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9वां सप्ताह अर्थात आप अपनी गर्भावस्था के तीसरे माह में पहुँच चुकी हैं। बीते दो महीनों के अंतराल में आपको गर्भावस्था के अनुभवों से अभ्यस्त हो जाना चाहिए। यद्यपि इस अवधि में आप अपने गर्भ में पल रहे भ्रूण को महसूस नहीं करेंगी परंतु बहुत जल्द वह छोटी-छोटी हरकतें करना शुरू कर देगा। इस दौरान आप अपने शिशु के बारे में जानने के लिए अत्यधिक उत्सुक अवश्य होंगी। गर्भावस्था के 9वें सप्ताह में भ्रूण का आकार व स्वास्थ्य की जांच के लिए डॉक्टर आपको अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दे सकते हैं। अल्ट्रासाउंड के माध्यम से आप उसके हृदय की धड़कन सुनने के साथ-साथ एक बूंद समान कण को देख पाएंगी जो समय के साथ विकसित होकर शिशु के रूप में दिखाई देगा। गर्भावस्था के 9वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।
गर्भावस्था के दौरान पहली बार किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड को डेटिंग अल्ट्रासाउंड और वायबिलिटी स्कैन कहा जाता है। इस अल्ट्रासाउंड को निम्नलिखित जांच करने के लिए किया जाता है;
यदि आप अपनी गर्भावस्था के 9वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड करवा रही हैं तो डॉक्टर आपको सामान्य रूप से ट्रांसवजाइनल स्कैन (टी.वी.एस.) करवाने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पेट के माध्यम से स्कैन के लिए गर्भ में पल रहा शिशु बहुत नीचे व छोटा हो सकता है। टी.वी.एस. अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर आपकी योनि के माध्यम से गर्भाशय को स्कैन करते हैं। यह अल्ट्रासाउंड करवाने से पहले आपको मूत्राशय खाली करने की सलाह दी जाती है। इस अल्ट्रासाउंड के दौरान यदि आपका मूत्राशय भरा हुआ है तो स्कैन में भ्रूण की स्पष्ट छवि उत्पन्न होने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए टी.वी.एस. अल्ट्रासाउंड करने से पहले डॉक्टर आपको पेशाब जाने की सलाह देते हैं।
चूंकि यह जांच योनि द्वारा होती है, इसलिए आपको कमर से नीचे तक कपड़े खोलने पड़ सकते हैं। किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाव के लिए आप ढीली पैंट व ढीला टॉप ही पहनें। इस अल्ट्रासाउंड के लिए आप गाउन या मैक्सी भी पहन सकती हैं।
अल्ट्रासाउंड पूर्ण होने में लगभग 20 से 30 मिनट लग सकते हैं। हालांकि यदि स्कैन में स्पष्ट छवि नहीं दिखाई देती है तो इसमें अधिक समय भी लग सकता है लेकिन आपको इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ज्यादातर महिलाओं को ट्रांसएब्डॉमिनल स्कैन की तुलना में ट्रांसवजाइनल स्कैन अधिक आरामदायक लगता है।
अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान आपको जांच की मेज या बिस्तर पर लेटने की सलाह दी जाती है। इस जांच में आपको अपने घुटनों को ऐसी अवस्था में रखने की आवश्यकता होती है जिसमें आपके पैरों के तलवे पूरी तरह से बिस्तर पर सपाट रखें हों और दोनों पैर एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर हों। इससे डॉक्टर को स्कैन करने के लिए उपयुक्त जगह बनने में मदद मिलती है।
यह जांच एक जीवाणुरहित लेटेक्स आवरण से ढकी जाती है जो एक कंडोम जैसा दिखता है और उस पर एक प्रकार का जेल लगाया जाता है, ताकि इस उपकरण को सरलता से योनि में डाला जा सके और फिर यह स्क्रीन पर स्पष्ट चित्र उत्पन्न करने में मदद करता है। अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान योनि में लगभग दो से तीन इंच भीतर तक जांच की जाएगी। यद्यपि यह प्रक्रिया अजीब लग सकती है, लेकिन यदि आप धैर्यतापूर्वक जांच करवाती हैं तो इससे डॉक्टर को अधिक आसानी होगी। अगर आप अपनी मांसपेशियों को तनाव देती हैं, तो यह अल्ट्रासाउंड जांच आपके लिए असुविधाजनक और दर्दनाक भी हो सकती है। इसलिए अल्ट्रासाउंड करवाते समय गहरी सांस लें और आराम करें।
गर्भावस्था के 9वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड के माध्यम से आप भ्रूण में निम्नलिखित विकास देख सकती हैं;
योक सैक गर्भ में विकसित होते भ्रूण व एम्नियोटिक द्रव को ढक देती है। यह सैक गर्भाशय के भीतर ही होती है जो गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनों में गर्भस्थ शिशु को पोषण प्रदान करने में सक्षम है। यह सैक गर्भ में पल रहे शिशु की आयु का चिन्ह होती है जो गर्भावस्था के पांचवें या छठे सप्ताह तक अल्ट्रासाउंड में दिखाई नहीं देती है।
यदि छठे सप्ताह के आसपास कोई भी योक सैक नहीं दिखाई देती है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि आपको अपने आखिरी मासिक धर्म की तारीख याद रखने में कोई भूल हुई है। इस दौरान योक सैक की पुष्टि के लिए डॉक्टर कुछ दिन बाद दोबारा से अल्ट्रासाउंड करने के लिए कह सकते हैं। यदि 9वें सप्ताह के दूसरे अल्ट्रासाउंड में भी योक सैक नहीं दिखाई देती है तो यह गर्भपात का संकेत भी हो सकता है। इस स्थिति में फॉलो-अप स्कैन तक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं होती है, अगर 9वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन से पता चलता है कि गर्भाशय लगभग 25 मि.मी. या उससे अधिक बड़ा है और कोई योक सैक या भ्रूण नहीं है, तो यह निश्चित ही गर्भपात है।
अल्ट्रासाउंड का परिणाम कभी-कभी दुविधा में भी डाल सकता है इसलिए इस प्रक्रिया के दौरान कुछ निर्देशों का पालन अवश्य करें।
चूंकि डॉक्टर इन दिशानिर्देशों का पालन करते हैं, इसलिए वे एक सुनिश्चित निष्कर्ष तक पहुँच पाते हैं। अल्ट्रासाउंड के माध्यम से डॉक्टर उन मामूली असामान्यताओं को खोजते हैं जिन्हें ‘मार्कर’ कहा जाता है और यह बाद में किसी गंभीर समस्या का संकेत दे सकती हैं या फिर यह कोई सामान्य स्थिति भी हो सकती है। इसलिए यदि डॉक्टर को कोई असामान्यता का संकेत मिलता है तो वह शिशु में क्रोमोसोम के सामान्य होने की जांच करने के लिए आपको सी.वी.एस. या एम्नियोसेंटेसिस जैसे टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं।
अगर भ्रूण को कोई गंभीर समस्या है, तो आप यह सोचने के लिए समय ले सकती हैं कि आपके पास इसके उपचार के लिए क्या-क्या विकल्प हैं। इसमें गर्भावस्था को समाप्त करना, एक ऐसे शिशु के लिए तैयारी करना जिसकी विशेष आवश्यकताएं हो सकती हैं या दुर्लभ मामलों में भ्रूण की सर्जरी करना भी शामिल हो सकता है।
समस्याओं से निजात पाने और स्वस्थ गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन अधिक महत्वपूर्ण है इसलिए कोई भी मौका न छोड़ें। समय पर अल्ट्रासाउंड स्कैन व जांच करवाएं और एक सुखद गर्भावस्था का आनंद लें।
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