गर्भावस्था के दौरान पित्ती (शीतपित्त) होना: कारण, लक्षण और उपचार

प्रेगनेंसी के दौरान पित्ती (शीतपित्त) होना

गर्भावस्था के दौरान, एक महिला का शरीर कई सारे फिजिकल चेंजेस से गुजरता है। इन चेंजेस में कभी-कभी स्किन चेंजेस भी शामिल होते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान ड्राई स्किन, पिंपल्स आदि कॉमन प्रॉब्लम के अलावा, कुछ  महिलाएं गंभीर रूप से स्किन प्रॉब्लम जैसे पित्ती या शीतपित्त, जो आमतौर पर हार्मोनल चेंजेस, स्ट्रेस या इन्फेक्शन के कारण भी हो सकती है। इसलिए, इस तरह की समस्या को रोकना या उनका तुरंत उपचार करने के लिए आपको इसके बारे में जानकारी रखना बहुत जरूरी है। इस लेख के जरिए आपको गर्भावस्था के दौरान होने वाली पित्ती से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी गई है। अधिक जानकारी के लिए लेख पढ़ना जारी रखें।

प्रेगनेंसी हीव्स (पित्ती या शीतपित्ती) क्या है?

आपको गर्भावस्था के किसी भी चरण में पित्ती हो सकती है। यहाँ तक ​​कि अगर आपको कभी यह समस्या नहीं हुई है तब भी इस दौरान आपको यह स्किन प्रॉब्लम हो सकती है, जैसे गर्भावस्था के दौरान मुंहासे हो जाते हैं। पित्ती आपकी त्वचा पर लाल रंग की दिखाई देती है और जगह-जगह पर चक्कते पड़ जाते हैं। यह किसी एलर्जिक रिएक्शन के कारण, किसी खाने से, कीड़े के काटने से दवा या किसी केमिकल रिएक्शन की वजह से हो जाती है। यह आपके शरीर में होने वाले हार्मोनल चेंजेस के कारण हो सकती है, इसके अलावा यह पैथजन की सेंसिटिविटी के कारण भी हो सकती है। ज्यादातर मामलों में यह तब होता है जब गर्भवती महिला की स्किन बहुत ज्यादा ड्राई हो जाती है और बच्चे के लगातार विकास के कारण त्वचा खिचने लगती है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान पित्ती होने के और भी कई कारण हो सकते हैं। इसलिए, अगर आपको भी प्रेगनेंसी के दौरान अपने शरीर पर हल्के लाल, उभरे हुए चकत्ते दिखाई देते हैं तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

क्या गर्भावस्था के दौरान पित्ती होना खतरनाक होता है?

अच्छी बात यह है कि हर मामले में यह हानिकारक नहीं होती है, पित्ती के सभी केस में माँ या उसके बच्चे के लिए खतरा नहीं होता है। हालांकि, कुछ मामले कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकते है। इसलिए, बेहतर है कि लक्षणों के बारे में जानने के लिए डॉक्टर के पास जाँच के लिए जाएं, ताकि किसी कॉम्प्लिकेशन के बारे में पता चल सके, अगर आप इसके कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, विशेष रूप से आपके जेनिटल के आसपास वाले हिस्से में। गर्भवती महिलाओं में एलर्जी के रिएक्शन के कारण भी पित्ती विकसित हो सकती है, जिससे एनाफिलेक्सिस जैसी गंभीर कॉम्प्लिकेशन भी हो सकती हैं। पित्ती के अन्य लक्षणों में शामिल है गले में जकड़न, निगलने में परेशानी होना, घरघराहट, साँस लेने में तकलीफ होना, चक्कर आना आदि। नीचे आपको इस लेख में पित्ती के लक्षणों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।

अब आप जान गई होंगे कि पित्ती क्या है, आइए इसके होने के विभिन्न कारणों के बारे में जानते हैं।

गर्भावस्था के दौरान पित्ती होने के कारण

हालांकि पित्ती के कुछ कारणों का पता लगाना मुश्किल है, लेकिन कुछ जो कॉमन कारण यहाँ आपको बताए गए हैं वह है:

  • किसी कीड़े के काटने से।
  • उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना जिससे एलर्जीक रिएक्शन के रूप में पित्ती होती है।
  • कीड़े और जानवरों की रोएं के संपर्क में आना।
  • पॉलेन (पराग) या कुछ केमिकल के संपर्क में आने से पित्ती हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान कुछ दवाएं के साइड इफेक्ट से पित्ती हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने के कारण आपकी त्वचा खिचती है और इसका मॉइस्चर जाने लगता है। त्वचा के बहुत ज्यादा ड्राई होने के कारण पित्ती की समस्या पैदा हो सकती है।
  • कुछ मामलों में, गर्भावस्था के दौरान होने वाली एंग्जायटी और स्ट्रेस के कारण भी पित्ती होती है।
  • गर्भावस्था के दौरान लो इम्युनिटी के कारण आपको एलर्जी और इन्फेक्शन हो सकता है जिससे पित्ती होने की संभावना बढ़ जाती है।

गर्भावस्था के दौरान, स्किन प्रॉब्लम के बारे में जानकारी रखने से आप इसका समय पर इलाज कर सकती हैं। यहाँ आपको कुछ लक्षणों के बारे में बताया गया जिससे आप प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली पित्ती को पहचान सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान पित्ती होने के लक्षण

आप कैसे समझेंगी कि आपको पित्ती हुई है? यहाँ, आपको पित्ती के कुछ आम लक्षणों के बारे में बताया गया है, जिससे आप तुरंत पहचान सकती हैं और अपने डॉक्टर की मदद ले सकती हैं:

  • आप अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों पर उभरे हुए चकत्ते देखेंगी। इसमें आपको खुजली और दर्द का अहसास हो सकता है जिससे आप असहज  महसूस करेंगी।
  • आप स्तनों, जांघ, बॉटम और पेट वाले हिस्से में खुजली का अनुभव कर सकती हैं। ये ऐसे क्षेत्र है जहाँ प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा वेट बढ़ता है, वेट बढ़ने के कारण त्वचा खिचती है जिससे पित्ती हो जाती है।
  • आप अपने पेट, बॉटम और जांघों के आसपास की त्वचा में बहुत ज्यादा रूखापन का अनुभव कर सकती हैं।
  • आप छोटे-छोटे ग्रुप में अपने शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर इसे नोटिस कर सकती हैं। ये चकत्ते अपनी जगह बदलते रहते हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में यह पैर, हाथ और पीठ वाले हिस्सों में ज्यादा देखा जाता है।

आइए, अब इसके ट्रीटमेंट के बारे में जानते हैं।

गर्भावस्था के दौरान पित्ती का उपचार

पित्ती के इलाज के लिए कई ओवर-द-काउंटर दवाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान खुद से किसी भी दवा का सेवन करने से परहेज करना चाहिए है। हालांकि, आप पित्ती से होने वाली असुविधा को कम करने और त्वचा को शांत करने के लिए कुछ घरेलू उपचार का इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन, इसके बावजूद आपको किसी भी चीज का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए। यहाँ गर्भावस्था के दौरान पित्ती के लिए आपको कुछ उपचार बताए गए हैं:

  • पित्ती के इलाज के लिए सबसे अच्छा उपाय यह है आप अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज करे। आप अपनी रुखी और खुजलीदार त्वचा को पोषण देने के लिए किसी अच्छी मॉइस्चराइजिंग लोशन का उपयोग करें।
  • ड्राईंग एजेंट, जैसे हार्श सोप पित्ती की समस्या को बढ़ा सकते हैं, इसलिए आपको हार्श केमिकल बेस्ड साबुन का उपयोग करने से बचना चाहिए। इसके बजाय आप लाइट मॉइस्चराइजिंग सोप का उपयोग कर सकती है, जो आपकी त्वचा को मॉइस्चराइज करने मदद करता है।
  • आप खुजली और सूखापन को दूर करने के लिए ओटमील का उपयोग कर सकती हैं।
  • आपका डॉक्टर पित्ती को दूर करने के लिए मलहम और ओरल मेडिसिन दे सकते है।

कहा जाता है कि इलाज से बेहतर बचाव होता है। जब आप पहले से ही सावधानी बरतेंगी तो आपको ऐसे हालातों का सामना करना ही नहीं पड़ेगा। यह जानने के लिए पढ़ें कि आप पित्ती को कैसे रोक सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान पित्ती को कैसे रोकें

आपको इस स्किन प्रॉब्लम को लेकर बहुत ज्यादा परेशान होने की या घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यदि इसकी ठीक से देखभाल की जाए तो आप पित्ती की समस्या को दूर कर सकती हैं। यहाँ कुछ तरीके हैं जिनसे आप गर्भावस्था के दौरान इस त्वचा संबंधी समस्या को रोक सकती हैं:

  • गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा टाइट कपड़े पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि यह त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं। आपको ढीले सूती कपड़े पहनने चाहिए, जिससे आपकी त्वचा को साँस लेने में आसानी हो और सहज महसूस कर सकें।
  • किसी भी हार्श केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि इससे डाई हो जाती है आपको त्वचा पर जलन महसूस होने लगती है, जिसके कारण पित्ती हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान हॉट बाथ/ शावर न लें। ये न केवल आपकी त्वचा की नमी खत्म कर देता है, बल्कि यह आपके बच्चे के लिए खतरनाक भी है। गुनगुने पानी के स्नान करें और इसके बाद अपनी त्वचा को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज करें।
  • अपने मन और शरीर को शांत करने के लिए अलग-अलग रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं, क्योंकि पित्ती होने का एक कारण स्ट्रेस और एंग्जायटी भी होती है। गर्भावस्था के दौरान आपको प्रीनेटल मैडिटेशन और योगा आपके लिए काफी मददगार हो सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान जब आपको पित्ती हो, तो इन बातों को याद रखें 

कई बार, गर्भावस्था के दौरान पित्ती को रोका नहीं जा सकता है। इसलिए जैसे ही आपको इसके लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, ताकि इसे शरीर के अन्य हिस्सों में बढ़ने या फैलने से रोका जा सके। जब आप डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार इसका इलाज कर रहे हैं, तो आप तेजी से चंगा करने या कम से कम बेहतर महसूस करने के लिए इन सरल चरणों का पालन करना चाह सकते हैं।

  • यदि आपको खुजली का एहसास हो, तो ऐसा करने से बचें, क्योंकि त्वचा को खुजलाने से आपकी खुजली और बढ़ सकती है।
  • आप अपने डॉक्टर से पूछ सकती हैं कि क्या आप रैशेस पर कैलामाइन लोशन लगा सकती हैं।
  • स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें।
  • अपने आप को हाइड्रेटेड रखें।
  • त्वचा को पोषण देने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करे।
  • उन सभी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें, जिनसे आपको एलर्जी होती है।
  • हमेशा अपने घर को साफ रखें। जितनी बार संभव हो वैक्यूम करें।

इसके बाद भी प्रेगनेंसी के दौरान आपको पित्ती होने की संभावना हो सकती हैं, लेकिन अगर आप अच्छी तरह  देखभाल करती हैं और एहतियात बरतती हैं, तो निश्चित रूप से आपको इससे जल्दी छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। इस बात का खयाल रखें की आप इसे लेकर बहुत ज्यादा चिंता न करें प्रेगनेंसी के दौरान ऐसा होना नॉर्मल है। यदि आपको बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए ताकि वो इस समस्या का बेहतर इलाज कर सकें। इसके अलावा अगर आपको स्किन प्रॉब्लम से जुड़ी सभी चीजें विस्तार से जाननी है तो आप डॉक्टर से पूछ सकती हैं, इस प्रकार आप ऐसे हालातों को बेहतर तरीके से सामना कर पाएंगी।

स्रोत और संदर्भ:
स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी के दौरान रूखी त्वचा