गर्भावस्था

डिलीवरी के दौरान मल त्याग करना

बच्चे को इस दुनिया में लाने के लिए कई घंटों तक लेबर का दर्द सहना आपने आप में बहुत मुश्किल है, लेकिन हम जिस बारे में बात करने जा रहे हैं वो सुनकर आपको थोड़ा अजीब लग सकता है। बच्चे को जन्म देने के दौरान मत त्याग करना, जाहिर है यह आपकी एक्साइटमेंट और खुशियों भरे माहौल को खराब कर सकता है। ऐसा होने से आपको शर्मिंदगी और बुरा महसूस होगा। हालांकि लेबर के दौरान मल त्याग करना आम नहीं होता है, इसलिए बहुत सारी महिलाएं इस विषय में जानना चाहती हैं।

कुछ महिलाएं बच्चे को जन्म देते समय मल त्याग क्यों करती हैं?

आप यह जानना चाहती होंगी कि क्या बच्चे को जन्म देते समय मल त्याग होना आम बात है। तो आपको बता दें कि डिलीवरी के दौरान शरीर का निचला हिस्सा बच्चे को पुश करने पर जोर देता है, यह उन्हीं मसल्स का उपयोग करता है जो मल त्याग के दौरान काम करती हैं। गर्भावस्था के दौरान आप पहले से ही बच्चे के कारण उस भाग में प्रेशर महसूस करती हैं और डिलीवरी के दौरान यह प्रेशर बढ़ता जाता है, क्योंकि बच्चा बर्थ कैनाल की ओर बढ़ रहा होता है। इस दौरान रेक्टम और कोलन पर पड़ने वाला प्रेशर और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे मल त्याग हो जाता है।

डिलीवरी के समय महिलाओं का शरीर प्रोस्टाग्लैंडीन नाम के हार्मोन का उत्पादन करता है और यही हार्मोन उनके शरीर के बॉवेल मूवमेंट के साथ डिलीवरी करने में भी मदद करता है। जिसकी वजह से आपका शरीर ये समझता है कि उसे चीजों को बाहर निकालना है, चाहे वो बच्चा हो या मल।

क्या एपिड्यूरल पॉटी की संभावना को बढ़ा सकता है?

कई महिलाओं का मानना ​​है कि डिलीवरी के दौरान दर्द की अनुपस्थिति आपके शरीर को यह सोचने पर मजबूर कर सकती है कि आप अपने बच्चे को बाहर निकालने के बजाय मल त्याग करने की कोशिश कर रही हैं। इसलिए, एपिड्यूरल शौच की संभावना को बढ़ा सकता है।

लेकिन ऐसा नहीं होता है क्योंकि एपिड्यूरल हो या नहीं, आपका शरीर इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ होता है कि आप बच्चे की डिलीवरी करने वाली हैं और कुछ भी इसे रोक नहीं सकता है। एपिड्यूरल मल त्याग की संवेदना को सुन्न कर देता है। तो ऐसे में आप बच्चे को पुश करने के बजाय मल त्याग कर सकती हैं और आपको इसका एहसास भी नहीं होगा। 

लेबर के दौरान मल त्याग से कैसे बचें

डिलीवरी के दौरान मल त्याग करने की कल्पना करना ही हर महिला के मूड को खराब कर सकती है, ऐसे में कई महिलाएं यह जानना चाहेंगी कि आखिर इससे कैसे बचा जाए और कैसे इस पल को खास बनाकर याद किया जाए। हालांकि, कुछ ऐसे उपाय हैं जिनका उपयोग करके आप डिलीवरी के दौरान होने वाले मल त्याग से बच सकती हैं।

1. जरूरत पड़ने पर एनिमा का इस्तेमाल

आपको डिलीवरी के दौरान मल त्याग की समस्या न हो इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आपके शरीर के अंदर कोई मल ही न हो। आपके लेबर का दर्द शुरू होने पर आप क्लिनिक पहुंचती हैं, लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि यह शुरुआती लेबर है। ऐसे में आप डॉक्टर से एनिमा द्वारा आपकी मदद करने के लिए कह सकती हैं, खासकर तब जब आपका बॉवेल भरा हुआ है। बॉवेल साफ हो जाने पर आप आराम महसूस करेंगी और अपना पूरा ध्यान बच्चे को पैदा करने पर लगा सकेंगी। किसी ट्रेंड प्रोफेशनल द्वारा या किसी की गाइडेंस के साथ ही एनिमा का इस्तेमाल करना चाहिए।

2. अगर पॉटी आए तो उसे रोके नहीं

जिस तरह से सही समय आने पर लेबर पेन शुरू हो जाता है, वैसे ही पॉटी करने का भी समय होता है, चाहे आप गर्भवती हों या न हों। यदि आपको लेबर का दर्द शुरू हो गया है, लेकिन उसी दौरान आपको पॉटी लग जाती है तो इसे किसी भी चीज के सहारे रोकने की कोशिश न करें और यह न सोचें कि आप डिलीवरी के बाद इसे कर लेंगी। यदि आप अभी भी लेबर की शुरुआती स्टेज में हैं, तो आपका बच्चा कुछ देर इंतजार कर सकता है। उस समय आप टॉयलेट जाकर अपना पेट साफ कर सकती हैं। ऐसा करने से आपका दिमाग शांत होगा और लेबर को ठीक से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी ।

3. सपोसिटरी दवा चुनें

ऐसी स्थिति आपको परेशानी में डाल देती है, क्योंकि आप मल त्याग करना चाहती हैं लेकिन करने में असमर्थ हैं। ऐसे मामलों में सपोसिटरी दवा बड़ी फायदेमंद साबित होती है। इस दवा को मल त्याग के रास्ते में डाला जाता है, जहां पर वो दवा घुल जाती हैं और पेट साफ करने में मदद करती है। सपोसिटरी लेने के आधे घंटे से एक घंटे के अंदर कब्ज खत्म हो जाता है और इसके बाद आप कोई भी काम कर सकती हैं। लेकिन ऐसे मामले में डॉक्टर की सलाह की जरूरत होती है और ज्यादातर डॉक्टर कब्ज से राहत पाने के लिए ग्लिसरीन सपोसिटरी लेने की सलाह देते हैं।

4. डिलीवरी के दौरान ‘कुछ भी’ न खा लें

लेबर के समय बेहद थकान हो जाती है और आपको भूख लगने लगती है, खासकर तब जब उसका समय बढ़ जाए। इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी खा लें जो आपको पसंद हो। डिलीवरी के दौरान खाने वाली चीजें बेहद हल्की होनी चाहिए, खासकर तरल होनी चाहिए। सूप और स्मूदी या प्रोटीन बार भी आप खा सकती हैं। कोशिश करें कि जब आप लेबर पेन में हों तो शाकाहारी और फैट फ्री पदार्थ ही खाएं क्योंकि इसे पचाना आसान होगा और इससे जलन नहीं होगी।

5. डिलीवरी के दौरान कब्ज से बचाव के हिसाब से खाएं

मल त्याग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे रोका नहीं जा सकता है। लेकिन इस प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है और समय पर किया जा सकता है ताकि डिलीवरी के दौरान इसकी वजह से कोई दिक्कत न हो। जब भी आप प्रेग्नेंट हो तो इस बात का शुरू से ही खयाल रखें। आपकी डाइट में फाइबर से भरपूर खाना शामिल होना चाहिए। एक स्वस्थ और संतुलित आहार लेने से मल त्याग समय पर करने में मदद मिलती है और कब्ज की परेशानी भी कम हो जाती है। यह डिलीवरी के दौरान आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि यदि आपको डिलीवरी से पहले ऐसा कुछ भी महसूस होता है, तो आप जल्दी से जाकर फ्रेश होकर आ सकती हैं, और कब्ज से जुड़ी किसी भी परेशानी से मुक्त हो सकेती हैं। 

आप हर कोशिश करती हैं यह जानने की कि आखिर डिलीवरी के समय मल त्याग से कैसे बचा जाए। लेकिन इसके बावजूद आपको डिलीवरी के समय मल त्याग हो जाता है, तो इसमें चिंता करने या शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है। इस दौरान डॉक्टर और नर्स का ध्यान पूरी तरह से बच्चे को सुरक्षित तरीके से पैदा करने पर होता है और बाकी ऐसी चीजों से वह अच्छी तरह से वाकिफ होते हैं। इसलिए इसमें आपकी ही भलाई है कि आपके बच्चे की डिलीवरी सुरक्षित तरीके और खुशी से हो। सबको पता है पॉटी होना स्वाभाविक है, तो ऐसे में इस बात पर कम ध्यान दें। 

स्रोत 1: Parents
स्रोत 2: Whattoexpect

यह भी पढ़ें:

लेबर और डिलीवरी के विभिन्न चरण
लेबर और डिलीवरी की तैयारी के स्मार्ट तरीके
प्रसव की 6 पद्धतियां: आवश्यक जानकारी

समर नक़वी

Recent Posts

अमृता नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Amruta Name Meaning in Hindi

जब किसी घर में नए मेहमान के आने की खबर मिलती है, तो पूरा माहौल…

2 weeks ago

शंकर नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Shankar Name Meaning in Hindi

जब किसी घर में बच्चा जन्म लेता है, तो माता-पिता उसके लिए प्यार से एक…

2 weeks ago

अभिराम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhiram Name Meaning in Hindi

माता-पिता अपने बच्चों को हर चीज सबसे बेहतर देना चाहते हैं क्योंकि वे उनसे बहुत…

2 weeks ago

अभिनंदन नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhinandan Name Meaning in Hindi

कुछ नाम ऐसे होते हैं जो बहुत बार सुने जाते हैं, लेकिन फिर भी कभी…

2 weeks ago

ओम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Om Name Meaning in Hindi

हर माता-पिता के लिए अपने बच्चे का नाम रखना एक बहुत खास और यादगार पल…

2 weeks ago

रंजना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Ranjana Name Meaning in Hindi

समय के साथ सब कुछ बदलता है, चाहे वो पहनावा हो, खाना-पीना हो या फिर…

2 weeks ago