गर्भावस्था

क्या बच्चे गर्भ में रोते हैं?

पेरेंट्स बनने वाले पति-पत्नी अक्सर गर्भ में अपने बच्चे की गतिविधियों को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं। बच्चा गर्भ में किस स्थिति में है, यह जानने के लिए वे अल्ट्रासाउंड और डॉक्टर के वर्णन पर काफी निर्भर रहते हैं। वहीं दूसरी ओर जब बच्चा गर्भ में घूमना शुरू कर देता है, तो मां बनने वाली महिलाएं बहुत सी बातों का अनुभव करती हैं। इनमें से कई महिलाएं गर्भ में बच्चे की किक को महसूस करके बहुत खुश होती हैं। लेकिन क्या बच्चा गर्भ में केवल किक ही करता है? नहीं। हर किसी को पता है, कि बच्चा गर्भ में मूव करता है, लेकिन क्या आपको पता है कि वह रोता भी है? आइए देखते हैं, कि बच्चे गर्भ में रोते हैं या नहीं। 

क्या बच्चे गर्भ में वाकई रोते हैं?

बच्चे गर्भ में रोते हैं। पर ये जरूरी नहीं है, कि बच्चे वैसे ही रोएं, जैसे इस दुनिया में आने के बाद रोते हैं। वैज्ञानिक अभी भी इसके स्तर का निर्धारण नहीं कर पाए हैं, लेकिन रिसर्च दर्शाती हैं, कि बच्चे मां के गर्भ में विभिन्न प्रकार की भावनाएं दर्शाते हैं। जिन व्यवहारों की जानकारी पहले हुआ करती थी, वे हैं – एक्टिव जागे हुए, शांत नींद, शांत जागे हुए और एक्टिव। हाल ही में एक 5वीं क्रिया भी पता चली है, जो कि है – रोना। आपके गर्भ में इसे फीटस के विकास के एक माइलस्टोन के रूप में देखा जाता है। लेकिन यह कैसे और क्यों होता है? अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें। 

एक बच्चा गर्भ में कैसी प्रतिक्रिया देता है?

बच्चे मां के गर्भ में रहने के दौरान ही बाहरी दुनिया के साथ तालमेल बिठाने के लिए तकनीकों को सीखना शुरू कर देते हैं। एक अध्ययन के दौरान 16 सप्ताह के एक फीटस जिसके कान पूरी तरह से विकसित नहीं हैं, उसे आवाज के प्रति प्रतिक्रिया देते हुए पाया गया। इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि पेट में पल रहे शिशु बात करने पर और छुए जाने पर लात मार के प्रतिक्रिया देते हैं। बेबी आमतौर पर गर्भ के बाहर स्थित उत्तेजना पर प्रतिक्रिया देते हैं, जैसे रोशनी, आवाज, मां की गतिविधियां और मां के गर्भ पर हल्का सा भी शारीरिक दबाव। आपका शिशु गर्भ के अंदर घूम सकता है, चौंक सकता है, पेशाब कर सकता है और कलाबाजी भी कर सकता है। 

तीसरी तिमाही से गुजर रही गर्भवती महिलाओं के एक समूह पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया, कि मां के पेट के पास स्पीकर्स पर सॉफ्ट म्यूजिक सुनाने से बच्चे किस तरह से रिएक्ट करते हैं। इस प्रयोग से यह भी पता चला, कि इनमें से 10 शिशुओं में संगीत में रुकावट आने पर रोने जैसी प्रतिक्रिया नजर आई। इस प्रमाण से यह पता चला कि बाहरी तत्वों द्वारा ट्रिगर होने पर गर्भस्थ शिशु रोते हैं। 

पेट में पल रहा बच्चा कब और क्यों रोना शुरू करता है?

20वें सप्ताह तक फीटस अपने सांस लेने के तरीके को जान चुका होता है। अपने मुंह को खोलने के लिए अपने जबड़ों को हिला सकता है, अपनी ठोड़ी को हिला सकता है और अपनी जीभ को फैला सकता है। इस समय तक बच्चा निगलना भी सीख जाता है। 24वें सप्ताह की शुरुआत तक बच्चे रोने की आवाज निकालने में और बाहरी वातावरण में मौजूद आवाज पर प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो जाते हैं। 

अभी भी आप यह सोच रही होंगी, कि बच्चे गर्भ में रोते क्यों है? जैसा कि नवजात शिशु और छोटे बच्चों के साथ होता है, गर्भ में पल रहे बच्चे भी बात करने के लिए और अपनी तकलीफ बताने के लिए रोते हैं। तो, ऐसा क्या है जो वे आपको बताना चाहते हैं? तो इसका जवाब है, कि आपका बच्चा अपनी भूख, थकान, दर्द के बारे में बताने के लिए रोता है या फिर वह केवल आपको यह बताना चाहता है, कि उसे प्यार करिए। 

अब आइए गर्भस्थ शिशु के रोने के कुछ संकेतों पर नजर डालते हैं

गर्भ में पल रहे बच्चे के रोने के संकेत

कभी-कभी अल्ट्रासाउंड के दौरान आप अपने अजन्मे शिशु को रोता हुआ देख सकती हैं, इसके निम्नलिखित संकेत हो सकते हैं –

  • लंबी सांस के दौरान मुंह का खुला होना और जीभ नीचे होना
  • तेज सांसों के साथ सांस लेने और छोड़ने के बीच-बीच में रुकना
  • निचले होठों का फूलना और थरथराना
  • मुंह खोलना, जीभ को दबाना और सांस छोड़ने से पहले कई बार अनियमित सांस लेना और फिर रोते हुए सेटल डाउन होना
  • थरथराते होठों और तेज सांसों के साथ छाती में कसावट और फिर सिर झुकाने के बाद शांत हो जाना

तो अब आप जानती हैं, कि आपके पेट में पल रहे बेबी की कुछ गतिविधियां उसके रोने का संकेत दे सकती हैं। अब आइए देखते हैं, कि जब बच्चे गर्भ में रोते हैं, तो वास्तव में क्या होता है और पेरेंट्स को इसके बारे में क्या जानना चाहिए। 

क्या होता है जब बच्चा गर्भ में रोता है?

जब बच्चा मां के गर्भ में रोता है, तो यह उसके मस्तिष्क, नर्वस सिस्टम और उसके शरीर के बीच विकसित हो चुके तालमेल का एक संकेत होता है। तालमेल की बेहतरी इस बात का संकेत है, कि आपके बच्चे का पर्याप्त विकास हो रहा है और बाहरी तत्वों के लिए प्रतिक्रिया देने की उसकी क्षमता विकसित हो रही है। 

गर्भ में बच्चे का रोना निम्नलिखित बातों या निम्नलिखित में से किसी एक का भी संकेत हो सकता है:

  • चेहरे की मांसपेशियों का विकसित होना
  • बच्चे की सांस लेने तकनीक में सुधार होना
  • बिना आवाज किए रोने की क्षमता
  • बाहरी उत्तेजनाओं को पहचानने की क्षमता, खासकर आवाज और स्पर्श

कुछ पेरेंट्स यह भी सोचते हैं, कि क्या वे गर्भ में बच्चे का रोना सुन सकते हैं या नहीं? अध्ययन दर्शाते हैं कि गर्भ में बच्चे का रोना शांत भी हो सकता है और तेज आवाज के साथ भी हो सकता है। जब आपका बच्चा गर्भ में रोता है, तो वह रोने के शांत स्वरूप का इस्तेमाल करता है। इस तरह के रोने को शारीरिक गतिविधियों और चेहरे के हावभाव के द्वारा पहचाना जा सकता है। 

स्पष्ट है, कि गर्भस्थ शिशु का रोना पर्याप्त विकास और वृद्धि को दर्शाता है और इसी कारण एक गर्भस्थ शिशु बाहरी उत्तेजना पर प्रतिक्रिया देता है। हालांकि गर्भस्थ शिशु के लिए रोना जरूरी क्यों है, इसके अन्य कारण भी दिए गए हैं। अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें। 

गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए रोना जरूरी क्यों है?

रोने से आपके बच्चे के शारीरिक और मानसिक पहलुओं के विकास में मदद मिलती है। इससे बच्चे के फेफड़ों के फैलाव में मदद मिलती है और यह अंगों के सभी फंक्शन और तालमेल की शुरुआत का संकेत भी होता है। गर्भस्थ शिशु का रोना और अन्य गतिविधियां, मस्तिष्क और बाकी के शरीर के बीच के तालमेल को दर्शाती हैं। 

साथ ही आपका बच्चा आपसे कम्युनिकेट करने के लिए रोने का इस्तेमाल करता है। जब आपका बच्चा रोता है तो यह उसकी तकलीफ का एक संकेत होता है। अगर आप अल्ट्रासाउंड में बच्चे को रोता हुआ देखती हैं, तो अपने पेट को सहलाएं। आपके बच्चे को यह समझ आएगा, कि आप उसकी परवाह करती हैं। यह समझ बच्चे में आगे चलकर देखभाल और जिम्मेदारी के एहसास का विकास करेगी। 

अक्सर रोने को हम केवल दुख और तकलीफ से जोड़ते हैं, लेकिन वैज्ञानिक रूप से रोना मस्तिष्क और शरीर की सही फंक्शनिंग को दर्शाता है। अगर आप गर्भ में अपने बच्चे को रोता हुआ देखते हैं, तो परेशान न हों, क्योंकि यह केवल उसके अच्छे विकास का संकेत है। यह इस बात का महत्वपूर्ण संकेत है, कि आपका बच्चा अच्छी तरह से बढ़ रहा है और विकसित हो रहा है और उसके मोटर स्किल्स भी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। इससे जन्म के बाद तकलीफ का कारण बनने वाली किसी उत्तेजना के लिए सही प्रतिक्रिया देने के लिए भी वह तैयार रहेगा। 

स्रोत: WebMD

यह भी पढ़ें:

गर्भ में शिशु का हिचकी लेना
फीटस के मूवमेंट में कमी – कारण, निदान और उपाय
इन संकेतों से जानें गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ है या अस्वस्थ

पूजा ठाकुर

Recent Posts

जादुई हथौड़े की कहानी | Magical Hammer Story In Hindi

ये कहानी एक लोहार और जादुई हथौड़े की है। इसमें ये बताया गया है कि…

1 week ago

श्री कृष्ण और अरिष्टासुर वध की कहानी l The Story Of Shri Krishna And Arishtasura Vadh In Hindi

भगवान कृष्ण ने जन्म के बाद ही अपने अवतार के चमत्कार दिखाने शुरू कर दिए…

1 week ago

शेर और भालू की कहानी | Lion And Bear Story In Hindi

शेर और भालू की ये एक बहुत ही मजेदार कहानी है। इसमें बताया गया है…

1 week ago

भूखा राजा और गरीब किसान की कहानी | The Hungry King And Poor Farmer Story In Hindi

भूखा राजा और गरीब किसान की इस कहानी में बताया गया कि कैसे एक राजा…

1 week ago

मातृ दिवस पर भाषण (Mother’s Day Speech in Hindi)

मदर्स डे वो दिन है जो हर बच्चे के लिए खास होता है। यह आपको…

1 week ago

मोगली की कहानी | Mowgli Story In Hindi

मोगली की कहानी सालों से बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। सभी ने इस…

1 week ago