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शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स (दूध उलटना): 10 प्राकृतिक घरेलु उपचार

एक माता-पिता या अभिभावक होने के नाते बच्चों का दूध उलटना, हमें पता है। एसिड रिफ्लक्स भी आमतौर पर वैसा ही लग सकता है लेकिन इसमे आपका बच्चा परेशान दिखाई दे सकता है या रो भी सकता है। अधिकांश शिशुओं में यह कभी-कभी होता है लेकिन यदि आपके बच्चे में यह बार-बार हो रहा है, तो इस समस्या पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यहाँ एसिड रिफ्लक्स को घटाने वाले कुछ प्राकृतिक उपचार दिए गए हैं जो कि बच्चों के लिए बिलकुल सुरक्षित हैं। आइए जानते हैं।

प्राकृतिक तरीके से बच्चों में एसिड रिफ्लक्स का इलाज कैसे करें

अपने बच्चे का एसिड भाटा का इलाज करने के कुछ प्राकृतिक तरीके यहाँ दिए गए हैं।

१. जीरा

पाचन की प्रक्रिया को उत्तेजित करने के लिए जीरे को अच्छा माना जाता है और उसके सेवन से एसिडिटी और गैस की संभावना कम होती है। शिशुओं को जीरे का पानी दिया जा सकता है। कुछ चम्मच जीरे को पानी के साथ उबालकर और इसे छानकर, एक मिश्रण बनाया जा सकता है जिसका सेवन बच्चे कर सकते हैं। इस पानी के कुछ चम्मच रोज दिए जाने पर आप एसिड रिफ्लक्स से शिशु को राहत दिला सकते हैं।

२. अरंडी का तेल कैस्टर ऑयल

कैस्टर ऑयल में डीटॉक्स करने की क्षमता होती है, जो शिशु के शरीर से वह घटक बाहर निकालते हैं जो उसकी परेशानी का कारण हैं। एक कपड़ा लें और इसे कैस्टर ऑयल में डुबोएं। इसे बच्चे के पेट पर रखें और ऊपर एक प्लास्टिक से लपेटें ताकि तेल कहीं और न टपके। फ्री एक कपड़े से ढक दें और कपड़े को एक घंटे तक रहने दें। बाद में, अपने बच्चे को गर्म पानी से नहलाएं इससे उसे अधिक राहत महसूस होगी।

३. नारियल का तेल

नारियल के तेल में एंटी-इंफ्लामैटोरी घटक होते हैं। यह सीधे उस जलन को कम करता है जिससे बच्चे में एसिड रिफ्लक्स होता है। इसके अलावा, नारियल का तेल पाचन तंत्र को चिकनकार उसे उसे बेहतर बनाता है। तेल में लॉरिक एसिड भी होता है। यह एक एंटी-माइक्रोबियल फैटी एसिड है, जो नवजात शिशुओं में प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है। आपके बच्चे को दिन में तीन बार भोजन से पहले एक्सट्रा वर्जिन नारियल तेल का एक चम्मच गर्म पानी के साथ दिया जाना चाहिए।

४. खाने का सोडा

पहली बार सुनकर यह अजीब लग सकता है लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से यह उपयुक्त है। एसिड रिफ्लक्स से त्वरित राहत के लिए, खाने के सोडे की सलाह कई लोगों द्वारा दी गई है। एसिड रिफ्लक्स इस बात का संकेत है कि आपके बच्चे का पीएच मान कम है। खाने का सोडा जो कि क्षारक है, इसका सेवन करने से, यह पेट में एसिड को कम करता है और पीएच मान को बढ़ाता है। यह एसिड रिफ्लक्स से राहत प्रदान करता है और पाचन तंत्र के कामकाज को फिर से सामान्य बनाता है।

५. पेपरमिंट ऑयल

पेपरमिंट एक तेल के रूप में उपलब्ध है, जो एसिड रिफ्लक्स के लिए एक प्रभावकारी इलाज है। पेपरमिंट में अपने आप में दर्द निवारक गुण होते हैं जो कि ऐंठन से राहत प्रदान करते हैं। पेपरमिंट का तेल अपचन और सूजन में राहत प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है, जो  एसिड भाटा को कम करने में भी काम करता है।

एक छोटे चम्मच जैतून के तेल में पेपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदें मिला कर, इसे बच्चे के स्वास्थ लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मिश्रण को बच्चे के पेट पर लगाया जा सकता है ताकि रिफ्लक्स से राहत मिल सके। यह दिन में दो बार किया जाना चाहिए। अपने डॉक्टर की सलाह से माताएं पेपरमिंट कैप्सूल का सेवन कर सकती हैं या पुदीने की चाय बनाकर दिन में दो या तीन बार इसका सेवन कर सकती हैं।

६. शिशुओं के लिए प्रोबायोटिक्स

आंत में अच्छे जीवाणु की अनुपस्थिति के कारण भी एसिड रिफ्लक्स हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप तुलनात्मक रूप से खराब जीवाणु की मात्रा बढ़ जाती है जो पाचन संबंधी समस्या का कारण बनती हैं। अच्छे जीवाणु की उपस्थिति एक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है जो खराब जीवाणु से लड़ता है और आंत को स्वस्थ रखता है। यदि आपका डॉक्टर इस उपाय से सहमत है, तो आप अपने बच्चे के लिए प्रोबायोटिक्स का उपयोग कर सकते हैं। यह पाउडर के रूप में आता है, जो पानी के साथ आपके बच्चे को दिया जा सकता है। इसे माँ के दूध के साथ मिलाकर भी बच्चे को दिया जा सकता है। यदि आपका शिशु पूरी तरह से स्तनपान कर रहा है, तो शिशु को दूध पिलाने से पहले पाउडर अपने निप्पल के चारों ओर लगाएं, ताकि शिशु द्वारा उसे चूसा जा सके।

७. व्यायाम

अधिकांश शिशु पालने में निश्चल ही लेटे होते हैं। इससे पाचन सही तरीके से नहीं होता या एसिड रिफ्लक्स भी हो सकता है। थोड़ा सा व्यायाम पाचन प्रक्रिया को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है और पेट के अंदर गैस या सूजन को भी कम कर सकता है। इसके परिणाम स्वरूप एसिड रिफ्लक्स की संभावना कम हो जाती है। सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने बच्चे को लिटाए रखें और उसके पैरों को हिलाएं जैसे कि वह साइकिल चला रहा हो। हर दिन कुछ मिनट के लिए इस व्यायाम को करना बच्चे के लिए मजेदार होगा और साथ ही यह पाचन में सहायता करेगा। बच्चे को खिलाने के कम से कम आधे घंटे पहले या खिलाने के तुरंत बाद यह व्यायाम न करें।

८. कैमोमाइल

कैमोमाइल चाय वयस्कों में पेट के लिए लाभदायक है और इससे नींद भी अच्छी आती है। शिशुओं में भी एसिड भाटा के लिए कैमोमाइल को अद्भुत माना जाना जाता है। कैमोमाइल फूल में कुछ ऐसे घटक होते हैं जो शरीर में ऐंठन को कम करते हैं और साथ ही यह हल्के दर्द निवारक भी होते हैं। इस तरह यह एसिड रिफ्लक्स से राहत देता है और शरीर को आराम दिलाता है। कुछ फूलों को पानी में उबालकर उन्हें छानकर एक घोल बनाकर, इसके कुछ चम्मच बच्चे को प्रतिदिन दिए जा सकते हैं।

९. एप्पल साइडर विनेगर

यह एक और तरीका है जो विज्ञान के सिद्धांतों पर काम करता है और पेट के अंदर पीएच का स्तर सामान्य रखता है। एक बार जब एसिड का स्तर संतुलित हो जाता है, तो एसिड रिफ्लक्स कम हो जाता है और आपके बच्चे की बैचेनी दूर हो जाती है। कच्चे बिना छने हुए सिरके की थोड़ी मात्रा को गर्म पानी में मिलाकर, इस मिश्रण के कुछ चम्मच अपने बच्चे को देना काफी फायदेमंद हो सकता है।

१०. खाने और सोने की आदतें

नींद और दूध पिलाने की स्थिति में छोटे-छोटे बदलाव करके एसिड रिफ्लक्स की संभावना को बहुत कम किया जा सकता है। इसके लिए यह सुनिश्चित करें कि दूध पिलाते समय बच्चा हमेशा सीधा हो। यदि सोते समय, एसिड रिफ्लक्स फिर भी बना रहता है, तो कोशिश करें बच्चे को किसी तकिए के सहारे थोड़ा ऊपर टिका कर सुलाएं (लगभग 30 डिग्री)। ऐसा करने से दूध पेट में ही रहता है और बच्चे परिणामस्वरूप वे दूध नहीं उलटते हैं।

बच्चों में बहुत कम बार ऐसा होता है कि एसिड रिफ्लक्स का इलाज न हो सके, और उसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। रिफ्लक्स के उपर्युक्त घरेलू उपचार के साथ, आप शिशुओं में रिफ्लक्स को पूरी तरह से रोक सकती हैं और यदि आपका बच्चा इससे प्रभावित हो भी जाता है तब भी उसे उपर्युक्त घरेलू उपचार के उपयोग से तुरंत राहत मिल सकती है।

जया कुमारी

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