शिशु

शिशुओं के लिए अंगूर – स्वास्थ्य लाभ और रेसिपीज

आपके बड़े होते शिशु के आहार में विभिन्न ठोस खाद्य पदार्थों को शामिल करना उसके लिए रोमांचक हो सकता है। चाहे वह पका हुआ भोजन हो या साधारण फल व सब्जियां। यह उसके लिए काफी दिलचस्प होता है क्योंकि इस प्रकार वह माँ के या फार्मूला दूध के अतिरिक्त नए-नए स्वाद चखता है । अंगूर उन खाद्य पदार्थों में से एक है जो स्वास्थ्य के लिए अनेक लाभ प्रदान करता है और आपके बच्चे को एक नए स्वाद से परिचित कराता है। अंगूर का मीठा और खट्टा स्वाद आपके बच्चे को चटपटे स्वाद के प्रति आकर्षण उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा शिशु की कब्ज की समस्या के लिए अंगूर के रस का उपयोग करना एक ऐसा उपाय है, जिसकी सलाह आमतौर पर कई लोग देते हैं।

क्या शिशु को अंगूर देना सुरक्षित है

शिशु को अंगूर देने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसकी कुछ सावधानियां हैं जिनका पालन करने की जरूरत होती है। अपने बच्चे में अंगूर के प्रति एलर्जी के किसी भी लक्षण की जांच करना भी आवश्यक है।

शिशु अंगूर कब खा सकता है

आम तौर पर अंगूर शिशु को तब देना चाहिए जब वह ठोस आहार लेना शुरू कर दे। लगभग 10 महीने की उम्र का होने पर आप उसे अंगूर दे सकती हैं। कुछ लोग इसे 6 महीने में शुरू करने की सलाह दे सकते हैं, लेकिन आमतौर पर शिशु के कम से कम 8 महीने की आयु पूरी होने तक इंतजार करने की सलाह की जाती है।

अंगूर का पोषण मूल्य

अंगूर को कई पोषक तत्वों से युक्त माना जाता है। 100 ग्राम अंगूर (लाल या हरे) में बच्चों के लिए आवश्यक मुख्य पोषक तत्वों की हिस्सेदारी कुछ इस प्रकार है:

पोषक तत्व मात्रा
कार्बोहाइड्रेट 18 ग्राम
प्रोटीन 0.72 ग्राम
कुल फैट 0.16 ग्राम
फाइबर 0.9 ग्राम
विटामिन सी 3.2 मिलीग्राम
आयरन 0.36 मिलीग्राम
कैल्शियम 10 मिलीग्राम
ज़िंक 0.07 मिलीग्राम

शिशु के आहार में अंगूर शामिल करने के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ

चाहे बच्चों के लिए अंगूर का रस बनाना हो या विभिन्न व्यंजनों में इसका उपयोग करना हो, इसे अपने बच्चे के आहार में शामिल करने से यह उसके स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद होगा।

१. रक्त की बेहतर गुणवत्ता

रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर आवश्यकता के अनुरूप होना चाहिए और रक्त कोशिकाओं की एक अच्छी मात्रा होनी चाहिए, ताकि ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाया जा सके और सफलतापूर्वक अवशोषित किया जा सके। अंगूर इसके लिए बहुत उपयोगी है।

२. श्वसन संक्रमण से सुरक्षा

शिशुओं को अंगूर देने से ब्रोंकाइटिस, दमा और अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं जो इस उम्र में उनके लिए आम होती हैं।

३. पचाने में आसान

कभी-कभी शिशुओं के लिए कुछ ठोस आहार पचाने में कुछ मुश्किल होते हैं और यहाँ तक कि उनसे कई बार अपच भी हो सकता है। अंगूर बेहद हल्के होते हैं, जिसे शरीर आसानी से पचा लेता है। पके अंगूर की खटास अम्लता (एसिडिटी) की समस्या को दूर करने में भी काम आती है।

४. संभावित रेचक औषधि

शुरुआती वर्षों में कई शिशुओं को कब्ज हो सकता है, और उन्हें ठोस पदार्थ देना विभिन्न समस्याओं को जन्म दे सकता है। अंगूर में रेशे (फाइबर) की पर्याप्त मात्रा होती है, जो कि मल के निर्माण और उसके भीतर पानी को बनाए रखने, और इसके परिणामस्वरूप आसान मल त्याग में मदद करती है।

५. तंत्रिका तंत्र की सुरक्षा

शिशुओं की बढ़ती उम्र में मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है, अपने नेटवर्क के भीतर नए कनेक्शन बनाता है, और तेजी से अधिक न्यूरॉन्स बनाता है। इसका किसी भी प्रकार की क्षति से बचाव किया जाना चाहिए, ताकि मस्तिष्क के बुद्धिमान कार्य करने की क्षमता को बनाए रखा जा सके। अंगूर में वे घटक होते हैं, जो मस्तिष्क के बीच के इस भाग की सुरक्षा काफी अच्छे तरीके से कर सकते हैं।

६. एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर

बच्चों की तेजी से बढ़ती भूख और आहार उनके बढ़े चयापचय (मेटाबोलिज्म) को भी तेज कर देते हैं, जिससे उनके शरीर से फ्री रेडिकल्स और विषैले तत्व भी तेजी से बाहर निकल जाते हैं। यदि ये अच्छी तरह बाहर नहीं निकले तो इनके कारण डी.एन.ए. अणुओं और शरीर की अन्य स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुँचना शुरू हो जाता है। अंगूर के भीतर एंटीऑक्सिडेंट इन पदार्थों के साथ बंधन कर सकते हैं, और उसे किसी भी नुकसान का कारण बनने से रोक सकते हैं, जिससे विषैले तत्वों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला जा सकता है।

बेबी फूड के लिए अंगूर का चुनाव और स्टोर कैसे करें

बाजार से ताजा अंगूर खरीदना और एक-दो दिनों के भीतर उनका उपयोग करना सबसे अच्छा है। उन्हें बड़े पैमाने पर स्टोर करके रखने से वे पकने लगते हैं और नरम होने के साथ-साथ खट्टे भी जाते हैं और उनके पोषक तत्व भी कम हो जाते हैं। यदि संभव हो तो बीज रहित जैविक अंगूर का विकल्प चुनें।

बच्चों को घुटन से बचाने के लिए अंगूर काटने का सही तरीका

यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि शिशु को अंगूर कैसे खिलाएं । अंगूर हमेशा लंबाई में कटा हुआ होना चाहिए और फिर बच्चे को देने से पहले मसल देना चाहिए। यहाँ तक कि थोड़े बड़े बच्चों के लिए भी अंगूर को चौड़ाई में न काटें या उन्हें पूरा अंगूर खाने के लिए न दें, क्योंकि यह बहुत आसानी से आपके बच्चे के गले में फंस सकते हैं।

शिशुओं को अंगूर खिलाते समय सावधानी बरतें

सही अंगूर चुनना और खिलाने के लिए उन्हें ठीक से तैयार करना, आदि कई ऐसी सावधानियां हैं जिनका आपको पालन करने की आवश्यकता है, जो आपके नन्हे को सुरक्षित रखेंगी।

१. बनावट पर ध्यान दें

अपने बच्चे के लिए अंगूर चुनते समय, सुनिश्चित करें कि आप सही वाले चुनें। उन अंगूरों को चुनें जिन पर धब्बा नहीं है या वे नरम नहीं हैं। उन्हें ठोस और गोल होना चाहिए। नरम अंगूर आमतौर पर पके होते हैं और लंबे समय तक नहीं रहते हैं। कुछ का स्वाद लेकर देखें और उसके बाद जो कुछ हद तक मीठा है उसे लें।

२. ठीक से धो लें

चाहे अंगूर जैविक हो या सामान्य, उन पर विभिन्न बाहरी पदार्थों की मौजूदगी की संभावना होती है, जैसे कि साधारण गंदगी और कीटाणु, कीटनाशक या अन्य रसायन। इसका समाधान अंगूर को नल के बहते पानी के नीचे रखकर दूषित पदार्थों को बहा देना है। उन्हें पूरी तरह से साफ करने के लिए पानी में भिगो कर भी रखें।

३. अंगूर को मसल दें या काट लें

बच्चे अंगूर को खुद से चबा या कुचल नहीं सकते हैं। उसे पूरा अंगूर देने से वह इसे सीधा निगल सकता है, जो उसके गले में फंस सकता है और गले को अवरुद्ध कर सकता है। अंगूर के टुकड़े करें, बीज निकालें और इसे अपने बच्चे को देने से पहले मसल दें।

शिशुओं के लिए अंगूर युक्त व्यंजन

अंगूर के कुछ स्वादिष्ट व्यंजन हैं जो आप अपने छोटे से शिशु के लिए कुछ स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों को उपयोग करके तैयार कर सकती हैं।

१. बेक किया हुआ आलू और अंगूर पुलाव

यह एक पुराना पारंपरिक व्यंजन है जिसे एक क्रिएटिव तरीके से बनाया जा सकता है और यह पदार्थ आपका छोटा बच्चा जरूर खाना पसंद करेगा।

सामग्री

  • चेद्दार पनीर
  • लाल अंगूर
  • ब्राउन राइस
  • सब्जी का पानी
  • शिमला मिर्च
  • प्याज
  • ऑलिव ऑइल
  • शकरकंद

विधि

  • एक पैन में तेल डालें। इसमें कुछ कटी हुई काली मिर्च और कटे हुए प्याज के साथ छिले हुए आलू डालें और कुछ समय के लिए हिलाएं।
  • सब्जी स्टॉक डाले और इसे उबलने दें। ब्राउन राइस डालकर इसे मिलाएं।
  • इसे उबलने दें, और जब तक स्टॉक सूख नहीं जाए, पकने दें। इसे एक तरफ रख दें।
  • एक बार जब यह थोड़ा ठंडा हो जाता है, तो कटा हुआ अंगूर मिलाएं, पनीर डालें और इसे 180 डिग्री पर आधे घंटे के लिए ओवन में पकाएं । पनीर पिघल जाना चाहिए और तब तक सुनहरा होना चाहिए।

२. फ्रूटी चिकन और वेज प्यूरी

प्यूरी बनाने के लिए अलग-अलग फलों, सब्जियों और मांस को आजमाएं ।

सामग्री

  • बोनलेस चिकन ब्रेस्ट
  • घर का बना चिकन स्टॉक
  • छिला हुआ और कटा हुआ गाजर
  • बीज रहित लाल अंगूर
  • छिला हुआ और काटा हुआ शकरकंद

विधि

  1. कटा हुआ चिकन ब्रेस्ट और अन्य सभी सामग्री को तेज आंच पर सॉस पैन में उबालने के लिए रखें।
  2. मिश्रण में एक उबाल आने पर आंच को कम करें।
  3. मिश्रण को तब तक उबलने दें जब तक कि आलू नर्म न हो जाए और चिकन पक न जाए।
  4. इसको एक ब्लेंडर में डालें और आवश्यकता के हिसाब से इसका गाढ़ा गूदा बना लें।

३. अंगूर टूना सलाद

सी फूड का स्वाद अंगूर के साथ बढ़ाएं ।

सामग्री

  • ऑलिव ऑइल
  • धनिया
  • एवोकाडो
  • अंगूर
  • डिब्बाबंद टूना

विधि

  • एक बर्तन में एवोकैडो को ठीक से मसल दें। इसमें ऑलिव ऑइल और धनिया डालें और सभी को अच्छे से मिलाएं ।
  • इस मिश्रण में टूना के टुकड़े और अंगूर डालें और मिलाएं ।
  • इस मिश्रण को टोस्ट पर फैलाकर या अकेले नाश्ते के रूप में प्रयोग करें।

४. वेज अंगूर कॉम्बो

यदि आपका बच्चा अभी तक आपके द्वारा तैयार की गई सब्जी का मुरीद नहीं हुआ है, तो इसके बाद जरूर होगा।

सामग्री

  • लाल अंगूर
  • तुलसी की पत्तियां
  • ऑलिव ऑइल
  • शकरकंद
  • गाजर

विधि

  • एक बर्तन में कटा हुआ शकरकंद और गाजर लें। इसमें तुलसी के कुछ पत्ते मिलाएं, ऊपर से थोड़ा ऑलिव ऑइल छिड़कें और मिलाएं ।
  • एक थाली में इस मिश्रण को लें और इसे 10 मिनट के लिए 230 डिग्री पर पहले से गर्म ओवन में रखें।
  • एक पैन में कुछ तेल लें और उसे अंगूर में अच्छी तरह से मिला दें। उसे ट्रे में और 10 मिनट के लिए रखें और पकने दें।
  • एक बार जब यह ठंडा हो जाए तो इसे सलाद के रूप में परोसें।

अंगूर स्वादिष्ट होता है और अपने बच्चे को उसे पहली बार खिलाने से विभिन्न प्रतिक्रियाएं मिल सकती हैं। यदि आपका बच्चा इसके स्वाद से पहली बार असहज महसूस करता है, तो इसके कुछ बेहतरीन व्यंजन बनाएं । वह जल्द ही स्वाद पसंद करने लगेगा और नियमित रूप से इसका आनंद लेना शुरू कर देगा।

श्रेयसी चाफेकर

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