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स्कूल में लंबा समय गुजारने के बावजूद, हो सकता है कि आपका बच्चा संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि उसे पूरे दिन एक्साइटेड काम करने हैं। यही वो समय जब एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज काम आती हैं। स्कूल से आने के बाद स्नैक्स खाने और कुछ देर आराम के बाद, बच्चे को पढ़ाई के अलावा और भी कई एक्टिविटीज से, जिसमें उसकी रूचि हो, फायदा मिल सकता। वह तरह-तरह के खेल, शतरंज, डांस, बुक क्लब, म्यूजिक आदि जैसी कुछ एक्टिविटीज को चुन सकता है। आखिर बच्चे को उसकी पसंद का काम करने का मौका मिलना जरूरी है।
पढाई से जुड़ी एक्टिविटीज आपके बच्चे का पूरी तरह से विकास करने में मदद नहीं करती हैं। यही कारण है कि हर बच्चे को पढ़ाई से थोड़ा अलग जाकर किसी एक एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटी में जरूर शामिल होना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे अक्सर लाइफ से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण स्किल्स को भी सीखते हैं जैसे टीम वर्क, समस्या को सुलझाना और अन्य बातें जो उन्हें अच्छी तरह से एक संतुलित वयस्क बनने में मदद करती हैं।
आज कल ज्यादातर स्कूल बच्चों के लिए ऐसा ही वातावरण बनाने का प्रयास करते हैं और इसलिए बच्चों के पास चुनने के लिए अलग-अलग विकल्प मौजूद होते हैं। जैसे स्कूल बैंड, डांस टीम और स्पोर्ट्स टीम। वे स्कूल पेपर टीम में भी शामिल हो सकते हैं और अपने लिखने की स्किल भी सुधार सकते हैं। एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज के दौरान बच्चे हमेशा दूसरे बच्चों को ज्यादातर हमउम्र पाते हैं जिनमें उनकी तरह ही समान रुचियां होती हैं और इसके चलते उनकी दोस्ती लाइफटाइम के लिए रहती है।
हर एक बच्चे का अपना एक अलग व्यक्तित्व होता है, और उसका पॉजिटिव तरीके से पालन पोषण करना बहुत जरूरी होता है। जब बच्चों के पास करने के लिए कुछ भी क्रिएटिव नहीं होता है, तो वे शरारतें करते हैं, वे ऐसा न करें इसके लिए उन्हें सही गाइडेंस देकर रोका जा सकता है। यहाँ बच्चों के लिए एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज की एक लिस्ट दी गई है और आपके बच्चे के लिए क्या बेस्ट रहेगा इसका फैसला लेने में आपको आसानी होगी।
कुछ बच्चे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना सीखते हैं, जबकि कुछ को गाना पसंद होता है। कुछ ऐसे भी हैं जो दोनों काम करने में माहिर होते हैं। बच्चों को चुनने के लिए इतने सारे उपकरण हैं कि आपको कुछ ऐसा मिल जाएगा जो आपके बच्चे के लिए सही हो और जिसको वो एन्जॉय कर सके।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
संगीत में निश्चित रूप से एक प्रकार की आजादी है, और इस कारण से बहुत सारे बच्चे इसे बेहद एन्जॉय करते हैं। इतना ही नहीं, बच्चे इन इंस्ट्रूमेंट्स को बजाते या गाते वक्त अपने इतिहास और संस्कृति के बारे में भी बहुत कुछ सीखते हैं, खासकर अगर यह क्लासिकल म्यूजिक हो।
यहाँ तक कि डांस में भी चुनने के लिए बच्चों के पास कई सारे स्टाइल के विकल्प होते हैं, बच्चा वही डांस फॉर्म चुनता है जिसमें उसे लगता है कि वह उसके लिए सही फिट होता है। कुछ बच्चे क्लासिकल या फोक डांस सीखना भी पसंद करते हैं, वहीं कुछ को कंटेंपरेरी स्टाइल जैसे कि हिप-हॉप या लिरिकल स्टाइल सीखने में रूचि होती है।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
यह भी एक ऐसी एक्टिविटी है जो बच्चों को संस्कृति के बारे में सिखाती है यदि वे डांस में ज्यादातर क्लासिकल स्टाइल को चुनते हैं। डांस एक ऐसी चीज है जो आपके बच्चे को शारीरिक और मानसिक रूप से विकसित होने में मदद करती है, क्योंकि डांस के सभी फॉर्म में अनुशासन और धीरज की आवश्यकता होती है, जो आगे चलकर बच्चे के लिए फायदेमंद साबित होती हैं।
फुटबॉल, बास्केटबॉल, क्रिकेट और सॉफ्टबॉल जैसे खेलों के लिए टीम वर्क और बहुत अधिक एनर्जी चाहिए होती है, लेकिन अगर इस प्रकार का खेल आपके बच्चे के लिए अनुकूल नहीं लगता है, तो टेनिस, बैडमिंटन और गोल्फ जैसे अन्य खेल भी आपका बच्चा खेल सकता है।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
बास्केटबॉल और फुटबॉल जैसे खेलों में, बच्चे सीखते हैं कि कैसे एक टीम में अच्छा काम करना होता है, कैसे रणनीति बनानी होती है, और धीरज भी इस दौरान कितना जरूरी है। हर खेल में आपके बच्चे को कुछ न कुछ अच्छा सीखने को मिलता है, चाहे वह टीमों में खेला जाए या व्यक्तिगत रूप से। प्रतिस्पर्धी बच्चों के लिए स्पोर्ट्स बहुत अच्छा होता है।
शायद आपका बच्चा एक बेहतरीन कलाकार हो। रंगों के साथ खेलना उसको बहुत ही मजेदार लगता हो और वो कला के अलग-अलग स्टाइल में अधिक रूझान दिखाता हो, साथ ही पेंटिंग और स्केचिंग में उसे अधिक खुशी मिलती हो।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
इस एक्टिविटी के जरिए बच्चा अपनी क्रिएटिविटी में सुधार लाएगा, क्योंकि उसका दिमाग क्रिएटिविटी से जुड़ी चीजों को विकसित करना शुरू कर देता है। साथ ही जितना वो इसमें जुड़ेगा उतना ही उसका दिमाग क्रिएटिव चीजों के साथ काम करेगा। पेंटिंग और ड्राइंग भी समस्या सुलझाने के स्किल को विकसित करने में मदद करती हैं।
मिट्टी से काम करना और अपने हाथों से कुछ बनाना बच्चों को एक तरह संतुष्टि देता है, जो कि किसी भी एक्टिविटी से नहीं मिलता है। मेडिकली ऐसा कहा जाता है कि क्ले का प्रभाव बच्चे पर अच्छा होता है और यह उसे घंटों तक बिजी रखने में भी मदद करता है।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
आपका बच्चा क्रिएटिव कामों से अपने सेंसरी और मोटर स्किल को विकसित करता है। बच्चे एक अच्छे रिजल्ट को पाने के लिए शेप्स, थ्री डायमेंशनल वर्ल्ड और धैर्य के बारे में सीखते हैं।
मिक्स मार्शल आर्ट की विविध शैलियां जैसे जूडो, ताइक्वांडो, कराटे ऐसे हैं जिसका नाम सुनते ही आपकी आँखों के सामने वॉइलेंस की तस्वीर आ जाती है, लेकिन ये कला वास्तव में जो सिखाती है वह है अनुशासन और हिंसा के लिए अपनी ताकत को नियंत्रित करना।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
मार्शल आर्ट्स सेल्फ कंट्रोल और सेल्फ डिसिप्लिन सिखाता है, यह एडीएचडी से पीड़ित बच्चों के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि ये वही स्किल है जो उनमें विकसित नहीं होती है। यह आर्ट आपके बच्चे में सामाजीकरण कौशल और शारीरिक विकास में सुधार करने में भी मदद करता है।
सिलाई! जी हाँ शायद ही किसी के दिमाग में इसे एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटी में शामिल करने का खयाल आया होगा, लेकिन यह एक ऐसी स्किल है जो वास्तव में बहुत उपयोगी होती है। कई बच्चे फैशन के पैशन के साथ बड़े होते हैं और यह उनके भविष्य के लिए एक बहुत ही अच्छा कदम हो सकता है।
इससे बच्चा क्या सीखेगा
इस एक्टिविटी को सीखते वक्त बच्चे अपनी रचनात्मक क्षमताओं का विकास करेंगे और साथ ही अपने आत्म-सम्मान को बढ़ावा भी देंगे। सिलाई भी पेंटिंग और मूर्तिकला के रूप में एक क्रिएटिव एक्टिविटी है। यह उन बच्चों के लिए बहुत ही शैक्षिक साबित हो सकती है जो भविष्य के फैशन डिजाइनर बनना चाहते हैं।
अगर आपका बच्चा किताबी कीड़ा है तो बुक क्लब एक बेहतरीन तरीका है जो बच्चे को मजे करते हुए किताबों के प्यार के साथ सामाजिक होने में मदद करता है।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
बुक क्लब से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। साहित्य न केवल आपके बच्चे को दुनिया के बारे में बल्कि उसके काम करने के तरीके के बारे में और बहुत कुछ सिखाएगा। यह उसके पढ़ने की स्किल और शब्दकोष को सही करने में भी मदद करता है, जिससे उसकी राइटिंग स्किल भी बेहतर होती है।
कुकिंग क्लासेस बच्चों के लिए बहुत अच्छी होती हैं क्योंकि वे न केवल एक जरूरी स्किल हैं, बल्कि एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ बच्चे अपनी क्रिएटिविटी दिखा सकते हैं।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
इसके काफी फायदे हैं, क्योंकि खाना पकाना एक ऐसी कला है जो बच्चों को फोकस रखने और क्रिएटिविटी को बढ़ाने में मदद करती है और उन्हें ये भी सिखाती है कि कैसे तेज चाकू को संभालना चाहिए। यह उन्हें अलग-अलग सामग्रियों के साथ स्वस्थ और संतुलित भोजन तैयार करना सिखाती है, वो भी अपने हम उम्र बच्चों के साथ रहते हुए।
आपके ड्रामा किंग और क्वीन बच्चे को यह एक्टिविटी बहुत पसंद आएगी, क्योंकि यह उसकी ड्रामेटिक एनर्जी का उपयोग करने का एक मजेदार और प्रोडक्टिव तरीका है।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
ड्रामा क्लब आपके बच्चे को शारीरिक, कलात्मक, सामाजिक और पब्लिक स्किल को विकसित करने में मदद करता है। यह बच्चे की याददाश्त को भी बेहतर बनाने में भी मदद करता है। अक्सर, शर्मीले बच्चे जिनमें अभिनय की प्रतिभा होती है, वे ड्रामा क्लब के जरिए से अधिक आत्मविश्वासी और सामाजिक बन जाते हैं।
बच्चों के लिए ये एक बेहतरीन एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटी है, एक बार जब आपके बच्चे को शतरंज के खेल में महारत हासिल हो जाती है, तो उसका इंटरेस्ट और भी ज्यादा बढ़ जाता है। कई स्कूलों में चेस क्लब भी होते हैं और आपके मोहल्ले में भी चेस क्लब हो सकते हैं। यदि नहीं हैं, तो अपने बच्चे और उसके दोस्तों को ये गेम सिखाएं, और वे आपस में इसका अभ्यास कर सकते हैं। आप अक्सर यह नोटिस करेंगी कि वो अपना खाली समय शतरंज खेलने में बिताते हैं।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
बच्चे इस खेल को खेलकर रणनीति, धैर्य और समय का महत्व सीखते हैं। शतरंज बच्चों की स्किल को भी निखारता है, क्योंकि वह अपने प्रतिद्वंद्वी की रणनीति को कम करने और उसे हराने की कोशिश करते हैं, जिसके लिए चतुराई की जरूरत होती है।
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, नई भाषा को समझना उतना ही कठिन होता जाता है। बच्चों का दिमाग अभी भी विकसित हो रहा है, तो उन्हें विदेशी भाषाओं से परिचित कराने का यह सही मौका है। अपने बच्चे को वीकेंड या शाम को दूसरी भाषा की क्लास ज्वाइन करवाएं, जो ट्रांसलेशन या इंटरप्रिटेशन में करियर शुरू करने में भी मदद कर सकती हैं।
बच्चा इससे क्या सीखेगा
नई भाषा सीखना हमेशा उपयोगी साबित होता है। बच्चे नई संस्कृतियों के बारे में जानते हैं और उनके लिए वयस्कों की तुलना में भाषा को बेहतर तरीके से सीखना आसान होता है। एक नई भाषा आपके बच्चे के दिमाग को स्किलफुल बनाती है।
बच्चों के लिए स्कूल के बाद कई एक्टिविटीज करने के विकल्प हैं। अपने बच्चों से उनके इंटरेस्ट के बारे में बात करें और देखें कि उन्हें क्या पसंद आता है। हाई एनर्जी वाले बच्चे ज्यादातर खेल या डांस करना पसंद कर सकते हैं, जबकि थोड़े स्लो बच्चे बुक क्लब, कुकिंग क्लास या शायद मिट्टी के बर्तन बनाने जैसी शांत एक्टिविटी पसंद करते हैं।
जब आपको पता हो कि आपका बच्चा क्या करना चाहता है, तो आप यह देखने के लिए थोड़ी रिसर्च करें या फिर अपने आसपास के एरिया में देखें कि उन एक्टिविटीज की क्लासेस कौन दे रहा है और फिर क्लास के दौरान अपने बच्चे के साथ उस जगह जाने के लिए समय निकालें और देखें कि क्या उसको वहाँ का माहौल सीखने लायक लग रहा है।
कुछ जरूरी चीजें जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए:
सभी जानते हैं बच्चों के लिए एजुकेशन महत्वपूर्ण है, लेकिन सिर्फ काम करना और कोई खेल नहीं खेलना बच्चों के लिए सही नहीं है। यह एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज बच्चों को न सिर्फ पढ़ाई में मदद करती हैं बल्कि उनके विकास के लिए फायदेमंद होती हैं। साथ-साथ बच्चों की एनर्जी का सही तरीके से उपयोग होता है। जिस भी एक्टिविटी के लिए आप अपने बच्चे को भेजने के लिए चुनती हैं, वह बहुत महत्वपूर्ण है, अन्यथा हो सकता है आप जो एक्टिविटी बच्चे के लिए चुनती हैं वह बच्चे की क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने के बजाय उन्हें नुकसान पहुँचा सकती है।
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