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गर्भावस्था के दौरान महिलाएं, अत्यधिक तकलीफ के अनुभव की उम्मीद करती हैं। पर, यह बात अधिक लोगों को पता नहीं होती, कि डिलीवरी के बाद का समय अपने साथ बहुत सी चुनौतियां लेकर आता है। वजाइनल डिलीवरी के बाद जब ब्लैडर कंट्रोल की बात आती है, तो स्थितियां पहले की तरह नहीं होती हैं और महिलाओं को अक्सर यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस यानी पेशाब पर अनियंत्रण का अनुभव होता है।
पोस्टपार्टम यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस क्या है?
पेशाब पर नियंत्रण न होने के कारण होने वाले लीकेज को यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस के नाम से जाना जाता है और नॉर्मल डिलीवरी से गुजर चुकी हर तीन में से एक महिला को इसका अनुभव होता है। पेशाब पर अनियंत्रण दो तरह के होते हैं, जिनके नाम हैं स्ट्रेस और अर्ज इंकॉन्टीनेंस।
डिलीवरी के बाद, अगर आप जोर से हंसती, खाँसती, छींकती, कूदती हों या कोई भारी वजन उठाते समय आपकी पेशाब छूट जाती हो, तो उसे स्ट्रेस इंकॉन्टीनेंस कहते हैं। कुछ निश्चित हॉर्मोन जोड़ों और टिशूज को लचीला बना कर आपके शरीर को डिलीवरी के लिए तैयार करते हैं, जिसके कारण ब्लैडर की मजबूती और नियंत्रण कमजोर हो जाती है।
अन्य महिलाओं को ब्लैडर के भरे न होने के बावजूद, वॉशरूम जाने की जरूरत महसूस होती है। इसका मतलब है, कि वे डिलीवरी के बाद अर्ज इंकॉन्टीनेंस से गुजर रही हैं और अक्सर ही बाथरूम तक पहुँचने के पहले ही लीकेज होने का अनुभव करती हैं।
गर्भावस्था के बाद यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस क्यों होता है?
गर्भावस्था के बाद यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस के कई कारण होते हैं। चूंकि प्रेगनेंसी के दौरान पेल्विस हमेशा ही खिंचता रहता है, तो ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं, जिसके कारण यूरिन को रोकने की कोशिश के दौरान यूरेथ्रा का नियंत्रण खो जाता है। प्रेगनेंसी के बाद यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
- एक से अधिक बच्चों का जन्म
- मोटापा
- पेट में पल रहे बच्चे का आकार बड़ा होना, डिलीवरी के दौरान वजाइना पर अधिक दबाव पड़ना
- स्मोकिंग
- नॉर्मल प्रेगनेंसी के दौरान लंबे समय तक दबाव पड़ना
- वजाइनल बर्थ (यह उन पर भी लागू होता है, जिनकी सी-सेक्शन डिलीवरी हुई है, पर उसके पहले वजाइनल डिलीवरी हो चुकी है)
- वजाइनल बर्थ, जिसमें फोरसेप्स का इस्तेमाल हुआ हो
- परिवार से वंशानुगत
पोस्टनेटल इनकॉन्टिनेंस से कैसे निपटें?
जैसे ही आपको यह महसूस होता है, कि अब सारी परेशानी दूर हो चुकी है और आप हर पड़ाव से गुजर चुकी हैं, कि तभी आपको एहसास होता है, कि अब आपको पोस्टपार्टम यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस का ऐसा इलाज ढूंढना पड़ेगा, जो आपके लिए काम करे। यहाँ पर ऐसी कुछ चीजें दी गई हैं, जिन्हें आप आजमा सकती हैं:
1. पेसरी का इस्तेमाल करें
पेसरी एक छोटी रिंग होती है, जो कि सिलिकॉन की बनी होती है। जब इसे वजाइना के अंदर डाला जाता है, तब यह अंदर से उस की आंतरिक संरचना को सपोर्ट देती है। इसे सुबह अपने दिन की शुरुआत के समय पहना जा सकता है और रात को सोने से पहले निकाला जा सकता है। कुछ महिलाएं, पेसरी का इस्तेमाल केवल तभी करती हैं, जब वे टेनिस खेल रही होती हैं या जॉगिंग के लिए जा रही होती हैं। क्योंकि ऐसे में अनैच्छिक लीकेज हो सकती है।
2. सर्जरी
ब्लैडर स्लिंग नाम की एक प्रक्रिया की जा सकती है, जिसमें डॉक्टर यू शेप की जालीदार गोफन को इंसर्ट कर देते हैं। जो कि स्थाई रूप से यूरेथ्रा को सपोर्ट करने में सक्षम होता है। इस सर्जरी के सफल होने की 90% संभावना होती है और इसे केवल वे लोग कर सकते हैं, जिन्हें और बच्चे नहीं चाहिए होते हैं। अगर आप फिर से प्रेगनेंट नहीं होना चाहती हैं, तो आप डिलीवरी के बाद इनकॉन्टिनेंस के लिए यह सर्जरी करा सकती हैं और यह आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है।
3. सैनिटरी पैड
पब्लिक में अचानक होने वाली लीकेज के कारण होने वाली शर्मिंदगी से बचने के लिए, आप एक सेनेटरी पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं, जो कि किसी भी अनैच्छिक लीकेज को सोख सकता है। बस इसे इन्फेक्शन से बचने के लिए नियमित रूप से बदलती रहें। अगर आप यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस से जूझ रही हैं, तो घर से बाहर होने के दौरान अपने आप को साफ और स्वच्छ रखने के लिए यह एक बहुत ही सिंपल तरीका है।
4. पेशाब को रोके नहीं
अगर आपको यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस है, तो व्यस्त रहने की स्थिति में अपने पेशाब को रोके रखना सही नहीं है। इससे आपको और भी ज्यादा लिकेज हो सकती है। इसलिए आप जो भी कुछ कर रही हैं, उसे थोड़ी देर के लिए बंद करें और अपने ब्लैडर को खाली करें। इससे न केवल आप बेहतर महसूस करेंगी, बल्कि लीकेज के बाद होने वाले झंझट से भी बच पाएंगी।
5. मांसपेशियों को टाइट करना
जब आप लोगों के एक ग्रुप के साथ होती हैं या किसी वजह से कहीं बाहर होती हैं और आपको छींक या खांसी का एहसास हो, तो अपने पैरों को क्रॉस कर लें। इससे आपके पेल्विक मसल्स टाइट हो जाएंगे और अचानक होने वाली लीकेज से बच पाएंगी।
6. कीगल एक्सरसाइज
अधिकतर लोग इस एक्सरसाइज को गर्भावस्था के दौरान की जाने वाली एक्सरसाइज के रूप में जानते हैं, पर यह डिलीवरी के बाद आपकी पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी काफी मददगार होता है।
डिलीवरी के बाद इनकॉन्टिनेंस कितने समय तक रहता है?
अधिकतर मामलों में यह व्यक्ति पर निर्भर करता है। यह समस्या कुछ हफ्तों से लेकर एक साल के बीच चली जाती है। वहीं कुछ मामलों में यह समस्या कई वर्षों तक बार-बार हो सकती हैं, क्योंकि यह समस्या उम्र के साथ अधिक देखी जाती है। ऐसे में मेनोपॉज के समय सी-सेक्शन डिलीवरी हो चुकी महिलाओं को भी यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस का अनुभव हो सकता है।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
आमतौर पर जिन महिलाओं की वजाइनल डिलीवरी होती है, बच्चे के जन्म के दौरान अत्यधिक दबाव पड़ने के कारण ब्लैडर और पेल्विक मांसपेशियों में समस्याओं का अनुभव होता है। सिजेरियन डिलीवरी के बाद यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस की परेशानी होना दुर्लभ है। अगर आपको पेशाब करने के दौरान जलन व दर्द का अनुभव होता है, तो ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए। ऐसे में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की जांच की जाएगी और अगर यह स्थिति नहीं है, तो आपको एक यूरोगाइनेकोलॉजिस्ट के पास रेफर किया जा सकता है।
नई माँ को वैसे ही बहुत कुछ करना होता है। ऐसे में अगर आपको अपने बच्चे के जन्म के बाद यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस जैसी एक और मेडिकल समस्या से जूझना पड़े, तो यह आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। लेकिन अगर आप अपने डॉक्टर की सलाह को फॉलो करती हैं, तो आप इस परिस्थिति से भलीभांति निपट सकती हैं।
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