गर्भधारण

पहले और दूसरे बच्चे के बीच उम्र का कितना अंतर होना चाहिए

यह बहुत ही आम बात है कि ज्यादातर माता-पिता पहले बच्चे के बाद एक और बच्चा करने के बारे में सोचते हैं, हालांकि अभी उनका पहला बच्चा बड़ा हो ही रहा होता है। संयुक्त परिवार की संस्कृति नए माता-पिता के मन में एक और बच्चा पैदा करने के विचार को बढ़ावा दे सकती है। लगभग सभी माता-पिता जिनके कम से कम एक भाई-बहन हैं, वे अपने बच्चे के लिए भी एक भाई-बहन चाहते हैं। लेकिन, कुछ पेरेंट्स को यह सोचकर कन्फ्यूजन और तनाव हो सकता है कि कहीं दूसरा बच्चा करने में वो बहुत जल्दबाजी तो नहीं कर रहे हैं या कुछ मामलों में उन्होंने दूसरा बच्चा करने में देर कर दी है आदि। अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो यह आर्टिकल आपके लिए है। दो बच्चों के बीच एक निश्चित उम्र का अंतर रखने के फायदों और नुकसान के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।  

दो बच्चों के बीच उम्र का कितना अंतर सबसे सही होता है?

किसी बच्चे का उसके भाई या बहन से उम्र का अंतर एक साल से लेकर लगभग 5 साल या उससे अधिक तक होना चाहिए। उम्र के हर अंतर के अपने फायदे और चुनौतियां है। हमने इस आर्टिकल में एज गैप के अनुसार तीन ग्रुप बनाए हैं – स्मॉल एज गैप (कम अंतर), मीडियम एज गैप (मध्यम अंतर) और लार्ज एज गैप (बड़ा अंतर) है। नीचे दिए गए फायदों और नुकसान से आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि आप अपना दूसरा बच्चा कितनी जल्दी या देर में चाहती हैं।

1. स्मॉल एज गैप

18 महीने या उससे कम उम्र के अंतर को  स्मॉल एज गैप माना जाता है। इस मामले में, पहले बच्चे के जन्म के कुछ महीनों के बाद से दूसरे बच्चे के लिए गर्भधारण की प्लानिंग शुरू हो जाती है।

फायदे

  • आपके बच्चे प्रैक्टिकली एक साथ बड़े होंगे, बशर्ते आपके पास दोनों बच्चों की मांगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त सहूलियत और एनर्जी हो।
  • गंदे डायपर बदलना और बच्चों का रोना कुछ महीनों से एक साल तक बढ़ जाता है। हालांकि, यह सब कुछ समय के लिए ही है, कुछ वक्त के बाद यह सब बंद हो जाएगा, जिससे आप अपने सामान्य जीवन में वापस आ सकेंगी।
  • आपका बड़ा बच्चा बड़े भाई-बहन की तरह महसूस करने लगेगा और अपने आप काम करने लगेगा। छोटा बच्चा भी अपने बड़े भाई या बहन को देखकर कुछ चीजें जल्दी सीख जाएगा।
  • चूंकि दोनों बच्चे लगभग एक साथ बड़े हो जाएंगे, वे एक-दूसरे के साथ चीजें शेयर करना सीखेंगे। झगड़े भी हो सकते हैं, लेकिन उनके बीच दोस्ती का एक मजबूत रिश्ता भी बनेगा। उनके पास खेलने के लिए एक साथी होगा।
  • आपकी सही तरह की पेरेंटिंग के साथ, उनकी उम्र में छोटा अंतर उनके बीच ईर्ष्या या दुश्मनी की भावना को जन्म नहीं देगा।
  • एक बार जब दोनों बच्चे थोड़ा बड़े हो जाएंगे, तो उसके बाद आप अपने करियर पर ध्यान दे सकती हैं और अपने जीवन में अन्य विकल्प चुन सकती हैं क्योंकि, अब वो अपनी जरूरत खुद से पूरा कर सकेंगे, इसलिए आपको इस विषय में बिल्कुल चिंता नहीं होगी।

नुकसान 

  • पहले बच्चे के जन्म के एक साल के भीतर दूसरे बच्चे को जन्म देना बेहद कठिन हो सकता है। शुरुआत के कुछ साल वही सेम रूटीन से भरे होंगे जैसे आधी रात में जागना, गंदे डायपर चेंज करना, ब्रेस्टफीड कराना, गंदी बेडशीट धोना आदि।
  • आप अपने बच्चों को बड़े होते देखने का आनंद सही से नहीं ले पाएंगी, क्योंकि आप हमेशा एक न एक बच्चे के साथ व्यस्त रहेंगी। यह माता-पिता दोनों के लिए काफी थका देने वाला सफर हो सकता है।
  • आपके बड़े बच्चे के सोने का रूटीन हो सकता है कि दूसरे बच्चे के होने तक रेगुलर न हो पाए। जिसका मतलब आपको बहुत मेहनत करनी पड़ सकती है क्योंकि दोनों बच्चों को एक ही समय में अलग-अलग तरीकों से ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
  • एक के बाद एक बच्चे होने से आप पर आर्थिक दबाव भी आ सकता है। क्योंकि दूसरे बच्चे के साथ आपको हर चीज डबल लेनी पड़ेगी जैसे पालना, प्रैम, सीट की जरूरत पड़ेगी। यदि दूसरा बच्चा कुछ साल के बाद पैदा होता है तो पहले बच्चे के समय लाई गई इन सभी चीजों का फिर उपयोग किया जा सकता है। वरना आपको दोनों बच्चों के लिए हर सामान दो लेना होगा।
  • चूंकि दोनों बच्चे एक साथ बड़े हो रहे होंगे, उनकी मांगों को पूरा करने के लिए खर्च और उनकी शिक्षा के लिए एक ही समय में ज्यादा पैसों की जरूरत होगी और ऐसे आपका बजट आपके हाथ से बाहर जा सकता है।

2. मीडियम एज गैप

मीडियम एज गैप यानी उम्र का माध्यम अंतर लगभग 2 और 3 साल होता है। अधिकतर माता-पिता दो बच्चों के बीच मीडियम ऐज गैप रखना पसंद करते हैं क्योंकि इस दौरान माँ पूरी तरह से ठीक हो जाती है।

फायदे 

  • आपके बच्चों के बीच 2-3 साल का गैप होना सबसे सही माना जाता है जिससे आप हर बच्चे पर सही से ध्यान दें सकेंगी और हर बच्चे के विकास में उसका साथ दे सकेंगी।
  • जब तक आपका दूसरा बच्चा होगा, आपका बड़ा बच्चा आत्मनिर्भर होने लगेगा – वह अपने आप खाना या खेलना शुरू कर देगा। उसके हिस्से के गंदे डायपर से भी आपको थोड़ी राहत मिल जाएगी। आपका बड़ा बच्चा अपनी जरूरतों को भी बेहतर तरीके से बता पाएगा। इससे काफी राहत मिलेगी, खासकर जब आप दूसरे बच्चे की देखभाल कर रही हों।
  • आपका पहला बच्चा बड़े भाई-बहन की भूमिका में आने के लिए बेहद उत्साहित होगा। वह अपने छोटे भाई-बहन की देखभाल करने और उसे व्यस्त रखने की जिम्मेदारी भी ले सकता है, ताकी आप बाकी चीजों का ध्यान रख सकें और उस दौरान छोटे-मोटे काम निपटा सकें।
  • 2-3 साल के अंतराल के साथ, आपका शरीर आपकी पहली गर्भावस्था के तनाव से उबर चुका होगा। 2-3 साल में आपका शरीर स्वस्थ होकर फिर से बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार हो जाएगा। दूसरे बच्चे को ब्रेस्टफीड कराना भी आपके लिए सुविधाजनक होगा क्योंकि आपके पहले बच्चे की फीडिंग बंद होकर वह अब तक सॉलिड फूड लेना शुरू कर देगा।
  • जब आपका पहला बच्चा प्रीस्कूल जाना शुरू करेगा तो आप अपने छोटे बच्चे की एक्टिविटीज को बेहतर ढंग से शेड्यूल करने में सक्षम होंगी।

नुकसान 

  • 2-3 साल की उम्र के अंतर के कारण, भाई-बहन को एक-दूसरे के साथ खेलना शुरू करने में कुछ साल लग जाते हैं।
  • समय के साथ, उम्र का अंतर समस्याएं पैदा करता है। छोटा बच्चा शायद बड़े के साथ जुड़ना चाहता है और उससे सीखना चाहता है। लेकिन, बड़ा बच्चा छोटे के साथ खेलने से मना कर सकता है, क्योंकि उसके पास खेल को समझने की स्किल अभी कम होगी। इससे घर में बहस, रोना और झगड़े का माहौल बन सकता है। ये मतभेद उनके टीनएजर्स होने तक दिखाई दे सकते हैं।
  • जैसे-जैसे बड़े बच्चे का जीवन बदलता है, छोटा बच्चा अनिवार्य रूप से इसका हिस्सा बन जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपको अपने छोटे बच्चे को खाना खिलाना है, और साथ ही बड़े को स्कूल छोड़ना है तो आपको अपने छोटे बच्चे को साथ ले जाना पड़ सकता है। यदि ऐसा बहुत बार होता है, तो हो सकता है कि छोटे बच्चे को हमेशा वह आराम न मिले जो उसे चाहिए।
  • कभी-कभी, आपके लिए छोटे बच्चे को छोड़ना संभव नहीं होता है। फिर आपको अपने बड़े बच्चे के लिए एक नैनी रखने या उसे डेकेयर भेजने की जरूरत पड़ सकती है, जो आपके खर्चों को और बढ़ाएगी।

3. लार्ज एज गैप

5 साल और उससे अधिक उम्र के अंतर को लार्ज एज गैप के रूप में जाना जाता है। यह उम्र का अंतर ज्यादातर युवा पेरेंट्स द्वारा पसंद किया जाता है क्योंकि जब बच्चा पैदा करने की बात आती है तो इसमें उम्र और स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, उचित योजना के साथ और आर्टिफिशियल गर्भाधान की मदद से, जिन कपल में फर्टिलिटी की क्षमता कम होती है, वे अपने पहले और दूसरे बच्चे के जन्म के बीच उम्र का ज्यादा अंतर भी चुन सकते हैं। आइए दो बच्चों के बीच उम्र का बड़ा अंतर रखने के कुछ फायदों और नुकसान पर एक नजर डालते हैं।

फायदे 

  • आपको अपने दोनों बच्चों के स्कूल जाने की उम्र होने तक उनके संपूर्ण विकास और वृद्धि का अनुभव करने का मौका मिलता है। इससे आपको हर बच्चे पर तब तक ध्यान देने का मौका मिलता है जब तक कि वह खुद से काम करना नहीं सीख लेता है।
  • अपनी पहली प्रेगनेंसी, डिलीवरी और पहले बच्चे की देखभाल का पूरा अनुभव ले लेने के बाद आप दूसरे बच्चे को बेहतर तरीके से संभालने में सक्षम होंगी। नए बच्चे पर हर तरह से ध्यान देने के लिए आपके पास पर्याप्त एनर्जी और समय होगा।
  • बच्चे की देखभाल करने में आपकी मदद करने में बड़ा बच्चा अधिक खुश होगा। हालांकि माता-पिता की जिम्मेदारियों जितना भार उस पर न डालें लेकिन बड़े भाई या बहन के व्यक्तित्व को अपने छोटे बच्चे के साथ खुद से बढ़ने और विकसित होने दें।

नुकसान

  • एक बड़ा एज गैप हर बच्चे को उनके विकास के एक पूरी तरह से अलग चरण में रखता है। इसका परिणाम यह हो सकता है कि दोनों में बहुत कुछ समान न हो।
  • उन दोनों के लिए स्कूली शिक्षा अलग बात होगी क्योंकि आगे जाकर एक स्कूल में हो सकता है जबकि दूसरा कॉलेज जाना शुरू करने वाला होगा।
  • हर बच्चे की अपनी अलग-अलग डिमांड होंगी और उन्हें यह महसूस कराना कि वे समान रूप से महत्वपूर्ण हैं, एक कड़ा कदम होगा। जब आप बड़े बच्चे को स्कूल के काम में मदद करने में व्यस्त होती हैं तो छोटा बच्चा खेलना चाहता है या बड़े को अपना होमवर्क पूरा करने के लिए आपकी मदद की आवश्यकता हो सकती है जब आप छोटे के साथ व्यस्त हों।
  • आपके दिल में, आप अगले बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार महसूस कर सकती हैं। लेकिन, आपके शरीर को गर्भवती होने में समय लग सकता है। गर्भधारण के बीच बड़े अंतर के साथ-साथ कुछ मेडिकल रिस्क भी शामिल हैं।
  • जब आपका पहला बच्चा छोटा था तब आपने जो ग्रुप बनाए थे, वे अब शायद मौजूद नहीं होंगे। इसलिए, छोटे बच्चे के लिए, आपको नए सिरे से शुरुआत करनी होगी और फिर से नई चीजों की आदत डालनी होगी।
  • अपने पहले बच्चे की देखभाल करते हुए, हो सकता है कि आपने पार्ट-टाइम काम करने या अपने दोस्तों के साथ मेलजोल करने में बदलाव किया हो। दूसरे बच्चे को जन्म देने का का मतलब होगा काम से ब्रेक लेना और फिर से लोगों से कम मिलना हो। जहाँ एक तरफ लोग आपके बड़े बच्चे के भविष्य के बारें में बात करेंगे वहीं दूसरी तरफ आप अपने छोटे बच्चे के डायपर के बारे में सोच रही होंगी।

दूसरा बच्चा कब पैदा करें – निर्णायक कारक

अपना दूसरा बच्चा पैदा करने का निर्णय लेने से पहले आपको कुछ जरूरी फैक्टर्स पर ध्यान देना चाहिए:

1. उम्र और फर्टिलिटी

उम्र और फर्टिलिटी एक दूसरे से कहीं न कहीं जुड़े हैं। कपल की उम्र जितनी अधिक होती है, वे उतने ही कम फर्टाइल होते जाते हैं। इसलिए, दूसरा बच्चा पैदा करने का निर्णय लेते समय, इन दो बातों के बारे में सोचें।

2. पिछली डिलीवरी

पिछली डिलीवरी से बाद का समय भी कुछ मामलों में एक बड़ा कारक होता है। जिन महिलाओं की पहली बार नॉर्मल डिलीवरी हुई होती है, वे दूसरी बार गर्भधारण के लिए जल्दी विचार कर सकती हैं, जबकि जिन महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी हुई हो उनके लिए मीडियम एज गैप होना जरूरी है।

3. आर्थिक स्थिति

बच्चों के बीच उम्र का कम अंतर वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी खर्चों पर काफी भार डाल सकता है। एक बड़ा अंतर बेहतर तरीके से खर्चों को मैनेज करने में मदद करता है।

4. आयु में अंतर

भाई-बहनों के बीच उम्र के अंतर के अपने फायदे और नुकसान हैं। आप जब अपना दूसरा बच्चा चाहती हों तो इन बातों का ध्यान रखें।

5. कम अंतराल पर बच्चे

इससे आप कम समय में दोनों बच्चों की देखभाल कर सकती हैं। जब आपके बच्चे बड़े हो जाते हैं, तब आप अपने अन्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र होती हैं। लेकिन, बच्चों की परवरिश करते समय यह शारीरिक और भावनात्मक रूप से आपके लिए काफी भारी पड़ सकता है।

6. ज्यादा अंतर वाले बच्चे

यह आपको हर बच्चे के लिए सही तरीके से समय देने में मदद करता है लेकिन आपके करियर और सामाजिक जीवन की कीमत पर।

7. मानसिक तैयारी

बेशक आप हर चीज की योजना बनाएंगी, आप रैशनल होंगी और दूसरे बच्चे की प्लानिंग करते समय अपने खर्चों के बारे में जरूर सोचेंगी। लेकिन यह जानना बेहद जरूरी है कि क्या आप वाकई दूसरा बच्चा चाहती हैं और क्या आप यह सब जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं। किसी भी चीज से ज्यादा आपको सबसे पहले मानसिक रूप से तैयार रहना जरूरी है।

हर परिवार दूसरा बच्चा करने के निर्णय को अलग तरह हैंडल करता है। आप सबसे पहले अपनी हेल्थ को देखें, वह सबसे जरूरी है, उसके बाद जो आपके परिवार के लिए बेहतर हो वो चुनें और देखें कि आपके लिए कौन सा ऑप्शन ज्यादा बेहतर रहेगा।

स्रोत: Babycentre

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समर नक़वी

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