गर्भावस्था

प्रीटर्म लेबर से कैसे बचें

बच्चे के आने की खबर बहुत ही रोमांचक होती है और इसका एहसास बहुत ही अनोखा होता है। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली चिंता और घबराहट ऐसी चीजें हैं, जिसके बारे में कोई बात नहीं करता है। मां बनने वाली हर महिला के मन में अपनी गर्भावस्था या अपने बच्चे के जन्म के दौरान किसी तरह की अनहोनी होने का एक डर होता ही है और दुनिया भर में महिलाओं को सताने वाली सबसे आम बात होती है – प्रीमैच्योर लेबर की संभावना। इस डर को दूर करने के लिए यह समझना जरूरी है, कि प्रीमैच्योर लेबर क्या होता है, इसमें किन बातों का समावेश होता है और यह आपको या आपके बच्चे को किस तरह से प्रभावित कर सकता है। 

प्रीमैच्योर लेबर क्या है?

गर्भावस्था को तीन तिमाहियों में बांटा जा सकता है और फुल टर्म प्रेगनेंसी यानी पूरी गर्भावस्था में 9 महीने होते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गर्भस्थ शिशु को पूरी तरह से विकसित होने में 9 महीनों का समय लगता है और तब वह इतना परिपक्व हो पाता है कि वह बाहरी दुनिया से तालमेल बिठा सके और स्वतंत्र रूप से बढ़ सके। 

जब मां अपने बच्चे को पूरे 9 महीनों के लिए अपने गर्भ में रखने में अक्षम होती है, तब उसे प्रीमैच्योर लेबर कहा जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें दुर्घटनाओं और ट्रॉमा से लेकर अनजान या अप्रत्याशित बीमारियां तक शामिल हैं। प्रीमैच्योर लेबर के नाम से ही यह पता चलता है, कि जब बच्चे का जन्म समय से पहले हो जाता है और वह किसी तरह की अक्षमता या मेडिकल स्थिति के खतरे से निपटने के लिए शारीरिक रूप से पर्याप्त परिपक्व नहीं होता है। प्रीमैच्योर लेबर से बचना हमेशा संभव नहीं हो पाता है और यह अनुभव बहुत ही डरावना हो सकता है। जो बच्चे समय से पहले जन्म लेते हैं, उन्हें कई तरह की बीमारियों का खतरा होता है, जो कि गंभीर और मामूली दोनों ही तरह के हो सकते हैं। 

प्रीटर्म लेबर की पहचान कैसे होती है?

गर्भवती महिला की मेडिकल हिस्ट्री के साथ-साथ कुछ टेस्ट करने पर गायनेकोलॉजिस्ट को प्रीटर्म लेबर की संभावना का पता लगाने में मदद मिल सकती है। मां की उम्र, शारीरिक और मानसिक तनाव, गर्भ में एक से अधिक शिशुओं का होना या पहले भी प्रीटर्म डिलीवरी की घटना जैसी बातों से भी गायनेकोलॉजिस्ट को प्रीटर्म डिलीवरी की संभावना का पता चल सकता है। 

अल्ट्रासाउंड स्कैन भी प्रीटर्म लेबर की संभावना बता सकते हैं। सर्विक्स का खुलना या बंद होना भी अक्सर इस बात का संकेत होता है, कि महिला को समय से पूर्व लेबर में जाना पड़ सकता है। एक फेटल फाइब्रोनेक्टिन टेस्ट भी यह बता सकता है कि महिला की डिलीवरी समय से पहले होगी या नहीं। यह टेस्ट एमनियोटिक फ्लूइड में पाए जाने वाले प्रोटीन के स्तर का पता लगाता है। इस प्रोटीन का बढ़ा हुआ स्तर प्लेसेंटा में सूजन और डैमेज का संकेत देता है, जिससे समय से पूर्व लेबर ट्रिगर हो सकता है। 

प्रीमैच्योर डिलीवरी से बचने के 15 तरीके

हालांकि प्रीमैच्योर लेबर के कारणों की सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में इसे रोका जा सकता है। यहां पर प्रीटर्म लेबर के खतरे को कम करने के कुछ तरीके दिए गए हैं: 

1. एक प्रीनेटल विशेषज्ञ से बात करें

प्रीनेटल स्पेशलिस्ट से बात करने से आपको प्रीटर्म लेबर के सबसे आम कारणों के बारे में जानकारी मिलेगी। मुख्य कारणों को समझने से आप अपने लेबर को काफी बेहतर तरीके से प्लान कर सकते हैं। इसके कारणों को समझने के लिए आपके मन में जितने भी सवाल आएं उनके जवाब जरूर ढूंढें। 

2. प्रीनेटल योगा

जल्द ही डिलीवरी से पहले के योगासन ज्यादातर मांओं के पसंदीदा व्यायाम के तरीकों में शामिल होने वाले हैं। योग न केवल आपको फिट रखता है, बल्कि जोड़ों के दर्द और सिर दर्द जैसे अनगिनत समस्याओं को दूर रखने में भी मदद करता है। साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है और ऑक्सीजन की सप्लाई को रेगुलेट करता है। इन बातों से प्रीटर्म लेबर की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। इस बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। 

3. प्रेगनेंसी पिलेट्स

पिलेट्स एक मजेदार और लोकप्रिय एक्सरसाइज है, जो कि फुल टर्म प्रेगनेंसी पाने में मदद करती है और समय से पहले डिलीवरी से बचाती है। कोर और पेलविस पर फोकस करने वाली यह एक्सरसाइज उन मांसपेशियों को बनाने और मजबूत करने में मदद करती है, जो डिलीवरी की प्रक्रिया में सीधे-सीधे शामिल होते हैं। पिलेट्स डिलीवरी के तनाव को कम करने में मदद करती हैं और आपके ब्लड फ्लो को रेगुलेट करने में और आपके पेल्विक रीजन में जोड़ों को आराम पहुंचाती हैं। जिससे बच्चा एक सुरक्षित वातावरण में अच्छी तरह से विकसित हो पाता है। हालांकि इसके लिए आपको पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। 

4. इन्फ्लूएंजा से बचाव

यह बात सब जानते हैं, कि जो महिला बार-बार फ्लू की चपेट में आ जाती है, उसे प्रीमैच्योर लेबर का खतरा अधिक होता है। अपनी सभी दवाओं को समय पर लें और फ्लू होने पर अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें और पर्याप्त आराम करें। फ्लू की स्थिति में अधिक थकान होने पर आपके लिए खतरा हो सकता है और कुछ मामलों में समय से काफी पहले लेबर शुरू हो सकता है। 

5. विटामिन्स लेना

विटामिन की कमी समय से पूर्व डिलीवरी का एक मुख्य कारण है। मिसकैरेज या समय से पूर्व डिलीवरी से बचने के लिए डॉक्टर फोलिक एसिड युक्त प्रीनेटल विटामिन कैप्सूल लेने की सलाह देते हैं। प्रीमैच्योर लेबर की संभावना से बचने के लिए आपको प्रिसक्राइब्ड विटामिन की नियमित खुराक समय पर लेने की जरूरत होती है। 

6. धूम्रपान ना करें

तंबाकू समय से पूर्व डिलीवरी के मुख्य कारणों में से एक है। जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान धूम्रपान बंद कर देती हैं, उनमें प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा कम हो सकता है। 

7. शराब का सेवन ना करना

सब जानते हैं, कि शराब आपकी प्रेगनेंसी को नुकसान पहुंचा सकती है और समय से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है। इस खतरे को कम करने के लिए गर्भावस्था के दौरान शराब के सेवन को बंद करने की सलाह दी जाती है। 

8. टहलना

लगभग सभी डॉक्टर प्रेगनेंसी के दौरान टहलने की सलाह देते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि चलने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, आपका हृदय स्वस्थ रहता है और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को मेंटेन करने में भी मदद मिलती है और साथ ही यह प्रीमैच्योर डिलीवरी से भी बचाता है। 

9. अपने रेकमेंडेड वजन को चेक करना और मेंटेन रखना

डॉक्टर आपको प्रिसक्राइब की हुई डाइट को फॉलो करने की सलाह देंगे, ताकि आपका स्वास्थ्य अच्छी स्थिति में रहे। वजन अत्यधिक बढ़ने से जेस्टेशनल डायबिटीज और प्री-एक्लेमप्सिया जैसी स्थितियों की संभावना बढ़ जाती है, जो कि समय से पहले लेबर के कारण माने जाते हैं। वजन अगर जरूरत से कम हो तो भी समय से पहले लेबर हो सकता है। 

10. पर्याप्त पानी पिएं

प्रेगनेंसी के दौरान पानी पीना और हाइड्रेटेड रहने का महत्व बहुत बढ़ जाता है। अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने के लिए आपको नियमित रूप से कितना पानी पीना चाहिए, इसके बारे में अपने ओबी/गायनेकोलॉजिस्ट बात करें।

11. दांत साफ करना

यह पढ़कर आपको आश्चर्य हो सकता है। फुल टर्म प्रेगनेंसी के लिए यह बात बहुत मायने रखती है, कि आप अपने दांतों और मसूड़ों का कितना ख्याल रखती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान जिंजिवाइटिस और पीरियडोनटाइटिस जैसी मसूड़ों की बीमारियां भी प्रीटर्म लेबर को ट्रिगर करने के लिए जानी जाती हैं। पीरियडोनटाइटिस विशेष रूप से हड्डी तक फैल सकता है और अधिक बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए अपने दांतों की जांच नियमित रूप से कराएं और एक अच्छे डेंटल हाइजीन रूटीन का पालन करें। 

12. पर्याप्त आराम

पर्याप्त आराम लेना और रिलैक्स करना न केवल आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि फुल टर्म प्रेगनेंसी के लिए भी यह काफी मायने रखता है। अगर आपको लगता है कि आप बहुत व्यस्त हैं, तो किसी की मदद लें और आराम करने के लिए और रिलैक्स होने के लिए कुछ घंटे निकालें। आप नियमित रूप से मेडिटेशन कर सकती हैं और कभी-कभी स्पा के लिए भी जा सकती हैं। इससे आपको प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले शारीरिक और मानसिक तनाव से राहत पाने में मदद मिलेगी। 

13. पेशाब न रोकें

टॉयलेट जाने की इच्छा होने पर इसे रोकने की कोशिश न करें। इससे ब्लैडर में सूजन हो सकती है और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। पेशाब रोकने से आपके गर्भाशय में तकलीफ भी हो सकती है और प्रीटर्म लेबर की संभावना भी बढ़ सकती है। 

14. गर्भावस्था के बीच अंतर

2 गर्भावस्थाओं के बीच स्वस्थ अंतर होना फुल टर्म प्रेगनेंसी के लिए फायदेमंद होता है। ज्यादातर डॉक्टर आपको दोबारा गर्भधारण करने के लिए कम से कम 3 साल तक इंतजार करने की सलाह देंगे। 

15. स्वस्थ आहार

प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ भोजन लेना बहुत जरूरी है। यह आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। पर्याप्त पोषण मिलने से आपका ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहेगा, जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम होगा, जो कि प्रीटर्म लेबर का एक प्रमुख कारण माना जाता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन ‘सी’, आयरन और कैल्शियम से भरपूर भोजन लें। ये सभी पोषक तत्व गर्भावस्था का समय पूरा करने में मदद करते हैं। 

गर्भावस्था का समय पूरा करना और इसके साथ ही अपने बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना, मां बनने वाली हर महिला की प्राथमिकता होती है। अपने ओबी/गायनेकोलॉजिस्ट से अपनी चिंताओं के बारे में बात करें और समय-समय पर अपने डॉक्टर से परामर्श लेते रहें। प्रेगनेंसी के दौरान सहज, सकारात्मक और स्वस्थ रहना ही स्वस्थ डिलीवरी की कुंजी है और हमेशा याद रखें कि इस दौरान किसी भी तरह के तनाव से दूर रहें। 

स्रोत 1: Healthline
स्रोत 2: WebMD

यह भी पढ़ें:

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पूजा ठाकुर

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