In this Article
बच्चे अपनी दुनिया में मगन रहते हैं और बिना किसी चिंता के यहाँ-वहाँ बस खेलते रहते हैं, जाहिर है ऐसे में उन्हें अक्सर सर्दी-जुकाम जैसे आम इंफेक्शन होते रहते हैं। यदि आपके बच्चे को जुकाम है और वह दवा देने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है तो हो सकता है कि बच्चे को साइनोसाइटिस जिसे आम भाषा में साइनस कहते हैं, हुआ हो।
यह एक मिथ है कि साइनस सिर्फ बड़ों को ही होता है। शिशुओं का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है। इससे उन्हें साइनस सहित कई इंफेक्शन जल्दी होने की संभावना रहती है। साइनोसाइटिस के साथ जुकाम होने से बच्चे को क्या समस्याएं हो सकती हैं, इसे कैसे ठीक करें व इससे जुड़ी पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़ें।
हर व्यक्ति में नाक की हड्डी में चार खाली जगह होती हैं। इन्हें मैक्जिलरी साइनोसाइटिस, एथमोइड साइनोसाइटिस, फ्रंटल साइनोसाइटिस और स्फेनोइड साइनोसाइटिस कहते हैं। मैक्जिलरी साइनोसाइटिस गाल की हड्डियों के पास होता है, एथमोइड साइनोसाइटिस नाक के पिछले हिस्से में होता है, फ्रंटल साइनोसाइटिस माथे की तरफ और स्फेनोइड साइनोसाइटिस नाक के अंदर गहराई में होता है।
जब बाहरी चीजों या बैक्टीरिया के कारण इंफेक्शन होने से इन जगहों पर सूजन आ जाती है तो इसे साइनोसाइटिस इंफेक्शन कहते हैं।
छोटे बच्चों में चार प्रकार से साइनस होता है;
एक्यूट साइनोसाइटिस अक्सर 4 सप्ताह या इससे कम दिनों तक रहता है और यह उपयुक्त दवा और ट्रीटमेंट से ठीक भी हो जाता है।
सब-एक्यूट साइनोसाइटिस थोड़ा जटिल होता है क्योंकि यह दवा लेने के बाद भी जल्दी ठीक नहीं होता है। यह चार से आठ सप्ताह तक रहता है।
यदि बच्चे को पहले भी साइनोसाइटिस या इससे संबंधित इंफेक्शन हुआ है और उसे फिर से साइनस इंफेक्शन है तो इसे क्रोनिक साइनोसाइटिस कहते हैं। क्रोनिक साइनोसाइटिस तब होता है जब पहले हुआ साइनोसाइटिस पूरी तरह से ठीक न हुआ हो।
जब पूरे साल में एक्यूट साइनोसाइटिस 3 से ज्यादा बार होता है तो इसे रेकर्रेंट साइनोसाइटिस कहते हैं। इसके लिए ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास जाने की सलाह दी जाती है।
बैक्टीरियल साइनोसाइटिस बैक्टीरिया से होता है। यह एक सेकंडरी इंफेक्शन है और स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा, और मोरेक्सेल्ला कैटरलीज का सबसे आम प्रकार है।
इसके बारे में आपको कुछ चीजें जाननी चाहिए, जैसे;
बैक्टीरियल साइनस में सीटी स्कैन कराने की जरूरत होती है ताकि डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट के लिए एंटीबायोटिक के बारे में बताया जा सके।
मेयो क्लिनिक रिसर्च लैब के रिसर्चर डॉ. डेविड शेर्रिस के अनुसार बच्चों में अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (यूआरटीआई) होने के अलावा साइनस इंफेक्शन होने का कोई भी कारण नहीं है। ऐसा माना जाता है कि साइनोसाइटिस अक्सर जुकाम और एलर्जी के कारण बढ़ता है। बच्चों में यह होने के कुछ संभावित कारण निम्नलिखित हैं;
शिशुओं में साइनस के लक्षण निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
डॉक्टर आपके बच्चे के स्वास्थ्य, परिवार की मेडिकल हिस्ट्री, बच्चे की उम्र और साइनोसाइटिस इंफेक्शन के प्रकार की पूरी जांच करेंगे।डॉक्टर द्वारा इंफेक्शन का प्रकार बताने के बाद वो निम्नलिखित ट्रीटमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं, आइए जानें;
नमक के पानी की ड्रिप और नेजल ड्रॉप्स बच्चों में साइनस को ठीक करने के लिए बहुत उपयोगी है। नेजल स्प्रे नाक के भीतर जमे म्यूकस को कम और नाक को डिकंजेस्ट करती है। आप नमक व गुनगुने पानी को मिलाकर सेलाइन वॉटर घर में भी बना सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि नाक को पूरी तरह से साफ करने के लिए दिनभर में कम से कम 4 बार इसका उपयोग करें।
क्या बच्चे के लिए नेजल स्प्रे और ड्रॉप्स का उपयोग करना कठिन है? आप भरी नाक को ठीक करने के लिए बूगी वाइप्स इंफ्यूज का उपयोग भी कर सकती हैं। इसके अलावा यदि बच्चे की नाक पूरी तरह से साफ नहीं हो पा रही है तो बल्ब सिरिंज का उपयोग करें।
साइनस इंफेक्शन को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक्स भी प्रिस्क्राइब की जाती हैं और यह विशेषकर तब किया जाता है जब साइनस इंफेक्शन 10 से 21 दिनों तक रहता है। यदि बच्चा ठीक हो रहा है तो आप कुछ दिनों तक एंटीबायोटिक्स का उपयोग करती रहें।
बच्चों में साइनस को ठीक करने के लिए दी जाने वाली एंटीबायोटिक्स में शामिल हैं, एमोक्सिसिलीन, दूसरे या तीसरे जेनेरेशन का सेफालोस्पोरिन, मैक्रोलाइड और क्लिंडामाइसिन। क्रोनिक साइनोसाइटिस का आमतौर पर चार दिनों तक ब्रॉड स्पेक्ट्रम बीटा-लैक्टम एंटीबायोटिक से इलाज किया जाता है। हालांकि डॉक्टर से जरूर पूछें कि डायग्नोसिस और गंभीरता के आधार पर बच्चे को कौन सी एंटीबायोटिक दी जा सकती है।
दर्द को ठीक करने के लिए डॉक्टर एसिटामिनोफेन दे सकते हैं और इसके साथ-साथ वे एंटीबायोटिक्स भी दे सकते हैं। यदि बच्चे में साइनस इंफेक्शन के साथ एलर्जी के लक्षण भी दिखाई देते हैं तो एंटीहिसटामाइन काम नहीं करेगी।
जब दवा का असर नहीं होता है तो डॉक्टर बच्चे में साइनस की समस्या ठीक करने के लिए सर्जिकल प्रोसीजर की सलाह देते हैं। इस प्रोसीजर से नाक के पीछे से एडेनॉइड ग्लैंड को हटा दिया जाता है क्योंकि यह साइनस इंफेक्शन जैसे लक्षण पैदा करने का कारण होता है।
एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी एक ऐसा प्रोसीजर है जिसमें साइनस की नली को ड्रेन किया जाता है ताकि वह खुल सके और डॉक्टर इसकी भी सलाह दे सकते हैं। इस प्रोसीजर में हवा अंदर जाती है और म्यूकस सूख जाता है।
जब साइनस की बात आती है तो इसका इलाज कराने से बेहतर इससे बचना है और बच्चों में साइनस इंफेक्शन कम करने के कुछ तरीके निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
पेरेंट्स होने के नाते आपको अपने बच्चे की चिंता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए हमने यहाँ पर बच्चों में साइनस होने से संबंधित कुछ अक्सर पूछे गए सवालों के जवाब दिए हैं, आइए जानें;
छोटे बच्चों में साइनोसाइटिस इंफेक्शन तब तक गंभीर रूप से होता है जब तक यह जुकाम के साथ हुआ है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शिशुओं का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है जिससे उन्हें बहुत जल्दी इंफेक्शन हो सकता है। यदि यह जुकाम के साथ हुआ है तो यह अन्य लोगों में भी फैल सकता है।
साइनोसाइटिस के परिणामस्वरूप बच्चे में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यहाँ कुछ संभावनाएं बताई गई हैं, आइए जानें;
छोटे बच्चों में साइनस जादू से ठीक नहीं होगा। इसमें समय, देखभाल और बहुत सारे प्यार की जरूरत है।
शिशुओं के लिए बचाव की बहुत जरूरत है। यदि आप यह नहीं कर पा रही हैं तो आपको साइनस के लक्षण समझ कर इसे जड़ से खत्म करने की जरूरत है। यदि बेबी को साइनस है और उसमें ऊपर बताए हुए लक्षण दिखाई देते हैं तो आप डॉक्टर से तुरंत मिलें। साइनोसाइटिस की समस्या बहुत दुर्लभ है। हालांकि आप बच्चे की हेल्थ और देखभाल के प्रति कोई भी जोखिम न लें।
यह भी पढ़ें:
छोटे बच्चों में सांस की समस्या
आपका बच्चा बार-बार क्यों छींकता है?
शिशुओं में कान का इंफेक्शन – कारण, लक्षण और उपचार
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…
भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…
शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…
शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…
ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…