घर को बेबी प्रूफ बनाने की चेक लिस्ट

घर को बेबी प्रूफ बनाने की चेक लिस्ट

एक छोटा बच्चा जिसे क्रॉल करने यानी घुटनों के बल रेंगने में बड़ा मजा आता है वह सिर्फ आपको मोहित ही नहीं करता बल्कि चिंताएं भी देता है। यहाँ तक कि घर में रखी हुई चीजें भी क्रॉल करने वाले बच्चे के लिए बाधाएं बन सकती हैं और इससे उसकी सेफ्टी को संभावित खतरे भी हो सकते हैं। यदि बच्चा चलने का प्रयास करता है तो यहाँ पर कुछ चीजों की लिस्ट दी हुई हैं जिन्हें आपको अपने घर में चाइल्ड प्रूफ जरूर करना चाहिए, जानने के लिए आगे पढ़ें। 

बाथरूम 

बच्चे को नहलाते समय वह इधर-उधर भागता है और खुद ही उस जगह को जानने की कोशिश करता है। आप बाथरूम को बच्चे का प्ले ग्राउंड न बनाकर उसकी सेफ्टी का ध्यान रख सकती हैं, जानें कैसे;

  • इस बात का ध्यान रखें कि दरवाजे के सेफ्टी लॉक के लिए क्लोजिंग लूप लगाएं। इसका यह मतलब है कि लॉक बच्चे की पहुँच से दूर है और वह इसका उपयोग नहीं कर सकता है। 
  • सभी दवा, कॉस्मेटिक, फ्लुइड्स, क्लीनर और अन्य चीजों को बच्चे की पहुँच से दूर कहीं ऊपर रखें। 
  • उपयोग करने के बाद बिजली के सभी उपकरणों का प्लग हटा दें, जैसे हेयर ड्रायर, इलेक्ट्रिक शेवर, हेयर कर्लर आदि और इसे किसी सुरक्षित जगह पर रखें। 
  • सभी नुकीली चीजों जैसे, नेल क्लिपर, रेजर, कैंची आदि को कैबिनेट में सुरक्षित करके रखें। 
  • उपयोग करने के बाद गर्म पानी का तापमान कम कर दें। इससे यदि बच्चा गर्म पानी का नल चला भी देता है तो वह जलेगा नहीं। 

टॉयलेट 

टॉयलेट से भी बच्चे को खतरे हो सकते हैं। इसमें बच्चे के लिए खड़े होने व सपोर्ट लेने के लिए अच्छी जगह होती है पर वह कभी भी पॉट में गिर सकता है। 

  • इस बात का ध्यान रखें कि हर बार उपयोग के बाद आप टॉयलेट को बंद कर दें। 
  • यदि जरूरी हो तो टॉयलेट में लॉक लगा दें। 
  • टॉयलेट के आसपास नॉन-स्किड मैट रखें ताकि बच्चा फिसले नहीं। 

दरवाजे  

बच्चा दरवाजों को देखता है और उन्हें समझने की कोशिश करता है जिसके कारण उसे दरवाजे से भी चोट लग सकती है। इसलिए आप बच्चे को सेफ रखने के लिए बेबी प्रूफिंग प्रोडक्ट्स का उपयोग करें। 

  • दरवाजे में लगे लॉक के ऊपर नॉब लॉक का उपयोग करें ताकि बच्चे को यह समझने में दिक्कत हो कि दरवाजा कहाँ से खुलेगा। 
  • दरवाजे के हैंडल के कुछ विशेष कवर भी मार्केट में उपलब्ध हैं, जिनसे बच्चा हैंडल नहीं पकड़ेगा। 
  • कुछ विशेष दरवाजों के लिए आप क्लोजिंग लूप का उपयोग करें क्योंकि उन्हें ज्यादातर बंद रखने की जरूरत होती है 
  • यदि घर में दरवाजों का उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है तो आप उसमें पिंच गार्ड लगवा दें। इससे दरवाजा बहुत आराम से बंद होगा और बच्चे की अंगुली में चोट नहीं लगेगी। 

बेडरूम 

बेडरूम में हर समय बच्चे पर नजर रह पाना कठिन है। इसलिए आप उसकी सेफ्टी के लिए कुछ तरीकों का उपयोग जरूर करें, जैसे;

  • बेडरूम में लगे बिजली के हर पॉइंट में बेबी प्रूफ सॉकेट लगवाएं। 
  • इस बात का ध्यान रखें कि बेडरूम के फ्लोर पर क्रिब सुरक्षित तरीके से और सीधा रखा हो ताकि बच्चा उसमें कूद भी सके। 
  • क्रिब के डंडों के बीच ज्यादा जगह नहीं होनी चाहिए ताकि बच्चे का सिर उसमें न फंसे। 
  • बेडरूम में कोई भी ऐसा प्रॉप या डेकोरेटिव आइटम न लगाएं जो बच्चे के ऊपर गिर सकता है। 
  • बिजली के उपकरण, लैंप, चार्ज आदि बच्चे से दूर सुरक्षित जगह पर रखें। 
  • यदि बच्चा बेड पर सो रहा है तो उसके आसपास भारी ब्लैंकेट या तकिया न रखें क्योंकि इससे उसे एसआईडीएस का खतरा हो सकता है। ऐसी चीजें खोजें जो बेबी फ्रेंडली हों और इससे बच्चा सोते समय पलटकर पेट के बल न हो जाए। 

खिड़कियां

ज्यादातर बच्चे दरवाजे और खिड़कियों से बहुत ज्यादा खेलते हैं। पर कभी-कभी इसकी वजह से बच्चे को चोट लग सकती है। 

खिड़कियां

  • आप अपने घर की खिड़कियों में चाइल्डप्रूफ लैचेज इंस्टॉल करवा लें। 
  • खिड़कियों में ग्रिल के गेट और लोहे की मजबूत रॉड लगवाने की सलाह दी जाती है। 
  • न दिखने वाली कॉर्ड्स की जगह कम लंबाई की कॉर्ड्स लगवाएं। 

कपड़े 

अक्सर पेरेंट्स बच्चों के लिए आकर्षक कपड़े चुनते हैं। हालांकि इसके साथ-साथ कम्फर्ट और केयर भी बहुत जरूरी है। 

  • कपड़ों से बच्चे की त्वचा न कटे या ये टाइट नहीं होने चाहिए। 
  • कपड़ों में लगे स्ट्रैप या बांधने वाले धागे नुकीले नहीं होने चाहिए या इनमें पिन नहीं लगी होनी चाहिए। 
  • यदि ड्रेस में बेल्ट या लेसेस हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि ये गले के पास बंधी नहीं होनी चाहिए। 
  • कपड़ों का मटेरियल ऐसा चुनें जिससे बच्चे की सेंसिटिव त्वचा पर एलर्जी या रैशेज न हों। हल्का कॉटन बच्चों के लिए बेहतरीन है। 
  • कपड़े ऐसे फैब्रिक से बने होने चाहिए जिसमें बच्चे को सांस लेने में दिक्क्त न हो और उन्हें कंफर्टेबल या शांत रहने में मदद मिल सके। 

कार  

कार ड्राइव करते समय बच्चे का ध्यान रखना भी आसान नहीं है और ऐसा करने की सलाह भी नहीं दी जाती है। बच्चे और आपकी सेफ्टी भी बहुत जरूरी है। 

कार

  • अपनी कार में सर्टिफाइड चाइल्ड सीट और उपकरणों का उपयोग करें। 
  • बच्चे को सीट पर सुरक्षित तरीके से हमेशा स्ट्रैप करके रखें। 
  • बच्चे को कार के अंदर अकेला न छोड़ें। 
  • कार से निकलते समय इग्निशन में चाबी लगी हुई न छोड़ें या कार स्टार्ट करके न छोड़ें। 

बिजली के उपकरण 

बिजली के उपकरणों को सुरक्षित रखना बहुत कठिन है और ये चीजें हर जगह पर होती हैं। ऐसे उपकरणों को चाइल्ड प्रूफ करते समय आपको विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। 

बिजली के उपकरण 

  • सभी आउटलेट बेबी सेफ लैचेस से ढके होने चाहिए। 
  • बिजली के भारी उपकरण, जैसे फ्रिज और टीवी भी सुरक्षित तरीके से रखे होने चाहिए। 
  • चार्जर का प्लग लगाकर न रखें और इसमें कोई भी डिवाइस लगाकर ऑन करके न रखें। 

घर में फर्स्ट एड रखें  

आप चाहें कितनी भी देखभाल करें लेकिन फिर भी चोट लगना स्वाभाविक है। ऐसी समस्याओं के लिए तैयार रहना ही ज्यादा बेहतर है। 

घर में फर्स्ट एड रखें  

  • फर्स्ट एड बॉक्स को ऐसी जगह पर रखें कि जरूरत पड़ने पर आसानी से लिया जा सके। 
  • बॉक्स में कुछ बेसिक चीजें रखें, जैसे बैंडेज, कॉटन, डिसइंफेक्टेंट, लोशन और क्रीम। 
  • अपने फ्रिज में आइस पैक तैयार रखें ताकि सूजन होने या चोट लगने पर इसका उपयोग तुरंत किया जा सके। 

निषिद्ध क्षेत्र / प्रतिबंधित क्षेत्र बनाइए 

हमारे कैबिनेट्स में कुछ कम्पार्टमेंट्स और घर की छोटी-छोटी जगहों पर उन चीजों को स्टोर किया जाता है जिनका उपयोग कम किया जाता हो, जो चीजें बहुत महंगी हों या साफ करने वाले फ्लुइड्स भी रखे जाते हैं जो सेफ नहीं हैं। ऐसी जगहों पर भी बच्चे को खतरा हो सकता है इसलिए इस जगह से उसे दूर ही रखें। 

निषिद्ध क्षेत्र / प्रतिबंधित क्षेत्र बनाइए 

  • आप ऐसी जगहों पर हमेशा ताला लगाकर रखें। 
  • दरवाजे के आगे ग्रिल का गेट लगवाएं, जिसमें बेबी लैचेस हों ताकि बच्चे को चोट लगने से बचाया जा सके। 
  • बच्चे को फ्रिज, डस्टबिन, बिजली के उपकरण आदि के पास जाने न दें। 

कुर्सियां  

बच्चों को कुर्सियां खिसकाने और उस पर बड़ों की तरह बैठने में बड़ा मजा आता है। इसलिए अक्सर उन्हें कुर्सियों से चोट लगती रहती है। 

  • अपने कमरे की सभी कुर्सियां और भारी सामान को सुरक्षित जगह पर रख दें। 
  • कुर्सियों को टेबल से सटा कर रखें ताकि यदि बच्चा कुर्सी पर चढ़ना जाए तो ऊपर से गिरे नहीं। 
  • यदि बच्चा बैठा है तो इस बात का ध्यान रखें कि वह सुरक्षित तरीके से बंधा रहे। 

चेंजिंग रूम 

चेंजिंग एरिया एक ऐसी जगह है जहाँ से बच्चा किसी भी असुरक्षित जगह पर पहुँच सकता है। कभी-कभी ऐसे समय में भी कोई अनहोनी घटना घट जाती है। 

  • चेंजिंग एरिया को किसी ऊंचे प्लेटफॉर्म पर न बनाएं। 
  • यदि यह किसी ऊंची जगह पर पहले से ही है तो वहाँ बच्चे को अकेला न छोड़ें। 
  • बच्चे को उस जगह पर ले जाने से पहले चेक कर लें कि हर चीज थोड़ी दूरी पर रखी होनी चाहिए। 

पानी

यदि बच्चे पर ध्यान न दिया जाए तो उसके लिए पानी से खेलना खतरनाक हो सकता है। इससे संबंधित निम्नलिखित कुछ बातों पर ध्यान दें। 

  • बाथटब में बच्चे पर हमेशा नजर रखें। उसे एक मिनट के लिए भी अकेला न छोड़ें। 
  • इस बात का ध्यान रखें कि नहाने के पानी का तापमान सुरक्षित होना चाहिए। बच्चों की स्किन बहुत सेंसिटिव होती है इसलिए हमेशा सावधानी बरतें। 
  • बच्चे के खेलने की जगह पर नॉन स्लिप मैट जरूर रखें ताकि पानी लीकेज होने पर बच्चे के फिसलने का डर न रहे। 
  • स्विमिंग पूल और समुद्र के किनारे इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे ने उचित कपड़े पहने हों और वह सेफ्टी उपकरणों के साथ होना चाहिए, जैसे फ्लोटर्स और स्विम रिंग्स। 

खिलौने

बच्चा खिलौनों के साथ सबसे ज्यादा समय बिताता है और उसे हर तरीके से इस्तेमाल करता है। इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी टॉय से बच्चे को कोई भी हानि नहीं होनी चाहिए। 

  • टॉयज किड-फ्रेंडली मटेरियल से बने होने चाहिए, जैसे कॉटन। छोटे-छोटे प्लास्टिक के टॉयज लेने से बचें ताकि बच्चे को चोकिंग की समस्या न हो। 
  • बच्चे को बड़े और भारी सॉफ्ट टॉय के साथ क्रिब में अकेला न छड़ें। 
  • टॉयज में कोई भी छोटे-छोटे पार्ट्स नहीं होने चाहिए ताकि बच्चे को चोकिंग से बचाया जा सके। 

धूप  

यदि पूरी सुरक्षा के बिना बहुत देर तक बच्चा धूप में रहता है तो इससे उसे हानि हो सकती है। 

धूप

  • बच्चे को बहुत देर तक धूप में न रहने दें। 
  • इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को धूप में ले जाने से पहले सही एसपीएफ सनस्क्रीन लगाई जानी चाहिए 
  • बच्चे को गर्मी से बचाने के लिए हैट या छाते का उपयोग करें। 
  • बच्चे को हाइड्रेटेड रखने के लिए उसे बार-बार पानी पिलाना भी जरूरी है। 

आग   

थोड़ी सी सावधानी हटने से घर में आग लग सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप दो बार चेक करें और घर को आग के खतरे से सुरक्षित रखें। 

आग

  • यदि बिजली की कोई भी समस्या है तो इसे जल्दी से जल्दी ठीक करवा लें। 
  • उपयोग न करने पर गैस स्टोव व खाना पकाने वाले उपकरणों को बंद रखें। यदि जरूरी हो तो मेन स्विच बंद कर दें। 
  • उपयोग न होने पर ओवन, इंडक्शन और अन्य उपकरणों का प्लग भी निकाल दें। 

जलने से बचाव

अचानक जलने से भी बहुत दर्द होता है। पर आप निम्नलिखित कुछ सावधानियों से बच्चे को इससे बचा सकती हैं, आइए जानें;

  • कैंडल लाइटर और सिगरेट लाइटर को बच्चे की पहुंच से दूर रखें। 
  • माचिस का उपयोग करने के बाद मैच स्टिक को तुरंत बुझा दें और बॉक्स को किसी सुरक्षित जगह पर रखें। 
  • इसके अलावा विशेषकर खाना बनाते समय बच्चे को किचन के आस-पास जाने न दें क्योंकि किसी भी चीज से वह जल सकता है या उसे चोट लग सकती है। 

गिरने से बचाएं / बेबी को अकेला न छोड़ें 

बच्चा तभी गिरता है जब उस पर ध्यान न दिया जाए या यह आपके रिएक्ट करने व कुछ करने से ज्यादा जल्दी हो। इसके लिए क्या करें, आइए जानते हैं;

  • बच्चे को ऊंचाई पर बैठाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वे सुरक्षित तरीके से बैठा हुआ है। 
  • बच्चे को कुर्सी पर बैठाते समय बकल स्ट्रैप का उपयोग करें। 
  • बच्चे के चारों तरफ रग्स और ब्लैंकेट रखें। 

फर्नीचर  

बच्चे फर्नीचर का सपोर्ट लेकर पूरे घर में चलना सीखते हैं। इसलिए फर्नीचर से भी बच्चे को चोट लग सकती है। इससे बचाव के लिए क्या करें, आइए जानें;

  • इस बात का ध्यान रखें कि फर्नीचर का हर सेट दीवार के पीछे, सहारे से व सुरक्षित जगह पर रखा होना चाहिए। 
  • फर्नीचर और कैबिनेट के हर दरवाजे पर मैग्नेटिक लैचेस लगवाएं ताकि वह हर समय बंद रहे। 
  • जिन दरवाजों तक बच्चा आसानी से पहुंच सकता है, उनमें बेबी लॉक्स लगवाएं ताकि इससे उसे कोई भी हानि न हो। 

जहरीले पदार्थों को आस पास न रखें 

हम भले ही इस बात को नजरअंदाज करें पर एक बच्चे के लिए घर में कई ऐसी चीजें होती हैं जिनसे जहर फैल सकता है। ऐसी चीजों को बच्चों से दूर रखना उतना भी कठिन नहीं है। इससे संबंधित टिप्स जानने के लिए आगे पढ़ें;

  • साफ-सफाई की चीजों, गार्डनिंग के केमिकल और दवा का उपयोग करने के बाद इसे अंदर सुरक्षित जगह पर रखें। 
  • ऐसी चीजों से काम करते समय इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा आपकी आंखों से दूर और अकेला नहीं होना चाहिए। 
  • पॉइजन कंट्रोल का नंबर साथ में रखें और उन उपचारों के बारे में जानें जिसे देने पर पॉइजन को कंट्रोल करने के लिए करना चाहिए। ऐसी समस्या होने पर आपको क्या करना चाहिए, आइए जानें; 
  • यदि बच्चा पॉइजन निगल ले तो क्या करें: आप इमरजेंसी सर्विस में कॉल करें और और शरीर में पॉइजन जाने के बारे में पहले से ही पूरी जानकारी रखें। ऐसे में बच्चे को छोड़ देने की सलाह नहीं दी जाती है। 
  • यदि त्वचा पर पॉइजन लग जाए तो क्या करें: बच्चे के कपड़े उतारें और प्रभावी जगह को लगभग 15 मिनट के लिए नल के नीचे चलते हुए पानी से धोएं। सतह पर कुछ भी लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। 
  • यदि आंख में पॉइजन चला जाए तो क्या करें: नल में चलते पानी में बच्चे की आंख धोएं और डॉक्टर से संपर्क करें। आंख के लिए कोई भी ऑइंटमेंट या ड्रॉप का उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है। 

निष्कर्ष 

हर आकर्षित करने वाली चीज बच्चे के लिए खिलौना होती है और आपका नन्हा साइंटिस्ट उसे पूरी तरह से जानने की कोशिश करता है। वैसे तो आपके लिए हर चीज पर हर समय नजर रख पाना संभव नहीं है पर घर को बेबी प्रूफिंग बनाने से आपकी थोड़ी बहुत चिंताएं कम हो सकती हैं। 

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