शिशुओं और बच्चों को राइस मिल्क देना – क्या यह ज्यादा हेल्दी ऑप्शन है?

शिशुओं और बच्चों को राइस मिल्क देना - क्या यह ज्यादा हेल्दी ऑप्शन है?

कई मांएं अक्सर यह सोचती हैं, कि क्या उनके बच्चों के लिए फार्मूला का कोई बेहतर विकल्प हो सकता है? कुछ बच्चों को गाय का दूध डाइजेस्ट करने में परेशानी होती है। कुछ अन्य बच्चों को गाय के दूध से एलर्जी भी होती है। ऐसे मामलों में माँओं के लिए यह तय करना मुश्किल हो जाता है, कि उनके बच्चे के सुबह के सीरियल के साथ क्या मिलाया जाए या शाम के स्नैक में क्या दिया जाए। कुछ पेरेंट्स इसके लिए बादाम के दूध या सोया मिल्क का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जिन्हें नट्स और सोया से भी एलर्जी हो सकती है। इस लेख में, हम राइस मिल्क के बारे में बात कर रहे हैं, जो कि आपके बच्चों के लिए एक वेगन और लेक्टोज फ्री विकल्प है। राइस मिल्क के फायदे और इससे जुड़े हुए खतरों को समझने के लिए आगे पढ़ें। 

राइस मिल्क क्या है?

राइस मिल्क चावल के दानों से बना होता है। इसके लिए चावल को पीसा जाता है और पीसने के बाद उसके ग्रेनुएल्स को बाहर निकालने के लिए डिफ्यूजन का इस्तेमाल किया जाता है। दूसरे विकल्प के तौर पर ब्राउन राइस के प्रोटीन युक्त आटे का इस्तेमाल किया जाता है। चावल के दूध में एक प्राकृतिक मीठा स्वाद होता है, जो कि कार्बोहाइड्रेट के शर्करा में बदलने से मिलता है। चावल की तरह ही, चावल का दूध भी मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट से बना होता है। जिस बच्चे को दूध से एलर्जी होती है, उसके लिए राइस मिल्क एक सुरक्षित विकल्प है। हालांकि, एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए राइस मिल्क देने की सलाह नहीं दी जाती है। 

राइस मिल्क के न्युट्रिशनल फैक्ट्स

किसी अन्य प्रकार के दूध (गाय के दूध के अलावा) की तुलना में, चावल के दूध में कार्बोहाइड्रेट, शक्कर और कैलोरी की सबसे अधिक मात्रा पाई जाती है। एक कप राइस मिल्क में निम्नलिखित न्यूट्रिशनल वैल्यू होती है: 

प्रोडक्ट कैलोरी शुगर कुल कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन  कुल फैट
शक्कर रहित राइस मिल्क 120 10 ग्राम 22 ग्राम 0 ग्राम 2 ग्राम

क्या राइस मिल्क बेबी और टॉडलर के लिए सुरक्षित है?

जहाँ राइस मिल्क, एलर्जी से ग्रस्त बच्चों के लिए एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, वहीं यह उन शिशुओं के लिए एक हेल्दी रेकमेंडेशन नहीं है, जिन्हें ब्रेस्ट मिल्क या फार्मूला दिया जाना चाहिए। जैसा कि ऊपर बताया गया है, एक साल से कम उम्र के शिशुओं के लिए राइस मिल्क रेकमेंड नहीं किया जाता है। राइस मिल्क उन कुछ प्रकार के दूध में से एक है, जिससे एलर्जी होने की संभावना नहीं होती है। हालांकि, चूंकि यह एक प्लांट बेस्ड मिल्क है, इसलिए इससे कैल्शियम या विटामिन ‘बी12’ नहीं मिलता है। जिन माँओं के पास उनके बच्चों के लिए दूध का कोई दूसरा विकल्प उपलब्ध नहीं है, वे निश्चित रूप से राइस मिल्क का चुनाव कर सकती हैं। वहीं एक्सपर्ट के रिकमेंडेशन के अनुसार, इसकी जगह पर फैट और न्यूट्रिशन के किसी बेहतर स्रोत का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। 

बच्चे को राइस मिल्क देने के फायदे

यहाँ पर राइस मिल्क के कुछ फायदे दिए गए हैं:

  • राइस मिल्क लेक्टोज फ्री होता है और इसमें नट्स भी नहीं होते हैं। इसके कारण यह एक एलर्जी मुक्त विकल्प बन जाता है। जिस बच्चे को दूध से एलर्जी हो, उसके लिए राइस मिल्क एक सुरक्षित विकल्प है और इसकी मदद से आप अपने बच्चे के भोजन में दूध को शामिल कर सकती हैं। 
  • इसके शुगर कंटेंट के कारण, यह दूध के अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक मीठा होता है। 
  • इसे विटामिन और कैल्शियम के साथ आसानी से फोर्टीफाइड किया जा सकता है। 

बच्चे को राइस मिल्क देने के फायदे

  • यह दूध का एक शुद्ध शाकाहारी स्रोत है। 
  • इसमें बिल्कुल भी कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है और यह वसा रहित दूध के लिए सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक है। 
  • डायरिया को ठीक करने के लिए यह एक बेहतरीन औषधि है, क्योंकि डायरिया से पीड़ित बच्चों को डेयरी प्रोडक्ट्स नहीं दिए जा सकते हैं। चूंकि, राइस मिल्क को आपका बच्चा आसानी से डाइजेस्ट कर लेता है, इसलिए डायरिया के दौरान देने के लिए यह एक सुरक्षित भोजन है। 

बेबी और टॉडलर को राइस मिल्क देने के कुछ संभावित खतरे

हालांकि राइस मिल्क एक एलर्जी फ्री दूध है, पर फिर भी इसके कुछ खतरे हो सकते हैं: 

  • राइस मिल्क में प्रोटीन नहीं होता है और यह गाय के दूध का एक आदर्श विकल्प नहीं है। आमतौर पर, गाय के दूध से बच्चों को उनके प्रोटीन की हेल्दी खुराक मिल जाती है और राइस मिल्क का इस्तेमाल करने से वे इस प्रोटीन से वंचित रह जाते हैं। 
  • चावल में इनऑर्गेनिक आर्सेनिक मौजूद होता है। जहाँ बड़े बच्चों और वयस्कों में यह चिंता का कारण नहीं है, वहीं इससे आपके नन्हे शिशु के मस्तिष्क का विकास प्रभावित हो सकता है। विशेषकर ब्राउन राइस में व्हाइट राइस की तुलना में अधिक आर्सेनिक मौजूद होता है। 
  • आमतौर पर राइस मिल्क में नमक, पानी, तेल और चावल होता है। इसमें आयरन या ट्रेस मिनरल जैसे कोई पोषक तत्व नहीं होते हैं। 
  • बच्चों (अधिकतर 2 वर्ष की उम्र तक के बच्चों) को फुल फैट दूध की जरूरत होती है, लेकिन चावल के दूध में कोई फैट नहीं होता है। 
  • चूंकि इसमें शुगर और कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है, इसे जुवेनाइल डायबिटीज से ग्रस्त बच्चों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। 
  • 12 महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए, किसी भी अन्य प्रकार के दूध, विशेषकर राइस मिल्क की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इसमें पोषक तत्व बहुत ही कम होते हैं और इसके कारण कभी न ठीक होने वाली न्यूट्रिशनल कमियां हो सकती हैं। 

राइस मिल्क बनाने का तरीका

राइस मिल्क का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है, जैसे स्मूदी बनाने के लिए, सीरियल में, खाना पकाने में, बेकिंग में या पीने के लिए। यहाँ घर पर बच्चों के लिए राइस मिल्क तैयार करने का एक आसान तरीका दिया गया है। इस रेसिपी से 8 गिलास चावल का दूध तैयार हो सकता है। आप इसमें कैल्शियम पाउडर या अपनी इच्छा या आवश्यकता के अनुसार अन्य सप्लीमेंट मिलाकर घर पर ही इसे फोर्टिफाइड कर सकती हैं। 

आवश्यक सामग्री

  • पके हुए ब्राउन राइस – 1 कप
  • पानी – 4 कप
  • शहद – 1 बड़ा चम्मच
  • फ्लेवरिंग, जैसे वनीला – ½ छोटा चम्मच
  • चुटकी भर नमक

तैयार करने की विधि

  • पैकेज पर दिए गए निर्देशों के अनुसार एक चुटकी नमक के साथ ब्राउन राइस को पका लें। 
  • पके हुए ब्राउन राइस और पानी के साथ स्वीटनर और फ्लेवर मिला लें। 
  • हाय सेटिंग पर इसे तब तक ब्लेंड करें, जब तक पानी सफेद न लगने लगे। 
  • दानों को अलग करने के लिए मलमल के कपड़े या एक बारीक छलनी के इस्तेमाल से अच्छी तरह से छान लें। 
  • भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए इसे फ्रिज में स्टोर करें। 

राइस मिल्क बनाने का तरीका

गाय के दूध के अन्य विकल्प जो कि बच्चों के लिए सुरक्षित हैं 

डेयरी दूध के कई अन्य विकल्प हैं, जिन्हें बड़े बच्चों के लिए सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

1. बादाम का दूध

पिसे हुए बादाम को पानी के साथ मिलाकर बादाम का दूध तैयार किया जाता है। आल्मंड मिल्क विटामिन ‘ए’ का एक अच्छा स्रोत है, लेकिन इसमें कैल्शियम और प्रोटीन की कमी होती है। यह लैक्टोज फ्री होता है और इसमें कैलोरी भी कम होती है। 

2. सोया दूध

सोया दूध को सोयाबीन से तैयार किया जाता है। अन्य प्लांट बेस्ड दूध की तरह, यह विटामिन ‘बी 12’ का एक अच्छा स्रोत नहीं है। हालांकि, सोया मिल्क में प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है और इसमें सैचुरेटेड फैट भी बहुत कम होते हैं। 

3. नारियल का दूध

नारियल की मलाई और पानी से बनने वाला कोकोनट मिल्क यानी नारियल का दूध फैट, कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी का एक बेहतरीन स्रोत है। जिन बच्चों को नट्स से एलर्जी होती है, उन बच्चों के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है। 

4. भांग का दूध

हेम्प मिल्क या भांग का दूध भांग के बीज से तैयार किया जाता है, जो कि मारिजुआना बनाता है। इसके कुछ अच्छे फायदे होते हैं, जैसे कि, यह प्रोटीन और विटामिन का एक अच्छा स्रोत है। यह ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड का भी एक बेहतरीन स्रोत है। 

एक बच्चे के लिए सबसे अच्छा क्या है, यह उसके पेरेंट्स से बेहतर और कोई नहीं जान सकता। लेकिन,अगर आप एलर्जी के कारण अपने बच्चे को गाय का दूध नहीं दे सकती हैं, तो राइस मिल्क जैसे विकल्पों का चुनाव करने से पहले पेडिअट्रिशन से अपने बच्चे के लिए अन्य विकल्पों के बारे में बात कर सकती हैं। 

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