In this Article
- क्या गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड स्कैन सुरक्षित होता है?
- क्या अल्ट्रासाउंड स्कैन आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है?
- क्या हो अगर आपको गर्भावस्था के दौरान लगातार अल्ट्रासाउंड कराने की आवश्यकता पड़ती है?
- अल्ट्रासाउंड स्कैन कितने प्रकार के होते हैं?
- डॉक्टर स्कैन से निकलने वाली हीट को कैसे कंट्रोल करेंगे?
- आप यह कैसे जानेंगी कि आपका अल्ट्रासाउंड स्कैन सुरक्षित रूप से किया गया है?
- आपके डॉक्टर कब आपको कई बार स्कैन करवाने की सलाह देते हैं?
गर्भावस्था के दौरान विभिन्न कारणों से अल्ट्रासाउंड स्कैन किया जा सकता है। अल्ट्रासाउंड स्कैन की मदद से होने वाले कॉम्प्लिकेशन का पता लगाया जाता है या फिर गर्भ में बच्चे की पोजीशन और मूवमेंट के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। लेकिन कुछ कपल अल्ट्रासाउंड को लेकर चिंता जताते हैं। हालांकि, इस बात का कोई पक्का सबूत नहीं मिलता है कि अल्ट्रासाउंड स्कैन आपके लिए हानिकारक है या नहीं है, लेकिन हेल्थकेयर एक्सपर्ट इसका उपयोग ज्यादा करने की सलाह नहीं हैं, जब तक किसी मेडिकल कारण से इसका उपयोग न किया जाना हो।
क्या गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड स्कैन सुरक्षित होता है?
जब एक प्रोफेशनल द्वारा अल्ट्रासाउंड स्कैन किया जाता है, तो वो सभी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए इस प्रक्रिया को पूरा करते हैं, जिससे गर्भवती महिला या उसके बच्चे को किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान उत्पन्न होने वाली हीट से शायद ही आपको किसी बड़े नुकसान का सामना करना पड़ता है। प्रोफेशनल इससे निकलने वाली हीट को भी मैनेज करते हैं। कुछ विशेष मेडिकल कंडीशन में डॉक्टर कई अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सलाह देते हैं, लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि एक्सपर्ट अल्ट्रासाउंड के दौरान बहुत सावधानी बरतते हैं। गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड स्कैन की वैल्यू को लेकर कई अलग-अलग राय मिलती हैं। यदि आप गर्भवती हैं और आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन को लेकर कोई संदेह है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। उन्हें अपनी चिंताओं के बारे में बताएं, आपके डॉक्टर ज्यादा बेहतर तरीके से आपको गाइड कर सकते हैं।
क्या अल्ट्रासाउंड स्कैन आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है?
अल्ट्रासाउंड स्कैन कराने से बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन इससे जुड़े कुछ डाउट हैं, जो आपको नीचे बताए गए हैं:
- उत्पन्न होने वाली गर्मी: अल्ट्रासाउंड से प्रोडूस होने वाली गर्मी 1 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान की होती है। एक मेडिकल थ्योरी के अनुसार इससे तभी नुकसान पहुँचता है जब स्कैन किए टिश्यू का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस (उदाहरण के लिए, 36 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस) तक बढ़ जाता है।
- साउंड वेव: ध्वनि किरणें फ्लूइड की एक धारा बनाती हैं जो सेल्स के सरफेस पर एक मैकेनिकल फोर्स प्रदान करती है। इस तथ्य को अभी भी ठीक से समझा नहीं जा सका है, लेकिन प्रतिकूल प्रभाव को लेकर भी आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
- तीव्रता: अल्ट्रासाउंड की तीव्रता कम होती है और यह ज्यादा एरिया में फैलती है। रिपोर्ट के मुताबिक अब जिन अल्ट्रासाउं मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है उनकी तीव्रता बढ़ गई है। पहले 94 मिलीवाट/स्क्वायर सेंटीमीटर से अधिक इसकी तीव्रता नहीं होती थी। लेकिन अब 720 मिलीवाट/स्क्वायर सेंटीमीटर तक की तीव्रता पाई जाती है जो 7 गुना ज्यादा है।
- कैविटेशन: यह एक ऐसी कंडीशन है जो जन्म के बाद गैस बनाती है और इससे टिश्यू प्रभावित होते हैं। हालांकि इस विषय पर अभी भी बहस जारी है, लेकिन इससे हमारे टिश्यू में माइक्रोबबल्स होते हैं जो कैविटेशन के कारण और ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
क्या हो अगर आपको गर्भावस्था के दौरान लगातार अल्ट्रासाउंड कराने की आवश्यकता पड़ती है?
लगातार अल्ट्रासाउंड स्कैन की आवश्यकता केवल कुछ ही मेडिकल परिस्थितियों में होती है। आपको यह सलाह दी जाती है कि केवल स्पेसिफिक मेडिकल कारणों के लिए ही लगातार अल्ट्रासाउंड कराएं, वरना आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन कम से कम कराना चाहिए।
अल्ट्रासाउंड स्कैन कितने प्रकार के होते हैं?
विभिन्न प्रकार की तकनीकों के साथ कई प्रकार के अल्ट्रासाउंड किए जाते हैं, जिसमें 3डी और 4डी इमेजिंग शामिल हैं। लेकिन कई कपल 3डी और 4डी अल्ट्रासाउंड स्कैन को लेकर चिंता व्यक्त करते हैं। आइए 2डी, 3डी और 4डी अल्ट्रासाउंड स्कैन के बारे में जानते हैं।
2 डी अल्ट्रासाउंड: 2 डी अल्ट्रासाउंड सबसे कॉमन टाइप का स्कैन है और इसे कई कारणों से गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित माना जाता है:
- कम तीव्रता पाई जाती है
- ज्यादा एरिया कवर करता है
- गर्मी कम पैदा करता है
- जिस फ्लूइड में बच्चा होता है उससे और बच्चे के मूवमेंट से फैलता है
3 डी और 4 डी अल्ट्रासाउंड: ये 2 डी इमेज और कंसंट्रेशन पॉवर सेक्शन से एक पूरी पिक्चर बनाता है, ठीक वैसे जैसे 2 डी स्कैन में होता है। इसलिए, इसे भी प्रेगनेंसी के दौरान इस्तेमाल करना सुरक्षित माना जाता है।
डॉपलर स्कैन: ये जांच करता है कि क्या प्लेसेंटा के जरिए बच्चे को ठीक से ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुँच रहे हैं या नहीं। डॉपलर ज्यादा गर्मी पैदा करता है, क्योंकि एक छोटे से क्षेत्र पर साउंड बीम को फोकस करता है। लेकिन ऐसा करने के लिए तापमान बहुत ज्यादा लेवल पर नहीं बढ़ाना चाहिए, क्योंकि:
- उपयोग किए गए उपकरण को लंबे समय तक के लिए शरीर के एक ही क्षेत्र में रखा नहीं किया जा सकता है।
- स्कैन के जरिए ब्लड फ्लो की जांच होती है और ब्लड का मोशन गर्मी को खत्म कर देता है।
- कुछ स्कैन मशीनें तीव्रता को कम करने के लिए साउंड वेव की पॉवर को खुद ही कम कर देती हैं।
- बच्चे के दिल की धड़कन सुनने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हैंडहेल्ड डॉपलर और कार्डियोटोकोग्राफ (सीटीजी) की भी तीव्रता कम होती है।
डॉक्टर स्कैन से निकलने वाली हीट को कैसे कंट्रोल करेंगे?
जैसा कि आपको बताया किया गया है, एक स्कैन में आमतौर पर तीस मिनट से ज्यादा का समय नहीं लगता है, जो डॉक्टर आपका स्कैन कर रहे होते हैं वो एक ही जगह पर हीट बिल्ट-अप को रोकने के लिए आपके पेट पर टूल को लगातार मूव करते रहते हैं। कुछ का सुझाव है कि यह लगातार अल्ट्रासाउंड के मामले में सुरक्षित माना जाता है जहाँ मेडिकल कारण से आपको कई बार अल्ट्रासाउंड स्कैन कराने की जरूरत पड़ती है।
आप यह कैसे जानेंगी कि आपका अल्ट्रासाउंड स्कैन सुरक्षित रूप से किया गया है?
यहाँ एक्सपर्ट द्वारा कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो आपके डर को दूर करने में मदद करेंगे।
- आप केवल अल्ट्रासाउंड स्कैन मेडिकल कारणों से ही करवाएं।
- ध्यान रहे कि जांच के दौरान प्रोब आपके पेट पर एक ही जगह लंबे समय तक नहीं रहना चाहिए।
- इस प्रक्रिया के लिए ऑपरेटर बहुत ज्यादा समय न ले, नॉर्मली अल्ट्रासाउंड के लिए 30 मिनट से ज्यादा समय नहीं लेना चाहिए।
- यदि संभव हो, तो मशीन की स्कैनिंग तीव्रता की जांच कर लें।
आपके डॉक्टर कब आपको कई बार स्कैन करवाने की सलाह देते हैं?
आपके डॉक्टर नीचे बताई गई कंडीशन में कई बार अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सलाह देते हैं:
- यदि आपके गर्भ में जुड़वां बच्चे पल रहे हों।
- आपको कोई मेडिकल प्रॉब्लम होने कि वजह से डिलीवरी में कॉम्प्लिकेशन नजर आ रहा हो।
- आप 35 वर्ष से अधिक आयु की हों।
- यदि आपको कोई ऐसी समस्या हो जो आपके पिछले स्कैन में पता चली हो।
- अगर आपकी मेडिकल हिस्ट्री में मिसकैरज या स्टिलबर्थ जैसी समस्या हो चुकी हो।
अल्ट्रासाउंड स्कैन की मदद से आपको यह पता चलता है कि बच्चा ठीक से विकास कर रहा है या नहीं, अगर किसी प्रकार के कोई कॉम्प्लिकेशन देखे जाते हैं, तो डॉक्टर इसकी मदद से बेहतर ट्रीटमेंट कर सकते हैं। अल्ट्रासाउंड का फायदा यह है कि आपकी प्रेगनेंसी में होने वाले किसी भी जोखिम को यह मॉनिटर कर सकता है। लेकिन अगर आपको इसके बारे में कोई भी डाउट है, तो आपको यह सुझाव दिया जाता है कि आप अपने डॉक्टर के साथ इस बारे में बात करें, वह आपको ज्यादा बेहतर तरीके से गाइड करेंगे और आपकी परेशानी दूर करने का प्रयास करेंगे।
यह भी पढ़ें:
ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड स्कैन (टीवीएस)
प्रेगनेंसी में डॉप्लर स्कैन