सर्दियों का मौसम आने से आपकी कई चिंताएं बढ़ गई होंगी जिनमें एक यह भी शामिल है कि आप अपने बच्चे को ठंड से कैसे सुरक्षित रखें। हम तापमान घटने व ठंडे मौसम की बात कर रहे हैं जिसकी वजह से कई असुविधाएं हो सकती हैं, जैसे नींद कम आना। वैसे तो सामान्य दिनों में भी बच्चे की अच्छी नींद का खयाल रखने में कठिनाई होती है पर ठंड के दिनों में यह मुश्किल अधिक बढ़ सकती है। हालांकि, निम्नलिखित टिप्स से आप अपने बच्चे को अच्छी नींद लेने में मदद कर सकती हैं।
सर्दियों में बच्चे को ठीक से सुलाने के 9 खास टिप्स
मौसम के विपरीत बच्चे की अच्छी नींद के लिए उसके सोने का एक नियम बनाएं। इस प्रकार से बच्चे को पता होगा कि उसके सोने का समय है और इसके लिए वह आपको ज्यादा तंग नहीं करेगा। आप बच्चे की नींद को मौसम के अनुकूल बनाने के लिए उसके रूटीन में कुछ बदलाव भी कर सकती हैं।
यदि सोते समय बच्चा बहुत ठंडा हो रहा है तो उसकी पीठ या गर्दन छुएं। यदि आपको बच्चे के शरीर का यह भाग भी ठंडा लगता है तो उसे तुरंत गर्माहट की आवश्यकता है। आपको अन्य क्या जानने की जरूरत है, इसके लिए आगे पढ़ें;
1. सोते समय आवाज वाली एक्टिविटीज कम से कम करें
टीवी या मोबाइल फोन की तेज आवाज, रोशनी, आवाज वाले खिलौने, एनर्जी प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ और ऐसी ही कई चीजों से बच्चा देर तक जाग सकता है व एक्टिव रहता है। सोने से लगभग दो घंटे पहले आप इन सभी चीजों का उपयोग कम करें और इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चे के आस-पास आरामदायक चीजें ही मौजूद हों जो उसे उत्तेजित न करें।
2. सही तापमान बनाए रखें
क्या आप जानती हैं कि आपकी थकान में शरीर का आंतरिक तापमान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है? सुबह के समय तापमान ज्यादा रहता है जिससे आपको ऊर्जा महसूस होती है। दोपहर के समय में यह तापमान थोड़ा कम हो जाता है और इससे आपको थकान होने लगती है व शाम के समय में इसके कारण आपकी थकान अधिक बढ़ जाती है और शरीर से मेलाटोनिन रिलीज होता है जो नींद में मदद करता है। यह जरूरी है कि बच्चे के कमरे का तापमान उसके शरीर के आंतरिक तापमान के समान हो हो ताकि वह रात में ठंड या गर्मी की वजह से न जागे। सर्दियों में कमरे का तापमान 23 से 26 डिग्री सेल्सियस रखना ही ठीक होगा। आप बच्चे के कमरे में गर्माहट के लिए हीटर की जगह पर ह्यूमिडिफायर भी रखें।
3. बच्चे को रात में नहलाने से बचें
ठंड के दौरान बच्चे को रात में नहलाने से उसे आराम नहीं मिलेगा और इससे बच्चा ज्यादा उत्तेजित भी होता है। यदि बहुत जरूरी है तो आप उसे नहलाने के बजाय स्पंज से उसके सिर व शरीर को पोंछ दें। इस बात का ध्यान रखें कि आप बच्चे को लंबे समय तक न नहलाएं क्योंकि पानी का तापमान उसे बीमार भी कर सकता है।
4. बच्चे की मालिश करें
बच्चे की अच्छी मालिश करने के कई फायदे हैं पर रात में आरामदायक मालिश करने से उसे जल्दी नींद आ सकती है। बच्चा रात में भी जल्दी व आराम से सोए इसलिए आप सूदिंग बाम, जैसे विक्स बेबी रब* (यह विशेष 3 महीने से अधिक आयु के बच्चों के लिए बनाया गया है) से उसकी मालिश करें। इसमें एलोवेरा, नारियल का तेल व लैवेंडर, रोजमैरी की सुगंध हैं जो अच्छी नींद आने में मदद करती है। इसके लिए आप सिर्फ बच्चे के गले, सीने, हाथों और पैर के पंजों में विक्स बेबी रब* से मालिश करें। आप सौम्यता के साथ लगभग 10 मिनट तक बच्चे की मालिश करें इससे रात में उसे अच्छी नींद आ सकती है।
5. बच्चे पर ब्लैंकेट की कई लेयर न डालें
वैसे तो लॉजिक के अनुसार बच्चे को कई सारे ब्लैंकेट ओढ़ाने से उसे गर्माहट मिलती है और वास्तव में ऐसा नहीं होता है। बच्चे को बहुत ज्यादा ब्लैंकेट उढ़ाने से उसे ओवरहीटिंग की समस्या भी हो सकती है जिससे उसे अत्यधिक असुविधाएं होंगी या उसे एसआईडीएस होने का खतरा भी बढ़ सकता है। यदि सोते समय बच्चे को पसीना आता है तो इसका यही मतलब है कि आप उस पर से एक दो ब्लैंकेट हटा दें। इस बात का भी खयाल रखें कि आप उसे ज्यादा भारी ब्लैंकेट न उढ़ाएं (यह बच्चे को एसआईडीएस होने का कारण है)। बच्चे को पूरी तरह से ढकने के बजाय आप उसे ब्लैंकेट से कोजी लपेटें ताकि वह सुविधाजनक व गर्माहट महसूस कर सके या उसे पैजामा या वनसीज पहनाते समय मोजे और मिटन्स भी पहनाएं। आप बच्चे को ज्यादा उढ़ाने के बजाय कपड़े पहनाते समय ‘प्लस वन’ रूल फॉलो करें।
6. बच्चे के आस-पास रोशनी रखें
सुबह के समय बच्चे के कमरे की खिड़कियों के परदे खुले रखें ताकि बाहर की धूप से कमरे में गर्माहट बनी रहे। घर में पूरे दिन पर्याप्त रोशनी रखें पर रात में रोशनी कम कर दें। रोशनी की मदद से बच्चा आंतरिक रूप से नियंत्रित रहता है और धीरे-धीरे उसे रात व दिन में एडजस्ट करने में मदद करें। इसके अलावा जो बच्चे दिन के दौरान ज्यादातर रोशनी में रहते हैं उन्हें रात में अच्छी नींद आती है क्योंकि दिन में उनके शरीर का मेलाटोनिन स्तर कम हो जाता है और रात में बढ़ता है। रात में रोशनी कम रखने से बच्चा समझने लगता है कि उसके सोने का समय हो गया है और जल्दी ही वह निर्धारित समय में सोने लगता है।
7. बच्चे को दूध पिलाएं
सोने से पहले बच्चे को दूध जल्दी-जल्दी पिलाएं ताकि उसका पेट भरा रहे और बीच रात में उसे भूख न लगे। आप एक घंटे से कम का समय निर्धारित करें ताकि उसका पेट बहुत ज्यादा भी न भरे। रात में बच्चे को एक जगह पर बैठकर दूध पिलाना ही बेहतर है ताकि उसे निर्धारित समय पर नींद आने में मदद मिल सके।
नोट – सर्दियों के दिनों में बच्चे को ज्यादा से ज्यादा सब्जियां खिलाएं। डॉक्टर बच्चों को अक्सर सूप और स्टू खिलाने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे उन्हें गर्माहट मिलती है और वे अच्छा महसूस करते हैं।
8. स्वास्थ्य समस्याओं में सावधानी बरतें
ठंड का मौसम कई सारी समस्याएं लेकर आता है, जैसे सर्दी, खांसी, सूखी त्वचा व खुजली। रात में असुविधाएं होने के कारण बच्चा जागता है जिसके परिणामस्वरूप वह चिड़चिड़ाता है और साथ ही पेरेंट्स भी काफी थक जाते हैं। बच्चे की समस्याएं जल्दी से जल्दी ठीक करना बहुत जरूरी है और यदि यह समस्याएं अधिक गंभीर नहीं हैं तो आप होम रेमेडीज का उपयोग भी कर सकती हैं। आप बच्चे के सीने, गर्दन और पीठ में विक्स (यह 2 साल से अधिक आयु के बच्चों के लिए अच्छा है) से मालिश कर सकती हैं। पुदीने, कपूर और नीलगिरि के तेल की सुगंध से बच्चे को आराम मिलता है और उसे अच्छी नींद आ सकती है।
9. शोर कम करें
यदि आपका बच्चा 4 महीने से कम का है तो इससे काफी मदद मिल सकती है पर यह बड़े बच्चों के लिए भी खराब नहीं है। हम बहुत ज्यादा तेज आवाज की बात नहीं कर रहे हैं। हम वाइट नॉइस की बात कर रहे हैं जो गर्भ में रहने के दौरान भी बच्चे को महसूस होता है। रिदमिक आवाजें जैसे वैक्यूम क्लीनर की आवाज से अन्य शोर कम हो जाता है और इससे उसे जल्दी नींद आ सकती है। आप वाइट नॉइस मशीन खरीद सकती हैं या इससे संबंधित एप्स अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर सकती हैं।
अंत में आप अपने बच्चे को सिर्फ पीठ के बल ही लिटाएं और पेट के बल न लिटाएं। यदि आपको लगता है कि अब भी सोते समय बच्चा बहुत ठंडा है तो उसे गोदी में लें और अपने शरीर की गर्माहट दें। निश्चित ही आपके प्यार का स्पर्श बच्चे को सुविधाएं प्रदान करता है और इससे उसकी नींद अच्छी होती है।
डिस्क्लेमर
*विक्स बेबी रब अप्लाई किए जाने वाले जगह को किसी हल्के कपड़े से ढकें ताकि गलती से वो बच्चे के मुंह में न चली जाए और इससे फिसलने से भी बचा जा सकता है। लेबल को ठीक से पढ़ें और इसका उपयोग निर्देशों के अनुसार ही करें।
**दवाई पर लिखे लेबल को जरूर पढ़ लें और निर्देशों के अनुसार ही इसका उपयोग करें। यदि फिर भी आपको कोई गलत लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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