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डेटिंग स्कैन पहली तिमाही में किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड में शामिल होता है, ये आपको जानने में मदद करता है कि आप कितने समय से गर्भवती हैं, इसके अलावा भी कई चीजों की जांच करने के लिए ये स्कैन कराया जाता है, जैसे आपके गर्भ में एक से ज्यादा शिशु होने की संभावना, भ्रूण का आकार कितना बड़ा है। इस स्कैन से बच्चे के दिल की धड़कन का पता चलता और इसके जरिए उसकी विकास संबंधी समस्याओं का भी पता लगाया जाता है, इसके अलावा डेटिंग स्कैन के जरिए प्रसव तिथि का अनुमान भी लगाया जाता है ।
आमतौर पर पहली तिमाही में दो स्कैन किए जाते हैं। 6 से 9 सप्ताह के बीच डेटिंग व वायबिलिटी स्कैन और 11 से 13 सप्ताह के बीच अर्ली मोर्फोलॉजी स्कैन या एन.टी. स्कैन।
डेटिंग स्कैन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग अधिकतम 3 से 5 दिनों की त्रुटि के साथ भ्रूण की आयु का आकलन करने के लिए किया जाता है। डेटिंग स्कैन उन महिलाओं के लिए है जिन्हें निम्नलिखित समस्याएं होती हैं:
डेटिंग स्कैन एक अल्ट्रासाउंड मशीन की सहायता से किया जाता है। इस दौरान आपके पेट पर जेल लगाया जाता है और उसके बाद ट्रांसड्यूसर नामक उपकरण की मदद से इसे पेट पर धीरे-धीरे घुमाया जाता है । इस प्रक्रिया में 20 से 30 मिनट लग सकते हैं। डेटिंग स्कैन करने से पहले आपको पानी पीने की आवश्यकता होगी क्योंकि भरा हुआ मूत्राशय इस परीक्षण के लिए सबसे आवश्यक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मूत्राशय गर्भाशय को ऊपर की ओर धकेलता है जिससे डेटिंग स्कैन के जरिए गर्भ की उचित दृश्यता प्राप्त होती है।
सातवें सप्ताह में डेटिंग स्कैन करवाकर आप निम्नलिखित चीजें पता कर सकती हैं:
शुरुआत में ही डेटिंग स्कैन करने से इसका परिणाम ज्यादा विश्वसनीय और सटीक होता है। हालांकि, पूरे तौर पर यह नहीं कहा जा सकता की बिलकुल सटीक परिणाम देता है लेकिन इस समय इसके सटीक परिणाम देने की संभावना अधिक होती है और ऐसी परिस्थिति जहाँ इसकी सटीकता से समझौता किया जा सकता है। इनमें से कुछ स्थितियों में शामिल हैं:
यह तकनीकी रूप से संभव है लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि किस प्रकार की अल्ट्रासाउंड मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि कुछ अल्ट्रासाउंड मशीने स्क्रीनिंग टेस्ट कर सकती हैं, वहीं अन्य नहीं कर सकतीं।
आप स्क्रीनिंग टेस्ट का उपयोग यह जांचने के लिए कर सकती हैं कि कहीं आपके शिशु में डाउन सिंड्रोम होने की संभावना तो नहीं है। यह एक रक्त परीक्षण के साथ एक न्यूकल ट्रांसलुसेंसी (एन.टी.) टेस्ट की मदद से किया जाता है। इन दोनों परीक्षणों को एक साथ संयुक्त करके स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में जाना जाता है।
संयुक्त स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए, यह जरूरी है कि आप पहले एक डेटिंग स्कैन करवाएं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आपकी गर्भावस्था के आधार पर शरीर में हार्मोन बदलते हैं।
वैसे तो डेटिंग स्कैन से होने वाले लाभ आपको स्पष्ट रूप से बताए जा चुके हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं:
यदि आप अपने मासिक चक्र का विवरण रख रही हैं और गर्भाधान के समय का अनुमान करने में सक्षम हैं, तो आप सुरक्षित हैं। हालांकि, आप में से जिन्होंने अपने मासिक चक्र का विवरण नहीं रखा है, वे चिंता न करें क्योंकि डेटिंग स्कैन इसमें आपकी सहायता कर सकता है।
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