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हम सभी जानते हैं कि होली देशभर में धूमधाम से मनाया जाने वाला रंगों का त्यौहार है। यह हिन्दू धर्म का एक मुख्य त्योहार है और इस दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाकर होली का त्योहार मनाते हैं। हिंदी कैलेंडर के अनुसार यह फागुन महीने का सबसे विशेष पर्व है और कई विशेषताओं के कारण यह दिन सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है। इस अवसर पर स्कूल में बच्चों को होली पर निबंध या अनुच्छेद लिखने के लिए भी कहा जाता है। सिर्फ घरों में ही खुशियां मनाकर नहीं बल्कि स्कूल में टीचर्स भी बच्चों के उत्साह को जाहिर करने के लिए उनसे होली पर निबंध लिखने के लिए कहते हैं। यदि आपके बच्चे को भी होली पर निबंध लिखने के लिए कहा गया है तो यहाँ पर 10 पंक्तियों, 100 शब्दों, 200 शब्दों और 400 से 500 शब्दों में विभिन्न निबंध दिए हुए हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें।
यहां आपको 5 आसान पंक्तियों में होली के बारे में बताया गया है, आइए नीचे दिए गए होली पर हिंदी में 5 वाक्य का निबंध पढ़ते हैं।
होली एक विशेष त्योहार है और इसे लोग बड़ी धूमधाम व उत्साह से मनाते हैं। इस बड़े व मुख्य त्योहार को लोग किस प्रकार से मनाते हैं और इसकी विशेषता को निम्नलिखित 10 वाक्य में संक्षिप्त रूप में बताया गया है, आइए जानें;
यदि आपका बच्चा होली के अवसर पर एक अच्छा हिंदी शार्ट एस्से लिखना चाहता है तो उसे निबंध के इस सैंपल से एक बेहतरीन लेख लिखना बताएं।
वैसे तो होली हिन्दू धर्म में सबसे विशेष त्योहार माना जाता है और पूरे देश में इसे धूम–धाम से मनाते हैं। पर उत्तर भारत में इस त्योहार की बात ही कुछ और है। यहाँ पर इस पर्व के लिए लोग पहले से ही जोरो शोरो से तैयारियां शुरू कर देते हैं। जहाँ घरों में माताएं–बहनें गुजिया, पापड़, कचरी, पकोड़े और विभिन्न प्रकार के पकवान बनाती हैं वहीं दूसरी ओर पिता व बाकि अन्य सदस्य घर की सजावट और खरीददारी में व्यस्त हो जाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार बुराई पर भक्ति की जीत का प्रतीक है। इस जीत को वर्षों से लोग पूरे विश्वास व धूमधाम से मनाते हैं। होली को फागुन, धुलेंडी और अन्य कई नामों से जाना जाता है। होली प्यार, दोस्ती, हँसी, खुशी और प्रेम को दर्शाता है। इस दिन लोगों में नई ऊर्जा होती है और पूरा परिवार मिलकर इस बेहतरीन पर्व को मनाता है। भारत में लोग इस त्योहार का साल भर इंतजार करते हैं और होली के दिन रंगों की बौछार व होली के लोकप्रिय गीतों में खुशियां मनाते हैं। यदि गीतों की बात की जाए तो होली के छत्तीसगढ़ी गीत, मैथिली के होली गीत, होली खेले रघुवीरा अवध में, रंग बरसे भीगे चुनरवाली जैसे कई गीत लोकप्रिय हैं। इस दिन बच्चे, बुजुर्ग व अन्य सभी लोग एक दूसरे को होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। ऐसा माना जाता है कि हर साल होलिका में सभी कष्ट और नकारात्मकता जलकर नष्ट हो जाती हैं। फिर अगले दिन सभी लोग मिलजुल कर रंग लगाते हैं और होली मनाते हैं। इस दिन होली के जोगीरा टोली में एक दूसरे के घर जाकर रंग लगाते हैं और नाचते गाते हैं। घर में सभी एक दूसरे को गुजिया खिलाते हैं और पूरी मौज मस्ती में दिन को व्यतीत करते हैं। इस दिन लोग नाचते हैं, गाते हैं और मिठाइयां खाते हैं। शाम को सभी लोग नए कपड़े पहनकर एक दूसरे से मिलने भी जाते हैं।
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भारत देश में कई त्योहारों को मान्यता दी गई है और यहाँ पर हर एक दिन में त्योहारों जैसी खुशियां होती हैं। सभी त्योहारों में होली भी एक ऐसा पर्व है जिसे लोग धूमधाम से मनाते हैं और यह एक मुख्य त्योहार भी है। इस दिन सभी लोग एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाते हैं और गुजिया खाते हैं। आज कल लोग गाढ़े रंगों का भी उपयोग करते हैं पर वास्तव में हमें किसी को भी गाढ़े रंग नहीं लगाने चाहिए और इस दिन भी सभी का सम्मान करना चाहिए। यह त्योहार भारत के साथ–साथ बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल और अन्य कई देशों में भी मनाया जाता है। वसंत ऋतु के अंतिम दिनों में इस त्योहार को पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन नाचने गाने की भी बड़ी धूम रहती है और होली का यह धमाल कई दिनों खुशियां बिखेरता है।
होली हर साल फाल्गुन यानि मार्च के महीने में मनाई जाती है और इस साल भी होली 25 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। यह त्योहार दो दिनों का होता है जिसमें पहले दिन होलिका की पूजा करके होलिका दहन किया जाता है। दूसरे दिन को धुलेंडी के नाम से जाना जाता है और इस दिन विशेष रंगों से होली खेली जाती है और लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं। इस दिन बच्चे, बूढ़े सभी मिलकर एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं। लोकप्रिय गीतों में नाच गाना होता है और सभी मिलकर गुजियां–पापड़ खाते हैं। इस दिन की धूम को कई दिनों तक याद करके लोग मुस्कुराते हैं। यह त्योहार लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा व उमंग लेकर आता है।
होली को अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इसका भी एक इतिहास है जिसमें बताया गया है कि एक बार हिरण्यकशिपु ने अपने ही पुत्र को जलाने के लिए होलिका को आदेश दिया था। होलिका को न जलने का वरदान था इसलिए वह श्री विष्णु भक्त प्रहलाद को लेकर जलती हुई अग्नि पर बैठ गयी। चूंकि प्रहलाद एक सच्चे और धर्म पर चलने वाले इंसान थे इसलिए भगवान ने उनकी सहायता की और उस अग्नि में होलिका जलकर भस्म हो गई। बस तब से ही इसे अच्छाई पर बुराई की जीत के रूप में मनाया जाता है और यह प्रथा कई वर्षों से चली आ रही है।
रंगों की होली मनाने से एक दिन पहले लोग होलिका दहन करते हैं। इसके पीछे भी एक विशेष कारण है जिसे हिन्दू धर्म के लोगों ने एक प्रथा के रूप में स्वीकारा है और इसका पालन भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि होलिका असुर हिरण्यकशिपु की बहन थी जिसे न जलने का वरदान था पर वह भगवान विष्णु की भक्ति न मानते हुए उनके भक्त प्रह्लाद को जलाने के प्रयास में खुद जल गई। तब से ही होलिका दहन की प्रथा चली आ रही है।
होली दोस्ती, प्रेम और एकता का प्रतीक है। इस दिन सभी लोग मिलकर रंगों से होली खेलते हैं और अपनी लड़ाइयों को भुलाकर एक साथ त्योहार मनाते हैं। माना जाता है कि इस दिन जाति–पाति, उंच–नीच को न मानते हुए सभी लोग एक दूसरे से गले मिलते हैं और रंगों के इस त्योहार का आनंद लेते हैं। यही कारण है कि इस त्योहार का ऐतिहासिक के साथ सामाजिक महत्व भी है।
होली का त्योहार एकता का प्रतीक है और इसे सभी को एक साथ मिलजुल कर मनाना चाहिए।
होली प्यार, दोस्ती, हँसी, खुशी और प्रेम को दर्शाता है। इस दिन लोगों में नई ऊर्जा होती है और पूरा परिवार मिलकर इस बेहतरीन पर्व को मनाता है। भारत में लोग इस त्योहार का साल भर इंतजार करते हैं और होली के दिन रंगों की बौछार व होली के लोकप्रिय गीतों में खुशियां मनाते हैं। यदि गीतों की बात की जाए तो होली के छत्तीसगढ़ी गीत, मैथिली के होली गीत, होली खेले रघुवीरा अवध में, रंग बरसे भीगे चुनरवाली जैसे कई गीत लोकप्रिय हैं। इस दिन बच्चे, बुजुर्ग व अन्य सभी लोग एक दूसरे को होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन और उसके अगले दिन होली मनाई जाती है। इस साल 2024 में 24 मार्च को होलिका दहन के लिए मुहूर्त रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 7 मिनट तक है।
होली का इतिहास महाभारत काल में पांडवों के विजय के रूप में माना जाता है। इसके साथ ही हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा भी होली के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में जानी जाती है।
होली को अक्सर रंगों का त्योहार कहा जाता है। लेकिन कुछ जगहों पर इसे धुलेड़ी या धुलेंडी, धुरखेल, धुरड्डी, धूलिवंदन और चैत बदी भी कहा जाता है।
इस निबंध से बच्चों को हिंदू धर्म के लोकप्रिय त्योहार होली के बारे जानकारी हासिल होगी कि होली का क्या इतिहास था और इस त्योहार को कैसे मनाते हैं। इसके साथ ही उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा की इस दिन सभी लोग अपने झगड़े और गम भुलाकर एक दूसरे के साथ खुशियां मनाते व नाचते गाते हैं। सभी अपने अहंकार को भूलकर जीवन को नए नजरिये से देखना शुरू करते हैं। यह त्योहार दोस्ती व प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है और विशेषकर बच्चे अपने सभी दोस्तों के साथ इस त्योहार को पूरी उत्सुकता के साथ मनाना पसंद करते हैं। यदि आप भी बच्चे के लिए होली पर विशेष और बेहतरीन निबंध तैयार करना चाहती हैं तो ऊपर बताए हुए निबंधों में से एक निबंध जरूर चुनें। हमारी ओर से आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं।
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