गर्भावस्था के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए डाइट प्लान: क्या खाएं और क्या न खाएं

प्रेगनेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए डाइट प्लान

चाहे आपको जेस्टेशनल डायबिटीज हो या न हो, यह महत्वपूर्ण है कि आप प्रेगनेंसी के दौरान पौष्टिक भोजन का सेवन करें, क्योंकि आपके बच्चे का पोषण और विकास आप पर निर्भर करता है। यदि आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है, तो आपको ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि इस दौरान आप हर चीज का सेवन नहीं कर सकती हैं। आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि आप जो भी कुछ खा रही हैं वो हेल्दी और एक बैलेंस डाइट के अनुसार होना चाहिए। तो, सवाल यह है कि यदि प्रेगनेंसी के दौरान आपको जेस्टेशनल डायबिटीज हो जाती है तो आपको क्या खाना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए? अधिक जानकारी के लिए यह आगे पढ़े।

प्रेगनेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज होने पर आपको क्या खाना चाहिए?

जेस्टेशनल डायबिटीज तब होता है जब आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन प्रोडूस नहीं कर पता है। इंसुलिन पैंक्रियाज (अग्न्याशय) द्वारा स्रावित एक हार्मोन है और यह शुगर को ग्लूकोज में परिवर्तित करने का काम करता है, ताकि इंसानों का शरीर इसका इस्तेमाल कर सके।

जब आपको जेस्टेशनल डायबिटीज होता है, तो आपके रक्त में ग्लूकोज की एक बड़ी मात्रा जमा होने लगती है और आपका शरीर इसका उपयोग नहीं कर पाता है। ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना आपकी हेल्थ पर बुरा प्रभाव डालता है, इतना ही नहीं यह आपके बच्चे की हेल्थ के लिए भी हानिकारक है। इसलिए कोशिश करें कि आपका ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल में रहे।

इसे कंट्रोल में रखने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप एक सही डाइट प्लान बनाएं और उसका पालन करें। आप अपना डाइट प्लान किसी न्यूट्रिशनिस्ट की मदद से तैयार करवा सकती हैं। आपकी न्यूट्रिशनिस्ट आपकी ऐज, वेट, हाइट, फिजिकल एक्टिविटी और आपके ब्लड शुगर लेवल के आधार पर यह तय करेगी कि आपके बच्चे को कितने पोषण की जरूरत है। साथ ही आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए वो आपकी डाइट प्लान करेंगी।

न्यूट्रिशनिस्ट विश्लेषण करेगी कि आपको दिनभर में कितनी कैलोरी की जरूरत है। फिर वह आपको बताएंगी की अपने मील के जरिए कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट को सही तरह से कैसे बैलेंस करें। वह इस बात का भी खयाल रखेंगी कि आपको पर्याप्त मिनरल और विटामिन भी मिले।

आइए नजर डालते हैं जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं के लिए बताए गए कुछ सामान्य दिशा-निर्देशों पर:

आपको अपने आहार में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए और कार्बोहाइड्रेट व कैलोरी का सेवन इस प्रकार से करना चाहिए कि पूरे दिन आपके शरीर में एनर्जी बनी रहे। आपको इस बात का खास खयाल रखना होगा कि आप जो भी खा रही हैं, वो बैलेंस होना चाहिए यहाँ तक कि स्नैक्स भी। आदर्श रूप से, आपको दिन में तीन बार कम कम मात्रा में भोजन करने की कोशिश करनी चाहिए और दिन में तीन से चार बार स्नैक्स खाना चाहिए। कोशिश करें की आप रात का खाना जल्दी खाएं और अपने शेड्यूल में रात के खाने के बाद कुछ स्नैक्स लें।

  • आपको कार्बोहाइड्रेट का दैनिक सेवन कम करना होगा। अपने आहार में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट शामिल करने की कोशिश करें और उन्हें दिन में  खाएं। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स फाइबर युक्त भोजन हैं। हर भोजन में लीन प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ स्नैक्स शामिल करें। प्रोटीन आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करता है, यह आपको एनर्जी देता है और साथ ही आपका पेट भी भरा रहता है।
  • इस बात का ख्याल रखें कि आप अपना खाना या नाश्ता स्किप न करें। अपने खाने के समय और मात्रा दोनों का ध्यान दें। यदि आप दिन में कुछ कुछ समय पर थोड़ा बहुत खाती रहेंगी तो इससे आपकी ब्लड शुगर कंट्रोल में रहेगी।
  • अच्छी  तरह से ब्रेकफास्ट करें और यही आपकी न्यूट्रिशनिस्ट भी आपको सलाह देती हैं, चाहे आप गर्भवती हों या न हो, या फिर भले ही आपको जेस्टेशनल डायबिटीज न हो। लेकिन ब्लड शुगर लेवल सुबह के समय आपको सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इसे कंट्रोल में लाने के लिए, आपको अपने आहार में अधिक मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है और कार्बोहाइड्रेट का सेवन सीमित करना होता है। अगर आप मांसाहारी हैं, तो अंडे खाएं और शाकाहारी हैं तो पीनट बटर का सेवन करें। फलों और उनके जूस का सेवन करने से बचें, जिनमें चीनी ज्यादा होती है।
  • अन्य भोजन के लिए, आप उन खाद्य पदार्थों को शामिल करें जिसमें फाइबर ज्यादा पाए जाते हैं जैसे कि ताजी सब्जियां और फल, साबुत अनाज, सीरियल और ब्रेड, फलियां और सूखे मटर आदि। यह  खाद्य पदार्थों  देर से पचते हैं, तो इस प्रकार आप पाने ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकती हैं, जो खाना खाने के बाद तेजी से  बढ़ने लगता है।
  • ऐसे पेय पदार्थों और खाद्य पदार्थों से बचें, जिनमें कैंडी, सोडा, कोल्ड ड्रिंक, चाय या कॉफी के साथ चीनी मिली हो, पैकेज्ड फ्रूट जूस और सभी तरह के डेसर्ट। यदि आपको मीठा खाना बहुत पसंद है, तो आप अपने डॉक्टर से पूछ सकती हैं कि क्या आप आर्टिफीशियल स्वीटनर से बने डेसर्ट का सेवन कर सकती हैं। पेय पदार्थों के लिए, डिकैफिनेटेड और बगैर किसी स्वीटनर वाली ड्रिंक्स का सेवन करें।
  • इसके अलावा, दूध का सेवन सीमित करें क्योंकि इसमें सिंपल शुगर की मात्रा अधिक होती है और इसमें लैक्टोज की मात्रा भी ज्यादा होती है। इसलिए बेहतर है कि आप कैल्शियम के दूसरे सोर्स की तलाश करें और आपको बहुत सारे ऑप्शन मिल भी जाएंगे।

साथ ही एक्सरसाइज करना जरूरी है। यदि आप एक्सरसाइज नहीं करती हैं, तो अपनी एक्टिविटी को बढ़ाएं। इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

यदि आपको डाइट और एक्सरसाइज के बावजूद भी इससे राहत नहीं मिलती है, तो आपको डॉक्टर इंसुलिन इंजेक्शन की सलाह दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो आपकी न्यूट्रिशनिस्ट आपके लिए एक नया डाइट प्लान तैयार करेगी।

आपको कार्बोहाइड्रेट पर नजर बनाए रखने की आवश्यकता क्यों होती है?

यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें। आपके डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट को यह जानना होगा कि क्या आहार और एक्सरसाइज से आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है या फिर आपको किसी और चीज की मदद से इसे कंट्रोल करने की जरूरत पड़ेगी।

कहा जाता है कि यह एकमात्र ऐसा तरीका है जिससे पता चलता है  कि आपके बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए अधिक इंसुलिन की आवश्यकता है या नहीं। कार्बोहाइड्रेट की मॉनिटरिंग करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। यदि आपका शुगर लेवल लिमिट से बाहर हो जाता है, तो आपको जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए कम कार्ब आहार का सेवन करना चाहिए।

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) फूड्स का महत्व

जेस्टेशनल डायबिटीज या नॉर्मल डायबिटीज में लो जीआई फूड या लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए। लो जीआई खाद्य पदार्थ आपके कार्बोहाइड्रेट के सेवन में आपकी मदद करते हैं, साथ ही इससे आपका ब्लड शुगर लेवल भी नहीं बढ़ता है।

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) क्या है और यह कैसे मदद करता है?

जेस्टेशनल डायबिटीज के दौरान कम कार्ब वाली डाइट लेने से यह आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। यह तभी संभव होगा जब आप अपने आहार में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करेंगी ।

जीआई मेजर करता है कि आपके द्वारा खाए गए भोजन से ग्लूकोज कितनी तेजी से आपके रक्त में रिलीज होता है। इसलिए अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या होती है तो आपको लो जीआई वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए।

प्रेगनेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए आपको लो जीआई वाले खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट शामिल करना चाहिए। यह आपके ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखता है, क्योंकि लो जीआई-खाद्य पदार्थ पचने में ज्यादा समय लेते हैं। ग्लूकोज धीरे-धीरे रिलीज होता है और आपके ब्लड शुगर में एकदम से नहीं जाता है।

लो जीआई और हाई जीआई-फूड्स

जीआई-खाद्य पदार्थ जिनका आप प्रेगनेंसी के दौरान सेवन कर सकती हैं वो कुछ हैं:

  • ब्राउन राइस 
  • वीट पास्ता
  • पॉरिज 
  • सेब, आड़ू, संतरा, नाशपाती
  • दाल और बीन्स 
  • मूंगफली 
  • स्वीट कॉर्न

हाई जीआई वाले खाद्य पदार्थ:

  • वाइट पास्ता राइस 
  • चटनी के साथ इडली और डोसा
  • तरबूज
  • कॉर्नफ्लेक्स 
  • बेक किए हुए आलू 
  • ब्रेड 

हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप इन खाद्य पदार्थों को बिल्कुल भी नहीं खा सकती हैं।

बस आपको इतना खयाल रखना है कि आप ज्यादा से ज्यादा लो जीआई-खाद्य पदार्थ का सेवन करें। लो  जीआई वाले खाद्य पदार्थों को हाई जीआई-खाद्य पदार्थों के साथ मिक्स करने से आपके ब्लड फ्लो में ग्लूकोज की मात्रा कम रिलीज होगी।

यहाँ कुछ ऑप्शन दिए गए हैं, जिन्हें आप आजमा सकती हैं:

  • दाल या बीन्स के साथ सफेद चावल
  • मूंगफली की चटनी के साथ इडली या डोसा
  • पीनट बटर और टोस्ट
  • कॉर्नफ्लेक्स में सेब और आड़ू जैसे फल

आपको किस प्रकार के भोजन से बचना चाहिए?

जेस्टेशनल डायबिटीज से बचने के लिए एक खास तरह कि डाइट को अपनाना पड़ता है। उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनके लेबल पर ‘डायबिटिक’ लिखा होता है। बिना पके अंडे, माँस और मछली का सेवन करने से बचें, इसमें पारे की मात्रा अधिक हो सकती है। लीवर और अपाश्चुरीकृत दूध का सेवन करने से भी बचें। इसके अलावा, अल्कोहल से बचें।

जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए डाइट प्लान 

यहाँ प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए आपको डाइट चार्ट दिया गया है: 

ब्रेकफास्ट  लंच  डिनर  स्नैक्स 
2-3 कार्बोहाइड्रेट (35-40 ग्राम), प्रोटीन पोल्ट्री से, चीज़, मछली, सब्जी और नेचुरल फैट   3-4 कार्बोहाइड्रेट (45-60 ग्राम), प्रोटीन पोल्ट्री से, चीज़,  मछली, सब्जी और नेचुरल फैट 3-4 कार्बोहाइड्रेट (45-60 ग्राम), प्रोटीन पोल्ट्री से, चीज़, मछली, सब्जी और नेचुरल फैट 1-2 कार्बोहाइड्रेट (20-30 ग्राम), प्रोटीन पोल्ट्री से, चीज़, मछली, सब्जी और नेचुरल फैट

 

ब्रेकफास्ट 

कोशिश करें कि अपने ब्रेकफास्ट में 2-3 प्रकार के कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन शामिल करें।

  1. साबूत अनाज का बना सीरियल 
  2. साबूत अनाज से बने ब्रेड टोस्ट के साथ पीनट बटर, जैम या चीज 
  3. कम मात्रा में चीनी युक्त फल 
  4. कम चीनी के साथ लो फैट वाला दही
  5. अंडा, मछली, चिकन

लंच 

  1. एक छोटा कटोरा सफेद चावल और बीन्स
  2. ब्राउन राइस के साथ दाल, सब्जी, मछली या चिकन
  3. साबूत अनाज की ब्रेड के साथ एक कटोरा चिकन और स्वीटकॉर्न सूप 

डिनर 

  1. सब्जियों के साथ रोस्टेड चिकन
  2. नूडल्स के साथ चिकन या मछली 
  3. वेजिटेबल करी और सफेद चावल 

जहाँ तक ​​स्नैक्स की बात है, तो आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन करना होगा जो आपके लिए हेल्दी हों। आप फल या उबली हुई सब्जियां और वेजिटेबल स्टिक खा सकती  हैं। लो फैट दही, नट्स और सीड्स का सेवन करना भी अच्छा होगा।

आपके पास कई सारे ऑप्शन हैं, लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि आप जो खाना खा रही है, वो पचने में अधिक समय न लेते हों। आपको यह भी खयाल रखना होगा कि यह आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हुए आप और आपके बच्चे दोनों की कैलोरी की आवश्यकता को पूरा करे।

डाइट को बेहतर बनाने के कुछ टिप्स  

यहाँ आप आपको आपकी डाइट को बेहतर बनाने के कुछ टिप्स दिए गए हैं:

  1. इस बात का खयाल रखें कि आप एक अच्छा ब्रेकफास्ट करें और लो जीआई-खाद्य पदार्थों को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करें।
  2. अपनी डाइट में विभिन्न खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
  3. अपनी डाइट में ज्यादा फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  4. एक दिन में कम से कम पाँच हिस्सा फल और सब्जियां खाएं।
  5. सैचुरेटेड फैट का सेवन कम करें – तलने के बजाय भोजन को पकाकर खाएं, बटर के बजाय पीनट बटर का सेवन करें और नेचुरल फैट खाएं।
  6. मीठा पेय और डेसर्ट का सेवन सीमित मात्रा में करें।

जेस्टेशनल डायबिटीज को नियंत्रित करना संभव है और आप अपनी न्यूट्रिशनिस्ट द्वारा अपना डाइट प्लान कर सकती हैं जो प्रेगनेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज के अनुसार आपके लिए तैयार किया जाएगा।

निष्कर्ष

आपको न्यूट्रिशनिस्ट द्वारा अनुशंसित डाइट का सेवन करना चाहिए, नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जाँच करते रहना चाहिए और डेली एक्सरसाइज करना चाहिए, इस प्रकार आप प्रेगनेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज से छुटकारा पा सकती हैं। इसके अलावा जिन महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज होती है वो भी एक हेल्दी बच्चे को डिलीवर करती हैं।

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