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जिंक ऑक्साइड एक ऐसा पदार्थ होता है, जिसका इस्तेमाल बाजार में मिलने वाले कई डायपर रैश मरहम में इंग्रेडिएंट के रूप में बिल्कुल आम है। लेकिन कई पेरेंट्स का यह सवाल हो सकता है, कि ‘क्या जिंक ऑक्साइड मेरे बच्चे के लिए सुरक्षित है?’ आइए, हम जिंक ऑक्साइड के तत्वों के बारे में जानें और पता करें, कि वाकई में यह आपके बच्चे के लिए कितना सुरक्षित है।
जिंक ऑक्साइड पाउडर के स्वरूप में एक सफेद मिनरल होता है, जो कि पानी में घुलता नहीं है। इसमें त्वचा पर एक सुरक्षात्मक कवच बनाने का एक बेहतरीन गुण होता है। इसी कारण इसे बच्चों के रैश मरहम में एक्टिव इनग्रेडिएंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और सनस्क्रीन और अन्य कई प्रकार के फर्स्ट एड मरहम बनाने के लिए इसे मुख्य घटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
आमतौर पर, लोग खून में जिंक ऑक्साइड नैनो पार्टिकल्स के प्रवेश और इसके कारण स्वास्थ्य को होने वाले खतरों की वजह से जिंक ऑक्साइड से डरते हैं। लेकिन रिसर्च के अनुसार, जिंक ऑक्साइड के जो पार्टिकल 30 नैनोमीटर से बड़े होते हैं, लोशन और क्रीम में इस्तेमाल होने के बाद शरीर उन्हें सोख नहीं पाता है। इसलिए जब जिंक ऑक्साइड मेडिकल प्रिपरेशन में इस्तेमाल किया जाता है, तब यह बिल्कुल सुरक्षित होता है और आमतौर पर डॉक्टर, शिशुओं में डायपर रैश के इलाज के लिए इसे रेकमेंड करते हैं। जिंक ऑक्साइड को दूसरे इनग्रेडिएंट्स के साथ मिलाकर मरहम बनाए जाते हैं, जो कि एंटी इन्फ्लेमेटरी और त्वचा को आराम दिलाने वाले गुणों से युक्त होते हैं और वे शिशुओं की नाजुक त्वचा की सुरक्षा भी करते हैं। लेकिन, मेडिकल स्टोर में मिलने वाली अन्य ओवर-द-काउंटर दवाओं की तरह ही, जिंक ऑक्साइड युक्त मरहम के इस्तेमाल के दौरान भी निर्देशों का सख्ती से पालन करना जरूरी है।
त्वचा की कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए, जिंक ऑक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है। इसके कुछ उपयोग नीचे दिए गए हैं:
आमतौर पर अन्य पदार्थों के साथ जिंक ऑक्साइड को मिलाकर एक वाटरप्रूफ मरहम तैयार किया जाता है। चूंकि जिंक ऑक्साइड में त्वचा को आराम दिलाने वाले गुण होते हैं, तो ऐसे में मलहम के मॉइश्चर बैरियर के साथ मिलकर, यह डायपर रैश को ठीक कर सकता है और बच्चे को भविष्य में किसी डायपर रैश से सुरक्षित भी रख सकता है। जिंक ऑक्साइड रहित डायपर रैश क्रीम की तुलना में, जिंक ऑक्साइड युक्त डायपर रैश क्रीम गाढ़ी होती है और क्रीम में मौजूद नमी की परत के कारण इसे धोना ज्यादा मुश्किल होता है।
फिर भी, क्या जिंक ऑक्साइड शिशुओं के लिए बुरा है? इसका जवाब है, नहीं ! लेकिन, इसकी कुछ सीमाएं हैं। सबसे पहली बात, इसे धोकर हटाना मुश्किल होता है और दूसरी बात यह यीस्ट या बैक्टीरिया को खत्म नहीं करता है। इसलिए, अगर जिंक ऑक्साइड मरहम का इस्तेमाल एक सप्ताह के लिए किया जाता है, लेकिन, फिर भी बच्चे के डायपर रैश ठीक नहीं होते हैं, तो ऐसे में इन्फेक्शन होने की संभावना हो सकती है। यह असामान्य नहीं है, क्योंकि शरीर में मौजूद मल, नमी और यीस्ट के कारण, त्वचा के डायपर वाले हिस्से में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। अगर शिशु को मरहम में मौजूद जिंक, लानोलिन, पेट्रोलियम, वैक्स या पैराबेन जैसे किसी इनग्रेडिएंट से एलर्जी है, तो जिंक ऑक्साइड के साइड इफेक्ट भी दिख सकते हैं।
जिंक ऑक्साइड मरहम के इस्तेमाल के समय नीचे दी गयी सावधानियों का ध्यान रखें:
शिशुओं के लिए जिंक ऑक्साइड के इस्तेमाल को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, जिंक ऑक्साइड के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी होना बेहतर है। जब अपने नन्हे शिशु के लिए प्रोडक्ट के इस्तेमाल की बात आती है, तो आपको हमेशा अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
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