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आपका बच्चा तेजी से बड़ा हो रहा है। अब उसने अपने छह महीने पार कर लिए हैं और वह शायद अपने आप थोड़ा बहुत बैठने भी लगा होगा। जब आप अपना भोजन करती हैं, तो बच्चा इसे देखकर खाने की इच्छा जाहिर करता है। आप इस समय तक उसे सॉलिड फूड देना शुरू कर सकती हैं! हालांकि, ब्रेस्ट मिल्क से सॉलिड फूड देने के बीच इस ट्रांजीशन में आपके बच्चे को कुछ खानों से एलर्जी हो सकती है। इसलिए आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि उसे किन खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती है या उसके डाइजेस्टिव सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है और आप उसे इससे कैसे बचा सकती हैं!
बच्चों को सॉलिड फूड देना उनके लिए किसी एडवेंचर से कम नहीं है। आपके बेबी ने अभी तक सिर्फ ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क ही लिया होगा, लेकिन अब समय आ गया है कि उसे कुछ मजेदार चीजें खाने को दी जाएं! बच्चे के बेहतर ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए ठोस आहार देना जरूरी होता है लेकिन आपको यह भी खयाल रखना होगा कि छोटे बच्चों का पेट बहुत सेंसिटिव होता है। कई बच्चों को किसी एक खाने से एलर्जी हो जाती है या फिर जब उन्हें सॉलिड फूड देना शुरू करते हैं तब ऐसी दिक्कत आती है। हालांकि फूड एलर्जी बहुत आम है, लेकिन यह आपके बच्चे के लिए काफी तकलीफदेह अनुभव हो सकता है!
पित्ती या हाइव्स होने से त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं, जिसमें बहुत ज्यादा खुजली होती है और यह गुलाबी रंग के दिखाई देते हैं। ये ज्यादातर खुद से ही ठीक हो जाते हैं और फिर से अचानक से त्वचा पर दिखने लगते हैं ।
खाद्य पदार्थ जिसके कारण पित्ती हो सकती है: सोयाबीन, गेहूं, मछली, अंडे और शेलफिश
एक्जिमा त्वचा पर लाल रंग के रैशेस होते है जो दिखने में ड्राई, थिक और पपड़ीदार होता है। हालांकि एक्जिमा आमतौर पर गर्मी, धूल और प्रदूषण से बढ़ता है लेकिन फूड एलर्जी भी एक कारण होती है।
खाद्य पदार्थ जिसके कारण एक्जिमा हो सकता है: डेयरी प्रोडक्ट, सोया और अंडे
यह सबसे खतरनाक एलर्जी में से एक है। इसमें आपके बच्चे के एयरवेज बंद हो जाते हैं और उसे सांस लेने में परेशानी होने लगती है। बाकी एलर्जी की तरह, इसके भी होने का कोई सटीक कारण नहीं बताया जा सकता है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जो बच्चों में इस समस्या का कारण बन सकते हैं।
खाद्य पदार्थ जिसके कारण सांस फूलने की समस्या हो सकती है: कुछ प्रकार के नट्स और अंडे
बच्चों को फूड एलर्जी से दूर रखने का सबसे सरल तरीका यह है कि आप उन्हें ऐसे खाद्य पदार्थों को देने से पूरी तरह बचें, जो एलर्जी करते हैं। लेकिन यह कहने में जितना आसान है, उतना करने में मुश्किल! यदि आप अपने बच्चे को थोड़ा-थोड़ा सब कुछ खिला रही हैं, जैसा कि ज्यादातर मांएं करती हैं, तो एलर्जेन को ट्रैक करना और भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि डॉक्टर से परामर्श करें। एक्सपर्ट, ब्लड या स्किन टेस्ट करने के बाद, आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में बता पाएंगे जो बच्चे में एलर्जी को ट्रिगर कर रहे हैं।
यहाँ आपको कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं, जिन्हें आपको अपने दिमाग में रखना चाहिए ताकि बच्चे को एलर्जी से बचाया जा सके और उन्हें ठीक से न्यूट्रिएंट्स भी मिलें, तो आइए जानते हैं:
यही सबसे पहला और जरूरी कदम है कि आप बच्चे को सॉलिड फूड देते समय ज्यादा जल्दबाजी न करें। अपने बच्चे की डाइट में धीरे-धीरे चीजों को शामिल करें, ताकि किसी रिएक्शन के लक्षण आसानी से पता चल सके।
आप जब भी अपने बच्चे को स्टोर से लाई गई कोई भी चीज खिलाएं, तो उस पर लगे लेबल को ध्यान से पढ़ें। खासतौर पर जब आप उन्हें कोई नया खाना देने जा रही हों, ताकि बच्चे में किसी भी गंभीर एलर्जिक रिएक्शन को होने से रोका जा सके।
यदि आपके पास डे-केयर वर्कर, बेबीसिटर या रिश्तेदार हैं जो आपके छोटे बच्चे की देखभाल कर रहे हैं, तो आप उन्हें एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी पहले से दे दें। इसके अलावा, आपको यह भी ध्यान देना चाहिए कि जो भी आपके बेबी की देखभाल कर रहा हो उन्हें यह पता होना चाहिए कि अगर बच्चे को एलर्जी हो जाए तो उस समय उन्हें क्या करना चाहिए।
एलर्जी आमतौर पर किसी भी नियम का पालन नहीं करती है और यह एक बार होने के बाद अगली बार और भी ज्यादा हो सकती है। अपने बच्चे के डॉक्टर या किसी एलर्जी के स्पेशलिस्ट से परामर्श करें और आपको क्या एक्शन लेना चाहिए उसके बारे में एक डिटेल प्लानिंग करें। डॉक्टर एक एपिनेफ्राइन ऑटो-इंजेक्टर देने के लिए कह सकते हैं, जो ऑटोमेटिकली लगाया जाता है ।
यदि परिवार में किसी को एलर्जी प्रॉब्लम होती है, तो इस बात की काफी संभावना है कि आपके बच्चे को भी यह विरासत में मिल सकती है। उस स्थिति में आपको उसे सॉलिड फूड जल्दी नहीं देना चाहिए और ब्रेस्टफीडिंग ही करानी चाहिए। माँ के दूध से बच्चे की इम्युनिटी में सुधार होता है और उसे एलर्जी होने का खतरा कम होता है।
हालांकि फूड एलर्जी सच में बच्चे के लिए काफी मुश्किल पैदा करती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि ज्यादातर बच्चों में यह उनके स्कूल जाने से पहले खुद ही खत्म हो जाती है। यदि आपके बच्चे को भी एलर्जी की समस्या है, तो इस बात का खयाल रखें कि उसे कोई भी एंटी-एलर्जी प्रोडक्ट से दूर रखें जैसे कपड़े, डिटर्जेंट आदि का उपयोग। क्योंकि फूड एलर्जी दूसरी तरह की एलर्जी को भी ट्रिगर कर सकती है। ऐसी एलर्जी को बच्चे से दूर रखने के लिए आपका थोड़ी सतर्कता बरतना और अच्छी तरह देखभाल करना जरूरी है।
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