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आमतौर पर बच्चे अलग-अलग तरह के खेल खेलना पसंद करते हैं। जिन्हें देखने पर वे केवल मनोरंजक खेल लगते हैं, लेकिन इनसे उनका मानसिक विकास तेज होता है। खेलों के माध्यम से ही बच्चा स्वयं की भावनाओं का विकास, दूसरों के साथ भागीदारी और सामाजिक होना सीखता है, क्योंकि इससे वो टीम वर्क, सहयोग करना और महत्वपूर्ण जानकारी को साझा करना या छुपाना, सीखता है। मानव विकास से जुड़ी सभी चीजों की तरह, कई खेल काफी मुश्किल भी होते हैं इसलिए इन्हें कई चरणों और विभिन्न श्रेणियों में रखा जाता है। इस लेख में, हम 11 प्रकार के खेलों के बारे में जानेंगे जो बच्चों के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
सरल शब्दों में, खेलने को अपनी इच्छा से करने वाली गतिविधि के रूप में समझा जा सकता है जिससे व्यक्ति को अच्छा महसूस होता है। खेलना बच्चों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह उनमें स्वयं को जानने और सामाजिक समझ को विकसित करने के साथ समस्या को सुलझाने की स्किल को सीखने में मदद करता है। यह उन्हें अपने दिमाग को आराम देने और अपनी उम्र के अन्य बच्चों के साथ एक रिश्ता बनाने में मदद करता है।
यह भी माना जाता है कि खेल, बच्चों में संतुलन और एकाग्रता में सुधार करने जैसे प्रमुख कौशल को विकसित करने में भी मदद करते हैं। खेल स्कूल एक्टिविटी को ठीक तरह से करने में एक्स्ट्रा सपोर्ट भी करते हैं।
लॉरेंस कोहेन ने अपनी पुस्तक ‘प्लेफुल पेरेंटिंग’ में खेल के तीन मुख्य उद्देश्य बताए हैं, जो इस प्रकार हैं:
यह आपके बच्चे को रोजाना की गतिविधियों में शामिल करके उन्हें खुद की अहमियत बताता है। क्योंकि यह बच्चों को सतर्क रहने में मदद करता है, इसलिए स्कूलों में खेल को महत्व दिया जाता है और रोजाना उन्हें कुछ समय के लिए अपनी पसंद का कोई भी स्पोर्ट्स खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
चाहे बिना किसी लक्ष्य के गेंद फेंकना हो या फिर स्पोर्ट ड्रेस पहन कर पूरा माहौल बनाकर खेलना, खेल बच्चों के दिमाग को एक्टिव रखने में मदद करते हैं, साथ ही उनकी कल्पनाशीलता और क्रिएटिविटी को विकसित करते हैं। बच्चों के विकास के लिए 11 प्रकार के खेलों की सूची नीचे दी गई है।
खाली खेल वह होता है, जिसमें बच्चा अपने हाथों को हिलाता है और अपने पैरों को हवा में किक करता है, जिस समय बच्चा ऐसा कर रहा होता है वो बिना सोच समझे ये कर रहा होता है। इस तरह खेलना निश्चित रूप से खेल का एक प्रकार है। यह खेल आमतौर पर नवजात शिशु और छोटे बच्चों में ही देखा जाता है।
लाभ:
उदाहरण:
आमतौर पर यह खेल एक या दो साल की उम्र के बच्चों में देखा जाता है, समानांतर खेल, वह स्थिति होती है जब दो बच्चे साथ-साथ खेलते हैं, लेकिन एक दूसरे से सीमित बातचीत करते हैं और एक-दूसरे को अपने खेल में शामिल किए बिना अपना काम करते हैं। समानांतर खेलने के दौरान, बच्चे कभी-कभी एक-दूसरे को देखकर अपने खेल में बदलाव कर सकते हैं, लेकिन अपने साथियों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करते।
लाभ:
उदाहरण:
जब एक बच्चा, अन्य बच्चों के साथ मिलकर बिना किसी खिलौनों पर ध्यान देते हुए एक दूसरे के साथ लंबे समय तक खेलता रहता है, तो उसे सहयोगी खेल कहा जाता है। खेल के कोई निर्धारित नियम, संरचना, संगठन या सामान्य लक्ष्य भी नहीं होते हैं। यह खेल आमतौर पर तीन या चार साल की उम्र के बच्चों में देखा जाता है।
लाभ:
उदाहरण:
इंडिपेंडेंट प्ले या अकेले खेल खेलना आमतौर पर दो या तीन साल के बच्चों में देखा जाता है। अकेले खेल के दौरान बच्चे खिलौने पकड़ने और वस्तुओं को उठाने और उसे देखने में खोए रहते हैं। वे अपने आसपास के अन्य बच्चों में कोई दिलचस्पी नहीं लेते हैं। अकेले खेल खेलना उन बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्होंने अभी तक शारीरिक और सामाजिक कौशल को नहीं सीखा है और बातचीत करने में शर्म महसूस करते हैं।
लाभ:
उदाहरण:
नाटकीय खेल के दौरान, बच्चे अक्सर स्थितियों और लोगों की कल्पना करते हैं या किसी विशेष भूमिका में खुद की कल्पना करते हैं और फिर उन काल्पनिक कहानी को निभाते हैं। इस प्रकार का खेल बच्चों को भाषाओं के साथ प्रयोग करने और अपनी भावनाओं को प्रकट करने के लिए प्रेरित करता है।
लाभ:
उदाहरण:
जब बच्चे सक्रिय रूप से किसी खेल में हिस्सा नहीं लेते हैं, बल्कि अन्य बच्चों को खेलते हुए देख रहे होते हैं, तो उसे दर्शक खेल में शामिल होना कहा जाता है। अक्सर टॉडलर में यह खेल सबसे ज्यादा देखा जाता है। इसमें बच्चे, दूसरों को खेलते हुए देखकर बहुत सारी चीजों को सीख जाते हैं।
लाभ:
उदाहरण:
प्रतिस्पर्धात्मक खेल में, बच्चे नियमों और दिशा निर्देशों के साथ जीत और हार के बारे में जानते हुए, एक साथ मिलकर खेल खेलना सीखते हैं। लूडो, सांप सीढ़ी और फुटबॉल सभी प्रतिस्पर्धी खेल के प्रकार हैं।
लाभ:
उदाहरण:
जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते हैं, उनमें सामाजिक कौशल विकसित होने लगता है और वो दूसरों के साथ सहयोग करना, बातचीत करना और मिलकर खेल खेलना सीखने लगते हैं। सहकारी खेल में बच्चा एक सामान्य लक्ष्य की ओर टीम-वर्क में शामिल होकर खेलता है।
लाभ:
उदाहरण:
प्रतीकात्मक खेल में बच्चे किसी भी प्रकार की वस्तुओं का उपयोग करके उनसे खेलना शुरू कर देते हैं। जैसे संगीत बजाना, चित्र बनाना, रंग भरना और गाना सभी प्रतीकात्मक खेल के प्रकार हैं।
लाभ:
उदाहरण:
शारीरिक खेल, खेल का एक रूप है जिसमें कुछ हद तक शारीरिक गतिविधि शामिल होती है।
लाभ:
उदाहरण:
किसी भी प्रकार के खेल जिसमें किसी चीज का निर्माण या संयोजन शामिल होता है, उसे रचनात्मक खेल कहलाता है।
लाभ:
उदाहरण:
खेल बच्चों की वृद्धि और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि माता-पिता अपने बच्चों को खेलने से न रोकें। बल्कि, माता-पिता को जब भी समय मिले उन्हें अपने बच्चों के साथ खेलने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि खेल के माध्यम से बहुत ही आसानी से रिश्ता मजबूत होता है और आपसी समझ बेहतर होती है। खिलौनों से खेलते समय किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए माता-पिता को हमेशा बच्चों पर नजर रखनी चाहिए।
ध्यान रखें कि अपने बच्चे को पार्क या खेलने वाली जगहों पर ले जाकर समान आयु के बच्चों के साथ खेलने और बातचीत करने देना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे में सोशल स्किल और चीजों को बांटकर उपयोग करने वाली आदत विकसित होने में मदद मिलेगी। आप अपने बच्चे के लिए ऐसे स्कूल का चयन करें जो बच्चों के संपूर्ण विकास पर ध्यान केंद्रित करता हो और खेल व शिक्षा दोनों को समान महत्व देता हो।
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