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बधाई हो! आप मातृत्व जैसी, दुनिया के सबसे आदर्श काम और जीवन के सबसे बड़े आशीर्वाद में प्रवेश कर रही हैं। आप जीवन में इस नए पड़ाव के साथ निश्चित रूप से भाव विभोर होंगी और हम निश्चित रूप से कह सकते हैं, कि आप अपने नन्हे शिशु के साथ बहुत आनंद ले रही होंगी। मां और बच्चे दोनों के लिए ही ब्रेस्टफीडिंग प्रकृति के सबसे खूबसूरत उपहारों में से एक है और दोनों के ही स्वास्थ्य के लिए इसे हाईली रेकमेंड किया जाता है। इससे आपको बच्चे के साथ अपने संबंध को मजबूत बनाने के लिए भी समय मिलता है।
कभी-कभी, कुछ खास जटिलताओं या अक्षमताओं के कारण, कुछ माँएं स्तनपान नहीं करा पाती हैं। ऐसे मामलों में यह सवाल उठता है, कि क्या शिशु को मां के दूध के बजाय, गाय का दूध दिया जा सकता है। अगर आप, बच्चे को मां के दूध के बजाय गाय का दूध पिलाने को लेकर जानकारी चाहती हैं, तो आपके लिए यह लेख काफी मददगार हो सकता है।
आपको अपने बेबी को गाय का दूध देना चाहिए या मां का दूध?
एक्सपर्ट्स के द्वारा हमेशा, कम से कम 1 साल की उम्र तक नवजात शिशु को मां का दूध देने की सलाह दी जाती है। जब तक आपका बच्चा 10 से 12 महीने का नहीं हो जाता, तब तक उसे गाय का दूध देने के लिए मना किया जाता है। इसके पीछे का मुख्य कारण यह है, कि आपके बच्चे का डाइजेस्टिव सिस्टम गाय के दूध को ब्रेकडाउन करने में कठिनाई महसूस करता है। साथ ही, गाय का दूध ब्रेस्ट मिल्क की तुलना में कम पौष्टिक होता है। अगर आप, अपने नवजात शिशु को पर्याप्त दूध पिलाने में सक्षम नहीं हैं, तो पीडियाट्रिशियन ब्रेस्टफीडिंग के साथ-साथ गाय का दूध या फार्मूला दूध (अन्य हेल्दी, डाइटरी, फीडिंग पैटर्न और चिंताओं के आधार पर) देने की सलाह दे सकते हैं।
बेबी के लिए मां के दूध और गाय के दूध के फायदे के बीच तुलना
1. मां के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं, जो कि गाय के दूध में नहीं होते हैं
मां के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं, जो कि बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से लड़ने के लिए बच्चे के इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ावा देती हैं और बदले में उसे विभिन्न बीमारियों और इंफेक्शन से सुरक्षित रखती हैं। वास्तव में आईजीए नामक एक प्रकार की एंटीबॉडी, बच्चे को केवल मां के दूध से ही मिल सकती है। वहीं दूसरी ओर, गाय के दूध में ऐसी एक भी एंटीबॉडी नहीं होती है, जो मां के दूध में होती है। अब आप यह समझ सकते हैं, कि बच्चे की इम्युनिटी के लिए मां का दूध इतना जरूरी क्यों है।
2. ब्रेस्ट मिल्क में पानी की मात्रा उचित होती है
मां के दूध में पानी की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है, जो कि न केवल बच्चे की प्यास को बुझाती है, बल्कि बच्चे की पानी की जरूरतों को भी पूरा करती है। वहीं दूसरी ओर, गाय के दूध में मौजूद पानी आपके बच्चे के पानी की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है।
3. मां के दूध में, गाय के दूध के तुलना में फैट की अधिक मात्रा मौजूद होती है
मां के दूध में, गाय के दूध की तुलना में कहीं अधिक हेल्दी फैट मौजूद होते हैं। गाय के दूध में जरूरी फैटी एसिड की बहुत ही कम मात्रा होती है, जो कि बच्चे के स्वस्थ विकास और बढ़त के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसके अलावा आपके ब्रेस्टमिल्क में ये फैट कुछ इस रूप में मौजूद होते हैं, जिससे बच्चे के लिए इन्हें अब्जॉर्ब करना और उनसे पोषण लेना आसान हो जाता है।
4. ब्रेस्ट मिल्क गाय के दूध की तुलना में अधिक आसानी से पचता है
ऐसा मुख्य रूप से इसलिए है, क्योंकि मां के दूध की तुलना में गाय के दूध में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। मानव शरीर को प्रोटीन को पूरी तरह से पचाने में अधिक ताकत लगती है। इसके कारण, बच्चे के लिए गाय के दूध को पचा पाना कठिन हो जाता है। गाय के दूध में पाए जाने वाले कुछ प्रोटीन, शिशुओं में एलर्जी का कारण भी बन सकते हैं।
5. मां के दूध में गाय के दूध की तुलना में कहीं अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है
यही कारण है, कि मां के दूध से बच्चे को बेहतरीन क्वालिटी का पोषण मिलता है, जिससे बच्चे को पूरे दिन ताकत मिलती रहती है। एनर्जी का स्तर अच्छा होने से, सब कुछ आसानी से चलता रहता है – बढ़ना, सोना, खेलना सब कुछ!
6. मां के दूध में विटामिन और मिनरल की सही मात्रा होती है
अगर आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एक संतुलित डाइट लेती हैं, तो आपका दूध बेबी को जरूरी विटामिन और मिनरल्स सही मात्रा में देता है। जिससे उसकी सभी न्यूट्रीशनल जरूरतें पूरी हो जाती हैं। वहीं दूसरी ओर, गाय के दूध में लगभग कोई भी विटामिन नहीं होते हैं। सोडियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम जैसे मिनरल्स बहुत अधिक होते हैं और आयरन भी बहुत कम होता है। जहां ये सभी जरूरी मिनरल हैं, वहीं, अगर इन्हें जरूरत से ज्यादा दिया जाए, तो इनसे फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकते हैं।
अगर आप अपने बेबी को ब्रेस्टफीड कराने में अक्षम हैं तो क्या करें?
लोग कहते हैं, कि मातृत्व एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, एक बार जब बच्चा आपकी गोद में आ जाता है, तो सब कुछ अपने आप हो जाता है। लेकिन, यह पूरी तरह से सच नहीं है। ऐसी कई तरह की नई चीजें होती हैं, जिन्हें आपको जल्दी-जल्दी सीखना होता है। एक नई मां के लिए अपने न्यूबॉर्न बेबी को ब्रेस्टफीडिंग कराना सीखना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। अगर कुछ कारणों से आप अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने में सक्षम नहीं हैं, तो आपको दूसरे समाधान की ओर रुख करना पड़ेगा। ज्यादातर मांओं के लिए ब्रेस्ट मिल्क को एक्सप्रेस करके चम्मच या बोतल में डाल कर बच्चे को पिलाना सबसे बेहतरीन विकल्प हो सकता है। वहीं, दूसरी ओर मां को ब्रेस्ट मिल्क के साथ बाहरी दूध देना पड़ सकता है।
लोगों को ऐसा लग सकता है, कि गाय का दूध अधिक प्राकृतिक है और यह निश्चित रूप से फार्मूला मिल्क से बेहतर है। पर यह सच नहीं है। फार्मूला मिल्क को खास तौर पर इस तरह से तैयार किया जाता है, कि यह ब्रेस्ट मिल्क से ही मिलता जुलता होता है। हालांकि वहीं दूसरी ओर, गाय का दूध हालांकि प्राकृतिक होता है, पर यह मां के दूध से बहुत अलग होता है (जैसा कि हम ऊपर देख चुके हैं)। इसलिए प्राथमिकता हमेशा ऐसी होनी चाहिए: मां का दूध > फॉर्मूला दूध > गाय का दूध।
अगर आप पर्याप्त मात्रा में दूध का प्रोडक्शन करने में सक्षम नहीं हैं और अपने बढ़ते बच्चे की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती हैं, तो आप अपने ब्रेस्ट मिल्क की मात्रा को बढ़ाने के लिए अपने खानपान की आदतों में बदलाव कर सकती हैं। जिस तरह से अपने बच्चे के लिए आप सबसे अच्छी मां हैं, उसी तरह से, आपका दूध उसके पोषण के लिए सबसे बेहतरीन है ! याद रखें – आपके पास हर वह चीज है, जिसकी शिशु को जरूरत है, बस अपनी मन की आवाज को सुनें और प्रकृति को अपना काम करने दें।
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