गर्भावस्था के दौरान मलाशय से रक्तस्राव – कारण, लक्षण और उपचार

प्रेगनेंसी के दौरान मलाशय से रक्तस्राव

गर्भावस्था के दौरान मलाशय से रक्तस्राव क्या है

मलाशय से रक्तस्राव आमतौर पर गुदा में घाव (एनल फिशर) के कारण होता है। गुदा से जुड़े ऊतक में एक दरार पड़ जाने से घाव होता है। गर्भावस्था के दौरान मलत्याग के समय अधिक जोर लगाने पर और प्रसव के बाद, गाढ़ा रक्तस्राव एक आम बात है। गुदा में घाव के कारण मलत्याग के बाद अत्यधिक जलन होती है।

लक्षण

गर्भावस्था के दौरान मलाशय से रक्तस्राव के विभिन्न लक्षण हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं;

  • बुखार
  • पेट दर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • मलत्याग की आदतोंं में बदलाव
  • गंभीर या लंबे समय तक होने वाले दस्त
  • अनियमित मल त्याग (संकीर्ण और पतला मल जिसे ‘पेंसिल-स्टूल’ कहा जाता है)

कुछ अन्य लक्षण जिन्हें तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है;

  • काला या लाल रंग का मल
  • अत्यधिक रक्तस्राव
  • गुदा में घाव के साथ सांस लेने में कठिनाई

गर्भावस्था के दौरान मलाशय से रक्तस्राव के कारण

शरीर में गुदा पर घाव के कारण ज्यादातर मलाशय से रक्तस्राव होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में आमतौर पर कब्ज की समस्या होती है जिस वजह से मल अत्यधिक कड़क होता है। यह मलत्याग के दौरान मलाशय पर जोर डालता है। उच्च मात्रा में विटामिन की दवाएं लेने से महिलाओं में कब्ज की समस्या और अनियमित मलत्याग होता है। आहार में फाइबर की मात्रा कम होने पर भी महिलाओं में मलत्याग से संबंधित समस्याएं होती हैं जो मलाशय से रक्तस्राव की संभावना को बढ़ाती हैं।

मलाशय से रक्तस्राव के असामान्य कारणों में शामिल हैं:

  • गुदा में कैंसर
  • पेट का कैंसर
  • कोलन पॉलीप्स (एक ऐसी समस्या जहाँ पेट की दीवार पर अत्यधिक कोशिकाएं एकत्रित हो जाती हैं)
  • मलाशय में सूजन
  • डाइवर्टिक्युलोसिस (एक ऐसी स्थिति जहाँ बड़ी आंत की दीवार पर थैलियां जैसी बन जाती हैं)
  • क्रोहन रोग (आंतों में सूजन का रोग)
  • दस्त
  • मलाशय में कैंसर
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस (एक ऐसी समस्या जो बड़ी आंत की दीवार पर सूजन और फोड़े का कारण बनती है)

मलाशय से रक्तस्राव का निदान

मलाशय से रक्तस्राव का निदान व उपचार करने के लिए शारीरिक जांच की जाती है। कम रक्तचाप व हृदय की धड़कन में वृद्धि मलशाय से रक्तस्राव का कारण बनते हैं जिससे तुरंत उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है। मुख्य निदान के रूप में एक मुलायम ट्यूब को पेट में डालकर रक्तस्राव के संकेत को जांचा जाता है। रक्तस्राव के बाहरी कारण, जैसे घाव के लिए मलाशय की जांच की जाती है। मल की प्रकृति, और विशेषताएं देखने के लिए उसकी भी जांच की जाती है। अत्यधिक रक्तस्राव का कारण जानने के लिए रक्त के कुछ सैंपल लेकर लैब में रक्त के थक्कों व संक्रमण की जांच की जाती है।

मलाशय से रक्तस्राव का निदान

अन्य साधारण परीक्षणों में एनोस्कोपी, लचीली सिग्मोइडोस्कोपी, बेरियम एनीमा एक्स-रे, सी.टी. स्कैन और एंजियोग्राफी शामिल हैं। मलाशय के अंदर की जांच करने के लिए कोलोनोस्कोपी की जा सकती है। इन टेस्ट में गुदा के ट्यूमर की जांच और पेट के निचले सिरों की जांच और तीव्र रक्तस्राव की जांच भी शामिल है। इसके अलावा, न्यूक्लियर मेडिसिन अध्ययन का उपयोग कोलन में लाल रक्त कोशिकाओं को अभिनिर्धारित करने के लिए और कोलन के उन हिस्सों का पता लगाने के लिए किया जाता है, जहाँ धीमी गति से रक्तस्राव होता है।

गर्भावस्था के दौरान मलाशय से रक्तस्राव के उपचार और उपाय

मलाशय से कम रक्तस्राव का इलाज घरेलू उपचार से किया जा सकता है किंतु गंभीर मामलों में चिकित्सीय इलाज करवाना आवश्यक है। गर्भावस्था के समय मलाशय से रक्तस्राव के सबसे सामान्य घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं:

  • उच्च फाइबर-युक्त खाद्य पदार्थ खाने से कब्ज में राहत मिलती है, जैसे कि बीन्स, स्क्वैश, सूखा आलूबुखारा, अंजीर, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर पोषक तत्वों के साथ प्रोबायोटिक्स। इस समस्या में बोन ब्रॉथ और हर्बल चाय भी अधिक फायदेमंद है। शराब और मसालेदार भोजन से बचें।
  • पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • पर्याप्त व्यायाम करें । जॉगिंग, तैराकी, योग और कम प्रभाव वाले हल्के व्यायाम मल त्याग को नियंत्रित कर सकते हैं और आंत्र प्रणाली को सही तरीके से कार्य करने में मदद कर सकते हैं।
  • अपनी दिनचर्या में पर्याप्त विश्राम व तनाव कम करने की तकनीक को शामिल करें। तनाव कम करने से मलाशय को ठीक होने में मदद मिलती है और शरीर में स्वाभाविक रूप से सूजन की प्रतिक्रयाओं में भी सुधार होता है, जिससे सूजन और अधिक जटिलताओं की संभावना कम हो जाती है।

ध्यान दें: गर्भावस्था के दौरान कोई भी नया खाद्य पदार्थ या व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

रोकथाम

गर्भावस्था के दौरान मलाशय से रक्तस्राव को रोकने के सबसे सामान्य तरीके निम्नलिखित हैं;

  • अपने आप को टॉयलेट जाने से न रोकें, जब भी आपको जाने की इच्छा होती है। आवश्यकता पड़ने पर टॉयलेट जाएं किन्तु जबरदस्ती मलत्याग न करें।
  • सुनिश्चित करें कि आपका आहार उच्च फाइबर, विटामिन, खनिज और आवश्यक फैटी एसिड से परिपूर्ण हो। यह मलाशय के रक्तस्राव को रोकने में मदद कर सकता है।
  • नियमित व्यायाम और विश्राम करें।
  • पानी पीती रहें और सुनिश्चित करें कि आप कब्ज की संभावना को कम करने के लिए नियमित रूप से तरल पदार्थ पी रही हैं।
  • ज्यादा आयरन-युक्त दवाओं को लेने से बचें, यह कब्ज का कारण बनती हैं। ऐसी स्थिति में आप डॉक्टर से आयरन की टेबलेट लेने के बजाय कोई सुरक्षित व फाइबर-युक्त पूरक के रूप में टेबलेट देने को कहें।

क्या यह रक्तस्राव शिशु को नुकसान पहुँचाएगा?

नहीं, बच्चे के जन्म के कुछ हफ्ते बाद भी रक्तस्राव हो सकता है। यह गर्भावस्था या प्रसव के दौरान किसी भी तरह से शिशुओं को नुकसान नहीं पहुँचाता है।

डॉक्टर से कब बात करें

यदि आप निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव कर रही हैं तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

  • योनि से रक्तस्राव
  • कम रक्तचाप
  • हृदय की धड़कन बढ़ना
  • घरेलू उपचार का पालन करने के बावजूद गुदा से रक्तस्राव
  • रक्तस्राव के लक्षण के साथ पीठ दर्द
  • पेट में दर्द

गर्भावस्था के दौरान आपको रेचक (लैक्सेटिव) लेने की सलाह दी जाती है। मलाशय से रक्तस्राव के कारण होने वाली बेचैनी को दूर करने के लिए बाथरूम टिशू के बजाए अपने गुदा क्षेत्र को खुशबू-मुक्त और एल्कोहॉल मुक्त वाइप से साफ करें।

गर्भावस्था के कुछ सप्ताह के बाद गुदा के घाव अपने आप ठीक हो जाते हैं। पाइल्स के कारण मलाशय क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और सूजन होती है, इस अवधि में यह एक आम समस्या है। यदि लगातार मल त्याग करने और बार-बार टॉयलेट जाने पर दर्द हो रहा हो, तो पेरासिटामोल लें।

गर्भावस्था के पूर्ण होने के बाद शरीर अपनी पुरानी अवस्था में आने लगता है जिस कारण गुदा में दरार से होने वाले मलाशय का रक्तस्राव भी अपने आप ठीक हो जाता है। यदि आप निश्चित नहीं हैं कि रक्तस्राव कहाँ से हो रहा है – मलाशय से या योनि से, तो इस समस्या में डॉक्टर से बात करें।

गुदा से रक्तस्राव आमतौर पर गंभीर चिंता का कारण नहीं होता है, फिरभी इसमें सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, यदि लक्षण अत्यधिक तीव्र और लगातार हैं, तो डॉक्टर के पास जाएं।