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प्रोटीन, तीन सबसे अहम पोषक तत्वों में से एक माना जाता है जो कि सभी उम्र के लोगों के लिए जरूरी है। प्रोटीन के शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के कई अहम स्रोत हैं, जो कि एक संतुलित डाइट बनाते हैं। अपने बच्चे की डाइट में प्रोटीन शेक को शामिल करने से उसकी रोज मिलने वाली प्रोटीन (मैक्रोन्यूट्रिएंट) की जरूरत को जल्दी और स्वादिष्ट तरीके से पूरा किया जा सकता है। अगर आप अपने बच्चे की डाइट में इस जरूरी तत्व को शामिल करने के बारे में सोच रही हैं, तो ऐसा करने से पहले, आपको यह जरूर जान लेना चाहिए कि इन प्रोटीन शेक की कुछ सीमाएं भी हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को आगे पढ़ें कि बच्चों की डाइट में प्रोटीन शेक शामिल करना सुरक्षित है या नहीं।
क्या बच्चे को प्रोटीन शेक देना सुरक्षित है? यह उन माता-पिता द्वारा अक्सर पूछा जाने वाला सवाल है जो अपने बच्चों की डाइट को लेकर परेशान रहते हैं। यदि आपका बच्चा स्वाभाविक रूप से दुबला है, तो ऐसे में आप सोचती होंगी कि शायद आपको उसकी डाइट में प्रोटीन पाउडर या प्रोटीन शेक शामिल करना चाहिए। लेकिन आपको इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है। सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स को बच्चे तक पहुंचाने के लिए एक हेल्दी डाइट ही काफी है, उदाहरण के लिए प्रोटीन से भरपूर खाना जैसे, चिकन, अंडे, फलियां, दालें, मिल्क प्रोडक्ट्स आदि को डाइट में शामिल करें। अगर साफ शब्दों में कहें तो बच्चे के लिए प्रोटीन शेक बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। लेकिन अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को रोज के खाने से जरूरी मात्रा में डायटरी प्रोटीन नहीं मिल रहा है, तो उसके लिए कुछ विकल्प मौजूद हैं। आपको रेडी-टू-ड्रिंक लिक्विड या पाउडर के फॉर्म में प्रोटीन शेक मिल सकते हैं, जो बच्चे की उम्र और जरूरतों के लिए अलग-अलग है जिसे पानी या दूध के साथ मिलाकर पिया जाता है।
बड़ों की तुलना में बच्चों को बहुत कम प्रोटीन चाहिए होता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि बहुत छोटे बच्चों, यानी एक से तीन साल की उम्र के बीच के बच्चों को, प्रति दिन लगभग 22 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। वहीं 9 से 13 साल की उम्र के बच्चों को एक दिन में लगभग 54 ग्राम प्रोटीन चाहिए होता है। जब 13-18 साल के बीच के बच्चों की बात आती है, तो लड़कों और लड़कियों की प्रोटीन की जरूरत अलग-अलग होती है, लड़कों को 70-78 ग्राम प्रोटीन चाहिए होता है और वहीं लड़कियों को प्रति दिन 63 से 65 ग्राम प्रोटीन।
कुछ हेल्थ स्टैंडर्ड कहते हैं कि टीनएजर्स को बड़ों की तुलना में अधिक प्रोटीन की जरूरत पड़ती है क्योंकि वह इस समय शरीरिक विकास से गुजरते हैं। स्वास्थ्य, मेटाबॉलिज्म और मांसपेशियों के विकास को बढ़ाने के लिए कुल मिलाकर आपके बच्चे को उसकी रोज की कैलोरी का लगभग दस से पैंतीस प्रतिशत प्रतिदिन प्राप्त जरूर होना चाहिए।
मार्केट में मौजूद प्रोटीन शेक कई तरह के फ्लेवर में आते हैं, जिनमें स्ट्रॉबेरी, कुकीज, क्रीम, चॉकलेट और वनीला आदि शामिल होते हैं। आप प्रोटीन पाउडर को फ्रूट स्मूदी या मिल्कशेक के साथ भी मिला सकती हैं और अपना एक अलग सा कॉम्बिनेशन बना सकती हैं। ज्यादातर बाजार के पाउडर दूध पर आधारित होते हैं, यानी कि व्हे प्रोटीन या प्लांट बेस्ड होते हैं यानी सोया प्रोटीन। आप इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे को इन शेक में पाई जाने वाली किसी भी सामग्री से एलर्जी न हो। इसके अलावा, बच्चे के लिए प्रोटीन पाउडर को खरीदने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि उसमें चीनी का स्तर कम और प्रोटीन की ज्यादा मात्रा हो।
बता दें कि शरीर को अपने निर्माण के लिए मांसपेशियों और टिश्यू के रूप में प्रोटीन की जरूरत होती है। प्रोटीन, खून में ऑक्सीजन ले जाने, पैथोजेनिक इन्फेक्शन का मुकाबला करने और केमिकल रिएक्शन को उत्तेजित करने में भी अहम माना जाता है। इसके इन सभी फायदों की वजह से, आप प्रोटीन शेक जैसे सप्लीमेंट को अपने बच्चों की डाइट शामिल करने की इच्छुक होती हैं, खासकर यदि आपके बच्चे खाने को लेकर नखरा करते हैं या बहुत सारे स्पोर्ट्स खेलते हैं। हालांकि, इन शेक पर प्रोटीन सोर्स के लिए निर्भर रहना बच्चे के लिए स्वस्थ नहीं होगा। इसका कारण यह है कि पूरा खाने में कई अन्य जरूरी पोषक तत्व भी होते हैं, ऐसे में अगर आप पूरा खाना देने के बजाय उसे सिर्फ प्रोटीन शेक देंगी, तो बच्चों को अन्य जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलेंगे।
प्रोटीन का अधिक मात्रा में सेवन करने से बच्चे के और उसकी मांसपेशियों के विकास में मदद नहीं मिलेगी। सही मायने में, बच्चे को प्रोटीन की अधिक मात्रा देना प्रैक्टिकल रूप से असंभव है, क्योंकि किसी भी बुरे प्रभाव का अनुभव करने के लिए बच्चे को लंबे समय तक रोज की जरूरत के हिसाब से प्रोटीन की दोगुनी मात्रा का सेवन करना होगा। वास्तव में, चूंकि शरीर प्रोटीन को स्टोर नहीं कर सकता है, इसलिए या तो यह मेटाबॉलाइज करके एनर्जी के रूप में इस्तेमाल होगा या फिर फैट के रूप में बॉडी में स्टोर होगा।
बाजार में मौजूद प्रोटीन शेक के अलावा भी आप बच्चों के लिए घर पर स्वादिष्ट और स्वस्थ प्रोटीन शेक का विकल्प चुन सकती हैं।
यह शेक एथलेटिक बच्चों के लिए बेस्ट है क्योंकि यह एक्टिव लोगों के लिए जरूरी प्रोटीन और इलेक्ट्रोलाइट्स दोनों देता है।
सामग्री
बनाने की विधि
एक मिक्सर में सभी सामग्री मिलाएं और स्मूद होने तक ब्लेंड करें। अगर बच्चे को मीठा पसंद है, तो उसमें थोड़ा सा शहद या गुड़ मिलाएं।
यह एक हाई प्रोटीन शेक है, यह मिल्कशेक का एक स्वादिष्ट विकल्प है।
सामग्री
बनाने की विधि
इसमें सभी सामग्री को एक साथ मिलाएं और इसे बर्फ के साथ या बिना उसके सर्व करें।
यह शेक विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, यह जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही पौष्टिक भी।
सामग्री
बनाने की विधि
ऊपर बताए गए सभी इंग्रीडिएंट्स को एक मिक्सर में डाल लें और तब तक ब्लेंड करें जब तक आपको एक स्मूद टेक्सचर न मिल जाए। आप अनार के जूस की जगह किसी दूसरे फ्लेवर का जूस भी ले सकती हैं।
यह शेक प्रोटीन के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों का भी एक बेहतर सोर्स माना जाता है।
सामग्री
बनाने की विधि
आटा बनाने के लिए ओटमील और चिया सीड्स को एक साथ क्रश कर लें। फिर बची हुई सामग्री डालकर मिला लें। कुछ घंटों के लिए रेफ्रिजरेट करें और फिर इसे अपने बच्चे को देने से पहले अच्छी तरह से शेक कर लें ।
बता दें कि आलमंड बटर, फैट, मिनरल और आयरन का एक बेहतरीन स्रोत है और केले के साथ मिलाकर इसका एक पौष्टिक मिल्कशेक मिलता है।
सामग्री
बनाने की विधि
सभी सामग्री को एक साथ ब्लेंड करें और मिठास के लिए इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं। आपका स्वादिष्ट प्रोटीन शेक तैयार है। आप चाहें तो बादाम के बटर की जगह पीनट बटर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
बच्चों को जो भी वे खाते हैं, उससे अधिक प्रोटीन की जरूरत नहीं होती है। उन्हें बाजार का प्रोटीन शेक देना हानिकारक साबित हो सकता है, क्योंकि इन प्रोटीन पाउडर में चीनी और अनावश्यक प्रिजर्वेटिव होते हैं। अपने बच्चे की प्रोटीन की जरूरतों का ध्यान रखने का एक बढ़िया तरीका है कि घर पर ही प्रोटीन शेक बनाएं और ऊपर दी गई कोई भी रेसिपी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी।
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