In this Article
- क्या आप गर्भावस्था के दौरान आड़ू का सेवन कर सकती हैं?
- आड़ू की न्यूट्रिशनल वैल्यू
- गर्भवती महिलाओं के लिए आड़ू का सेवन करने के फायदे
- गर्भवती महिलाओं को आड़ू के फल का कितनी मात्रा में सेवन करना चाहिए?
- गर्भावस्था के दौरान आड़ू फल का सेवन करने के साइड इफेक्ट्स
- सही तरह से आड़ू चुनने के लिए टिप्स
- गर्भावस्था के दौरान आड़ू को अपनी प्रेगनेंसी डाइट में शामिल करने के तरीके
आड़ू में जरूरी विटामिन, मिनरल, फाइबर पाए जाने के साथ साथ इसमें फैट और कैलोरी की मात्रा भी कम होती है, आड़ू का सेवन करना गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में आड़ू को शामिल करना चाहिए। लेकिन जैसे कि कहा जाता है कि किसी भी चीज का सेवन करने से पहले आपको सावधानी बरतनी चाहिए। इस लेख में, प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को आड़ू का सेवन करने से जुड़े फायदे के बारे में बताया गया है। यहाँ आपको बताया गया है कि आप गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन कैसे कर सकती हैं और प्रेगनेंसी डाइट में इसे शामिल करने से जुड़ी आपकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया गया है।
क्या आप गर्भावस्था के दौरान आड़ू का सेवन कर सकती हैं?
आड़ू का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को विटामिन सी, आयरन, पोटैशियम और डाइटरी फाइबर, आदि प्राप्त होते हैं इसे जरूरी पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत माना जाता है। हाँ, गर्भावस्था के दौरान आड़ू का सेवन किया जा सकता है और इसका सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को बहुत सारे लाभ प्राप्त होते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन सी खासकर बहुत जरूरी होता है, क्योंकि यह फीटस के पूरे विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। विटामिन सी हड्डियों, दाँतों और टिश्यू के गठन व विकास में मदद करता है। आड़ू में मौजूद डाइटरी फाइबर गर्भवती महिलाओं में पाचन तंत्र को हेल्दी बनाए रखता है और आयरन और पोटैशियम जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है। आड़ू का सेवन करने से जुड़ी जो सबसे बड़ी समस्या है वो यह कि इसमें पेस्टीसाइड हो सकते हैं, जो आपके और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि कम से कम आप प्रेगनेंसी के दौरान ऑर्गनिक आड़ू का सेवन करें।
आड़ू की न्यूट्रिशनल वैल्यू
गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण मूल्य और संभावित लाभों को समझने के लिए, नीचे दिए गए पोषक तत्वों की सूची देखें।
- कैलोरी – 40 किलोकैलोरी
- कार्बोहाइड्रेट – 7.8 ग्राम
- फैट – 0.4 ग्राम
- फाइबर – 2.3 ग्राम
- आयरन – 0.4 मिलीग्राम
- मैग्नीशियम – 8.06 मिलीग्राम
- पोटैशियम – 281 मिलीग्राम
- प्रोटीन – 0.86 ग्राम
- विटामिन ए – 489 आईयू
- विटामिन सी – 5.49 मिलीग्राम
गर्भवती महिलाओं के लिए आड़ू का सेवन करने के फायदे
गर्भावस्था के दौरान आड़ू का सेवन करने से जुड़े कुछ स्वास्थ्य लाभ आपको नीचे बताए गए हैं।
1. विटामिन सी से भरपूर
सात मिलीग्राम आड़ू में सौ ग्राम तक विटामिन सी पाया जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी होने की संभावना होती है और आयरन को अब्सॉर्ब करने के लिए व एनीमिया के खतरे को कम करने के लिए विटामिन सी बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह फीटस के टिश्यू, हड्डियों, दाँतों, ब्लड वेसल्स, कार्टिलेज और मांसपेशियों का निर्माण करने में मदद करता है।
2. पोटैशियम
आड़ू में हाई पोटैशियम कंटेंट होता है जो प्रेगनेंसी के दौरान खासकर के बहुत उपयोगी होता है। पोटैशियम माँ और बच्चे दोनों के शरीर में फ्लूइड बैलेंस को बनाए रखने के लिए सहायक होता है। पोटैशियम के कारण प्रेगनेंसी के दौरान थकान, ऐंठन और सूजन जैसे कॉमन प्रॉब्लम का मुकाबला करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा, आड़ू में मौजूद पोटैशियम गर्भवती महिलाओं में एंग्जायटी, डिप्रेशन और मूड स्विंग जैसी समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है ।
3. डाइटरी फाइबर
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि कब्ज और अपच आदि समस्या। सौ ग्राम आड़ू में पाँच ग्राम या उससे अधिक डाइटरी फाइबर मौजूद होता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान आड़ू का नियमित रूप से सेवन करने से अच्छी तरह मल त्याग होता है साथ ही आपको अपच और कब्ज जैसी समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।
4. फॉस्फोरस
हड्डियों की स्ट्रांग बनाए रखने के लिए फॉस्फोरस आवश्यक होता है। यह न केवल बच्चे में हड्डियों का विकास मजबूती से करता है, बल्कि गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद आपकी हड्डियों की मजबूती बनाए रखने में मदद करता है। सौ ग्राम आड़ू में लगभग बीस मिलीग्राम फॉस्फोरस पाया जाता है।
5. मैग्नीशियम
यह एक जरूरी मिनरल है जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, मैग्नीशियम गर्भाशय में समय से पहले होने वाले संकुचन को रोकने में मदद करता और साथ ऐंठन और कब्ज जैसी समस्या को भी होने से रोकता है।
6. फोलिक एसिड
गर्भावस्था के पहले चरणों के दौरान फीटस के मस्तिष्क और रीढ़ के विकास के लिए फोलिक एसिड बहुत आवश्यक होता है। सौ ग्राम आड़ू के फल में चार माइक्रोग्राम फोलिक एसिड पाया जाता है, आड़ू का फल फोलिक एसिड के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक माना जाता है।
7. बीटा-कैरोटीन
माँ और बच्चे दोनों का एक मजबूत इम्यून सिस्टम होना बहुत आवश्यक है और आड़ू के फल में बीटा-कैरोटीन भी उपलब्ध होता है, जो आपके लिए फायदेमंद है।
8. वेट कंट्रोल
आड़ू का फल प्रेगनेंसी के दौरान इसलिए भी एक बेहतरीन फल माना जाता है, क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, आड़ू का फल आपके शरीर से अत्यधिक फैट को कम करने में मदद करता है।
गर्भवती महिलाओं को आड़ू के फल का कितनी मात्रा में सेवन करना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान आड़ू का सेवन के कई लाभ प्राप्त होते हैं, इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को प्रति दिन पाँच सौ ग्राम से अधिक आड़ू का सेवन नहीं करना चाहिए। बेहतर है कि गर्भवती महिलाएं आड़ू का एक सीमित मात्रा में ही सेवन करें और रोजाना दो से ज्यादा आड़ू न खाएं।
गर्भावस्था के दौरान आड़ू फल का सेवन करने के साइड इफेक्ट्स
प्रेगनेंसी के दौरान आड़ू के फल का सेवन करने के कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं, जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।
- जिन गर्भवती महिलाओं में हाई ब्लड शुगर का निदान किया गया है वो आड़ू का सेवन कर सकती हैं, लेकिन बहुत ही सीमित मात्रा में, आमतौर पर जो लोग इस समस्या से पीड़ित नहीं भी हैं उन्हें भी इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
- अधिक मात्रा में आड़ू का सेवन करने से गर्भावस्था के दौरान आपका नॉर्मल बॉडी टेम्परचर बढ़ सकता है और इसके परिणाम स्वरूप आपको ब्लीडिंग हो सकती है।
- आड़ू के छिलके को हटा कर इसका सेवन करें, क्योंकि आड़ू के छिलके पर प्रोट्रूशंस होते है, जिससे आपके गले में एलर्जी पैदा हो सकती है या आपको गले में असहज महसूस हो सकता है।
- आड़ू के फल में पेस्टीसाइड होने की संभावना होती है, इसलिए आपको ऑर्गनिक आड़ू का ही सेवन करने के लिए कहा जाता है।
सही तरह से आड़ू चुनने के लिए टिप्स
आड़ू लेते समय आपको निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए:
- आप हाथ में लेकर फल को थोड़ा क्रश करें, फल अंदर से पका हुआ और सॉफ्ट होना चाहिए, इसी तरह सभी फलों को लेते समय ऐसा ही करें।
- अगर फल मुलायम नहीं है और इसमें हरापन है, तो ऐसे फल को लेने से बचें, क्योंकि फल ठीक से पका नहीं होता है।
- यदि फल बहुत ज्यादा क्रश हो जाता है इसका मतलब है कि फल ज्यादा पक गया है और यह जल्दी खराब हो सकता है।
- आड़ू के फल में अगर आपको गहरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, तो यह फल के खराब होने का संकेत है और आपको ऐसे फलों को खरीदने से बचना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान आड़ू को अपनी प्रेगनेंसी डाइट में शामिल करने के तरीके
गर्भवती महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी डाइट में आड़ू को कई तरीके से शामिल कर सकती हैं।
- गर्मी के दिनों में, आप गर्भावस्था के दौरान दोपहर में एक गिलास आड़ू के फ्रेश जूस का सेवन कर सकती हैं, इससे आपको गर्मी से कुछ राहत मिलेगी।
- आप केले और आड़ू को मिलाकर मिल्कशेक तैयार कर सकती हैं, इससे आपका पेट लंबे समय तक भरा रहेगा।
- गर्भावस्था के दौरान आप डिब्बाबंद आड़ू का भी सेवन कर सकती हैं, फिर आपको ताजे आड़ू के फल की इसे काटने और छीलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- आप सीरियल और दूध के साथ आड़ू के फल की टॉपिंग कर सकती हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान आड़ू के फल का सेवन करना बहुत लाभकारी होता है और इससे माँ व बच्चे दोनों को पोषण प्राप्त होता है। पेस्टीसाइड के कारण आपको आड़ू खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए। आप ऑर्गनिक आड़ू का एक सीमित मात्रा में सेवन कर सकती हैं।
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