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गर्भावस्था का समय बहुत ही नाजुक होता है और इस दौरान आपका हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी होता है। यदि आप प्रेग्नेंट हैं, तो आपके शरीर को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है ताकि आपका बच्चा अच्छी तरह से विकास कर सके। अगर आप पहले से हेल्दी डाइट का पालन करती हैं तो प्रेगनेंसी के दौरान आपको अपनी डाइट बहुत ज्यादा चेंजेस करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सिवाए कुछ सप्लीमेंट के और कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के जिन्हें आपके डॉक्टर ने प्रेगनेंसी के दौरान लेने के लिए कहा हो। लेकिन फिर आपको किसी भी चीज का सेवन करने से पहले एक बार आप अपने डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए कि क्या आप उस खाद्य पदार्थ को अपनी डाइट में सुरक्षित रूप से शामिल कर सकती हैं या नहीं। इस लेख में हम प्रेगनेंसी के दौरान कद्दू का सेवन करने के विषय में चर्चा करेंगे कि क्या आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं या नहीं।
कद्दू पौष्टिक फलों में से एक है, जी हाँ कद्दू एक फल है। हालांकि, कद्दू में पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स फलों के बजाय सब्जियों के ज्यादा समान है। लेकिन सवाल यह है कि क्या गर्भवती महिला इसका सेवन सुरक्षित रूप से कर सकती हैं। आइए जानते हैं!
कद्दू बहुत ज्यादा पौष्टिक होता है और इसमें विटामिन ए, विटामिन बी-6, विटामिन सी, प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयरन और जिंक जैसे मिनरल पाए जाते हैं । इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण भी होते हैं । प्रेगनेंसी के दौरान कद्दू के बीज का सेवन करने से यह आपके लिए बहुत हेल्दी होता है। 100 ग्राम कद्दू में लगभग 26 कैलोरी होती है और कोई कोलेस्ट्रॉल या सैचुरेटेड फैट नहीं होता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए एक बेहतरीन फल है।
जैसा कि आपको ऊपर भी बताया गया है, कद्दू बहुत सारे पोषक तत्व (न्यूट्रिएंट्स) प्रदान करता है, इसलिए आप इस फल को अपनी प्रेगनेंसी डाइट में शामिल कर सकती हैं। इसमें बहुत सारे जरूरी न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो न केवल आपको बल्कि आपके बच्चे को भी पर्याप्त पोषण प्रदान करते हैं। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल से भरपूर होता है। आपको कद्दू का सेवन करने से प्राप्त होने वाले लाभ नीचे दिए गए हैं:
गर्भावस्था के दौरान आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए कद्दू बेहतरीन रूप से काम करता है। लेकिन अगर आप कद्दू का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहती हैं तो आप इसमें बिना चीनी मिलाएं इसे सादा ही खाएं ।
कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कब्ज की शिकायत होती है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल चेंजेस के कारण आपके पाचन तंत्र पर भी इसका असर पड़ता है जिससे आपको कब्ज जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आप कब्ज से राहत पाना चाहती हैं तो कद्दू का सेवन करें। चूंकि कद्दू में प्रोटीन और फाइबर अच्छी मात्रा में मौजूद होता है इसलिए इसका सेवन करने आपका पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और आपको कब्ज का सामना नहीं करना पड़ता है।
प्रेगनेंसी के दौरान पेट में होने वाला क्रैम्प को दूर करने का लिए कद्दू बेहतरीन काम करता है। आप प्रेगनेंसी में क्रैम्प से राहत पाने के लिए किसी भी रूप में कद्दू का सेवन कर सकती हैं।
कद्दू की तरह, कद्दू के बीज से भी आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान कद्दू के बीजों का सेवन करने से आपको क्या स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
गर्भवती महिला के लिए जिंक बहुत फायदेमंद होता है और कद्दू के बीज में जिंक भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। कद्दू के बीजों को खाने से आपका मूड स्विंग कंट्रोल में रहता और यहाँ तक कि यह आपकी इम्युनिटी को भी बेहतर करने में मदद करता है।
कद्दू के बीज का सेवन करना आपके दिल के लिए बहुत अच्छा होता है। अपनी प्रेगनेंसी डाइट में आप इसे शामिल कर सकती हैं, यह आपके दिल में ब्लड को ठीक से पंप करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह आपके बच्चे की हड्डियों और दाँतों के विकास में भी मदद करते हैं।
अगर आपको गर्भावस्था के दौरान सोने में परेशानी होती है, तो कद्दू के बीज खाएं। सोने से पहले कुछ कद्दू के बीज खाने से आपको बेहतर नींद लेने में मदद मिल सकती है। ट्रिप्टोफैन, कद्दू के बीज में पाए जाने वाला एमिनो एसिड होता है, जो मेलाटोनिन नामक स्लीप हार्मोन में कन्वर्ट हो जाता है इससे आपको बेहतर नींद लेने में मदद मिलती है। इसलिए अगर आपको रात के समय सोने में परेशानी होती है तो इस ट्रिक को जरूर आजमाएं।
कद्दू के बीज आपके शरीर में इंसुलिन के लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद करता है और इस प्रकार गर्भावस्था में जेस्टेशनल डायबिटीज को भी कंट्रोल करता है। यदि आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है – तो कद्दू के बीज खाने से इसे कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
कद्दू के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड और अनसैचुरेटेड फैट अच्छी मात्रा में मौजूद होता। ये फीटस के मस्तिष्क के विकास में भी मदद करते हैं। इसलिए कद्दू के बीज का सेवन करना फायदेमंद होता है।
गर्भावस्था के दौरान कद्दू खाने से यह आपकी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन जिस तरह बाकी किसी भी दूसरे फलों और सब्जियों का अति में सेवन करने से कॉम्प्लिकेशन आ सकते हैं ठीक वैसे ही अगर आप कद्दू का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करती हैं तो इसमें मौजूद हाई फाइबर आपके पेट के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। कभी-कभी, कद्दू का सेवन करने से आपको एलर्जी भी हो सकती है जिसकी वजह से आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, घरघराहट, उल्टी या पेट में ऐंठन आदि की समस्या हो सकती है। हालांकि ये सब रिएक्शन गर्भवती महिलाओं में होने के कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है। फिर भी आपको यह सलाह दी जाती है कि आप इस फल को अपनी डाइट में सीमित मात्रा में ही शामिल करें और प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी कॉम्प्लिकेशन का सामना करने से बच सकें।
आपको यहाँ कद्दू की कुछ आसान और शानदार रेसिपी बताई गई हैं, जिन्हें आप प्रेग्नेंसी के दौरान ट्राई कर सकती हैं।
यदि आप कोई भूख बढ़ाने वाली रेसिपी की तलाश में हैं तो आपके लिए यह कद्दू का सूप एक बेहतरीन विकल्प है और इसे दाल में मिलाकर बनाया जाता है तो यह और भी हेल्दी हो जाती है।
यहाँ आपको कद्दू और दाल का सूप बनाने की रेसिपी दी गई है।
सामग्री
कैसे तैयार करें
यदि आपको कद्दू के बीज खाना पसंद है, तो हमें यकीन है कि आप इस हलकी मसालेदार रेसिपी को बेहद पसंद करने वाली हैं। यहाँ आपको मसालेदार कद्दू के बीज कैसे तैयार करना है उसकी रेसिपी दी गई है।
सामग्री
कैसे तैयार करें
यदि आपको कद्दू से एलर्जी है, तो बेहतर है कि आप प्रेगनेंसी के दौरान इसका सेवन न करें।
कद्दू बहुत हेल्दी होता है, लेकिन अगर आप कद्दू के चिप्स या पम्पकिन पाई का सेवन करती हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है, खासकर प्रेगनेंसी के दौरान। इसलिए आपको कद्दू से बने जंक फूड जैसे पम्पकिन पाई, पम्पकिन कैंडी, या पम्पकिन केक को खाने से बचना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान कद्दू को अपनी डाइट में शामिल करने से आपको बहुत सारा पोषण प्रदान होता है जो इस प्रेगनेंसी के दौरान बहुत जरूरी होते हैं। लेकिन आपको कद्दू का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए वरना इससे आपको पेट की समस्या हो सकती है। एक बैलेंस डाइट का पालन करें – गर्भावस्था के दौरान सभी फायदेमंद चीजों का सेवन करें इससे आप और आपके दोनों को फायदा पहुँचेगा। लेकिन यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी प्रेगनेंसी डाइट में कुछ भी शमिल करने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से जरूर पूछ लें।
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