नॉर्मल डिलीवरी के लिए लेबर पेन के दौरान लमाज़ ब्रीथिंग

हम जानते हैं आप अपनी नन्ही सी जान से मिलने और उसे अपनी गोद में लेने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही होंगी! उस पल की कल्पना करना भी आपके लिए कितना सुखद है यह हम बेहतर रूप से समझ सकते हैं। यह दिन जल्दी ही आने वाला है और अब यह बहुत जरूरी है कि आप खुद को प्रसव के लिए तैयार करना शुरू कर दें। क्या आपने सोचा है कि प्रसव के लिए कौन सी प्रक्रिया को चुनने वाली हैं? प्रसव के कई अलग-अलग तरीके होते हैं, जैसे कि नॉर्मल डिलीवरी, सिजेरियन डिलीवरी या फिर वॉटर बर्थ आदि। तो हमारा सुझाव यह है कि आप उस प्रक्रिया को चुने जिसमें आपको सहज महसूस हो और खुद को उस प्रक्रिया के लिए तैयार कर लें।

लमाज विधि क्या है?

1950 के दशक की शुरुआत में, फ्रांसीसी डॉक्टर डॉ. फर्नांड लमाज ने लमाज विधि की शुरुआत की थी। यह विधि महिलाओं को प्राकृतिक तरीके से बच्चा पैदा करने यानी नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार करती है और प्रसव के दौरान होने वाले दर्द को सहन करने में मदद करती है। लमाज तकनीक में सही तरीके से सांस लेने के बारे में सिखाया जाता है। इन ब्रीथिंग एक्सरसाइज से महिला का ध्यान दर्द से हट जाता है और उसे मानसिक और शारीरिक रूप से आराम मिलता है। इस विधि में आपके पति भी आपके साथ रह सकते हैं, ताकि प्रसव के दौरान वो आपको हिम्मत दें, आपके साथ के वहां मौजूद होने से आप कुछ हद तक चिंतामुक्त रहेंगी। इस विधि की खास बात यह है कि यह बिना दवाओं के दर्द को कम करने में मदद करती है। लमाज ब्रीथिंग के छह मुख्य नियम हैं:

  • लेबर पेन खुद ही शुरू होना चाहिए।
  • महिला को पीठ के बल लेटकर बच्चे को जन्म देना चाहिए।
  • प्रसव के दौरान महिला आराम से इधर-उधर घूम सकती हो।
  • प्रसव के समय परिवार का सहयोग भी जरूरी है।
  • प्रसव के दौरान बाहरी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
  • जन्म के बाद माँ और बच्चे को अलग नहीं करना चाहिए।

लमाज की कक्षा क्या है?

लमाज विधि की कक्षा में एक कोच या ट्रेनर जरुरत है जो घर पर ही किया जा सकता है। आप सोच रही होंगी, ‘लमाज क्लासेस में क्या सिखाया जाता है?’ इन कक्षाओं में आपको अलग-अलग सांस लेने के तरीके सिखाए जाते हैं जो प्रसव के दौरान बहुत काम आने वाले हैं। इसके अलावा आप यहां अपनी गर्भवस्था से जुड़े कोई भी सवाल, चिंता या  विचारों को भी साझा कर सकते हैं। इसमें सांस लेने के अलावा और भी कई तरीके सिखाए जाते हैं जिससे आप प्रसव के दर्द को सहन कर सकें। लमाज ब्रीथिंग क्लास में आपके पति को भी शामिल होना चाहिए, ताकि उन्हें पता हो कि वह गर्भावस्था, प्रसव और उसके बाद भी उन्हें अपनी पत्नी और बच्चे का ख्याल कैसे रखना है। इन कक्षाओं में आपको बताया जाता है कि गर्भावस्था के दौरान क्या-क्या होता है, दर्द और असुविधा से कैसे बचना है और प्रसव की पूरी प्रक्रिया कैसी होती है। हर लमाज क्लास में अधिकतम 12 जोड़ियां होती हैं।

लमाज कक्षा कब शुरू करें?

आप गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के बाद कभी भी लमाज कक्षाएं शुरू कर सकती हैं। इसके लिए आप अपने आसपास या ऑनलाइन कोई अच्छी ट्रेनर देख सकती हैं। ज्यादातर महिलाएं इसे सातवें महीने में शुरू करना पसंद करती हैं, क्योंकि यह सबसे अच्छा समय माना जाता है। क्योंकि आपको इस प्रक्रिया को समझने और अभ्यास के लिए काफी समय मिल जाता है। आखिरी के दो महीनों में कक्षाएं न लें, क्योंकि उस समय तक आपको बहुत थकावट महसूस होती है और आपकी ऊर्जा भी कम हो जाती है। इस वजह से इन कक्षाओं का पूरा लाभ उठाने के लिए पहले तीन महीनों के बाद कभी भी लमाज क्लास लेनी चाहिए।

लमाज कक्षाओं में क्या होता है?

लमाज कक्षाओं में प्रशिक्षित शिक्षक आपकी गर्भावस्था और प्रसव की तैयारी में मदद करते हैं। यहां आपको बताया जाता है कि आखिर इन कक्षाओं में आपको क्या बताया और सिखाया जाता है:

  • यहां आपको असली प्रसव की वीडियो दिखाई जाती हैं, जिससे आपको पता चलता है कि प्रसव कैसा होता है।
  • इसमें आपका साथी भी सीखता है कि कैसे आपकी पीठ की मालिश करें, आपकी ब्रीथिंग तकनीक में आपकी मदद करें।
  • इन कक्षाओं में आप अपनी चिंताएं और अनुभव अन्य गर्भवती महिलाओं के साथ साझा कर सकती हैं।
  • यहां आप प्रसव के लिए विशेष तरह से सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करती हैं, जो उस दौरान आपको आराम देने और शांत करने में मदद करती है।
  • इसमें बच्चे के साथ बातचीत और स्तनपान कैसे करें सिखाया जाता है।
  • आप गर्भावस्था या प्रसव के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल करती है।
  • आप अपनी जरूरतों के बारे में डॉक्टरों और नर्सों से कैसे बात करें सीखती हैं।
  • यहां देखा जाता है कि आपके हिसाब से कौन सी तकनीक बेहतर होगी जो आपको आराम दे सके, इसमें मसाज, चलना, हाइड्रोथेरेपी और विभिन्न पोजीशन बदलने जैसी तकनीकें शामिल है।
  • गर्भावस्था के दौरान आपको कौन सी दवा क्यों दी जा रही इसके बारे में भी जानकारी दी जाती है।
  • आपको बताया जाता है कि गर्भावस्था में सही पोषक तत्व लेना का क्या महत्व है और यह कैसे आपके बच्चे के विकास में मदद करता है।
  • आपको यहां प्रसव के दौरान पुश तकनीक का भी अभ्यास पहले से कराया जाता है।

लमाज कक्षाओं की सामान्य अवधि कितनी होती है?

लमाज कक्षाएं आमतौर पर कुल 12 घंटे की होती हैं, जो 12 हफ्तों या 5-6 दिनों में पूरी होती हैं। कुछ जगहों पर एक ही वीकेंड या एक दिन में भी यह क्लास पूरी कर दी जाती है, लेकिन एक बार में ही सब कुछ जानना और उसका अभ्यास करना आपके लिए मुश्किल होगा। धीरे-धीरे कक्षाएं लेने से आपको सिखाई गई चीजों को समझने और सवाल पूछने का पर्याप्त समय मिलता है।

लमाज ब्रीथिंग तकनीक क्या है?

प्रसव के लिए लमाज तकनीकें जिसमें सांस लेने के तरीके, मसाज, हाइड्रोथेरेपी, ठंडी और गर्म पट्टियों का सेक, चलना, अलग-अलग पोजीशन बदलते रहना और बर्थिंग बॉल का उपयोग करना आदि शामिल होता है। लेकिन लमाज ब्रीथिंग तकनीक क्या है? यह एक तरीका है जिससे महिला प्रसव के दौरान होने वाले संकुचन के दर्द से अपना ध्यान हटा सकती है। जैसे-जैसे प्रसव की प्रक्रिया बढ़ती है, संकुचन लंबे समय तक बने रहते हैं और काफी दर्दनाक हो जाते हैं। इस दौरान धीरे-धीरे और हल्की सांस लेने से दर्द में राहत मिलती है। एक और तरीका है जिसमें “ही, ही, ही” कहते हुए धीरे-धीरे सांस लेना होता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार नाक या मुंह से सांस ले सकती हैं। जब संकुचन बढ़ें, तो ब्रीथिंग तकनीक से दर्द से राहत मिलती है।

लमाज विधि के फायदे

इन लाभों की वजह से प्रसव के लिए लमाज विधि काफी लोकप्रिय है:

  • जब आपके पति साथ होते हैं तो आपका बहुत बड़ा सहारा मिलता है। प्रसव की प्रक्रिया में उनका बड़ा योगदान होता है इसलिए प्रसव से जुड़ी हर बात उनके लिए भी जानना और समझना जरूरी है ताकि वो अपने साथी की ऐसे समय में हिम्मत बन सकें उनकी मदद कर सकें।
  • इससे प्रसव प्रक्रिया को समझने में भी मदद मिलती है और आपको प्रसव के लिए तैयार होने में मदद करती है। यह तनाव को कम करती है, महिलाओं को उनकी भावनाओं को बताने के लिए प्रोत्साहित करती है और प्रसव के दौरान होने वाले संकुचन से आपका ध्यान हटाने में मदद करती है।
  • यह प्राकृतिक तकनीकों का इस्तेमाल करके दर्द को कम करने में दवाइयों के इस्तेमाल को रोकती है।

लमाज विधि के नुकसान

हर प्रसव प्रक्रिया के अपने कुछ फायदे और नुकसान होते हैं ठीक वैसे ही यहां लमाज प्रसव विधि के भी कुछ नुकसान होते हैं जिसके के बारे में बताया गया, इस तकनीक को चुनने से पहले आपको कुछ बातें जानना जरूरी है।

  • प्रसव में दर्द को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है। यह तकनीकें प्रसव के दौरान होने वाले दर्द से आपका ध्यान हटाने में मदद करती है, लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकती।
  • गर्भवती महिला को इस तकनीक के लिए बहुत धैर्य और कठिन प्रयास की जरूरत होती है, जिसे वह कभी-कभी नहीं कर पाती है।
  • कभी-कभी आप और आपके पार्टनर के लिए इन क्लासेज के लिए समय निकालना मुश्किल हो सकता है।
  • लमाज कक्षाएं महंगी भी हो सकती है।

जरूरी सुझाव और टिप्स

  • हमेशा देखें कि आपके शिक्षक के पास लमाज ट्रेनिंग सर्टिफिकेट है या नहीं। आप एक अच्छे लमाज पेशेवर को ढूंढने के लिए ऑनलाइन सर्च कर सकती हैं और दोस्तों से भी पूछ सकती हैं।
  • शिक्षक के साथ खुलकर बात करें और दवाइयों, प्रसव और स्तनपान से जुड़ी अपनी चिंताओं पर चर्चा करें, ताकि आपको सही सलाह मिल सके।
  • लमाज तकनीक को अपनाने से पहले उसे अच्छी तरह समझ लें, ताकि आप इसका सही तरीके से फायदा उठा सकें।
  • गर्भावस्था के दौरान सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करें, ताकि आप खुद को शांत और नियंत्रित रख सकें।
  • सांस लेने के अलावा भी, ऐसा तरीका खोजें जिससे आपको आराम मिले ताकि आप प्रसव के दौरान इसका इस्तेमाल कर सकें।

लमाज विधि प्रसव के दौरान सिर्फ सांस लेने की तकनीक नहीं सिखाती, बल्कि यह आपके पार्टनर को भी इस प्रक्रिया को समझने में मदद करती है। प्रसव के समय एक महिला पर बहुत जिम्मेदारी होती है। अगर महिला को पता हो कि क्या होने वाला है और वह आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार हो, तो यह प्रसव प्रक्रिया आसान हो जाता है। किसी भी शादीशुदा जोड़े के लिए उनके जीवन में बच्चा की खुशी आना सबसे बेहतरीन पल होता है। यह समय दोबारा लौटकर नहीं आने वाला है, इसलिए अपने बच्चे से जुड़ी हर छोटी-छोटी चीजों का आनंद लें!