थी। उनकी इस अनोखी छवि को आज भी बहुत से मातापिता अपने लाडले में देखना पसंद करते हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर अक्सर माएं अपने नन्हे गोपाल को श्री कृष्ण के पहनावे में तैयार करती हैं। यदि आप भी इस बार अपने बच्चे को श्री कृष्ण के पहनावे के साथ तैयार करने की सोच रही हैं तो यहाँ दिए कुछ सुझावों को पढ़ें।

बच्चे को श्री कृष्ण का शृंगार करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

कान्हा की छवि सबसे अधिक प्रिय और प्रसिद्ध है, अपने बच्चे को श्री कृष्ण की अद्भुत पोशाक पहनाने से पहले, जानें कुछ खास बातें;

  • खयाल रखें कि बच्चे का पेट उसका पेट भरा हुआ हो और वह भूखा न हो।
  • पारंपरिक पोशाक पहनाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उसकी नींद पूरी हो चुकी है। यदि वह अच्छी तरह से नहीं सोया है तो वह चिड़चिड़ा और नाखुश रहेगा।
  • बच्चे को ज्यादा आभूषण न पहनाएं, उसे सिर्फ उतना ही सुसज्जित करें जितना उसके लिए सुविधाजनक है।
  • यदि किसी भी आभूषण या पहनावे के कारण आपका बच्चा चिड़चिड़ा होता है तो उसे तुरंत निकाल दें।
  • खयाल रहे आभूषण नुकीले या किनारों में पैने न हों और आपका बच्चा उसे प्रसन्नता से पहन सके।
  • बच्चों के शरीर में रंगों का प्रयोग न करें, यह आपके बच्चे की संवेदनशील त्वचा को हानि पहुँचा सकता है।
  • सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चे की पोशाक के लिए जो भी कपड़ा चुन रही हैं, वह अच्छे फैब्रिक का होना चाहिए (विशेष रूप से कॉटन या सिल्क)

अपने बच्चे को श्री कृष्ण के रूप में कैसे तैयार करें

श्री कृष्ण के नटखट बालपन और उनकी कहानियों को लोग आज भी सुनना और पढ़ना पसंद करते हैं। इन सब में जो सर्वाधिक प्रिय है वह है उनकी पोशाक और उनकी वेशभूषा जो विश्वभर में प्रसंसनीय है। अपने बच्चे को कान्हा की पोशाक में तैयार करने के लिए निम्नलिखित टिप्स का अनुसरण करें;

1. मोरमुकुट

अद्भुत पोशाक के साथ मोरमुकुट, कन्हैया जी की वेशभूषा को पूर्ण करता है और यह श्री कृष्ण के स्वरुप का एक महत्वपूर्ण भाग है। आज के समय में नन्हेंमुन्ने नटखट गोपाल के लिए बाजार में अनेक मोरमुकुट बहुत सरलता से मिलते हैं। बच्चे के लिए मुकुट खरीदने पर अच्छी गुणवत्ता के साथ समझौता न करें क्योंकि किसी भी प्रकार की खराब गुणवत्ता उसकी मासूम त्वचा को हानि पहुँचा सकती है। यदि आप रचनात्मक हैं तो आप घर पर ही एक सुंदर मुकुट का निर्माण कर सकती हैं। इसे बनाने के लिए आपको सिर्फ एक मुलायम कार्डबोर्ड और कुछ रंगबिरंगे व सुनहरे कागज और धागे की आवश्यकता होगी।

2. धोती

अपने बच्चे के लिए कॉटन या सिल्क की धोती ही चुनें क्योंकि यह फैब्रिक अधिक मुलायम और बच्चे के लिए सुविधाजनक होते हैं। आप नन्हें गोपाल की धोती बनाने के लिए अपने सिल्क के दुपट्टे या साड़ी को भी काटकर बना सकती हैं। यदि आप अपने बच्चे पर इसका सुरक्षित व अच्छी तरह से उपयोग करेंगी तो यह एक अच्छा विकल्प है। इसके अलावा आप चाहें तो बाजार से रेडीमेड धोती भी खरीद सकती हैं, बाजार में मिलने वाली धोती रेडीटूवियर होती है और साथ ही यह विभिन्न रंगों में भी उपलब्ध हैं।

3. कुर्ता

वैसे तो देखा जाए तो लोग अपने बच्चे को श्री कृष्ण की पोशाक में सिर्फ धोती ही पहनाते हैं किन्तु यदि आप नहीं चाहती हैं कि आपके बच्चे का बदन खुला रहे तो उसे धोती के साथ एक सुंदर कुर्ता पहनाएं। आप अपनी पसंद के अनुसार मैचिंग कुर्ता खरीद सकती हैं या फिर कोई कंट्रास्ट रंग का भी कुर्ता चुन सकती हैं।

4. मोर पंख

कहा जाता है कि श्री कृष्ण को अपने पूर्ण शृंगार में मोर पंख अत्यधिक प्रिय है। यही कारण है कि आज भी मुरली मनोहर का शृंगार मयूर का पंख लगाकर किया जाता और इसकी अधिक महत्ता भी है। भगवान कृष्ण की पोशाक व शृंगार में आपके बच्चे के लिए मयूर पंख भी उसके आभूषणों का एक मुख्य भाग है। आप इस पंख को मुकुट में चिपका सकती हैं या स्टेपल भी कर सकती हैं। अगर पंख मुकुट में न चिपके तो अपने बच्चे के बालों में एक छोटी सी चोटी बनाएं और उसमें मयूर पंख बांध दें या अटका दें।

5. माखन की मटकी

जैसा की हम सभी जानते हैं, हमारे सर्व प्रिय नटखट गोपाल (श्री कृष्ण) को माखन कितना प्रिय है। नंद के लाल, गोपाल श्री कृष्ण हमेशा माखन के आसपास ही नजर आया करते है और मैया यशोदा हमेशा उनके पीछपीछे रहती थी। कहा जाता है मक्खन के बिना श्री कृष्ण का त्यौहार और उनकी वेशभूषा, दोनों ही बेस्वाद और सूनी लगती है। इसलिए इस जन्माष्टमी जब आप अपने नन्हे कृष्ण को तैयार करेंगी तो उसके पास एक छोटी सी मक्खन की मटकी भी रखें। मटकी की सजावट आप विभिन्न रंगों के वेलवेट कागज से कर सकती हैं और उसे अधिक आकर्षक बनाने के लिए छोटेछोटे शीशे भी लगाएं। मटके की छवि उबारने के लिए आप उसमे में रुई डाल सकती हैं जिससे वह माखन की तरह लगेगा । यदि आपका बच्चा फैंसी ड्रेस में भाग लेता है तो यह तरीका श्री कृष्ण के स्वरूप को पूर्ण करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

6. बांसुरी

भगवान श्री कृष्ण को मुरलीधरके नाम से भी पुकारा जाता है, जिसका अर्थ है, ‘वह जिसके पास हमेशा बांसुरी या मुरली रहती है’। आप अपने मुरली मनोहर के लिए एक लकड़ी की बांसुरी खरीद सकती हैं। बच्चे के लिए भारी धातु की मुरली न खरीदें, इससे वह खुद को चोट पहुँचा सकता है। आप बांसुरी की सजावट सुनहरा कागज लगाकर कर सकती हैं। यदि आपका बच्चा बांसुरी पकड़ना नहीं चाहता है तो आप उस बांसुरी में कुछ घुंघरू बांध दें। ऐसा करने से बच्चा घुंघरू की आवाज के कारण बांसुरी की ओर आकर्षित रहेगा।

7. आभूषण

बिना आभूषणों के श्री कृष्ण की वेशभूषा या पोशाक अधूरी है, किन्तु यदि आप अपने बच्चे को अत्यधिक आभूषण पहनाती हैं तो वह चिड़चिड़ा या परेशान हो सकता है। इसलिए आप उसे कम से कम आभूषण पहनाएं, आप बच्चे को मोती की माला या एंक्लेट पहना सकती हैं। अपने बच्चे को कान्हा का स्वरूप देने के लिए कृत्रिम फूलों के आभूषण का उपयोग भी कर सकती हैं।

8. मेकअप

यदि आपको अपने बच्चे का मेक अप करने का शौक है तो यह सलाह दी जाती है कि आप उसके माथे पर सिर्फ एक तिलकलगाएं। बच्चों पर मेकअप का उपयोग बिलकुल भी न करें क्योंकि यह उसकी संवेदनशील त्वचा को हानि पहुँचा सकता है और साथ ही उसकी आँखों में काजल या लाइनर का उपयोग भी न करें।

ऊपर बताई हुई कुछ बुनियादी बातों को ध्यान में रखकर आप इस विशेष अवसर पर अपने बच्चे को श्री कृष्ण की पोशाक में तैयार कर सकते हैं। बच्चों को अच्छी और अद्भुत पोशाक या पहनावे में तैयार करने के लिए त्यौहार एक सर्वोत्तम अवसर होता है। बस आपको इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि आपका बच्चा खुश और सुविधाजनक महसूस करे। यदि किसी भी प्रकार से बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है या वह परेशान होता है तो आपके द्वारा इतनी मेहनत करने का कोई भी फायदा नहीं है। यह सब करने का सिर्फ एक ही तात्पर्य है कि आप अपने बच्चे के साथ त्यौहार की खुशियां मना सकें, इसलिए उसकी पोशाक व आभूषणों को साधारण और सरल रखें।

सुरक्षा कटियार

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