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जब से लोगों को ब्रोकोली के स्वास्थ्य लाभ और न्यूट्रिशन वैल्यू के बारे में पता लगा है तब से यह खाद्य पदार्थ अधिक लोकप्रिय हो गया है। चूंकि ब्रोकोली स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन होती है इसलिए धीरे-धीरे इसका उपयोग कई सलाद और व्यंजनों में किया जाने लगा है। हालांकि आप अपने बच्चे को सब्जियों से परिचित करवाते समय यह सोच रही होंगी कि क्या ब्रोकोली बच्चे को देने के लिए एक सही ऑप्शन है।
बच्चों के शुरुआती आहार में ब्रोकोली नहीं जोड़ना चाहिए क्योंकि बच्चों के पाचन तंत्र को बाहरी चीजों की आदत होने में समय लगता है। बच्चे के आहार में ब्रोकोली शामिल करने का सबसे सही समय है जब वह 10 महीने या उससे अधिक का हो जाए। ब्रोकोली खाने से कुछ बच्चों को गैस की समस्या भी हो सकती है, इसलिए यदि आपके बच्चे में ऐसे कुछ लक्षण दिखाई देते हैं तो बेहतर है उसे देरी से ब्रोकोली देना शुरू करें।
स्टीम की हुई एक कप ब्रोकोली में कितना नुट्रिशन होता है, वह इस प्रकार है;
पोषक तत्व | मात्रा |
विटामिन ‘ए’ | 31 माइक्रोग्राम |
विटामिन ‘सी’ | 89.2 मिलीग्राम |
विटामिन ‘ई’ | 0.78 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.64 मिलीग्राम |
फॉलेट | 63 माइक्रोग्राम |
आयरन | 0.73 मिलीग्राम |
सोडियम | 33 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 47 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 21 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस | 66 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 316 मिलीग्राम |
स्रोत: आईएफसीटी 2017, आईसीएमआर, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन
ब्रोकोली में जिंक, मैंग्नीज और अन्य विटामिन भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मौजूद होते हैं।
बच्चों के लिए ब्रोकोली के कुछ स्वास्थ्य लाभ निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
ब्रोकोली में एक सबसे अच्छी बात यह होती है कि यह खाद्य पदार्थ इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन ‘सी’ मौजूद है। यह सिर्फ इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में ही नहीं बल्कि बच्चे के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारियों को रोकने में मदद करती है।
ब्रोकोली में विटामिन ‘ए’ भी अच्छी मात्रा में होता है। बीटा-कैरोटीन के साथ विटामिन ‘ए’ का कॉम्बिनेशन आपके बच्चे की दृष्टी को बेहतर करता है। इसमें कम मात्रा में बी-काम्प्लेक्स और मिनरल हैं, जैसे फॉस्फोरस जो बच्चों की दृष्टी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
हमारे ब्लड वेसल का एक महत्वपूर्ण भाग होता है जिसे हीमोग्लोबिन कहते हैं। हीमोग्लोबिन का मुख्य कार्य होता है ब्लड वेसल के द्वारा ऑक्सीजन को शरीर के अन्य भागों में प्रवाहित करना। शरीर में आयरन की पर्याप्त मात्रा से हीमोग्लोबिन में वृद्धि होती है और यह उन लोगों में नहीं पाया जाता है जो एनीमिया से ग्रसित होते हैं। ब्रोकोली में आयरन मुख्य मिनरल में से एक है जो शरीर में इसकी कमी को पूरा करता है और हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है।
भोजन को पचाने के लिए हमारे पेट को एसिड की आवश्यकता होती है जो इसे आंतों में विभाजित करता है। यदि पेट में एसिड अधिक मात्रा में बनता है तो इसके परिणामस्वरूप एसिडिटी हो सकती है जो शरीर के गैस्ट्रिक भाग में अल्सर का कारण बनती है। इस समस्या के लिए ब्रोकोली का सूप आपके बच्चे में इस प्रकार के अल्सर को ठीक कर सकता है।
शरीर में स्वस्थ संतुलन के लिए एंटी-ऑक्सीडेंट बहुत जरूरी होते हैं। यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं, मेटाबॉलिक मुक्त कणों की देखभाल करते हैं और शरीर के सेल व टिशू को सुरक्षित रखते हैं। ब्रोकोली में इस प्रकार के एंटी-ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं और आहार में इसे शामिल करने की सलाह दी जाती है।
किसी भी प्रकार की पाचन समस्या व कब्ज की समस्या को ठीक करने के लिए आहार में फाइबर शामिल करना और बॉवेल मूवमेंट को उत्तेजित करना बेहतरीन तरीके हैं। ब्रोकोली में फाइबर होता है जिसमें नेचुरल लैक्सेटिव के गुण होते हैं। यह शरीर में मौजूद सभी अशुद्धयों के मॉइस्चर को अब्सॉर्ब करता है और बाहर निकालता है और यह पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
बाजार से ब्रोकोली खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप वही ब्रोकोली खरीदें जिसका रंग गहरा हरा हो या उसमे हल्की बैगनी सी रंगत हो। सुनिश्चित करें कि ब्रोकोली का रंग हर तरफ तरफ एक समान है और उनमें कोई भी खराबी नहीं है। यदि ब्रोकोली का थोड़ा बहुत भाग भी पीला या ग्रे हो गया है तो इसे न खरीदें।
ब्रोकोली को खुले बैग में रखकर फ्रिज के सब्जियों वाले सेक्शन में स्टोर करें और ध्यान रहे कि इसे 4 दिन से ज्यादा स्टोर करके न रखें।
बच्चों को ब्रोकोली देते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान रखें;
बच्चों के लिए ब्रोकोली का सूप बनाते समय इसे अच्छी तरह से पकाना जरूरी है। ब्रोकोली को पकाने से पहले इसे छोटा-छोटा काट लें और फिर सूप में उबालें। एक बार सूप थोड़ा गाढ़ा हो जाए तो इसमें आप अन्य सामग्रियां भी डाल सकती हैं। अपने बच्चे को ब्रोकोली का सूप खिलाने से पहले इसे छान लें।
आप अपने बच्चे को ब्रोकोली की निम्नलिखित मजेदार रेसिपीज बनाकर खिला सकती हैं, आइए जानते हैं;
सामग्री
विधि
सामग्री
विधि
सामग्री
विधि
सामग्री
विधि
सामग्री
विधि
बाजार में उपलब्ध सामान्य सब्जियों के विपरीत ऑर्गेनिक ब्रोकोली में पेस्टिसाइड्स और इन्सेक्टीसाइड्स न के बराबर होते हैं। यद्यपि ऑर्गेनिक ब्रोकोली थोड़ी महंगी होती है पर प्रयास करें कि आप हमेशा ऑर्गेनिक ही खरीदें।
फ्रोजन ब्रोकोली से ज्यादा अच्छी और फायदेमंद ताजी ब्रोकोली होती है। हालांकि यदि आपके पास कोई और ऑप्शन नहीं है तो फ्रोजन ब्रोकोली भी खरीद सकते हैं पर ध्यान रहे ब्रोकोली कटी हुई और फूल व डंठल के साथ होनी चाहिए।
ब्रोकोली में कुछ विशेष शुगर मौजूद होती है जिसे रैफ्फिनोस कहा जाता है और इसे कोई कोई बच्चे या बड़े भी नहीं पचा पाते हैं। यह छोटे व बड़े बच्चों दोनों में गैस की समस्या का कारण हो सकती है। जब तक आपका बच्चा अन्य खाद्य पदार्थों को सही से पचा नहीं पाता है तब तक उसे ब्रोकोली न खिलाएं।
ब्रोकोली में अद्भुत स्वास्थ्य लाभ पाए जाते हैं। आप अपने बच्चे को ब्रोकोली की अलग-अलग प्यूरी बनाकर खिला सकती हैं जिससे उसे आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते रहें। बच्चे के संतुलित आहार में सही सब्जियों को शामिल करना ही बेस्ट ऑप्शन है।
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