प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल

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कुछ मामलों में, प्रसव पीड़ा प्रेरित करना आवश्यक हो जाता है। विशेष रूप से तब, जब किसी गर्भवती महिला ने अपनी गर्भावस्था की पूरी अवधि यानि 40 सप्ताह पूरी कर ली है लेकिन फिर भी प्रसव के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं और न ही संकुचन महसूस हो रहा है। तो ऐसे हालात में अक्सर प्रसव प्रेरित करना ही एक सहारा रह जाता है, इस प्रक्रिया में ‘कैस्टर ऑयल’ काफी उपयोगी माना जाता है।

लेकिन पूर्ण रूप से ऐसा कोई भी शोध उपलब्ध नहीं है जो यह बताता हो कि प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने के लिए गर्भावस्था के दौरान कैस्टर ऑयल का उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है।प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने में कैस्टर ऑयल की क्या भूमिका है इसके बारे में आप इस लेख को पढ़कर जान सकती हैं ।

हालांकि, कैस्टर ऑयल के कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हैं जैसे जी मिचलाना और कोई भी गर्भवती महिला अपने प्रसव के समय इसे बिलकुल भी नहीं चाहेगी । इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान किसी भी संभावित जोखिमों से बचने के लिए आपको प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए किसी भी तरीके को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और फिर कोई कदम उठाना चाहिए। यह लेख आपको गर्भावस्था के दौरान कैस्टर ऑयल का उपयोग करने संबंधी जानकारी देगा, इसलिए आप इस लेख को पूरा पढ़ें।

कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) क्या है?

कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) क्या है?

कैस्टर ऑयल एक गाढ़ा वेजिटेबल ऑयल हैं जो कैस्टर बीन्स (अरंडी की फलियां) से निकाला जाता है। कैस्टर ऑयल को हिंदी में अरंडी का तेल भी कहा जाता है। इसमें रिकिनोलेइक एसिड नामक फैटी एसिड होता है जो कैस्टर ऑयल में मौजूद मुख्य औषधी है। इसके बावजूद भी इस संबंध में वैज्ञानिक रूप से पुष्टि कम मिलती है, कई वर्षों से लेकर अब तक, कैस्टर ऑयल को कब्ज, त्वचा संबंधी समस्याओं, दर्द और पीड़ा आदि परेशानियों को कम करने व इसका इलाज करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

कैस्टर ऑयल के कुछ गैरऔषधीय (नॉन मेडिकल) उपयोग भी हैं जैसे कि यह एक प्रेज़रवेटिव और फ्लेवरिंग एजेंट के तौर पर उपयोग किया जाता है। यह त्वचा संबंधी उत्पादों में भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे साबुन, शैंपू और लिपस्टिक आदि। इसका उपयोग डाई, पेंट, प्लास्टिक और फाइबर को बनाने में भी किया जाता है।

कैस्टर ऑयल भारत में आसानी से मिल जाता है। कैस्टर ऑयल खाना पकाने वाले तेल के समान ही दिखता है और यह तकरीबन बेस्वाद होता है। लेकिन ये दस्त, मतली और यहाँ तक ​​कि डिहाइड्रेशन जैसे कुछ दुष्प्रभाव के लिए भी जाना जाता है।

क्या गर्भावस्था के दौरान कैस्टर ऑयल का उपयोग करना चाहिए?

गर्भावस्था के दौरान कैस्टर ऑयल का उपयोग करने के विषय में किए गए चिकित्सा अनुसंधान व्यापक निष्कर्ष दिखाते हैं। विभिन्न प्रकार के अध्ययन जो प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल के उपयोग का विश्लेषण करते हैं उसमें कोई खास अंतर नहीं पाया गया है, चाहे वो योनि प्रसव हो या सीजेरियन प्रसव हो या फिर प्रसव की अवधि हो। प्रसव के दौरान इससे होने वाले जोखिमों की किसी वैज्ञानिक अध्ययन द्वारा कोई पुष्टि नहीं की गई है। प्रत्येक महिला में डिलीवरी के समय कैस्टर ऑयल के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों को अलगअलग स्तर पर देखा गया। कुछ मामलों में, महिलाओं को मतली का अनुभव हुआ, जबकि कुछ महिलाओं ने दस्त का अनुभव किया, जिसके कारण उन्हें निर्जलीकरण का सामना करना पड़ा।

लेकिन कुछ मामलों में यह बेहतरीन तरीके से काम करता है खासकर जब किसी गर्भवती महिला ने अपनी गर्भावस्था की अवधि पूरी कर ली हो और 40 सप्ताह बीत जाने के बाद उनमें प्रसव के संकेत नजर न आ रहे हों, तो ऐसे मामलों में यह बेहतरीन कार्य करता है, कुछ लोग इसका इस्तेमाल करने में संकोच करते हैं और अत्यधिक सावधानी बरतते हैं।

इसके अलावा, डॉक्टरों ने प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए अन्य विश्वसनीय और प्रभावी तरीकों का उपयोग करना शुरू कर दिया है जो सफलतापूर्वक प्रसव की गारंटी देता है। इसके अलावा, यदि आपकी गर्भावस्था में बहुत दिक्कतें हैं और आप कैस्टर ऑयल का उपयोग नहीं करना चाहती हैं, तो बेहतर होगा आप इस विषय पर अपने डॉक्टर से सलाह लें ।

प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल

प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग इस धारणा पर आधारित है कि कैस्टर ऑयल में रेचक गुण होते हैं और जब इसका सेवन किया जाता है तो यह आंतों को उत्तेजित करता है, जो गर्भाशय में संकुचन पैदा करता है। इसके अलावा, रिकिनोलेइक एसिड जो कैस्टर ऑयल का मुख्य घटक है, यह गर्भ और आंतों में प्रोस्टाग्लैंडिन रिसेप्टर्स पर हमला करता है, जिससे संकुचन होने लगता है। यह भी माना जाता है कि कैस्टर ऑयल पेट में तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स अवशोषण को प्रभावित करता है जिससे दस्त होते हैं और यह संकुचन को प्रेरित करने में मदद करता है।

प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कितना कैस्टर ऑयल आवश्यक है?

कुछ लोग लगभग आधा कप कैस्टर ऑयल का सेवन करने का सुझाव देते हैं, जबकि कई लोग एक निश्चित समय में 1 या 2 चम्मच से ज्यादा इसका सेवन नहीं करने की सलाह देते हैं। किसी भी चीज को कम मात्रा से शुरू करना एक समझदारी भरा कदम होता है और आवश्यकता पड़ने पर आप इसकी खुराक धीरेधीरे बढ़ा सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत ज्यादा दस्त होने से आपको गंभीर निर्जलीकरण की संभावना हो सकती है।

प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल कैसे अपने आहार में शामिल करें?

कैस्टर ऑयल का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसका प्रयोग कैसे करती हैं। नीचे दिए गए कुछ तरीके बताए गए हैं:

  • इसके स्वाद को बदलने के लिए इसे संतरे के जूस के साथ या अपनी पसंद के किसी जूस के साथ मिलाकर आप इसका सेवन कर सकती हैं ।
  • आप इसे एक बार में पीने की कोशिश करें, फिर अपनी पसंद का पेय पिएं ताकि इसका स्वाद बेअसर हो जाए
  • इस बात का ख्याल रखें कि कैस्टर ऑयल का सेवन करने के बाद आप खूब पानी पिएं, क्योंकि यह एक रेचक है और ये डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है।

कैस्टर ऑयल प्रसव को प्रेरित करने के लिए कितनी तेजी से काम करता है?

प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल ने ज्यादातर सफल परिणाम दिए हैं। कुछ मामलों में, गर्भवती महिलाओं ने इसके प्रभाव का बेहतरीन अनुभव किया और कैस्टर ऑयल लेने के कुछ घंटों के भीतर ही उन्हें प्रसव के लिए ले जाया गया है, जबकि कुछ मामलों में प्रसव पीड़ा प्रेरित करने में यह नाकाम रहा है। ऐसे मामलों में, प्रसव पीड़ा उत्पन्न होने में कुछ दिनों का समय लग सकता है ।

हालांकि, कैस्टर ऑयल का सेवन करने के कुछ ही घंटों के भीतर इससे पड़ने वाले दुष्प्रभावों में का असर दिखने लगता है और यह 1-6 घंटे तक बना रह सकता है। लेकिन इसके प्रभावों और परिणामों का पता लगाने के लिए अधिक विस्तृत शोध की आवश्यकता है।

प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल लेने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां

प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का सेवन करने से पहले आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए :

  • ढेर सारा पानी पिएं और खुद को पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रखें।
  • यदि आपको दस्त हो रहा है, तो बेहतर है आप शौचालय के पास रहें।
  • 24 घंटे में 1 या 2 बड़ा चम्मच कैस्टर ऑयल से अधिक न लें।
  • बहुत जल्दी प्रसव पीड़ा प्रेरित करने से बचें। 40 सप्ताह के बाद तक इंतजार करना बेहतर होगा, क्योंकि यदि आपका शरीर प्रसव के लिए तैयार नहीं है, तो कैस्टर ऑयल उतना असरदार नहीं होगा।
  • प्रसव को तेज करने के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि यह कभीकभी दर्द और असुविधा को बढ़ा सकता है।

आप चाहें तो प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए अन्य प्राकृतिक तरीकों को अपना सकती हैं जिसके दुष्प्रभाव कम हों।

  • प्रसव के लिए की जाने वाली सारी तैयारियां पहले से कर के रखें और अस्पताल जाने के लिए अपना बैग तैयार रखें।
  • यदि आपको किसी प्रकार का कोई संदेह हो तो इस स्थिति में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।ख्याल रखें कि बहुत जल्दी प्रसव पीड़ा प्रेरित करने से बचें ।

प्रसव को प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का सेवन करने के दुष्प्रभाव

प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग करने पर इसके संभावित दुष्प्रभावों पर डॉक्टरों की मिलीजुली राय है। इससे होने वाले दुष्प्रभावों को नीचे सूचीबद्ध किया गया है:

  • कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कैस्टर ऑयल में मौजूद रेचक माँ के साथसाथ बच्चे पर भी अपना प्रभाव डाल सकते हैं। जिससे वजह से प्रसव के दौरान बच्चा अपना पहला मल गर्भ में त्याग सकता है। लेकिन इस बात को साबित करने के लिए कोई प्रलेखित साक्ष्य नहीं है।
  • प्रसव पीड़ा उत्पन्न करने के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग करने से दस्त और निर्जलीकरण जैसी समस्या हो सकती है।
  • कैस्टर ऑयल का उपयोग करने से मतली का अनुभव हो सकता है। आपको इसके कारण उल्टी भी हो सकता है या बगैर उल्टी के भी आप इसका अनुभव कर सकती हैं।
  • कुछ महिलाएं को गंभीर ऐंठन का अनुभव होता है।

लेकिन, ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें महिलाओं को इसके सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ है।

इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि आपको कैस्टर ऑयल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान कैस्टर ऑयल से बचने का सुझाव क्यों दिया जाता है?

कुछ चिकित्सक गर्भावस्था के दौरान कैस्टर ऑयल के उपयोग से बचने की सलाह देते हैं। इसके पीछे निम्नलिखित कुछ कारण हो सकते हैं:

  • गर्भावस्था के दौरान कैस्टर ऑयल का सेवन करने से गर्भपात हो सकता है।
  • कैस्टर ऑयल कुछ मामलों में दर्दनाक संकुचन पैदा कर सकता है जिससे भ्रूण को खतरा हो सकता है।
  • यह गर्भ में मेकोनियम (बच्चे का पहला मल) त्याग करने के खतरे को बढ़ा सकता है।
  • कैस्टर ऑयल के रेचक गुणों के कारण, यह दस्त का कारण बन सकता है, जिससे आपको गर्भावस्था में जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • यदि आपकी गर्भावस्था में मुश्किल रही हो, तो और परेशानियों को बढ़ने से रोकने के लिए कैस्टर ऑयल के उपयोग करने से बचें।

क्या कैस्टर ऑयल का उपयोग गर्भावस्था के दौरान एक रेचक के रूप में किया जा सकता है?

इस मुद्दे को लेकर विशेषज्ञों की अलगअलग राय है और इस विषय पर अधिक व्यापक शोध किए जाने की आवश्यकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि कैस्टर ऑयल का सेवन गर्भावस्था के दौरान एक रेचक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि कुछ का मानना ​​है कि कैस्टर ऑयल के रेचक गुण न केवल माँ को बल्कि बच्चे को भी समान रूप से प्रभावित करते हैं। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान कैस्टर ऑयल का उपयोग करने से गर्भ में मेकोनियम या बच्चे के मल जल्दी निकलने की संभावना बढ़ सकती है। यदि बच्चा साँस के जरिए मेकोनियम को पूरी तरह से या आंशिक रूप से अंदर कर लेता है, तो यह उसके वायुमार्ग को अवरुद्ध कर सकता है और गंभीर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं ।

प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए अन्य विकल्प

आपकी गर्भावस्था कैसी जा रही है, इसके आधार पर, प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान कैस्टर ऑयल देने का विकल्प चुना जाता है। फिर भी आप कैस्टर ऑयल के कुछ निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कर सकती हैं:

  • आईवी के माध्यम से पिटोसिन का उपयोग करना।
  • अप्राकृतिक रूप से पानी की थैली फटना।
  • खुद से या ब्रेस्ट पंप की सहायता से निपल को उत्तेजित करना।
  • प्रॉस्टैग्लैंडिंस।
  • फोले बैलून कैथेटर का उपयोग करना।

अपने डॉक्टर से चर्चा करने के बाद आप उपरोक्त विकल्पों में से किसी एक को या फिर इसके संयोजन का उपयोग कर सकती हैं।

यदि कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है, तो बेहतर होगा कि आप थोड़ा इंतजार कर लें और स्वाभाविक रूप से प्रसव पीड़ा उत्पन्न होने दें। लेकिन, अगर आप प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का ही उपयोग करना चाहती हैं, तो अपने चिकित्सक से पहले परामर्श करना ज्यादा अच्छा रहेगा। अच्छा होगा अगर आप अनावश्यक रूप से चिंता न करें और अपने बच्चे के दुनिया में आने की तैयारी करें जो बहुत जल्द आपके जीवन में ढ़ेर सारी खुशियां लाने वाला है ।

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