शिशुओं में सोचने की क्षमता विकसित होना

शिशुओं में सोचने की क्षमता विकसित होना

कहा जाता है कि बच्चे के जन्म के बाद उसके डेवलपमेंट के लिए पहला साल बहुत अहम फेज होता है। इस फेज को कॉग्निटिव डेवलपमेंट और फाइव सेंस डेवपलमेंट के नाम से भी जाना जाता है जिसमें – स्पर्श, दृष्टि, गंध और स्वाद – शामिल होते हैं जो आगे के विकास में मदद करते हैं।

आपके बच्चे का मस्तिष्क उसके पैदा होने के बाद से ही काम करने लगता है और अपने आसपास के वातावरण को अब्सॉर्ब करने व इसे समझना शुरू कर देता है। माँ के दूध की महक से जुड़ना, यह जानना कि रोने से माँ का ध्यान उस पर  जाता है, माँ के हिलाने से शांत होना – ये सभी बच्चे में कॉग्निटिव डेवलपमेंट के लक्षण हैं।

एक बच्चे की पांचों इंद्रियां उसके विकास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू हैं। बच्चे गंध, स्वाद, स्पर्श, दृष्टि और ध्वनि का उपयोग अपने आसपास होने वाली घटनाओं से संबंधित करने और इसे समझने के लिए उपयोग करते हैं।

शुरुआत 

चखना और छूना उन पहले सेंसेस में से है जिसे पूरी तरह से एक्सप्लोर किया जाना चाहिए। फिर चाहे वह चाय का गर्म मग हो, या आपकी थाली में मसालेदार अचार के टुकड़ें हो – बच्चा इन सभी चीजों का अनुभव खुद ही करना चाहेगा। इस तरह वह मग में रखी जाने वाली गर्म चीजों से या लाल रंग से तीखी चीजों को जोड़ना शुरू कर देगा। आपको बच्चे के विकास के सबसे अहम फेज में उसकी हर चीज का बहुत खयाल रखना होगा। यहाँ तक ​​​​कि जब उसे किसी भी कनेक्शन का अनुभव तो आप उसके बारे में उसे विस्तार से बताएं, इससे उसे चीजों का मतलब समझ आएगा और इस प्रकार वो किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगा। और इसके बाद, आप देखेंगी कि वो मग और प्लेट में परोसी गई अलग-अलग चीजों को पहचान सकेगा जो उसकी मेमोरी डेवलप करने में मदद करेगा। बच्चे की मेमोरी स्किल डेवलप करने में अलग फीचर के साथ आने वाले सॉफ्ट टॉयज भी बहुत उपयोगी होते हैं। अगर उसके टॉयज को कोई नाम दे दें या उसी नाम से बुलाएं, तो उसे इसमें बहुत मजा आता है!

शुरुआत

कारण और प्रभाव 

यह बेसिक लर्निंग है जिसे आप उसे एक्सप्लोर करते हुए देखेंगी। जब वो अपने खिलौने में लगी डोरी को आगे की ओर खींचता है, तो खिलौना आगे की ओर भागने लगता है, ये देख कर बच्चा हैरान हो जाता है। इसी तरह जब बच्चा बिना किसी सपोर्ट के खड़े होने का प्रयास करेगा, तो गिर जाएगा, लेकिन जल्द ही उसे इस बात का भी अहसास हो जाएगा। बेबी को यह सब स्वयं जानने दें, वो कहते हैं न अनुभव सबसे अच्छा शिक्षक होता है। इसलिए, आप उसे खुद से चीजों को समझने और एक्सप्लोर करने दें, बस इस बात का खयाल रखें कि हमेशा उसके आसपास रह कर उस पर नजर रखें, ताकि उसे किसी प्रकार की चोट न पहुँचे, बच्चे को स्टंट करने दें एक बार गिरने के बाद वो अगली बार खुद ही सावधान रहेगा।

इससे पहले कि आपका बच्चा चीजों को एक्सप्लोर करना शुरू करे सबसे पहले ही आप अपने घर को बेबी प्रूफ बना लें। क्योंकि वह यह देखने की कोशिश करेगा कि क्या होता है जब वह टेलीविजन सेट के पीछे से बाहर निकले हुए तार को खींचता है या जब वह फोन ​​को फर्श पर फेंकता है तो क्या होता है। हालांकि उसे एक या दो बार रोकना ठीक है, लेकिन बार-बार हर चीज के लिए जब आप उसे लगातार मना करेंगी, तो यह उसकी लर्निंग प्रोसेस में रुकावट पैदा करेगा।

बच्चे को आपके प्रोत्साहन की जरूरत होगी 

आप अपने बच्चे की पार्टनर इन क्राइम बनें। वो जब कुछ नया सीखता है तो अपनी खुशी जाहिर करें क्योंकि इससे उसे प्रोत्साहन मिलेगा। उसे बताएं कि आपको उस पर गर्व है। साथ ही जो चीजें उसके लिए खतरनाक हो सकती हैं, उसके बारे में समझाएं। उस केस में, जब आप चिंतित या भयभीत होती हैं, तो वह आपके एक्सप्रेशन को समझ जाएगा, जैसे कि आप कब खुश हैं, दुखी हैं, चिंतित या रिलैक्स फील कर रही हैं ।

आपके बच्चे की समझ आपकी उसके साथ बातचीत करने और सिचुएशन और चीजों के प्रति आपके द्वारा दिए जाने वाले एक्सप्रेशन के अनुसार ही विकसित होती है। आपके एक्सप्रेशन की तरह ही बच्चा आपके द्वारा बोले जाने वाले शब्दों को भी दोहराता है आपके हावभाव को भी कॉपी करता है ।

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