शिशु

बच्चों में कान का इन्फेक्शन

बच्चों में कान का इन्फेक्शन होना बहुत कॉमन है, लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि इसे हैंडल कैसे करें, ताकि यह किसी सीरियस मेडिकल प्रॉब्लम का कारण न बने। इस लेख आपको बच्चों के कान में होने वाले इन्फेक्शन के प्रकार, कारण, निदान और उपचार के बारे में सभी जानकारी विस्तार से दी गई है।

बच्चों के कान में इन्फेक्शन होना

बच्चों को सबसे ज्यादा कान में इन्फेक्शन होने के कारण डॉक्टरों के पास लेकर जाना पड़ता है। रिसर्च से पता चला है कि लगभग 75% बच्चों को तीन साल की उम्र तक कम से कम एक बार कान का इन्फेक्शन होता है। कान में इन्फेक्शन के अलग-अलग नाम होते हैं जैसे कि ग्लू इयर, सेक्रेटरी ओटाइटिस मीडिया, मिडिल इयर इन्फेक्शन या सीरस ओटाइटिस मीडिया। यदि आपके बच्चे के कान में इन्फेक्शन है, तो आपको यह जानना होगा कि इससे कैसे निपटा जाए और इसका सही ट्रीटमेंट क्या होगा। आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है यह आसानी से ठीक हो जाता है। तो आइए जानते हैं कि अगर आपका बच्चा भी इयर इन्फेक्शन से पीड़ित हो जाए तो आप क्या करें।

कान में इन्फेक्शन क्या होता है?

इयर इन्फेक्शन बैक्टीरिया के कारण होता है और यह तब होता है जब कान के परदे के पीछे एक तरल पदार्थ बनता है। मिडिल इयर हवा से भरा हुआ स्पेस है जो कान के परदे के पीछे होता है। इसमें कंपन करने वाली हड्डियां होती हैं जो बाहर के साउंड को संकेतों में कन्वर्ट करती हैं और ब्रेन इन संकेतों को रिसीव करता है। कान का इन्फेक्शन दर्दनाक हो सकता है, क्योंकि ये तरल पदार्थ कान पर प्रेशर डालते हैं। बड़ों की तुलना में बच्चों के कान में इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है और आंकड़े बताते हैं कि 6 में से 5 बच्चों को 3 साल का होने से पहले इयर इन्फेक्शन का सामना करना पड़ता है। इयर इन्फेक्शन का नाम ओटाइटिस मीडिया (ओएम) है। यह एक्यूट या क्रोनिक हो सकता है, जहाँ क्रोनिक केस में यह मिडिल इयर को हमेशा के लिए डैमेज कर सकता है।

कान में इन्फेक्शन के प्रकार

कान में इन्फेक्शन तीन प्रकार के होते हैं –

  • एक्यूट ओटाइटिस मीडिया (एओएम)

यह बहुत कॉमन और ज्यादा सीरियस टाइप का इन्फेक्शन नहीं होता है, इस केस में मिडिल इयर इन्फेक्टेड हो जाता है व सूजन आ जाती है और फ्लूइड कान के परदे के पीछे फंस जाता है। इस इन्फेक्शन के साथ बच्चे को ज्यादातर बुखार भी हो जाता है।

  • ओटाइटिस मीडिया एफ्यूजन (ओएमई)

इयर इन्फेक्शन होने के बाद, वे कान के परदे के पीछे कुछ तरल पदार्थ छोड़ सकते हैं, जो ओएमई यानी कान के बहने का कारण बन सकता है। डॉक्टर इस फ्लूइड को ठीक से देख सकते हैं, भले ही आपका बच्चा किसी भी लक्षण का अनुभव न कर रहा हो।

  • क्रोनिक ओटाइटिस मीडिया एफ्यूजन (सीओएमई)

इस तरह के इन्फेक्शन में फ्लूइड बार-बार मिडिल इयर में प्रवेश करता है। इससे सुनने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है और दूसरे इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है।

बच्चों में कान का इन्फेक्शन होने के कारण

इयर इन्फेक्शन सर्दी-जुकाम, अपर रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन, फ्लू और एलर्जी रिएक्शन से शुरू होता है। इसके कारण साइनस में बलगम (म्यूकस) बढ़ने लगता है और यूस्टेशियन ट्यूब के माध्यम से फ्लूइड का फ्लो धीमा हो जाता है। यदि अपर रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन बैक्टीरियल है, तो बैक्टीरिया मिडिल इयर में फैल सकता है। यदि यह वायरल है, जैसे कोल्ड, तो बैक्टीरिया को माइक्रोब्स फ्रेंडली एनवायरमेंट पैदा करता है और मिडिल इयर मूव करने लगते हैं जिससे बच्चे को सेकेंड्री इन्फेक्शन हो जाता है। इन्फेक्शन के कारण नाक के मार्ग (नेजल पैसेज), गले और यूस्टेशियन ट्यूब में सूजन आ सकती है। नीचे इयर इन्फेक्शन होने के कुछ अन्य कारण भी दिए गए हैं: 

1. यूस्टेशियन ट्यूब की भूमिका

यह ट्यूब मिडिल इयर से लेकर गले के पीछे तक जुडी होती है। यह ट्यूब मिडिल इयर में हवा के दबाव को रेगुलेट करने के लिए इसे खोलती और बंद करती है, यह इस क्षेत्र में हवा को रीसप्लाई करती है फिर से हवा देती हैं और दूसरे सिक्रेशन को निकाल देती है। रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन या एलर्जी इन यूस्टेशियन ट्यूब को ब्लाक कर सकती है, जिससे मिडिल इयर में फ्लूइड बनने लगता है। अगर यह फ्लूइड बैक्टीरिया से इन्फेक्टेड हो जाता है तो बच्चे को इयर इन्फेक्शन हो सकता है। बड़े बच्चों की तुलना में छोटे बच्चों का यूस्टेशियन ट्यूब छोटा और ज्यादा हॉरिजॉन्टल होता है। तो, फ्लूइड के बने रहने की संभावना अधिक होती है बजाय इसके कि यह फ्लूइड को निकाल दे।

2. एडेनोइड्स की भूमिका

एडेनोइड्स नेजल कैविटी के पीछे के टिश्यू पैड होते हैं। वे इम्यून सिस्टम एक्टिविटी का रोल प्ले करते हैं और पास होने वाले बैक्टीरिया और वायरस पर प्रतिक्रिया देते हैं। कभी-कभी, ये बैक्टीरिया इन एडेनोइड्स में फंस सकते हैं। जिससे यूस्टेशियन ट्यूब और मिडिल इयर में सूजन आ जाती है।

बच्चों के कान में इन्फेक्शन होने के लक्षण

यदि किसी बड़े व्यक्ति को इयर इन्फेक्शन होता है, तो इसके लक्षण आसानी से दिखाई दे जाते हैं। उन्हें कान में दर्द और दबाव, कान में तरल पदार्थ का होना और कम सुनाई देना आदि का अनुभव हो सकता है। बच्चों में, ये लक्षण एक बड़ी रेंज में पाए जाते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

  • कान में खिंचाव
  • बुखार
  • भूख में कमी
  • सिरदर्द
  • संतुलन खोना
  • बहुत ज्यादा रोना
  • सुनने में परेशानी होना
  • बच्चों में कान का दर्द, खासकर जब वे लेट जाते हैं
  • सोने में मुश्किल होना
  • कान से तरल पदार्थ निकलना

बच्चों में कान के इन्फेक्शन का निदान

बच्चों में इयर इन्फेक्शन का निदान आमतौर पर केवल लक्षणों के अनुसार किया जाता है, लेकिन फिर भी, एक प्रॉपर टेस्टिंग की जाएगी। डॉक्टर आपके बच्चे की हेल्थ के बारे में पूछकर टेस्ट शुरू करते हैं। फिर वह एक ऑटोस्कोप का उपयोग करेंगे, यह एक इंस्ट्रूमेंट होता है जिसके साथ लाइट अटैच होती है, ताकि कान के परदे के पीछे मौजूद फ्लूइड को डॉक्टर चेक कर सकें। वह दूसरे मेथड का उपयोग करके आगे की जांच कर सकते हैं।

1. न्यूमेटिक ऑटोस्कोप

एक डॉक्टर कान के परदे के पीछे मौजूद तरल पदार्थ की जांच करने के लिए एक न्यूमेटिक ऑटोस्कोप का उपयोग भी कर सकते हैं। ऐसा अंदर हवा डाल कर किया जाता है। एक नॉर्मल इयरड्रम आसानी से वाइब्रेट करता है बजाय उसके जिसमें फ्लूइड मौजूद होता है। लाल और सूजा हुआ कान का पर्दा इन्फेक्शन का संकेत है।

2. टेंपामेंट्री

डॉक्टर एक डिवाइस का उपयोग करेंगे, जो इयर कैनल के अंदर दबाव को बंद और उसे एडजस्ट करता है। यह इयरड्रम के मूवमेंट को मापता है और डॉक्टर को मिडिल इयर के प्रेशर को निर्धारित करने की अनुमति देता है।

3. एकॉस्टिक रिफ्लेक्टोमेट्री

यह तरीका इयरड्रम के खिलाफ बाउंसिंग साउंड के रूप में काम करता है। कितनी मात्रा में आवाज बाउंस हो कर वापस आती है उसके हिसाब से यह अंदाजा लगाया जाता है कि कितना ज्यादा फ्लूइड मौजूद है। हेल्दी कान की तुलना में एक संक्रमित कान ज्यादा साउंड वेव रिफ्लेक्ट करता है, जो साउंड वेव को ज्यादा अब्सॉर्ब भी करता है।

4. टिंपेनोसेंटेसिस

अगर ट्रीटमेंट के बाद भी इयर इन्फेक्शन ठीक न हो रहा हो तो डॉक्टर टिंपेनोसेंटेसिस का उपयोग कर सकते हैं। इसमें इयरड्रम में एक छोटा चीरा लगाकर इसके पीछे मौजूद फ्लूइड को बाहर निकाला जाता है। इन्फेक्शन के कारण को समझने के लिए फ्लूइड पर स्टडी की जाती है।

बच्चों में होने वाले कान के इन्फेक्शन का इलाज कैसे करें?

कुछ मामलों में, कान का इन्फेक्शन बिना किसी दवा के ठीक हो जाता है। इयर इन्फेक्शन का उपचार आपके बच्चे की परेशानी की गंभीरता और उसकी उम्र पर निर्भर करता है। कुछ ट्रीटमेंट ऑप्शन हैं, जो डॉक्टर आपको सजेस्ट कर सकते और सुझा सकते हैं-

1. दर्द की दवा

भले ही इन्फेक्शन हल्का हो, लेकिन इयर इन्फेक्शन आमतौर पर दर्दनाक होते हैं। डॉक्टर दर्द को कम करने के लिए इबुप्रोफेन या पेरासिटामोल देने का सुझाव दे सकते हैं। ये इन्फेक्शन के कारण होने वाले बुखार को भी कंट्रोल करने में मदद करता है। लेकिन याद रखें कि इसे डॉक्टर द्वारा प्रेसक्राइब की गई खुराक से ज्यादा दवा लेना बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।

2. रुकें और देखें

कभी-कभी डॉक्टर किसी भी दवा को प्रेसक्राइब नहीं करते हैं और एक या दो सप्ताह में इयर इन्फेक्शन के खुद ही ठीक होने का इंतजार करते हैं। यह मेथड शरीर के इम्यून सिस्टम पर ट्रस्ट करते हुए इसे ठीक करता है।

3. गर्म सिकाई

डॉक्टर आपको बच्चे के लिए गर्म सिकाई का उपयोग करने के लिए कह सकते हैं। गर्म पानी में सैनिटाइज्ड वॉशक्लॉथ को गीला करें और इसे प्रभावित कान के ऊपर रखें। इससे बच्चों को कान दर्द से राहत मिलती है।

4. एंटीबायोटिक्स

यदि इन्फेक्शन गंभीर है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिख सकते हैं। यदि आपके बच्चे को 102 डिग्री या उससे अधिक बुखार है और 48 घंटे से अधिक समय तक प्रभावित कान में हल्का-हल्का दर्द बना रहता है, तो यह मेथड बेहतरीन साबित हो सकता है। यदि आपका बच्चा छह महीने से कम उम्र का है और उसे सीवियर मिडिल इयर इन्फेक्शन है, तो एंटीबायोटिक्स ही सबसे पहला उपचार होगा।

5. टिंपेनोस्टोमी ट्यूब्स

यह उन बच्चों के लिए है जिन्हें बार-बार कान में इन्फेक्शन हो जाता है। ईएनटी स्पेशलिस्ट इयरड्रम में एक छोटा सा छेद करते हैं और एक छोटा ट्यूब डालते हैं, जिसे टिंपेनोस्टोमी ट्यूब कहा जाता है। यह फ्लूइड को बाहर निकालने और इसे बनने से रोकने में मदद करता है। ट्यूब छह महीने से एक साल तक जगह पर रहती है और फिर अपने आप बाहर गिर जाती है। इसी तरह, छेद भी अपने आप ठीक हो जाएगा। इयरड्रम को नुकसान पहुँचने के डर से बहुत बार यह मेथड इस कारण से अपनाया नहीं जाता है।

बच्चों को कान के इन्फेक्शन से कैसे बचाएं

कमजोर इम्यून सिस्टम होने के कारण बच्चों में इयर इन्फेक्शन होता है और कान की शारीरिक रचना में अंतर के कारण भी बच्चे को इयर इन्फेक्शन हो जाता है। नीचे आपको इयर इन्फेक्शन रोकने के लिए कुछ रेमेडीज बताई गई हैं –

1. साफ-सफाई

बच्चे हर दिन कई सतहों को छूते हैं, जो धूल और जर्म्स से भरी होती हैं। बच्चे को भोजन देने से पहले उसके हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं, इस प्रकार बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश करने और सर्दी-खांसी होने की संभावना को कम हो जाती है, जो आमतौर पर इयर इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार हो सकती है।

2. सिगरेट के धुएं के संपर्क में आना

धूम्रपान न केवल आपकी हेल्थ के लिए हानिकारक है बल्कि आपके बच्चे के लिए भी हानिकारक है। सेकंड हैंड स्मोक से आपके बच्चे को खांसी और इयर इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। इसलिए, यदि आप स्मोकिंग करती हैं, तो इसे छोड़ दें और जो स्मोक करते हैं उनसे बच्चे को दूर रखें।

3. वैक्सीनेशन

डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेकर बच्चे को निमोनिया और मैनिंजाइटिस का टीका लगवाएं। टीकाकरण कराने वाले बच्चों में इयर इन्फेक्शन के लक्षण कम दिखाई पड़ते हैं।

4. सीजनल फ्लू के शॉट्स

आप अपने बच्चे को सीजनल फ्लू से बचने के लिए उसे फ्लू शॉट्स दे सकती हैं। अपने डॉक्टर से पूछ लें कि बच्चे को इंजेक्शन कब दिया जाना चाहिए। यह उसे इयर इन्फेक्शन से बचाएगा।

5. ब्रेस्टफीडिंग

जब बच्चा पैदा होता है, तो कम से कम एक साल के लिए उसे ठीक से ब्रेस्टफीडिंग कराना जरूरी होता है। स्तनपान एंटीबॉडी को ट्रान्सफर करता है जो बच्चे के बड़े होने के साथ-साथ उसे बैक्टीरिया और वायरल इन्फेक्शन और बीमारियों से बचा सकता है।

6. बॉटल फीडिंग के दौरान बच्चे की पोजीशन

अपने शिशु को बोतल से दूध पिलाते समय, ध्यान रखा करें कि वह सीधे लेटकर दूध पिए जिससे मिडिल इयर में दूध जाने का खतरा कम रहे।

7. बीमार बच्चों के साथ खेलना

अपने बच्चे को उन बच्चों से दूर रखें जो बीमार हैं साथ ही उन्हें ज्यादा बड़े बच्चों के ग्रुप में न खेलने दें। वायरस और बैक्टीरिया ह्यूमन सेक्रेशन के जरिए आसानी से ट्रांसफर हो जाते हैं।

बच्चों में कान का इन्फेक्शन ठीक करने के घरेलू उपाय

बच्चों के कान में होने वाले इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए कई नेचुरल तरीके हैं। उनमें से कुछ हैं –

1. नमक

नमक न केवल भोजन में एक इंग्रीडिएंट है, बल्कि मेडिकली भी यह बहुत फायदेमंद होता है। यह बच्चों के कान में होने वाले दर्द और बेचैनी को कम कर सकता है, जो इयर इन्फेक्शन की वजह से बच्चों में होने लगता है। बस एक पैन में धीमी आंच पर नमक गरम करें। नमक को साफ कपड़े में डालें, और चेक कर लें कि यह आपके बच्चे की त्वचा के लिए बहुत ज्यादा गर्म न हो। दर्द से राहत के लिए इससे बच्चे के कान की सिकाई करें। इसे दिन में कई बार दोहराएं क्योंकि यह मिडिल इयर में मौजूद तरल पदार्थ को बाहर निकाल सकता है।

2. लहसुन

लहसुन एक नेचुरल एंटीबायोटिक है और इसका उपयोग दर्द से राहत देने के लिए भी किया जाता है। एक पैन में दो बड़े चम्मच तिल के तेल के साथ लहसुन की दो कलियां डालें और तब तक पकाएं जब तक कि लहसुन भूरा-काला न हो जाए। तेल निकालें और जब यह हल्का गर्म हो (न की जलता हुआ), तो इसकी कुछ बूँदें प्रभावित कान में डालें।

3. तुलसी

तुलसी का उपयोग बच्चों में इयर  इन्फेक्शन और दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। तुलसी के 4-5 पत्तों को पीस कर इसका रस निकालें। जिस कान में बच्चे को दर्द हो रहा हो उसमें यह रस डालें, ध्यान रखें कि इसे कान में न जाने दें। यह दर्द से राहत देने के लिए है।

4. सेब का सिरका

यदि किसी बच्चे के कान में इन्फेक्शन फंगस के कारण होता है, तो आप इसका उपयोग कर सकती हैं। पानी के साथ सेब का सिरका डाल कर इसे पतला कर लें। सिरका के बराबर पानी लें और अच्छी तरह मिलाएं। इस घोल में एक कॉटन बॉल डुबोएं और इसे अपने बच्चे के कान में पाँच मिनट के लिए रखें। इसे बाहर निकालें और बच्चे को करवट लिटा कर तरल को बाहर निकालें।

5. गर्म पानी की बोतल

गर्म पानी की बोतल से बच्चे के कान की सिकाई करने से उन्हें दर्द से राहत मिलेगी, आप पाँच मिनट तक इससे सिकाई करें, यह इयर इन्फेक्शन से होने वले दर्द को कम करता है।

6. प्याज

30 मिनट के लिए छिलके के साथ प्याज बेक करें। इसे आधा काटें और एक आधे को एक साफ कपड़े में लपेटें। इस पैक को 5 मिनट के लिए प्रभावित कान पर रखें। यह दर्द को कम करता है और उपचार को आसान बनाता है।

7. आम के पत्तों का रस

यह होम रेमेडी बहुत ही कॉमन है। तीन आम के पत्तों को धोएं और रस निकालने के लिए इन्हें पीस लें। अब तरल को गर्म करें और प्रभावित कान में इसकी 3 बूँदें डालें। इस रेमेडी से आपके बच्चे को कुछ ही समय में दर्द से आराम महसूस होगा। इस उपचार को दिन में दो से तीन बार दोहराएं।

8. सिर ऊँचा करना

गद्दे के नीचे एक तकिया रखकर अपने बच्चों के सिर को ऊपर उठाएं। इससे मिडिल इयर में मौजूद फ्लूइड बाहर निकल जाता है।

9. पानी

अपने बच्चे को पानी पिलाएं। यह मूवमेंट कभी-कभी यूस्टेशियन ट्यूब को अनब्लॉक कर सकता है, जिससे फ्लूइड कान से बाहर निकल जाता है।

10. टी ट्री ऑयल

टी ट्री ऑयल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं और यह इयर इन्फेक्शन को ठीक करने में प्रभावी रूप से कार्य करता है। एक चम्मच सेब का सिरका लें, टी ट्री ऑयल की तीन बूँदें, ऑलिव ऑयल के दो चम्मच और कोलाइडियन सिल्वर एक चम्मच लें और इसे मिलाएं। इस मिक्सचर को गर्म करके इसे कान में डालें। पाँच मिनट के लिए इसे ऐसे ही रहने दें जिसके बाद बच्चे को कान के साइड वाली करवट लिटा दें। ध्यान रखें कि तकिये को किसी चीज से कवर कर दें क्योंकि मिक्सचर से धब्बे पड़ सकते हैं, अच्छे रिजल्ट के लिए इसे दिन में तीन बार प्रयोग करें।

इयर इन्फेक्शन एक ऐसी चीज है जो किसी भी बच्चे को हो सकती है। हालांकि, आप यह कभी नहीं चाहेंगी कि बच्चे को सुनने, बोलने या डेवलमेंट प्रोसेस में किसी प्रकार की समस्या पैदा हो। इस वजह से अगर आपके बच्चे को इयर इन्फेक्शन होता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। अगर इसका इलाज ठीक से किया जाता है तो आगे चल कर किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

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समर नक़वी

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